परमेश्वर को पसंद आने वाली आराधना
दोस्तों हम यहाँ तीन बाइबिल संदेश के नोट्स पढने जा रहे हैं, Hindi Bible Preaching तीन अलग अलग शोर्ट सरमन हैं निवेदन हैं इन्हें किसी भी प्रकार से बिना अनुमति के यूट्यूब या ऑडियो या वेबसाईट में पब्लिस करना मना है. आप इन्हें अपनी मण्डली में इस्टेमाल कर सकते हैं शेयर कर सकते हैं धन्यवाद.
"तब नादाब और अबीहू नामक हारून के दो पुत्रों ने अपना धुप दान लिया और उन में आग भरी, और उस में धुप डालकर उस ऊपरी आग का जिसकी आज्ञा परमेश्वर यहोवा ने नहीं दी थी, यहोवा के सम्मुख आरती दी. तब यहोवा के सम्मुख से आग ने निकल कर उन दोनों को भष्म कर दिया और वे परमेश्वर के साम्हने मर गए" (लैव्यव्यवस्था 10:1-2)
दोस्तों जो कुछ भी हम करें या करते हैं वो सब कुछ परमेश्वर को भाये यह कोई जरूरी नहीं. यहाँ नादाब और अबीहू नामक दो भाइयों को हम जानते हैं.
ये हारून के पुत्र थे वही हारून जो महान अगुवा मूसा भाई था, और जिसे परमेश्वर ने मूसा के साथ देने के लिए मिश्र देश में गया था…
मूसा और हारून ने ही दुष्ट राजा फिरौन से सम्मुख जाकर यह कहने का साहस किया था कि, “हे फिरोन परमेश्वर के लोगों को जाने दे ताकि वे परमेश्वर की आराधना करें…
अर्थात ये नादाब और अबीहू भली भाँती जानते थे की अराधना क्या होती है, कैसे की जाती है, उसमें क्या करना आवश्यक है और क्या नहीं करना चाहिए. ये उसकी सन्तान थे जो लाखो लोगों को यह सिखाता था आराधना कैसे करते हैं,
फिर भी वे आराधना करने के कारण ही मर मिटे…नहीं नहीं नहीं वे आराधना करने के कारण नहीं मरे बल्कि वे गलत तरीके से आराधना करने के कारण मर मिटे…ओह्ह बाइबिल कहती हैं, हम मिट नहीं गए तो उसकी महाकरुणा का फल है…
देखिये परमेश्वर के सम्मुख हम क्या करते हैं, यह उतना मायने नहीं रखता जितना यह कि हम जो कुछ भी करते हैं, वो किस मनसा से करते हैं…
हम पतरस के जीवन में देखते हैं जो एक मछुआरे का बेटा था, मतलब बचपन से ही समुद्र में ही पला और बड़ा हुआ और जवानी में जब सावधानी हटी और प्रभु यीशु के ऊपर से निगाहें हटी तो उसी समुद्र के पानी में वह डूबने लगा…
बहुत बार ज्यादा जानकारी पर्याप्त नहीं होती बल्कि उस जानकारी को सावधानी से इस्तेमाल में ही भलाई होती हैं…आइये उसकी आराधना करें लेकिन उसके बताए तरीके से…आत्मा और सच्चाई से…प्रभु हम सभी को इन वचनों के द्वारा आशीष दे…