दोस्तों आज हम पवित्र आत्मा में बप्तिस्मा के विषय में सीखेंगे. यह प्रतिज्ञा स्वयं प्रभु यीशु ने सभी विश्वासियों के लिए की है जो उनके स्वर्गारोहण के तुरंत बाद पूरी हुई.
पवित्र आत्मा में बप्तिस्मा क्या है? | Introduction
बप्तिस्मा क्या है? इस पर मैंने एक संपूर्ण लेख लिखा है जिसे आप लिंक पर जा कर पढ़ सकते हैं. संक्षेप में कहें तो बप्तिस्मा का अर्थ होता है पानी में पूरी रीती से डूब कर बाहर आना.
उसी रीति से पवित्र आत्मा का बप्तिस्मा का अर्थ है पवित्र आत्मा में पूरी रीती से मगन हो जाना या पवित्र आत्मा के चलाए चलना. जिसे हम पवित्र आत्मा में भरना भी कह सकते हैं.
पवित्र आत्मा में बप्तिस्मा एक अद्भुत अनुभव है. प्रत्येक विश्वासी को इसमें अलग अलग अनुभव होते हैं. जिस प्रकार प्रभु यीशु ने कहा था जब तुम पर पवित्र आत्मा आएगा तो तुम सामर्थ पाओगे और यरूशलेम में सामरिया में सारे यहूदिया में और जगत के छोर तक मेरे गवाह बनोगे.
अर्थात जब पवित्र आत्मा आता है तब एक विश्वासी स्वयं में जान लेता है. वह एक अंदरूनी सामर्थ को पाता है. यह सामर्थ शारीरिक ही नहीं बल्कि आत्मिक भी होती है.
जिसके द्वारा एक विश्वासी आश्चर्य कर्म कर सकता है शैतान के गढ़ों को ढा सकता है. जिस प्रकार बाइबल में लिखा है …
विश्वास करने वालों के ये चिन्ह होंगे कि वे मेरे (यीशु) नाम से दुष्टात्मा को निकालेंगे, नई नई भाषा बोलेंगे, साँपों को उठा लेंगे, और यदि प्राणनाशक वस्तु भी पी जाएं तोभी उनकी कुछ हानि न होगी, वे बीमारों पर हाथ रखेंगे तो बीमार चंगे हो जाएगे.
(मरकुस 16:17-18)
पवित्र आत्मा में बप्तिस्मा क्या आज होता है?
अनेक लोग सवाल करते हैं क्या पवित्र आत्मा का बप्तिस्मा आज भी होता है, तो उत्तर है हाँ बिलकुल. जो यह कहते हैं कि यह नहीं होता वे सिर्फ इसलिए कहते हैं क्योंकि उन्हें यह प्राप्त नहीं हुआ.
इसलिए उनके दृष्टिकोण से यह नहीं हो रहा है. लेकिन आज भी चिन्ह चमत्कार होते हैं. चंगाई होती हैं. विश्वास करने वालों के लिए सब कुछ सम्भव है.
कलीसिया जो आत्मा और सच्चाई से आराधना करती है और परमेश्वर के वचनों पर बनी हुई है. उनके बीच पवित्र आत्मा का बप्तिस्मा एक प्रभावशाली अनुभव है.
वरदान तो कई हैं लेकिन वरदानों को देने वाला वो एक पवित्र आत्मा ही है. (1 कुरु. 12:4) उसी प्रकार पवित्र आत्मा में बप्तिस्मा भी पवित्र आत्मा का ही प्रभावशाली कार्य है.
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पवित्र आत्मा में बप्तिस्मा का उद्देश्य क्या है?
परमेश्वर का मुख्य लक्ष्य है कि कोई भी व्यक्ति नाश न हो. प्रभु यीशु भी इस पृथ्वी पर इसलिए आये थे ताकि वो खोए हुओं को ढूंढे और उनका उद्धार करें.
उसी प्रकार उन्होंने पवित्र आत्मा भी भेजा है ताकि वो हमारे द्वारा इस धरती पर खोए हुओं को ढूंढें और उनका उद्धार करें.
देखिये बाइबल में परमेश्वर ने जो भी वरदान दिए हैं उन सभी वरदानो को एक दूसरे की सेवा में लगाना है.
जब पवित्र आत्मा आता है तो हमें गवाह बनाता है. अर्थात गवाही देकर या वचन सुनाकर हम एक आत्मा को बचाते हैं.
और परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं. लिखा है जब एक पापी मन फिराता है तो स्वर्ग में बड़ा आनन्द मनाया जाता है. (लूका 15:10)
इसलिए पवित्र आत्मा पाकर हम स्वयं ही आनन्द न मनाएं यह आपके आनन्द के लिए नहीं बल्कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के आनन्द के लिए है.
इसके द्वारा हम वो सामर्थ पाते हैं जिसमें हम बहुत कुछ कर सकते हैं जिस प्रकार संत पौलुस ने भी कहा था, जो मुझे सामर्थ देता है मैं उसमें सब कुछ कर सकता हूँ. (फिली 4:13)
पवित्र आत्मा में बप्तिस्मा कौन प्राप्त कर सकता है?
इसे खरीदा नहीं जा सकता यह पूरी रीती से मुफ्त है, लेकिन यह हर उस विश्वासी के लिए है जो पूरी रीती से प्रभु यीशु को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण किया हुआ हो,
और मुंह से अंगीकार किया हुआ हो कि यीशु मसीह ही प्रभु और स्वामी है. हम जानते हैं कि विश्वास कर्म बिना मरा हुआ है.
हमारा उद्धार भले कामों के द्वारा नहीं हुआ है लेकिन अनुग्रह से हुआ है और इसलिए उद्धार हुआ है कि हम भले कामों को करें.
यह बात बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए मैं एक बार और इस बात को दोहराना चाहता हूँ, कि हमारा उद्धार भले कामों से नहीं हुआ लेकिन भले कामों के लिए हुआ है.
पवित्र आत्मा में बप्तिस्मा कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
बाइबल में हम पाते हैं प्रत्येक विश्वासियों के लिए यह परमेश्वर की प्रतिज्ञा है, इसलिए इसे हर विश्वासी को प्राप्त करना ही चाहिए.
प्रार्थना करके प्राप्त कर सकते हैं : परमेश्वर का वचन हमसे वायदा करता है, मांगो तो तुम्हें दिया जाएगा (मत्ती 21:22) जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से मांगोगे वो सब कुछ तुम को मिलेगा. इसलिए हम पवित्र आत्मा में बप्तिस्मा की मांग करें.
देखो जब हम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएं देना चाहते हैं तो हमारा स्वर्गीय पिता परमेश्वर हमें मांगने में पवित्र आत्मा क्यों न देगा (लूका 11 :14)
पापों से मन फिराकर हम पवित्रआत्मा में बप्तिस्मा पा सकते हैं : जब पवित्र आत्मा पिन्तेकुस्त के दिन चेलों पर उतरा तब वे अन्य अन्य भाषा में बातें करने लगे और भविष्वाणी करने लगे तब वहाँ हजारों लोग अलग अलग स्थानों से उस पर्व में उपस्थित थे.
लोग उन पर ठठ्ठा कर रहे थे और शराबी समझ रहे थे. तब पतरस ने पवित्र आत्मा की सामर्थ में भरकर उनके समक्ष खड़ा होकर कहने लगा यह वही हो रहा है, जो योएल नबी की पुस्तक में लिखा है.
कि मैं अपनी आत्मा सब पर उंडेलूँगा… तब सुनेवालों के ह्रदय छिद गए और वे पतरस और अन्य प्रेरितों से पूछने लगे, कि हे भाइयों हम क्या करें?
पतरस ने उन से कहा, मन फिराओ और तुम में से हरके अपने अपने पापों की क्षमा के लिए यीशु मसीह के नाम से बप्तिस्मा ले तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे.
क्योंकि यह प्रतिज्ञा तुम, और तुम्हारी संतानों, और उन सब दूर दूर के लोगों के लिए भी है जिनको प्रभु हमारा परमेश्वर अपने पास बुलाएगा. (प्रेरितों 2:37-39)
पवित्र आत्मा का बप्तिस्मा नया जन्म पाकर मिलता है. यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच सच कहता हूँ, यदि कोई नए सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता.
पवित्र आत्मा में बप्तिस्मा पाए व्यक्ति के चिन्ह क्या हैं?
पवित्र आत्मा में जो बप्तिस्मा पाते हैं उनके कुछ चिन्ह नजर आते हैं या यूं कहें उनमें ये बातें दिखाई देंगी.
वे स्वयं भी अपने जीवन में देख सकते हैं यह किसी को दिखाने के लिए नहीं हैं. कि वे अन्य अन्य भाषाओं को बोलेंगे. (प्रेरितों के काम 2:4)
वे अन्य भाषा में भविष्यवाणी करने लगे (प्रेरित 10:46) वे गवाही देने लगेंगे और सुसमाचार सुनाने लगेंगे. (प्रेरित 2:14-41)
उनके अंदर से डर भय एकदम से निकल गया और वे साधारण और अनपढ़ लोग साहस से भर गए और लोगों ने पहचाना कि इन लोगों को सामर्थ कहाँ से मिली है. (प्रेरितों के काम 4:13)
निष्कर्ष | conclusion
पवित्र आत्मा लोगों को दिखाने के लिए या दिखावा करने के लिए नहीं दिया जाता. पवित्र आत्मा परमेश्वर है वह त्रिएक परमेश्वर में से एक हैं.
हम विश्वास करते हैं परमेश्वर पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा तीनों एक हैं और एक में तीन हैं. हम एक परमेश्वर की आराधना करते हैं तीन परमेश्वर की नहीं. तो पवित्र आत्मा कोई सामर्थ मात्र नहीं लेकिन स्वयं परमेश्वर हैं.
यह स्त्री लिंग में नहीं पुकारा जाना चाहिए. बल्कि जैसे प्रभु यीशु ने सिखाया कि जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा…यह नहीं कहा, कि आएगी.
इसलिए इस पर ध्यान दें और प्रार्थना करें कि यह सभी को प्राप्त हो. कुछ ही समय में मैं अन्य भाषा पर एक लेख लिखूंगा…
आपसे निवेदन हैं यदि आपको कोई भी सवाल या प्रोत्साहन के शब्द लिखना है तो आप कमेन्ट में लिखें ताकि मैं आपके विचार जान सकूं धन्यवाद.
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Aapne bible k adhyan me boht gehentm (deeply) mehnat ki hai paster ji, koi bhi apke lekh aur vichaar padhkr apki samajh ka andaza laga sakta hai.. pavitra aatma aap par bana hua hai..aur aap aage bhi bohot se logo ko maarg dikhayenge..
Mai apke lambe swasth aur ujjawal jeevan ki kaamna krti hun, prabhu ne apko apna vishwasyogya das thehraya hai..
Aap boht fal lekr ayenge..
Apse jo bhi judega parmeshwar un sab ko asish dega, kyunki aap uski aguvaai me chalte hai..
Aapki lekhni ek din sarvashreshth prakashan aur sankalan bnkr logo ki sadharan samajh ko gehraayi pradaan kregi..
Prabhu apko aur apki lekhni v apke vicharon ko boht asish de, v apki vaani duniya k sabhi chhor tk fail jaye, jis se boht si aatmao ko prabhu k rajya me ferkar laaya jaye..apke amulya vivran k liye dhanyawad..
Prabhu apko sada aanandit rakhe..
बहुत बहुत धन्यवाद जेनी जी आपके अच्छे शब्दों के लिए. आपने समय निकालकर इस ब्लॉग के लिए और मेरे लिए कमेन्ट लिखा प्रभु आपको बहुत आशीष दे और अपने राज्य की बढ़ोत्तरी के लिए स्तेमाल करें….