एक पिता और बेटे की कहानी
एक बार एक छोटा बच्चा अपने पिता जी के साथ एक बड़े मॉल में घूमने गया.
मॉल से खरीदारी करने के बाद वे दोनों देखते हैं की उस मॉल के maneger ने बच्चों के लिए बहुत साड़ी chocolates रखी हुई हैं.
जब उस आदमी ने उस छोटे बच्चे को भी chocolates लेने के लिया कहा तब वह बच्चा पहेले कुछ सोचा फिर अपने पिता जी की ओर देखने लगा.
उसके पिता जी ने भी उसको बताया की वह उन chocolates में से कुछ ले ले.
समझाने जाने के बाद भी जब बच्चे ने कुछ नही लिया तब उसके पिता जी सोचने लगे की मेरे बेटे को मीठा तो बहुत पसंद है फिर वह एसा क्यों कर रहा है.
समझाए जाने के बाद भी जब बच्चे ने कुछ नही लिया तब उसके पिता जी ने ही अपने हाथों से कुछ chocolates उठाई और वापस आने लगे.
आते समय जब पिता जी ने अपने बेटे से पूछा की उसने कुछ भी लेने के बजाए एसा व्यवहार क्यों किया तो उसने एक बहुत ही अच्छा उत्तर दिया.
बच्चे ने कहा की मैंने एसा इसलिए किया क्योंकि मुझे पता था की आप ज़रूर कुछ chocolates ज़रूर उठाओगे और आपका हाथ मेरे हाथ से काफी बड़ा है.
परमेस्वर की सोच और हमारी सोच में बहुत अंतर है और हमे ये जानना चाहिए की परमेश्वर हमसे बड़े हैं.
God bless you