आज हम बातें करेंगे Rejoice in the Lord | मसीही लोग क्यों आनन्दित रहते हैं कुछ तो बात है कि मसीही लोग हमेशा आनन्दित रहते हैं वो किसी भी समय दुखी नहीं रहते.
Rejoice in the Lord | मसीही लोग क्यों आनन्दित रहते हैं
हम यहाँ निम्नलिखित कुछ बिन्दुओं में बाते करने जा रहे हैं जो यह बताते हैं मसीही लोग क्यों आनन्दित रहते हैं ?
"हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा, जिसके द्वारा हमारा मेल हुआ है. परमेश्वर में आनन्दित होते हैं. " (रोमियो 5:11)
1. आनन्दित रहें क्योंकि यीशु मसीह ने हमारे सारे पापों से क्षमा दिया है (1 यूहन्ना 1:9)
यह सौभाग्य केवल प्रभु यीशु मसीह में होने के कारण हमें मिला है. यदि हम अपने पापों को मान लें तो वह हमारे पापों को क्षमा करने और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है.
यदि हम कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं और उसका वचन हम में नहीं है. वो हमारे जाने अनजाने और हरेक पापों को अपने ऊपर लेकर सूली पर चढ़ गया.
अब हम पाप के गुलाम नहीं बल्कि प्रभु यीशु मसीह में स्वत्रंत हैं. इसलिए हरेक मसीह व्यक्ति हर समय आनन्दित रहता है.
2. आनन्दित रहे क्योंकि आपकी वर्तमान पद पर (इफिसियों 2:1)
यहाँ पर पद का अर्थ है हम एक नई सृष्टि बन गए हैं सब कुछ नया हो गया है. इफिसियों 2:1 उसने (यीशु मसीह ने) तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे…
स्वभाव ही से क्रोध कि सन्तान थे परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है, अपने उस बड़े प्रेम के कारण जिस से उसने हम से प्रेम किया इसलिए हमें धन्यवादी ह्रदय के कारण आनन्दित रहते हैं.
जिस समय हमने प्रभु यीशु को ग्रहण किया उसी समय हमारे जीवन में अधिकार मिल गया और सब कुछ बदल गया. हम आशीषित लोग बन गए हैं.
हम एक नई सृष्टि बन गए. पहले हम कुछ नहीं थे लेकिन अब हम परमेश्वर की सन्तान हो गए हैं. मतलब परमेश्वर के परिवार के सदस्य बन गए हैं.
हमारा सोचना हमारा चलना उठाना बैठना सब बदल गया है इसलिए हम आनन्दित होते हैं.
3. हमें स्वर्गीय शान्ति और आनन्द मिला है (यूहन्ना 14:27)
एक क्रियान्वित शान्ति (शालोम) मिली है जो हमें संसार हमें नहीं दे सकता. हर प्रकार के युद्ध का अंत हो चूका है.
एक युद्ध हमारे अन्दर चल रहा था. हम परमेश्वर के शत्रु थे और अन्दर ही अन्दर बड़े ही बैचेन थे लेकिन अब हम परमेश्वर के शत्रु नहीं बल्कि सन्तान हैं.
उसके परिवार के सदस्य बन गए हैं अब हम उसे अब्बा पिता कहकर पुकार सकते हैं.
परमेश्वर ने हमें शान्ति प्रदान की है. और यह शान्ति हम लोगों को भी बांटना चाहते हैं. इसलिए हम आनन्दित रहते हैं.
4. हम आनन्दित होते हैं क्योंकि अब हम पर दंड कि आज्ञा नहीं. (रोमियो 8:1)
हमारे सारे दंड को हमारे प्रभु यीशु ने अपने ऊपर ले लिया है, वो हमारे पापों के कारण मारा गया गाड़ा गया और फिर तीसरे दिन जी उठा यह सुसमाचार हमें आत्मा कि गहराई से आनन्दित करता है.
यही कारण है कि हरेक मसीह व्यक्ति अपने सारी परिस्थितियों में भी आनन्दित रहता है.
5. हम आनन्दित होते हैं क्योंकि अब हमें जीवित आशा है. (1 पतरस 1:3)
हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, जिसने यीशु मसीह के मरे हुओं के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिए नया जन्म दिया.
अर्थात अब हमारे पास एक जीवित आशा है कि हम इस संसार में शारीरिक रूप से मरे भी तो प्रभु में आत्मिक रीती से जी उठेंगे.
और हमेशा हमेशा तक के लिए स्वर्ग में प्रभु की आराधना करेंगे. और उसके साथ रहेंगे. इसलिए हम सदैव आनन्दित रहते हैं.
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