दोस्तों आज हम सुनेंगे नामान कोढ़ी की कहानी | Famous Bible story with moral lessons for adults इस हिंदी कहानी में हम सभी के लिए शिक्षा भी है तो आइये सुनते हैं.
नामान कोढ़ी की कहानी
नामान सीरिया देश के राजा का सेनापति था. वह अपने स्वामी की दृष्टि में महान पुरुष था. उस पर राजा की विशेष कृपा थी. क्योंकि प्रभु ने उसके माध्यम से सीरिया देश को विजय प्रदान की थी. नामान महाबली था. किन्तु वह कुष्ठ रोगी थी. सीरिया देश के सैनिक इस्राएल प्रदेश पर छापा मारते थे. एक बार वे छापा के दौरान इस्राएल प्रदेश से एक छोटी लड़की को पकड़ कर ले गए थे. वह नामान की पत्नी की सेवा करने लगी. एक दिन उस लड़की ने मालकिन से कहा, भला होता कि हमारे मालिक सामरी नगर में रहने वाले नबी के सम्मुख जाते. नबी मालिक को उनके कुष्ठ रोग से स्वस्थ कर सकते हैं. (2 राजा 5:1-3)
अपने कष्ट भरी परिस्थिति का भी इस्तेमाल करें
अपने कष्टों को हम किस प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं बिना कष्ट के प्रभु के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं.
यहाँ एक लड़की है जो नामान की पत्नी की सेवा कर रही है और इस्राएल से बन्धुआई में गुलाम बनाकर लाई गई है.
लेकिन उसका नाम और कोई जानकारी बाइबिल में नहीं दिया गया है. लेकिन उसने बहुत अद्भुत काम किया. जिसके कारण यह कहानी बाइबल में प्राप्त होती है.
नामान बहुत सामर्थी योद्धा था सीरिया देश ने बहुत से युद्ध इसी योद्धा के कारण बहुत से युद्ध जीते थे. वहाँ का राजा इससे जरुर बहुत ही खुश था.
क्योंकि नामान के कारण ही इस देश का नाम इतना ऊंचा हुआ था. इतना प्रसिद्ध योद्धा होने के बावजूद वह अपने अन्दर ही अन्दर बहुत हीन भावना से ग्रसित रहा होगा क्योंकि वह कोढ़ी था.
उसके दास लोग जब उसके वस्त्र बदलते होंगे तब वह बहुत बुरा महसूस करता होगा. कोढ़ के घाव और दाग उसके पूरे शरीर में थे.
कोढ़ एक भयानक बीमारी होती है जिसमें शरीर गलता जाता है और पूरे शरीर में दाग पड़ने लगते हैं.
सारे देश में नामान और उसके परिवार की जय जयकार होती होगी लेकिन अपने स्वयं के घर में वे दुखी थी.
उस समय इस रोग का कोई इलाज नहीं था. शायद वे रोते भी होंगे. जो इस छोटी से गुलाम लड़की ने देखा और वह एक दिन कहती है.
यदि मेरा स्वामी इस्राएल देश के सामरी गाँव में जाता तो वहां के नबी के द्वारा चंगाई प्राप्त कर लेता.
इस छोटी लड़की जो स्वयं गुलाम थी लेकिन उसने उस गुलामी में भी अपने परमेश्वर अपनी गवाही देना नहीं भूली.
वो विश्वास करती थी कि वो स्वयं चाहे किसी भी परिस्थिति में क्यों न हो लेकिन वह परमेश्वर के हाथों में है.
परमेश्वर अपनी सामर्थ से अभी भी कुछ भी कर सकता है. उसे परमेश्वर की सामर्थी पर पूरा भरोसा था.
दूसरों की खेती सींचो तुम्हारी भी सींची जाएगी
उसी आश्वासन में उसने यह सुसमाचार उस गुलामी की अवस्था में सुनाई. वह लडकी अपने दुःख पर ध्यान नहीं देकर अपने स्वामी को चंगाई देने की बात सोचती थी.
एक परमेश्वर को जन को हमेशा ऐसा ही होना चाहिए अपनी समस्या पर ज्यादा ध्यान न देकर हमें दूसरों की समस्या का समाधान करने पर विचार करना चाहिए.
क्योंकि जो दूसरों की खेती को सींचता है उसकी खेती भी सींची जाएगी.
बहुत से लोग जो अपनी ही समस्या पर लगातार चिंता करते रहते हैं. वो लोग निराशा में चले जाते हैं. लेकिन जो दूसरों की समस्या का समाधान खोजते हैं परमेश्वर उन्हें अगुवा बनाता है और उठाता है.
आशीषों से भरता है. हम युसूफ की कहानी में देखते हैं जो स्वयं जेल में था लेकिन वह दूसरों की सहायता करता था.
और एक दिन परमेश्वर ने उसे पूरे देश का प्रधानमंत्री बना दिया.
उसी प्रकार इस लड़की ने भी अपनी गुलामी की समस्या पर ध्यान न देकर अपने मालिक की भलाई कहाँ होगी उस पर ध्यान किया.
उसने बताया इस्राएल में एक भविष्यवक्ता है जो मेरे स्वामी को चंगाई दे सकता है. वो जो कर सकती थी उसने किया और बाद की कहानी बताती है जिसके कारण परमेश्वर ने असम्भव को सम्भव किया.
जब हम जो कर सकते हैं वो करते हैं बाकी का काम परमेश्वर करते हैं जो अद्भुत होता है बहुत बड़ी आशीष का कारण होता है.
बाइबिल बताती है नामान अपने दास सैनिकों को लेकर जब वहां जाता है और एलिशा भविष्यवक्ता की बात मानकर यरदन नदी में 7 बार डूबकी लगाता है तब पूरी रीति से चंगाई पाता है.
उसका कोढ़ पूरी रीती से दूर हो जाता है और उसका शरीर एक बच्चे के समान सुन्दर हो जाता है.
तब वह परमेश्वर की आराधना करने लगता है और कहता है पूरी दुनिया में इस्राएल के यहोवा परमेश्वर को छोड़ और कोई परमेश्वर नहीं है.
यह सब कुछ संभव हो पाया एक गुलाम लड़की की बहादुरी के साथ गवाही देने के द्वारा.
आपका एक साहसिक कार्य या प्रभु की गवाही कई बार अद्भुत कर सकती है जिसकी शायद आपने कल्पना भी न की होगी.
परमेश्वर आज आपसे चाहता है आप वो करें जो आप कर सकते हैं बाकी का काम परमेश्वर करेंगे.
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Conclusion
बाइबिल की कहानी मतलब नामान कोढ़ी की कहानी से हम सीखते हैं मनुष्य चाहे कितना भी प्रसिद्ध हो या धनवान क्यों न हो सभी मानव जाति को परमेश्वर की आवश्यकता है.
और वो छोटी बच्ची हमें यह संदेश देती है कि हमारी परिस्थिति कैसी भी क्यों न हो या हमारी उम्र कितनी भी क्यों न हो हम परमेश्वर के लिए इस्तेमाल हो सकते हैं.
इसलिए प्रभु के विषय में चर्चा करना और अपनी गवाही देने से कभी न चूकें. प्रभु आपको बहुत आशीष दे.
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