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Top 50 Amazing Bible message Topics in Hindi | शोर्ट बाइबिल मैसेज टॉपिक्स इन हिंदी 2023

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शोर्ट बाइबिल मैसेज टॉपिक्स | Sermon Passages in Hindi | Bible Message Topics in hindi

दोस्तों इन शोर्ट बाइबिल मैसेज टॉपिक्स में आप पाएंगे ऐसे विचार और बाइबल संदेश जो आपके आत्मिक जीवन के लिए बहुत आशीष का कारण होगा. Sermon Passages in Hindi आपको एक बाइबल प्रचार में मदद करेगा तो आइये शुरू करते हैं.

1. परमेश्वर का अनुग्रह

धन,प्रतिष्ठा,और गौरव, पेड़ के फल के समान हैं जबकि
ईश्वर का अनुग्रह उसकी जड़ हैं..

हम फल के बिना अपने आप को चला सकते हैं
लेकिन जड़ के बिना खड़े भी नहीं हो सकते है।

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1 कुरिन्थियों 15:10
"परन्तु मैं जो कुछ भी हूं, परमेश्वर के अनुग्रह से हूं: और उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ परन्तु मैं ने उन सब से बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था।"

2. मनुष्य की गलतियाँ

अपनी ज़िन्दगी में गलतियां तो प्रत्येक
इन्सान से होती हैं..

लेकिन अपनी उन गलतियों पर कायम
सिर्फ़ मूर्ख ही रहते हैं।

नीतिवचन 14:16
"बुद्धिमान डर कर बुराई से हटता है, परन्तु मूर्ख ढीठ हो कर निडर रहता है।"

3. परमेश्वर को अपना सर्वश्रेष्ट दें | शोर्ट बाइबिल मैसेज टॉपिक्स

अगर आप ईश्वर से अपने लिए
सर्वश्रेष्ठ पाना चाहते हैं..

तो सर्वप्रथम आपको उन्हें
अपना सर्वश्रेष्ठ देना भी होगा।

इब्रानियों 11:4
विश्वास ही से हाबिल ने कैन से उत्तम बलिदान परमेश्वर के लिये चढ़ाया; और उसी के द्वारा उसके धर्मी होने की गवाही भी दी गई: क्योंकि परमेश्वर ने उस की भेंटों के विषय में गवाही दी; और उसी के द्वारा वह मरने पर भी अब तक बातें करता है।

4. ख़ुशी पाने के लिए दूसरों को ख़ुशी दो

जो व्यक्ति किसी दूसरे के चेहरे पर हँसी और
जीवन में ख़ुशी लाने की कोशिश में रहता है..

ईश्वर उसके चेहरे से कभी हँसी और जीवन से
ख़ुशी कम नहीं होने देता।

हमेशा खुश कैसे रहें…पढ़ें

नीतिवचन 11:25
“उदार प्राणी हृष्ट पुष्ट हो जाता है, और जो औरों की खेती सींचता है, उसकी भी सींची जाएगी।”

5. अभिमानी नहीं बल्कि नम्र बनो

“सफलता की ऊंचाई पर हो तो
धीरज रखना अभिमान न करना..,
क्योंकि पक्षी भी जानते हैं कि आकाश में
बैठने की जगह नहीं होती..।”

यिर्मयाह 49:16
हे चट्टान की दरारों में बसे हुए, हे पहाड़ी की चोटी पर किला बनाने वाले ! तेरे भयानक रूप और मन के अभिमान ने तुझे धोखा दिया है। चाहे तू उकाब की नाईं। अपना बसेरा ऊंचे स्थान पर बनाए, तौभी मैं वहां से तुझे उतार लाऊंगा, यहोवा की यही वाणी है।

पढ़िए 3 मजेदार कहानी

6. विश्वासयोग्यता का जीवन

कभी-कभी हम अपने सबसे बड़े डर से
तब लड़ जाते हैं…

जब हमारी सबसे प्यारी और कीमती
चीज़ दांव पर लगी हो।

आप की सबसे कीमती चीज
क्या है???

2 तीमुथियुस 4:7
“मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।

7. परमेश्वर से लगातार लिपटे रहो | बाइबिल मैसेज टॉपिक्स इन हिंदी

कुछ चीज़ों को ज्यादा देर तक
स्टैंडबाय मोड पर छोड़ देने पर..
वो खुद ही बंद हो जाते हैं

ईश्वर के साथ संबंध उसमें
सबसे पहले आता हैं।

व्यवस्थाविवरण 13:4
तुम अपने परमेश्वर यहोवा के पीछे चलना, और उसका भय मानना, और उसकी आज्ञाओं पर चलना, और उसका वचन मानना, और उसकी सेवा करना, और उसी से लिपटे रहना।

8. सबसे पहले मन की रक्षा करो

जीवन में सबसे पहला संघर्ष मन के
साथ ही शुरू होता है..

क्योंकि मन को नकारात्मकता वाला
सरल रास्ता ही पसंद आता है।

इफिसियों 4:17
“इसलिये मैं यह कहता हूं, और प्रभु में जताए देता हूं कि जैसे अन्यजातीय लोग अपने मन की अनर्थ की रीति पर चलते हैं, तुम अब से फिर ऐसे न चलो।

9. दिखावा न करें | बाइबल मैसेज

“सुखी होने में ज्यादा खर्च नहीं होता..
लेकिन हम कितने सुखी हैं,
यह लोगों को दिखाने में बहुत खर्च होता है!”

1 पतरस 3:3
“तुम्हारा सिंगार, दिखावटी न हो, अर्थात बाल गूंथने, और सोने के गहने, या भांति भांति के कपड़े पहिनना।”

10. सफलता

आप हमेशा खुद को जांचिए व प्रश्न कीजिये
कि मैं ऐसा क्यों हूं?
सफ़लता आपके कदम चूमेगी
यहाँ भी, वहां भी

कुरिन्थियों 13:5
“अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आप को जांचो, क्या तुम अपने विषय में यह नहीं जानते, कि यीशु मसीह तुम में है नहीं तो तुम निकम्मे निकले हो।

11. आदम की ‘हाँ’ और युसूफ की ‘ना’ | बाइबल वचन

अपने जीवन में कभी शब्दों को कम मत आंकिये
क्योंकि जीवन में एक छोटा सा हां और एक छोटा सा ना
सब कुछ बदलकर रख देता है।

दोस्तों अदन की वाटिका में हव्वा के कहने पर आदम की हां
और मिस्र देश में जल्लादों की रानी को यूसुफ की ना
कहने पर सब कुछ बदल गया था.

निर्णय आपको करना है
बाकी आप खुद समझदार हैं

अय्यूब 36:17
“परन्तु तू ने दुष्टों का सा निर्णय किया है इसलिये निर्णय और न्याय तुझ से लिपटे रहते है।

12. स्वाभिमान और अभिमान में अंतर | शोर्ट बाइबल सन्देश

कुछ लोगो को अभिमान,
अपना स्वाभिमान लगता है..

तो उन्हें बिलकुल लगने दीजिए क्योंकि
उन्हें दोनों के बीच का अंतर ज्ञात नहीं है।

दोस्तों हम मसीही लोग भी समाज का एक हिस्सा हैं और समाज भी संवैधानिक रूप से हमें, हमारे स्वाभिमान की रक्षा करने देने के लिए कटिबद्ध है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि,
हम अभिमान का शिकार हो जाएं, हमें स्वाभिमान और अभिमान के बीच के अंतर को समझना होगा.

यिर्मयाह 50:31
"प्रभु सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, हे अभिमानी, मैं तेरे विरुद्ध हूँ; तेरे दण्ड पाने का दिन आ गया है।"

13. अपने जीभ का बुद्धिमानी से प्रयोग करें

अपने समय और अपने शब्दों के प्रयोग में कभी लापरवाही नहीं बरतें।
क्योंकि ये नहीं तो वापस आते है और न ही वापस मौका देता है।

नीतिवचन 18:21
"जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा।"

14. डरपोक नहीं बहादुर बनें.

बहादुर मसीह अपने मजबूत इरादों से दुनिया बदलने चल पड़ता हैं।
लेकिन डरपोक मसीह दुनिया के डर से अपने ही इरादे बदल देता हैं।

प्रकाशित वाक्य 21:8
“पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है॥”

15. दोष न लगाएं.

ज़िद, गुस्सा, गलती, लालच और
अपमान, खर्राटों की तरह होते हैं..

जब दूसरे करे तो चुभते हैं परंतु स्वयं
करें तो एहसास तक नहीं होता।

लूका 6:41-42
"तू अपने भाई की आंख के तिनके को क्यों देखता है, और अपनी ही आंख का लट्ठा तुझे नहीं सूझता और जब तू अपनी ही आंख का लट्ठा नहीं देखता, तो अपने भाई से क्योंकर कह सकता है, हे भाई, ठहर जा तेरी आंख से तिनके को निकाल दूं? हे कपटी, पहिले अपनी आंख से लट्ठा निकाल, तब जो तिनका तेरे भाई की आंख में है, भली भांति देखकर निकाल सकेगा।"

16. एक दूसरे का भार उठाओ

जरूरतों के हिसाब से लोगों से जुड़े रहना एक
सामान्य व्यवहार होता है..

लेकिन, जरूरत के बगैर भी सभी का ख्याल रखना एक मसीह व्यक्तित्व की पहचान होती है।

गलातियों 6:2
"तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो।"

17. बुद्धिमान बनो

एक बुद्धिमान व्यक्ति खुद गलतियां करके नहीं वरन,
वो दूसरों की गलतियों से ही सबकुछ सीख जाता है।

नीतिवचन 14:16
"बुद्धिमान डर कर बुराई से हटता है, परन्तु मूर्ख ढीठ हो कर निडर रहता है।
"

18. परीक्षा में स्थिर रहो

यदि आप अपने जीवन में सफ़लताओं का आनंद लेना चाहते है
तो अपने जीवन में कठिनाई को कभी आने से नहीं रोके.

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याकूब 1:12
धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है; क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है।

19. उत्तम चरित्र रखें

चरित्र एक पेड़ की तरह है
और इज्ज़त एक परछाई की तरह..

हम परछाई के बारे में सोचते हैं,
जबकि पेड़ असली विषय है।

भजन संहिता 50:23
"धन्यवाद के बलिदान का चढ़ाने वाला मेरी महिमा करता है; और जो अपना चरित्र उत्तम रखता है उसको मैं परमेश्वर का किया हुआ उद्धार दिखाऊंगा"

20. एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो

दिमाग को खूब पढ़ाना
लेकिन
दिल को हमेशा अनपढ़ ही रखना..

ताकि ये हर किसी के प्रति प्रेम भाव में
हिसाब किताब ना करे।

1 पतरस 4:8
"और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।"

21. एक दूसरे के उन्नति का कारण बनो | sermon Topics इन हिंदी

अगर महसूस कर पाएं तो इस दुनिया
में घटित सबसे खूबसूरत घटना..

किसी निराश व्यक्ति के कंधे पर रखा
गया एक प्रेम भरा हाथ है।

1 थिस्सलुनीकियों 5:11
"इस कारण एक दूसरे को शान्ति दो, और एक दूसरे की उन्नति के कारण बनो, निदान, तुम ऐसा करते भी हो॥"

22. दूसरों की बुराई नहीं भलाई ढूंढो

आलोचना, तुलना और शिकायत से
जितना दूर होंगे,
उतनी मन की शांति ज्यादा होगी…

अगर बुराइयां ढूंढने का शौक कुछ ज्यादा ही है तो
शुरुआत ख़ुद से कीजिए।

आमोस 5:14
हे लोगो, बुराई को नहीं, भलाई को ढूंढ़ो, ताकि तुम जीवित रहो; और तुम्हारा यह कहना सच ठहरे कि सेनाओं का परमेश्वर यहोवा तुम्हारे संग है।

23. गलती और गुनाह में अंतर

जो हो जाती है वह गलती और जो किया नहीं जाता
बल्कि
जान समझ व बूझकर किया जाता है
वह गुनाह है

गलती के लिए माफी है।
और गुनाह के लिए??

प्रकाशित वाक्य 2:21
मैं ने उस को मन फिराने के लिये अवसर दिया, पर वह अपने व्यभिचार से मन फिराना नहीं चाहती।

24. जिन्दगी में संभल कर चलो

बारिश में चलने से एक बात याद आई

इंसान जितना संभल के कदम बारिश में रखता है
उतना संभल कर अगर जिंदगी में रखे तो गलती की गुंजाईश ही न हो।

नीतिवचन 16:17
बुराई से हटना सीधे लोगों के लिये राजमार्ग है, जो अपने चाल चलन की चौकसी करता, वह अपने प्राण की भी रक्षा करता है।

25. पाप से बचें

दुष्टता एवम् अधर्म केवल असभ्य
लोगों के कारण ही नहीं होता..

सत्य और धर्म को जानने वाले सभ्य
लोग भी कर्मो द्वारा प्रकट न करने के कारण,
इसमें अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रहते हैं.

इब्रानियों 10:26
क्योंकि सच्चाई की पहिचान प्राप्त करने के बाद यदि हम जान बूझ कर पाप करते रहें, तो पापों के लिये फिर कोई बलिदान बाकी नहीं।

26. तुम चुने हुए हो

इंसान तो हर घर में पैदा होते है
लेकिन
इस दुनिया में चुना हुआ मसीह व्यक्तित्व कहीं-कहीं ही जन्म लेता है। क्या आप है?

1थिस्सलुनीकियों 1:4
"और हे भाइयो, परमेश्वर के प्रिय लोगों हम जानतें हैं, कि तुम चुने हुए हो।"

27. आशा में आनन्दित रहो

आज इंसान उम्मीदों से बंधा,
एक जिद्दी परिंदा है,
जो घायल भी उम्मीदों से है
और जिंदा भी उम्मीदों पर है।

प्रियो , आशा कभी भी टूटने न दे,
आशा में हमेशा आनंदित रहे।

विलापगीत 3:24-26
"मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा।
यहोवा से उद्धार पाने की आशा रख कर चुपचाप रहना भला है।"

27. उम्मीद जगाए रखिये

समस्याएं उतनी ताक़तवर नहीं होती
जितना हम उन्हें मान लेते हैं…
कभी सुना है कि
अँधेरे ने सुबह नहीं होने दी।

सभोपदेशक 7:18
यह अच्छा है कि तू इस बात को पकड़े रहे; ओर उस बात पर से भी हाथ न उठाए; क्योंकि जो परमेश्वर का भय मानता है वह इन सब कठिनाइयों से पार जो जाएगा॥

28. परमेश्वर का प्रेम

जिससे प्रेम हो गया उससे कभी द्वेष
नहीं हो सकता है..

फिर चाहे वह हमारे साथ में कितना ही
अन्याय क्यों ना करे।

प्रियजनों हमारा परमेश्वर प्रेमी है और उसका वह प्रेम का गुण, हमारे अंदर है, इसीलिए हमें भी प्रत्येक लोगों से प्रेम करना चाहिए.
बिना यह देखें कि उसका व्यवहार हमारे प्रति क्या है…

1 कुरिन्थियों 13:4
"प्रेम धीरजवन्त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं।"

29. वास्तविक रहें.

सबसे बड़ी मूर्खता है इस आत्म-विश्वास
से लबालब भरे रहना..
कि

परमेश्वर भी हम में वही देख रहे हैं ,
जो हम लोगों के सामने खुद को दिखाना चाहते हैं..

भजन संहिता 139:2
"तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है।"

30. कल की चिंता न करें

“हमारे पास सिर्फ़ आज है, कल पर निर्भर रहकर अपना आज खराब ना करें..!”

मत्ती 6:34
सो कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है

31. हर बात का एक समय है

जब इंसान करवट लेता है,
तब दिशा बदल जाती है ,
और
जब समय करवट लेता है,
तब दशा बदल जाती है।

इसलिए धीरज से समय को समय दे।

सभोपदेशक 3:4
"रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है;"

32. विश्वास क्या होता है

एक होता है विश्वास,
एक होता है विश्वास का अंगीकार, विश्वास से हम धर्मी बन सकते हैं
परंतु
उद्धार पाने के लिए विश्वास का अंगीकार मुंह के द्वारा करते रहने की आवश्यकता है।

जैसे कि
1 मैं विश्वास करता हूं कि प्रभु मेरे लिए यह करेगा
2 मैं विश्वास करता हूं कि प्रभु मेरे लिए वह करेगा
3 मैं विश्वास करता हूं कि प्रभु ने मेरे लिए अपने प्राण दिए आदि आदि

रोमियो 10:10
"क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है।"
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33. सावधान रहें

पाप की तरह जहर चाहे मीठा हो अथवा नमकीन
आखिर में जान ही लेता है..

सोने की कटार पर मुग्ध होकर उसे कोई अपने
हृदय में छेद नहीं सकता है।

यिर्मयाह 16:17
"क्योंकि उनका पूरा चाल-चलन मेरी आंखों के साम्हने प्रगट है; वह मेरी दृष्टि से छिपा नहीं है, न उनका अधर्म मेरी आखों से गुप्त है। सो मैं उनके अधर्म और पाप का दूना दण्ड दूंगा,"

34. निंदा क्या है

निंदा मे छिपा हुआ सत्य और
प्रशंसा में छिपा झूठ यदि मनुष्य समझ जाये तो..
आधी समस्याओं का समाधान अपने
आप हो जायेगा।

प्रियो,
लोग हमारी निंदा दो प्रकार से करते हैं,

पहला
कि यदि हम सत्य मार्ग में बने हैं तब लोग हमारी निंदा करेंगे,

दूसरा,
यदि हमारे अंदर कोई कमी है तो लोग हमारी निंदा करेंगे ..

दोनों ही प्रकार की निंदा में सत्य छुपा है

मरकुस 15:29
"और मार्ग में जाने वाले सिर हिला हिलाकर और यह कहकर उस की निन्दा करते थे, कि वाह! मन्दिर के ढाने वाले, और तीन दिन में बनाने वाले! क्रूस पर से उतर कर अपने आप को बचा ले।"

35. सच्चे मसीही की पहचान

मसीही लोगों की पहचान उनके कपड़े रंग रूप से नहीं होती
बल्कि उन गुणों से होती है जिसे उसने मसीह यीशु की सहभागिता में पाया है।

2 कुरिन्थियों 6:4
परन्तु हर बात से परमेश्वर के सेवकों की नाईं अपने सद्गुणों को प्रगट करते हैं, बड़े धैर्य से, क्लेशों से, दिरद्रता से, संकटो से।

36. हिम्मत मत हारें

समस्या व परीक्षा के आगे हथियार डालने वाले,
कभी खुद के अच्छे भविष्य के निर्माता नहीं बन पाते।”

याकूब 1:12
"धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है; क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है।"

37. नसीहत

दूसरों को नसीहत देना और उनकी आलोचना करना आसान काम है, लेकिन सबसे मुश्किल काम है
चुप रहकर आलोचना सुनना.

प्रेरितों के काम 8:32
वह भेड़ की नाईं वध होने को पहुंचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरने वालों के साम्हने चुपचाप रहता है, वैसे ही उस ने भी अपना मुंह न खोला।

38. पवित्र आत्मा का फल प्रेम है

यदि आप प्रेम को नहीं चुनते तो
घृणा, ईर्ष्या आपको चुन लेती है..

पवित्र आत्मा का फल प्रेम है तो
घृणा, ईर्ष्या किस आत्मा का फल है??

1 कुरिन्थियों 10:21
तुम प्रभु के कटोरे, और दुष्टात्माओं के कटोरे दोनों में से नहीं पी सकते! तुम प्रभु की मेज और दुष्टात्माओं की मेज दोनों के साझी नहीं हो सकते।

39. परमेश्वर की बुलाहट

कल्पना सुंदर होती है पर उसे जिया
नहीं जा सकता है..

और वास्तविकता कड़वी होती है पर
उसे छोड़ा नहीं जा सकता है।

कभी-कभी हम कल्पना करते हैं स्वर्ग ऐसा होगा वैसा होगा पर वास्तविकता में क्या हम स्वर्ग जाने के सिद्ध व सकरें मार्ग पर बने हैं।

इफिसियों 4:1
सो मैं जो प्रभु में बन्धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो।

40. सुसमाचार सुनाओ

खुद मझदार में हो कर भी जो औरों का
साहिल होता है..

ईश्वर जिम्मेदारी भी उसी को देते हैं जो
निभाने के क़ाबिल होता है।

2 तीमुथियुस 2:2
और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी हैं, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे;
जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।

41. स्वर्गीय वस्तुओं की खोज में रहो

अपना नहीं है , उसको अपना मान लेने में बंधन है

सारे जगत की कलह यही तो है कि, यहां सभी ने संसारिक वस्तुयों को अपना मान रखा है, जो उनकी नहीं हैं
असली मालिक तो चुप है

कुलुस्सियों 1:16
क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।

42. हमारा भविष्य परमेश्वर के हाथों में है.

हम अपना वर्तमान देखकर भविष्य की योजना बनाते है
जबकि
परमेश्वर भविष्य देखकर हमारा वर्तमान बनाता है।

योएल 2:19
यहोवा ने अपनी प्रजा के लोगों को उत्तर दिया, सुनो, मैं अन्न और नया दाखमधु और ताजा तेल तुम्हें देने पर हूं, और तुम उन्हें पाकर तृप्त होगे; और मैं भविष्य में अन्यजातियों से तुम्हारी नामधराई न होने दूंगा॥

43. यहोवा की व्यवस्था खरी है

अपने आप को साधारण इंसान मानना
भी एक ताकत है
ऐसा इंसान..

छोटी छोटी चीज़ों में खुशियां ढूंढ लेता है,
निराश नहीं होता और टूटता नहीं है।

भजन संहिता 19:7
यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं;

44. हमारा स्वभाव कैसा हो

खुशी से संतुष्टि मिलती है
और संतुष्टि से खुशी मिलती है
लेकिन फर्क बहुत बड़ा है

“खुशी”
थोड़े समय के लिए संतुष्टि देती है
लेकिन “संतुष्टि”
हमेशा के लिए खुशी देती है।

इब्रानियों 13:5
तुम्हारा स्वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उस ने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा।

45. परमेश्वर महान है

यदि आप को अपनी गलतियों का आभास है तो,
गलती एक सीढी है..
अगर गलतियो का आभास नही है तो, गलतिया खाई है ।

निर्णय आपका है चढ़ना या डूबना…?

दानिय्येल 9:4
मैं ने अपने परमेश्वर यहोवा से इस प्रकार प्रार्थना की और पाप का अंगीकार किया, हे प्रभु, तू महान और भययोग्य परमेश्वर है, जो अपने प्रेम रखने और आज्ञा मानने वालों के साथ अपनी वाचा को पूरा करता और करूणा करता रहता है,”

46. आप परमेश्वर की सुन्दर सृष्टि हो

दुनिया की सबसे खूबसूरत अनुभूति वो होती है,
जब आप सुबह उठें, और आइने में देखें तो ,
आपके सामने दुनिया का सबसे खूबसूरत इंसान खड़ा हो।

प्रियो स्वयं के बारे में कभी हीन भाव न रखें,
हमेशा अपने प्रति सकारात्मक रहे।

भजन संहिता 45:2
तू मनुष्य की सन्तानों में परम सुन्दर है; तेरे ओठों में अनुग्रह भरा हुआ है; इसलिये परमेश्वर ने तुझे सदा के लिये आशीष दी है।

47. परमेश्वर की करुणा सदा की है

टेढ़े लोगों को सीधी बात कभी भी
समझ में नहीं आती है..

इसलिए ईश्वर को भी उन्हें टेढ़े तरीके
से ही समझाना पड़ता है।

अय्यूब 20:5,
कि दुष्टों का ताली बजाना जल्दी बन्द हो जाता और भक्तिहीनों का आनन्द पल भर का होता है? कितनी बार दुष्टों का दीपक बुझ जाता है, और उन पर विपत्ति आ पड़ती है; और ईश्वर क्रोध कर के उनके बांट में शोक देता है।

48. डरो नहीं विश्वास रखो

डर विश्वास के विपरीत है क्योंकि जब
भी हम डरते हैं..

तब हम ईश्वर को यह संदेश देते हैं
कि हम उन पर विश्वास नहीं करते हैं।

यशायाह 41:13-14
हे कीड़े सरीखे याकूब, हे इस्राएल के मनुष्यों, मत डरो! यहोवा की यह वाणी है, मैं तेरी सहयता करूंगा; इस्राएल का पवित्र तेरा छुड़ाने वाला है। हे इस्राएल तेरा रचने वाला और हे याकूब तेरा सृजनहार यहोवा अब यों कहता है, मत डर, क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है; मैं ने तुझे नाम ले कर बुलाया है, तू मेरा ही है।

49. हमारा व्यवहार

अच्छा व्यवहार, सुंदरता की कमी को
पूरा कर सकता है,

लेकिन
अच्छी सुंदरता,अच्छे व्यवहार की
कमी को,
कभी पूरा नहीं कर सकती।

1 कुरिन्थियों 11:2
हे भाइयों, मैं तुम्हें सराहता हूं, कि सब बातों में तुम मुझे स्मरण करते हो: और जो व्यवहार मैं ने तुम्हें सौंप दिए हैं, उन्हें धारण करते हो।

50. हमें क्या पसंद है ?

गलती नीम की नहीं कि,
वह कड़वा है,
खुदगर्जी जीभ की है कि,
उसे मीठा पसंद है।

प्रार्थना का जीवन,घुटनों का जीवन, धार्मिकता का जीवन, सही रूप से व्यतीत करें तो बहुत कठिन है,

लेकिन यह हमारी खुदगर्जी है कि,
हमें आरामदायक दिनचर्या पसंद है।

मत्ती 7:14
क्योंकि सकेत है वह फाटक और सकरा है वह मार्ग जो जीवन को पहुंचाता है, और थोड़े हैं जो उसे पाते हैं॥

ये सभी टोपिक्स एवं विचार परमेश्वर के दास भाई वीरेन्द्र गिरी गोस्वामी (नानू जी ) के द्वारा लिखे गए हैं…

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