दोस्तों आज हम कलीसिया में मसीही सेवा के विषय में सीखेंगे. सेवा के विषय में सभी के अलग अलग विचार हैं, अनेक बार लोगों को लगता है वो जो भी कर रहे हैं वो सब सेवा है. लेकिन आज हम बाइबल के अनुसार कलीसिया में मसीही सेवा का उद्देश्य समझेंगे.
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introduction | परिचय
प्रचार करना, चंगाई करना, आराधना करना, लोगों को भोजन खिलाना, शिक्षा देना, बाइबल स्टडी करवाना, या वाद्य यंत्र बजाना क्या ये सेवकाई है? ये सेवकाई के एक अलग अलग भाग हैं सम्पूर्ण सेवकाई नहीं है.
मैं जब बाइबल कॉलेज में अध्ययन कर रहा था तो मैं भी confuse था कि यहाँ से निकलकर क्या करूंगा. वास्तव में बाइबल के अनुसार सेवकाई क्या है. या परमेश्वर मुझसे क्या चाहता है. तब परमेश्वर के कुछ दासों ने मुझे समझाया जो आज हम इस लेख में पढ़ने जा रहे हैं.
सेवकाई की परिभाषा:
” एक अविश्वासी को सुसमाचार सुनाकर विश्वास में लाना और उसे कदम दर कदम बढ़ाते हुए यीशु मसीह के समान (स्वभाव) में बढ़ने में मदद करना ही सेवकाई है“
परमेश्वर के दास – रौन
कलीसिया में मसीही सेवा
ये हम पाते हैं 2 पतरस 1:4-10 में. जहाँ लिखा है (यीशु मसीह) के द्वारा (परमेश्वर) ने हमें बहुमूल्य और बहुत ही बड़ी प्रतिज्ञाएं दी हैं: ताकि इन के द्वारा तुम उस सड़ाहट से छूट कर जो संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है, ईश्वरीय स्वभाव के समभागी हो जाओ।
2 पतरस 1:4-10
प्रत्येक विश्वासी को परमेश्वर चाहता हैं कि जब तुम अविश्वास में थे तब सड़ाहट में थे. तो सुसमाचार सुनकर हम विश्वास में आ गए और जब विश्वास में आयें हैं तो अब बढ़ते हुए ईश्वरीय स्वभाव में बढ़ जाएं.
हममें से कोई भी किसी को यीशु के समान नहीं बना सकते लेकिन हम स्वयं भी और दूसरों को यीशु मसीह के समान बढ़ने में मदद जरुर कर सकते हैं यह एक प्रक्रिया है, जो उम्र भर चलती है.
प्रभु यीशु ने कलीसिया का निर्माण इसीलिए किया ताकि एक अविश्वासी उसमें जब आए तो वह कदम दर कदम बढ़ता हुआ यीशु के समान बन जाए. क्योंकि कलीसिया का सिर यीशु मसीह है. वही कलीसिया का आदर्श है.
और ऐसा करने के लिए बाइबल में हम ये निम्न लिखित कदम देखते हैं जो 2 पतरस 1:4-10 में पाए जाते हैं.
कलीसिया में मसीही विश्वासी के 5 नियम या कदम
पढ़ें सेवकाई क्या है बाइबल का दृष्टिकोण
पहला नियम विश्वास :
पहला नियम और कदम है विश्वास. विश्वास सुनने से आता है और सुनना मसीह के वचन से होता है. अर्थात सुसमाचार सुनकर ही एक व्यक्ति विश्वास में आ सकता है.
और प्रभु के राज्य में शामिल हो जाता है. लेकिन बहुत बार बड़ी बड़ी चंगाई सभाओं में या क्रुसेड में जब अविश्वासी लोग प्रभु के सुसमाचार को सुनते हैं तो विश्वास कर लेते हैं.
और जब वह प्रचारक या सेवक जिसने मीटिंग आयोजित की थी वह चला जाता है तो यह अभी अभी विश्वास किया हुआ व्यक्ति को संगती और शिक्षा नहीं मिल पाती.
जिसके कारण वह फिर से उसी पुरानी दशा में लौट जाता है. इसलिए 2 पतरस 1:4 में लिखा है इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्न करके, अपने विश्वास पर सदगुण बढ़ाओ.
दूसरा कदम चेले बनना है
V, 4 जब एक व्यक्ति विश्वास कर लेता है तो उसे अपने जीवन में सद्गुणों को लाकर अर्थात मसीही गुणों में बढ़ते हुए यीशु मसीह का एक शिष्य या चेला बनना चाहिए.
प्रभु यीशु मसीह ने भी अपने महान आदेश में कहा था. मत्ती 28:19 इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो।
प्रभु के एक चेले को प्रभु के वचनों से प्रेम करना होगा कलीसिया के लोगों से प्रेम करना होगा और बाइबिल अध्ययन में बढ़ना होगा. वह लगातार संगती में बढेगा. दूसरों को भी सुसमाचार सुनाएगा, और चेले बनाएगा.
तीसरा कदम सदस्य बनना है
वचन 5. सदगुण में समझ…अर्थात बाइबल की समझ …जब एक विश्वासी सद्गुणों में बढ़ता है और बाइबल की समझ उसे होने लगती है तब वह तीसरे कदम में आता है उसका नाम है सदस्य बनना.
कलीसिया का सदस्य बनने के लिए वह पानी में उतर कर गवाही देता है जिस प्रकार युहन्ना बप्तिस्मा देने वाले ने यीशु को किया था और वह विश्वासी प्रभु भोज में शामिल होने लगता है.
कलीसिया की और भी अन्य कार्यक्रम में भाग लेने लगता है. उसे कलीसिया का सदस्य कहा जाता है.
चौथा कदम है अगुवा या लीडर बनना
एक अगुवा वचन . 5 के अनुसार संयम रखना सीखने लगता है. वह अब लोगों पर दोष नहीं लगाता. जिम्मेदारी उठाने लगता है. अब अपने कर्तव्य मालुम होते हैं.
वह भी एक प्रार्थना सभा को सम्हालने लगता है. वह भी कलीसिया में पासवान या सुसमाचार प्रचारक के साथ जाकर कार्यों में हाथ बंटाता है. धीरज रखता है सब बातों को सहता है, और लोगों के संग भाई चारे के प्रीति रखता है.
पढ़ें मसीही अगुवा (लीडर) के पांच अद्भुत क्वालिटी
पांचवा कदम यीशु मसीह के समान बनना
परमेश्वर हरेक विश्वासी से चाहता है कि वो सड़ाहट से छूटकर ईश्वरीय स्वभाव में बढ़ते चले जाएं. इस कदम में आने के लिए सभी विश्वासी पासवान, अगुवे सभी कार्य कर रहे हैं. ताकि जब हम उसके पाए जाएं तो अपने लिए परमेश्वर से उस शब्द को सुन सकें शाबास मेरे विश्वास योग्य दास…..
Conclusion | निष्कर्ष
इस लेख में हमने देखा कि कलीसिया में मसीही सेवा क्या है. यदि आप एक विश्वासी हैं तो देखिये आप किस कदम में हैं. यदि आप किसी भी क्षेत्र में परमेश्वर ने रखा है. विश्वास करें इस वचन के अनुसार वो आपसे चाहते हैं. कि आप और मैं उसके पुत्र यीशु के स्वभाव में बढ़ते चले जाए. और उसी प्रकार लोगों की भी बढ़ने में मदद करें.
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