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Top 21 Biblical Ways to Be Happy Always Hindi | हमेशा खुश कैसे रहें बाइबल के अनुसार

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7 हमेशा खुश कैसे रहें | खुश रहने के 21 टिप्स

हमेशा खुश रहना है | हमेशा खुश रहना है तो | हमेशा खुश रहना चाहिए

हमेशा खुश कैसे रहें हमें हमेशा खुश रहना चाहिए क्योंकि परमेश्वर का वचन हमसे कहता है सदा आनन्दित रहो मैं फिर कहता हूँ आनन्दित रहो. हालाकिं ख़ुशी और आनन्द के बीच दोनों में अंतर है. मेरे विचार से ख़ुशी छण भर की होती है और आनन्द चिरस्थाई होता है, आंतरिक होता है.

लेकिन इस लेख में समझने के लिए हम शब्दजाल में न फसते हुए खुश रहना या आनंदित रहना सीखेंगे. खुश रहना है तो बस उसका चुनाव कीजिए और खुश हो जाइए. तो आइये खुश रहने के तरीके देखते हैं.

वो ही है हस्ती में, जो जी रहा है मस्ती में, वरना वो जी रहा है जबरदस्ती में…

महान कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव जी ने कहा था,

खुश रहने के फायदे

खुश रहने के अनेक फायदे हैं खुश रहने वाला या आनन्दित व्यक्ति अपने काम में ज्यादा फोकस कर पाता है और उन्नति करता है. मेरे पिता जी मुझसे कहा कहा करते थे बेटा यदि तू हंसेगा तो तेरे साथ जग (संसार) हंसेगा लेकिन यदि तू रोयेगा तो याद रखना तू अकेला रोएगा. एक खुश मिजाज के व्यक्ति के साथ सभी रहना चाहते हैं. लेकिन हमेशा कम्प्लेन करने वाले और कुडकुडाने वाले के साथ कोई नहीं रहना चाहता.

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खुश रहने के मूल मन्त्र

मन का आनन्द अच्छी औषधि है (नीतिवचन 17:22) मैं ऐसा विश्वास करता हूँ आज सभी कुछ सीखा जा सकता है. खुश रहने का मूल मन्त्र यह है कि खुश रहने का चुनाव किया जाए.

जिस प्रकार यदि आप धनी बनना चाहते हैं तो धनी बनना सीखते हैं. अच्छा स्वास्थ्य चाहते हैं तो स्वस्थ रहना सीखते हैं उसी प्रकार खुश रहना सीखना पड़ेगा.

खुश रहने का राज

आपका आपके सृजनहार परमेश्वर के साथ एक सम्बन्ध आपको हमेशा खुश और आनन्दित रखता है. क्योंकि परमेश्वर आपको बनाया ही इसी लिए है ताकि आप खुश और आनन्दित रहें.

आप इस संसार को नजर उठाकर देखें तो आप जानेंगे कि ये सब कुछ परमेश्वर ने आपके लिए ही बनाया है. और आपको अपने लिए मतलब परमेश्वर के लिए. हम परमेश्वर की सन्तान हैं खुश रहना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है.

खुश रहने के विचार

हमारे विचार ही हमें खुश आनन्दित या दुखी रखते हैं. अच्छे विचार खुश कर देते हैं. जिसमें जीने की नई आश जाग जाती है लेकिन दूसरी ओर बुरे विचार हमें दुःख के गर्त में धकेलने लगते हैं. जिस प्रकार पवित्रशास्त्र बाइबल में लिखा है, “मन सबसे अधिक धोखा देने वाला है…इसमें असाध्य रोग लगा हुआ है.”

(यिर्मयाह 17:2) मन से ही अच्छे और बुरे विचार निकलते हैं. हमें अपने मन की खेती में अच्छे विचार खुश रहने के विचार बोना चाहिए. ताकि फसल भी वैसी ही हो.

खुश रहना सीखो

खुश रहने के लिए हमें खुश रहना सीखना पड़ेगा. ख़ुशी किसी दूकान से खरीदी नहीं जा सकती लेकिन यह हर छोटी छोटी चीजों में पाई जा सकती है. जैसे बच्चों से साथ खेलना, हरियाली में घूमना आदि.

हमें छोटी छोटी खुशियों में शामिल होना होगा…सीखना होगा कि कैसे हम खुश रहें. ख़ुशी कोई ऐसी चीज नहीं जिसके लिए हम कल का भविष्य में मिलने वाली ख़ुशी का इंतजार करें इसके लिए हमें वर्तमान में रहकर खुश रहना सीखना होगा.

हमेशा खुश कैसे रहें | खुश रहने के 21 टिप्स

1. प्रार्थना में समय बिताएं

प्रार्थना धरा की सबसे बड़ी ताकत है, कई बार डॉक्टर कहते हैं अब दवा काम नहीं कर रही अब दुआ करो. इसका मतलब है दुआ या प्रार्थना में वो शक्ति है जो दवा या विज्ञान में भी नहीं है. ऐसी नौबत ही न आए इसलिए प्रार्थना करें और खुश रहें. प्रार्थना करने वाले लोग अन्दर से और बाहर से हमेशा खुश रहते हैं.

2. परमेश्वर पर भरोषा रखें

महान बुद्धिमान राजा सुलेमान कहता है, “जो वचन पर मन लगाता है, वह कल्याण पाता है और जो यहोवा पर भरोषा रखता है वह धन्य होता है.” (नीतिवचन 16:20) जो सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोषा करता है और उसी का नाम लेकर सारे काम करता है उसके लिए परमेश्वर सीधा मार्ग निकालता है. (नीतिवचन 3:5-6)

3. हर बात में धन्यवादी रहें.

हर बात में धन्यवाद करो, क्योंकि तुम्हारे लिए मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है. (1 थिस्सलुनीकियों 5:18) ये पृकृति का नियम है यदि हम धन्यवादी है और किसी चीज के लिए धन्यवाद दे रहे हैं तो हमारे मन में कुडकुडाना नहीं होगा.

हम अनेक बार उन चीजों में ख़ुशी ढूंढते हैं जो पैसों से आती है लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसी बहुत सी चीजें हैं तो मुफ्त हैं और उन्हें पैसों से नहीं खरीदा जा सकता जैसे ऑक्सीजन, हमारा जीवन, हमारे बच्चे, परिवार, आदि इनके लिए हमें धन्यवादी रहना चाहिए.

4. जरुरतमंदों की सहायता करें

लेने से देना धन्य है. (प्रेरित 20:34) जो गरीब अनाथों की सुधि लेता है वह मानो परमेश्वर को उधार देता है. और याद रखें परमेश्वर कभी किसी का कर्ज नहीं रखता हम अपनी हैसियत से देते हैं परमेश्वर अपनी सामर्थ से हमें बहुतायत से देता है.

परमेश्वर राजा योशिय्याह के विषय में कहता है, “वह इस कारण सुख से रहता था क्योंकि वह दीन और दरिद्र लोगों का न्याय चुकाता था” (यिर्मयाह 22:16)

5. लोगों से बातें करें.

अच्छे बुद्धिमान लोगों की सलाह से भी हम निराशा और हताशा से बाहर आ सकते हैं. कई बार कुछ बातें हमें अन्दर अन्दर ही खाए लेते हैं और हम इसका समाधान नहीं पाते लेकिन जब हम अपने प्रिय लोगों से और भले लोगों से सलाह लेते हैं तो उपाय नजर आता है और हम खुश हो जाते हैं.

6. हमेशा खुश रहने वाला एक शब्द है ‘मुस्कराहट’ ज्यादा से ज्यादा मुस्कुराएं

हमारा मन ऐसा है कि जैसा हम उसे कहते हैं वैसा ही वह मान लेता है. यदि हम स्वयं से कहेंगे कि आज मैं दुखी हूँ तो वह आपको दुखी वाले विचार देगा यदि आप लगातार मुस्करा कर कदम बढ़ाएंगे तो आप पाएंगे कि आप खुश हैं. हमेशा खुश रहने के लिए मुस्कुराएं यह मुफ्त है.

7. अच्छा पौष्टिक भोजन करें

ये शरीर परमेश्वर का मन्दिर है इसे स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य है इसलिए फास्ट फूड और अधिक तेल मसाले वाले भोजनों से परहेज करना चाहिए. कहते हैं जैसा खाएं अन्न वैसा रहे मन्न. यदि हम अन्दर से स्वस्थ है तो खुश भी रहेंगे.

8. कल की चिंता छोड़कर वर्तमान में जियें

दिन भर खुश रहने का तरीका है कि आप वर्तमान में जियें मत्ती 6:34 में प्रभु यीशु ने कहा कल की चिंता मत करो कल अपनी चिंता आप कर लेगा. कल के विषय में कौन जानता है. हमारे लिए जो विश्वास करते हैं हमारा भविष्य परमेश्वर के हाथों में है और हम जानते हैं हमारा भविष्य सुरक्षित है.

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9. साफ़ सुथरा रहें

खुशियाँ छोटी छोटी बातो में निर्भर करती है हमारे जीवन में व्यवस्थित रहन साफ़ सुथरा रहा भी उसका एक भाग है. हो सकता है हम नए कपडे नहीं खरीद सकते लेकिन जो है उसे साफ़ सुथरा धोकर तो पहन सकते हैं.

“संतोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है” (1 तीमुथियुस 6:6)

10. खुश रहने का चुनाव करें

आप कैसा रहना चाहते हैं यह सब कुछ आपके चुनाव पर निर्भर करता है. जो कुछ भी आप हैं वो आपके कभी न कभी किये गए चुनाव के कारण है. और आगे भी जो कुछ आप बनेंगे या जैसे रहेगे वो आपके आज के चुनाव या चयन पर निर्भर करेगा. इसलिए खुश रहने का चुनाव करें.

11. अपने स्वास्थ्य का अच्छा ध्यान रखें

आपका शरीर ही वह एकमात्र स्थान है जहाँ आप रह सकते हैं. यदि वह अव्यवस्थित या कमजोर होगा तो यह अच्छी बात नहीं इसलिए अपने शरीर का अच्छा ध्यान रखें. इसे संवारे इसे स्वस्थ रखें तब आपका शरीर भी आपको खुश रखेगा. अपने शरीरों को जीवित और भावता हुआ परमेश्वर को

12. छोटी छोटी बातों में खुश रहना सीखें

अनेक बार लोग बहुत बड़ी बड़ी बातों का इंतजार करते हैं कि ऐसा होगा तब हम खुश हो जाएगे. लेकिन अपने वर्तमान की खुशियों से वंचित रह जाते हैं. बच्चों के साथ खेलें. उनके साथ डांस करें, पार्क के फूल का आनन्द लें. हरियाली के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें और तितली को देंगे. आदि.

13. अच्छी नींद लें

अनेक बार काम की अधिकाई के कारण शरीर थक जाता है और हम उसमें बोरियत महसूस करने लगते हैं. हमारे शरीर को अच्छा आराम की भी जरूरत है. ताकि नया और क्रिएटिव कामों को अंजाम दिया जा सके. इसलिए खुश रहने के लिए अच्छी नींद लें.

14. बाइबिल पढ़ें

आप जो भी पढ़ते हैं उसका बहुत असर आपके व्यक्तिगत जीवन में पड़ता है. पवित्र शास्त्र बाइबल ज्ञान का भंडार है. वह अथाह सागर से भी गहरा है. प्रभु परमेश्वर ने कहा,

तू मुझसे मांग मैं तेरी प्रार्थना सुनक तुझे वो गहरी और गूढ़ भरी बातें बताऊंगा जो तू अभी नहीं जानता. (यिर्मयाह 33:3)

15. ख़ुश रहने वालों की संगती करें

जिस प्रकार लोहा लोहे को चमका देता है उसी प्रकार मनुष्य का मुख उसके मित्र की संगती से चमकदार हो जाता है (नीतिवचन 27:17) जिस प्रकार बुरी संगती अच्छे चरित्र को बिगाड़ देती हैं उसी प्रकार खुश रहने वालों की संगती से आप हमेशा खुश रहेंगे.

16. जो आप स्वयं चाहते हैं वो दूसरों के साथ बाटें

जो व्यक्ति किसी दूसरे के चेहरे पर हंसी और जीवन में ख़ुशी लाने की कोशिश में रहता है ईश्वर उसके चेहर से कभी हंसी और जीवम से ख़ुशी कम नहीं होने देता.

और ये बाइबल का एक सुनहरा नियम या गोल्डन रूल है जो कुछ तुम चाहते हो कि मनुष्य तुम्हारे साथ करे, तुम भी उनके साथ वैसा ही करो, क्योंकि व्यवस्था और भाविष्यवक्ताओं की यही शिक्षा है.

(मत्ती 7:12) और जो दूसरों की खेती को सीचता है उसकी खेती भी सींची जाएगी.

17. स्वयं पर भरोषा रखें

प्रेरित पौलुस ने कहा, “मैं उसमें जो मुझे सामर्थ देता है, सब कुछ कर सकता हूँ. (फिलिप्पियों 4:13) परमेश्वर चाहते है कि जब हम परमेश्वर पर भरोषा रखते हैं उसी समय स्वयं पर भी कॉन्फिडेंस रखें,

18. रचनात्मक और नई चीजें सीखें

यदि हम प्रतिदिन अपने काम में 1% ही उन्नति करें जो हो सकता है कोई नोटिस भी न करे हमें भी छोटी सी बात लगे लेकिन उसके परिमाण दीर्घकालीन बहुत ही व्यापक होंगे और हमें स्वयं को आश्चर्य में डाल देंगे. जैसे नई भाषा सीखना, जिम में थोड़ा ज्यादा मेहनत करना, अच्छी किताब के कुछ पन्नों को पढ़ना आदि.

19. दूसरों से अपनी तुलना कभी न करें.

परमेश्वर ने सभी को मनुष्यों को अद्भुत और unique बनाया है. सभी के वरदान, अलग अलग हैं इसलिए दूसरों से तुलना करना मूर्खता है. मछली पेड़ पर नहीं चढ़ सकती उसी प्रकार बन्दर नदी के अन्दर मछली के समान तैर नहीं सकता. वो दोनों आपस में अलग अलग गुणों को रखते हैं. आपका भी अपना विशेष गुण होगा जो दूसरों में नहीं होगा.

20. स्वयं से प्रेम करें.

एक व्यक्ति को खुश और व्यस्त कौन रखता है यह उसका मन ही है जो उसे दुखी या सुखी या खुश रखता है. जीवन का मूल श्रोत वही है. इसलिए स्वयं से प्रेम करें जो अपने आप से प्रेम नहीं करता वह और किसी से भी प्रेम नहीं कर सकता. परमेश्वर के वचन में लिखा है अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख.

21. अपने परिवार को प्रियजनों को समय दें

ब्रोंनी वेयर ने एक पुस्तक लिखी जिसमें उसने एक सर्वे किया जो लोग मरने वाले थे हॉस्पिटल में उसने उनसे कुछ सवाल किये की यदि जीवन रहता तो वे क्या करते उसमें से सबसे प्रमुख बात अधिकांश लोगों ने कही वो था वे अपने परिवार के साथ मिनिगफुल या अच्छा समय बिताना चाहते हैं.

क्योंकि लगातार पैसों के पीछे भागने के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए.

आशा करता हूँ इस लेख से आपने सीखा होगा ki ham hamesha kush kaise rahe, मन को कैसे खुश रखें यही जीवन का सार है हमेशा खुश रहने वाले को हम खुशमिजाज कहते हैं. और यह लेख आपको पसंद आया होगा तो अपने कमेन्ट जरुर लिखें और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद.

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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)
rajeshkumarbavaria@gmail.com

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