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Bible Verses about Love | romans 8 28 | प्रेम पर बाइबिल वचन

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दोस्तों आज हम कुछ वचन पढ़ने जा रहे हैं जो परमेश्वर का प्रेम बताते हैं | Bible verses about love |प्रेम पर बाइबिल वचन और उन वचनों के विषय में विचार करेंगे तो आइये शुरू करते हैं.

romans 8 28

हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। 

परमेश्वर के प्रेम की कहानी (रूत)

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पूरी बाइबिल परमेश्वर के प्रेम की कहानियों से भरी हुई है जिसमें से आज हम रुत की कहानी को संक्षेप में देखेंगे.

रुत एक मोआबी स्त्री थी जिसका विवाह यहूदी अर्थात परमेश्वर का भय मानने वाले एक व्यक्ति से हुआ था जिसका नाम …था लेकिन दुर्घटनावश उसके पति की मृत्यु हो जाती है और उस समय रूत के कोई सन्तान भी नहीं थी.

ऐसे समय कोई भी निराश और हताश हो सकता है. लेकिन रुत शायद उस समय तक परमेश्वर पर भरोसा करने लगी थी. वह अपनी सास नाओमी जो विधवा थी उससे कहती है मैं आपके पास ही रहूंगी और जहाँ आप रहोगी मैं भी वहीं रहूंगी.

आपके लोग मेंरे लोग होंगे और आपका परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा. और रुत के इस निर्णय के कारण वह नाओमी के शहर बेतलेहेम अर्थात (रोटी का घर ) आती है.

यह शहर उसके लिए नया है वहां के लोग नए हैं. वह बुजुर्ग और विधवा नाओमी का ध्यान रखती है उसकी सहायता करती है उसे सच्चा प्यार करती है.

और जल्दी ही उसकी इस विश्वासयोग्यता और प्यार की चर्चा पूरे शहर में फ़ैल जाती है. वह अपनी सास के लिए खेत में गेंहूँ बीनने के लिए और मजदूरी करने के लिए भी जाती है.

परमेश्वर उसके इस निर्णय के कारण उस देश का एक धनी व्यक्ति को उसके लिए खड़ा करता है जिसका नाम बोआज है वह उनकी परंपरा के अनुसार रूत से विवाह करता है और इस रीति से रुत उस देश के एक बहुत बड़े व्यक्ति की पत्नी बन जाती है.

और आगे हम देखते हैं वही बाद में राजा दाउद की परदादी बनी और प्रभु यीशु मसीह भी उसी वंश से इस दुनिया में आये. इस कहानी में परमेश्वर के अथाह प्रेम को हम देख सकते हैं.

परमेश्वर का प्रेम किसी भी जाति या धर्म के बंधन में नहीं है जो कोई प्रभु से प्यार करता है और उसकी आज्ञाओं को मानता है परमेश्वर उनके लिए भलाई को ही उत्पन्न करता है.

Bible Verses on Love in Hindi

तू प्रभु, अपने परमेश्वर को अपने सम्पूर्ण ह्रदय, सम्पूर्ण प्राण और अपनी सम्पूर्ण शक्ति से प्रेम करना. (व्यवस्था 6:5)

घृणा लड़ाई-झगड़ों को जन्म देती है. पर प्रेम सब अपराधों को क्षमा कर देता है. (नीति 10:12)

स्वर्ग के परमेश्वर की सराहना करो, उसकी करुणा और प्रेम शाश्वत है. (भजन 136:26)

हे प्रभु मेरे सामर्थ्य, मैं तुझसे प्रेम करता हूँ (भजन 18:1)

ओ प्रभु के भक्त गण प्रभु से प्रेम करो, प्रभु विश्वासियों को सुरक्षित रखता है, किन्तु अहंकार में कार्य करने वाले से वह अत्यधिक प्रतिशोध लेता है. (भजन 31:23)

प्रिय शिष्य, करुणा और सच्चाई तुझसे कभी अलग न हों, तू उनको अपने गले का हार बनाना, और उनको अपने ह्रदय पटल पर लिख लेना. (निति 3:3)

Bible Verses on Love and unity

मैं तुम्हें एक नयी आज्ञा देता हूँ, तुम एक दूसरे से प्रेम करो, जिस प्रकार मैंने तुम से प्रेम किया, उसी प्रकार तुम भी एक दूसरे से प्रेम करो. यदि तुम एक दूसरे से प्रेम करगे तो उसी से सब लोग जान जायेंगे की तुम मेरे शिष्य हो. (यूहन्ना 13:34-35)

आप पूर्ण रूप से विनम्र, सौम्य तथा सहनशील बनो, प्रेम से एक दूसरे को सहन करो और शान्ति के सूत्र में बंध कर उस एकता को, जिसे पवित्र आत्मा प्रदान करता है, बनाए रखने का प्रयत्न करते रहो. (इफिसियों 4:2-3)

परन्तु सबसे बड़ी बात यह है कि आपस प्रेम भाव बनाए रखो, वह सब कुछ एकता में बाँध कर पूर्णता तक पहुंचा देता है. (कुलु. 3:14)

आप सच्चे भाई-बहनों की तरह एक दूसरे को हृदय से प्यार करो. हर व्यक्ति दूसरों को अपने से श्रेष्ठ माने. (रोमियो 12:10)

भाई-बंधुओं का एक साथ रहना कितना भला और मनोहर है. (भजन 133:1)

तो आप लोग एक चित्त, एक ह्रदय तथा एकमत हो कर प्रेम के सूत्र में बंध जाएँ और इस प्रकार मेरा आनन्द परिपूर्ण कर दें. (फिली. 2:2)

Bible Verses on Love of God

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मुझे करुणा (प्रेम) चाहिए, पशु बलि नहीं. मैं अग्नि-बलि से प्रसन्न नहीं होता, वरन इस बात से प्रसन्न होता हूँ कि तुम मुझ-परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त करो. (होशे 6:6)

परमेश्वर ने संसार से इतना प्रेम किया कि उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो कोई उस में विश्वास करता है, वह नष्ट न हो, बल्कि शाश्वत जीवन प्राप्त करे. (यूहन्ना 3:16)

तब मैंने दूर से उसको दर्शन दिया. ओ इस्राएल ओ कुंआरी कन्या मैंने तुझ से प्रेम किया है, सदा प्रेम किया है. इसलिए स्नेह से मैं तुझको अपने पास लाया हूँ. (यिर्मयाह 31:3)

मुझे दृढ विश्वास है कि न तो मृत्यु न जीवन, न स्वर्गदूत, न नरकदूत, न वर्तमान न भविष्य, न साम्र्थ्यगन, न आकाश में या पाताल में कोई शक्ति और न समस्त सृष्टि में कोई वस्तु हमें परमेश्वर के उस प्रेम से अलग कर सकती है, जो हमें हमारे प्रभु यीशु मसीह द्वारा मिला है. (रोमियो 8:38-39)

Bible Verses on Love and marriage | विवाह और प्रेम पर बाइबल वचन

इसलिए पुरुष अपने माता पिता को छोड़कर अपनी पत्नी के साथ रहेगा और वे एक देह होंगे. (उत्पत्ति 2:24)

प्रेम सहनशील और दयालु है. प्रेम न तो ईर्ष्या करता है, न डींग मारता, न घमंड करता है. प्रेम अशोभनीय व्यवहार नहीं करता. वह अपना स्वार्थ नहीं खोजता. प्रेम न तो झुंझलाता है, और न बुराई का लेखा रखता है. बह दूसरो के पाप से नहीं बल्कि उनके सदाचरण से प्रसन्न होता है. (1 कुरु. 13:4-6)

पतियों आप अपनी पत्नी से उसी तरह प्रेम रखो, जिस तरह मसीह ने कलीसिया से प्रेम किया. उन्होंने उसके लिए अपने को अर्पित किया. (इफिसियों 5:25)

जिसने धर्मपत्नी पा ली उसको अनमोल वस्तु मिल गई प्रभु उस मनुष्य पर कृपा करता है. (नीतिवचन 18:22)

इसलिए जिसे परमेश्वर ने जोड़ा है, उसे मनुष्य अलग नहीं करे. (मरकुस 9:10)

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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)

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