बाइबल के अनुसार प्रचार कैसे करें
बाइबल के अनुसार प्रचार करना एक गंभीर कार्य है, यह एक कलीसिया रोपक और पासवान के रूप में तीमुथियुस की बुलाहट का केंद्र था. पौलुस ने कहा, “परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह करके मैं तुझे चिताता हूँ. (2 तीमुथियुस 4:1)
कि तू वचन को प्रचार कर, समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा.
क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानो की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिए बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे.
और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएंगे. पर तू सब बातों में सावधान रह, दुःख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर.
क्योंकि अब मैं अधर की नाई उंडेला जाता हूँ, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है. मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका हूं, मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है.
मैं ने विश्वास की रखवाली की है. भविष्य में मेरे लिए धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु जो धर्मी और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी जो उसके प्रगत होने को प्रिय जानते हैं. (2 तीमुथियुस 4:1-8)
हमें बाइबल के अनुसार, परमेश्वर के वचन का प्रचार करना चाहिए न की अपने संदेशों का.
यदि कलीसिया को परिपक्वता में लाना है तो हमें बाइबल के अनुसार ही प्रचार करना होगा. प्रचार के लिए हमें अध्ययन, तैयार तथा कठिन परिश्रम करना है.
जब जवान प्रचार करना प्रारंभ करते हैं तब उन्हें अपनी शैली को खोजने और अच्छे वक्ता के रूप में अपनी योग्यता को विकसित करने में थोड़ा सा वक्त लगता है. अत: लगातार प्रयास करते रहें.
लगातार सुधार भी करते रहें. कभी भी हिम्मत न हारें अच्छा प्रचारक बन्ने के लिए परमेश्वर पर भरोषा रखें.
बाइबल के अनुसार प्रचार खराई और समर्पण की मांग करता है
“लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे परन्तु कानों की खुजली के कारण” (2 तिमु. 4:3) कुछ लोग विश्वास से पीछे हट जाएंगे.हमें परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य बनना है.
हमारा प्रचार हेमशा परमेश्वर के वचन की सच्चाई के साथ मेल खाने वाला होना चाहिए. हमारी सेवकाई को पूरा करने के इए हमें कोमल मन वाले तथा क्लेशों को सह्नेवाले होना है.
वहां कठिन तथा निराशाजनक समय आएगा. प्रभु यीशु मसीह पर नजर लगाए रहें. आपके प्रचार में हमेशा बड़ा ही उत्साह होना चाहिए.
सुसमाचार क्या है और कैसे प्रचार करें
धनवान और लाजर की कहानी (सुसमाचार प्रचार)
बाइबल के अनुसार प्रचार एक सुसमाचार का कार्य है, इसका बड़ा प्रतिफल मिलेगा
हमारा प्रचार सुसमाचार पर केन्द्रित हो, यीशु उसके प्रेम और उद्धार के विषय में दूसरों से कहना. संत पौलुस “धार्मिकता के मुकुट” (2 तिमु. 4:8) के विषय में कहता है.
यीशु के प्रति विश्वासयोग्य सेवा के कारण, जिसकी उपलब्धि की आशा उसको है. क्या बाइबल के अनुसार प्रचार कार्य में आप उपरोक्त बातों का पालन कर रहे हैं. कमेन्ट करके बताएं.
बाइबल के अनुसार प्रचार क्या है (परिभाषा )
बाइबल के अनुसार प्रचार परमेश्वर के वचन के अचूक एवं अद्भुत सत्य को लेने की कला तथा विज्ञान है.
यह कठिन परिश्रम के साथ अध्ययन तथा परमेश्वर के द्वारा निर्मित व्यक्तित्व से भरे कता के द्वारा होता है.
बाइबल के अनुसार प्रचार पवित्र आत्मा की सहायता से होता है, जो कि वक्ता को सामर्थ और मार्गदर्शन प्रदान करता है, और श्रोताओं को समझाता एवं कायल करता है.
बाइबल के अनुसार प्रचार श्रोताओं के जीवन में सही विश्वास, मनाफिराव और परवर्तित जीवन उत्पन्न करने के लिए लिए है.
यह परमेश्वर की महिमा, कलीसिया के निर्माण और पृथ्वी के छोट तक सुसमाचार फैलाने के लिए है.
बाइबल के अनुसार प्रचार कला और विज्ञान दोनों है
यह एक विज्ञान इस अर्थ में है कि इसमें संचारण के वे सभी सिद्धांत और नियम सम्मिलित हैं जिनका हम पालन कर रहे हैं.
और कला से तात्पर्य है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी शैली और अपने अनोखे व्यक्तित्व को अपने प्रचार में पगत करता है.
एक प्रसिद्ध परमेश्वर के दास ने कहा है, “प्रचार व्यक्तित्व के माध्यम से सत्य को प्रगट करना है.” इसलिए यह कला और विज्ञान दोनों है.
यह परमेश्वर का सत्य है जिसका प्रचार हम करते हैं | प्रचार के लिए बाइबल विषय
1 थिस्स. 2:13 इसलिए हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरंतर करते हैं, कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुंचा तो तुम ने उसे मनुष्यों का नहीं, परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर और (जो वास्तव में है) ग्रहण किया. और वह तुम में जो विश्वास रखते हो, प्रभावशाली है.
"हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है." भजन संहिता 119:89
बाइबल के अनुसार प्रचार का आरंभ पवित्रशास्त्र के कठिन अध्ययन से होता है. पौलुस ने तीमुथियुस से कहा, “अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्जित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो. (तिमु. 2:15)
जिनके पास बाइबल सिखाने का वरदान है उनके पास बाइबल सीखने का वरदान या वचनबद्धता भी होती है.
सुलैमान, पुराने नियम की पुस्तक सभोपदेशक के लेखक ने कहा, उपदेशक जो बुद्धिमान था, वह प्रजा को ज्ञान भी सिखाता रहा, और ध्यान लगाकर और पूछपाछ करके बहुत से नीतिवचन क्रम से रखता था.
उपदेशक ने मनभावने शब्द खोजे और सिधाई से ये सच्ची बातें लिख दी. (12:9-10) लोगो के जीवन को प्रभावित करनेवाले संदेशो को एकत्रित करने में समय लगा होगा.
biblical Prachar प्रचारक के व्यक्तित्व के माध्यम से भी आता है. कुछ वक्ता उत्साहित करनेवाले होते हैं और कुछ विवादस्पद होते हैं.
कुछ हास्य का उपयोग करते हैं तो कुछ तर्कसंगत (logical) और दलीलयुक्त विषयवस्तु का उपयोग करते हैं.
आप पसंदीदा प्रचारक की नकल उतारने के फंदे में फंसने का काम कभी न करें. उनसे अवश्य सीखें, परन्तु एक प्रचारक के रूप में स्वयं की शैली विकसित करें.
प्रचार पवित्र आत्मा के कार्य के द्वारा सामर्थी होता है
पवित्रआत्मा हमारा सच्चा शिक्षक, सहायक और सलाहकार हैं. (यूहन्ना 14:16-17)
पवित्रात्मा हमें सामर्थ से भरता है. (इफिसियों 5:18) और हमें परमेश्वर का वचन सिखाता है. (यूहन्ना 14:26)
पवित्रात्मा संसार को पाप, धार्मिकता और न्याय के बारे में कायल करता है (यूहन्ना 16:8-11, यशायाह 6:1-7)
पवित्रात्मा परमेश्वर की महिमा करता है और उनकी सच्चाई के बारे में सबको अंतरदृष्टि प्रदान करता है. (यूहन्ना 16:14-15)
बाइबल के अनुसार प्रचार फल को उत्पन्न करता है
जो सन्देश सुनता है उनके भीतर सही विश्वास, सही मनफिराव और ह्रदय परिवर्तन होता है. जब नाथान नबी ने परमेश्वर के सन्देश को राजा दाऊद के पास पहुंचाया तो उसने मनफिराकर परमेश्वर से माफ़ी मांगी. (भजन 32:51)
जब यशायाह ने परमेश्वर के संदेश को सुना तो, उसने मनफिराकर कहा कि वह नाश हो गया. (यशा 6:5)
सुखार के कुँए के पास जब सामरी स्त्री ने यीशु के वचन को सुना तो उसने मनफिराकर विश्वास किया और यीशु के बारे में पूरे शहर को बताया. (यूहन्ना 4)
जब थिस्स्लुनिकियों के लोगों ने सुसमाचार सुना तो इस तरीके से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किया….क्योंकि हमारा सुसमाचार तुम्हारे पास न केवल वचन मात्र ही में बल्कि सामर्थ और पवित्र आत्मा और बड़े निश्चय के साथ पहुंचा है, जैसा तुम जानते हो, कि हम तुम्हारे लिए तुम में कैसे बन गए थे.
और तुम बड़े क्लेश में पवित्र आत्मा के आनन्द के साथ वचन को मानकर हमारी और प्रभु की सि चाल चलने लगे. यहाँ तक कि मकिदुनिया और अख्य के सब विश्वासियों के लिए तुम आदर्श बने.
क्योंकि तुम्हारे यहाँ से न केवल मकिदुनिया और अखया में प्रभु का वचन सुनाया गया. पर तुम्हारे विश्वास की जो परमेश्वर पर है, हर जगह ऐसी चर्चा फ़ैल गई है.
कि हमें कहने की आवश्यकता ही नहीं. क्योंकि वे आप ही हमारे विषय में बताते हैं कि तुम्हारे पास हमारा आना कैसा हुआ. और तुम क्योंकर मूरतों से परमेश्वर की ओर फिरें ताकि जीवते और सच्चे परमेश्वर की सेवा करो.
और उसके पुत्र के स्वर्ग पर से आने की बात जोहते रहो जिसे उस ने मरे हुओं में से जिलाया अर्थात यीशु की जो हमें आनेवाले प्रकोप से बचाता है. (1 थिस. 1:5-10)
बाइबल के अनुसार प्रचार का अंतिम लक्ष्य क्या है
परमेश्वर की महिमा देना, कलीसिया का निर्माण करना और पृथ्वी की छोर तक सुसमाचार फैलाना. जीवन में हमारा अंतिम लक्ष्य है की परमेश्वर की महिमा करें (1 कुरु. 10:31)
यशायाह 46:10 कहता है, कि जब परमेश्वर का वचन प्रचार किया जाए तब परमेश्वर की ईच्छा पूरी हो जाति है. और
यशायाह 55:11 कहता है, "उसी प्रकार मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है. वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास वापस न लौटेगा, परन्तु जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिए मैं ने उसे भेजा है उसे वह सफल करेगा."
बिब्लिकल प्रचार क्या नहीं है | हिंदी बाइबल प्रचार
बाइबल के अनुसार प्रचार कोई मनोरंजन नहीं है. – हालांकि यीशु के प्रचार को लोगों ने बड़े आनन्द से सुना, परन्तु यीशु का उद्देश्य उनका मन बहलाना कदापि नहीं था. उनका उद्देश्य था कि सुसमाचार की घोषणा और परमेश्वर के राज्य का प्रचार करें.
बाइबल का प्रचार केवल जानकारी नहीं है. – हमारी बुलाहट केवल लोगों को तथ्यों के साथ जानकारी देने के लिए नहीं, परन्तु विश्वास के एक प्रत्युत्तर को चाहते हुए लोगो के ह्रदयों से प्रचार करना है.
बाइबलीय प्रचार हमेशा कुछ निर्णय या कार्य की ओर ले जाने वाला होना चाहिए. हम केवल सच्चाई की घोषणा नहीं कर रहे हैं पर लोगों के सामने सच्चाई पर अमल करके दिखा रहे हैं.
हम केवल बाइबल सिखा नहीं रहे बल्कि लोगों को बाइबल की शिक्षा दे रहे हैं. इसलिए इसकी गंभीरता को समझें. इसके प्रति समर्पित होने के लिए हमारी बुलाहट है.
ताकि हम वचन को ठीक रीति से काम में ला सकें. अनेक लोग हैं जो तैयारी का विरोध करते हैं और कहते हैं उन्हें जो बोलना होगा, जब वे खड़े हो जाएंगे तो पवित्रआत्मा उन्हें रदान करेगा.
उन्हें वह वचन पढ़ना चाहिए कि जाकर चींटियों से सीखो जो धूपकाल में बटोरती हैं….एक प्रचारक को कठिन परिश्रम करने के लिए बुलाया गया है.
ताकि हम ध्यानपूर्वक अपने शब्दों का चुनाव करें और पवित्रआत्मा पर भरोसा रखें कि वह हमारे अध्ययन में योजना बनांते वक्त और संदेश प्रचार करते समय हमारा मार्ग दर्शन प्रर्दान करेंगे.
ये बाइबल का वचन प्रचार का भाग 1 है इसे हम आगे भी पढेंगे कितने प्रकार के प्रचार होते हैं और कौन सा प्रचार का तरीका सबसे बढ़िया होता है. हिंदी बाइबल प्रचार में सुसमाचार प्रचार कैसे करें और प्रचार के लिए बाइबल विषय का चुनाव कैसे करें आदि पर विस्तार से चर्चा करेंगे.
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