उसकी-महिमा-करो

उसकी महिमा करो | Jesus Christ Blessing | Glory to Jesus

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एक बहुत सुन्दर गीत है उसकी महिमा करो बंधन टूट जाएंगे आज हम प्रभु की महिमा के विषय में चर्चा करेंगे. और Jesus christ blessing | Glory to jesus के विषय में

उसकी महिमा करो | Jesus Christ Blessing | Glory to Jesus

उसकी-महिमा-करो
Image by Gerd Altmann from Pixabay उसकी-महिमा-करो
क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि बहुत से भविष्यद्वक्ताओं और राजाओं ने चाहा, कि जो बातें तुम देखते हो देखें; पर न देखीं और जो बातें तुम सुनते हो सुनें, पर न सुनीं. (लूका 10:24) 

ये घटना तब की है जब प्रभु यीशु ने अपने 70 शिष्यों को उन स्थानों में सुसमाचार सुनाने की सेवा करने हेतु भेजा था जहाँ वे स्वयं जाने वाले थे.

और जब उनके शिष्यों प्रभु यीशु ने नाम पर अद्भुत अद्भुत कार्यों को किया और चमत्कार हुए. और जब वे वापस यीशु मसीह के पास लौटे तब उन सभी शिष्यों ने प्रभु यीशु को बड़े खुश होकर गवाही बताई

मतलब वह सभी जो उनके साथ हुआ था आनन्दित होकर सब वृतांत कह सुनाया. तब प्रभु यीशु मसीह ने अपने शिष्यों की और मुड़कर अकेले में कहा, “धन्य हैं वे आँखें, जो ये बातें जो तुम देखते हो देखती हैं.

क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ, कि बहुत से भविष्यवक्ताओं और राजाओं ने चाहा, कि जो बातें तुम देखते हो देखें. पर न देखीं. प्रभु कौन सी बातों के विषय में कह रहे थे ?

प्रभु यीशु अपने स्वयं के विषय में कह रहे थे. दुनिया का सबसे बड़ा चमत्कार यही है कि साक्षात सर्वशक्तिमान परमेश्वर इस पृथ्वी पर यीशु मसीह के रूप में मानव रूप लेकर आ गए.

यीशु मसीह ही परमेश्वर है, वो सम्पूर्ण प्रकाशन हैं, इस धरती पर चलते फिरते परमेश्वर. सम्पूर्ण बाइबिल प्रभु यीशु के विषय में बताती है. पुराने नियम में भी सद्रक मेशक और अबेदनगों के बीच उस आग के बट्टे में आ गए थे.

सात कारण क्यों यीशु मसीह परमेश्वर हैं और हमें उसकी महिमा करना चाहिए

1. क्योंकि यीशु जगत की उत्पत्ति से पहले से हैं

यहुन्ना 17:3-5 में हम पाते हैं, प्रभु यीशु मसीह ने अपनी प्रार्थना में कहा, अनंत जीवन यह है कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है जानें.

जो कार्य तू ने मुझे करने को दिया था, उसे पूरा करके मैंने पृथ्वी पर तेरी महिमा की है. यहाँ हमें यह बात समझना आवश्यक है वो सर्वशक्तिमान परमेश्वर जो समय से बाहर है

वह मानव रूप लेकर अर्थात यीशु का रूप धारण करके हम मानव लोगों के उद्धार के लिए समय के अन्दर आ गया लेकिन उसी समय में समय से बाहर परमेश्वर है

जो सारी सृष्टि को चला रहा है. तब उस समय यीशु प्रार्थना करता है अपने उसी अस्तित्व परमेश्वर से जो समय से बाहर है.

अर्थात हरेक व्यक्ति जो समय के अन्दर है मरनहार मनुष्य है उसे सामर्थ पाने हेतु उस परमेश्वर से प्रार्थना करना आवश्यक है.

ये ध्यान से समझें जब प्रभु यीशु जो स्वयं परमेश्वर है उसे भी प्रार्थना करने की आवश्यकता थी तो हमें और भी कितनी ज्यादा जरूरत होनी चाहिए.

बहुत सी बातें जब हम बाइबिल पढ़ते हैं तो समझ नहीं आती कि आखिर यीशु परमेश्वर हैं तो फिर वो किस परमेश्वर से बातें कर रहे हैं.

या प्रार्थना कर रहे हैं. वास्तव में यीशु ने भी कहा था, जब मैं जाऊँगा तो तुम्हारे लिए एक सहायक भेजूंगा जो परमेश्वर का आत्मा तुम्हें मेरी बातों से लेकर तुम्हें सिखाएगा.

इसका अर्थ है प्रभु की कही बातें और शिक्षाओं को समझने के लिए पवित्रात्मा की अति आबश्यकता है. वो त्रिएक परमेश्वर को केवल पवित्रआत्मा ही सिखा सकता है वो भी परमेश्वर के वचनों के द्वारा.

2. यीशु मसीह ही सृष्टिकर्ता है

संत पौलुस अपनी पत्री कुलुस्सियों 1:15 में कहते हैं वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्टि में पहिलौटा है.

सारी सृष्टि में पहिलौटा का अर्थ यह नहीं कि बनी हुई चीजों में पहला है बल्कि वह सारी सृष्टि से पहले था वो ही सारी सृष्टि को बनाने वाला है वो ही सारी पृथ्वी और आकाश का बनाने वाला महाराजा है,

अधिकारी है जिस पर शैतान ने कब्जा करना चाहा था लेकिन प्रभु यीशु मानव के रूप में इस धरती पर आकर क्रूस पर शैतान को हराया

और उसका खुल्लमखुल्ला तमाशा बनाकर विजयी हुआ और धरती और आकाश का सारा अधिकार पुन: प्राप्त किया और स्वर्ग में आज सिंहासन पर है. (मत्ती 28:20)

3. यीशु मसीह के साथ रहने वाले शिष्यों ने उसे पहचाना था कि वे ही परमेश्वर हैं.

पतरस जो प्रभु यीशु का शिष्य था और आगे चलकर वह पहली शताब्दी की कलीसिया का अगुवा भी बना उसने जब कलीसिया को सम्बोधित करते हुए पत्र लिखता है

तो कहता है शमौन पतरस की और से, जो यीशु मसीह का दास और प्रेरित है, उन लोगों के नाम जिन्होंने हमारे परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धार्मिकता द्वारा हमारे समान बहुमूल्य विश्वास प्राप्त किया है. (1 पतरस 1:1)

प्रभु यीशु मसीह की क्रूस पर बलिदान के पश्चात जब उसके चेले डरे हुए थे तब एक कमरे में उसके एक थोमा नामक शिष्य संदेह करने लगा और कहा,

जब तक मैं यीशु मसीह के हाथों में कीलों के निशान और पसली पर भाले के निशान को न देख लूँ तब तक मैं नहीं विश्वास करता कि यीशु मसीह मृतकों में से जी उठे हैं.

तब तुरंत प्रभु यीशु मसीह बंद कमरे में बिना दरवाजा खोले प्रकट होते हैं और थोमा से कहते हैं, हे थोमा अपनी ऊँगली यहाँ लाकर मेरे हाथों को देख और मेरे पंजर में डाल

और अविश्वासी नहीं परन्तु विश्वासी हो. यह सुनकर थोमा ने उत्तर दिया, “हे मेरे प्रभु हे मेरे परमेश्वर.” (यूहन्ना 20:27-28)

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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)

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