दोस्तों आज हम मुंह के शब्दों पर नियंत्रण | The power of spoken words in the Bible सीखेंगे. जीभ पर नियंत्रण मतलब हमारे मुंह से निकलने वाले शब्द कितने प्रभावशाली होते हैं.
मुंह के शब्दों पर नियंत्रण
ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोच विचार के बोलना तलवार की नाई चुभता है परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं. (नीतिवचन 12:18)
कहते हैं मुंह में लगी चोट जल्दी ठीक हो जाती है लेकिन मुंह से लगी चोट कई बार कभी नहीं ठीक होती. शब्द दुनिया में सबसे खतरनाक हथियार हो सकते हैं.
इसके गलत चलने से बहुत से परिवार रिश्ते और खानदान नाश हो गए हैं. कोई व्यक्ति बुद्धिमान है या मूर्ख यह तभी पता चलता है, जब वह अपना मुंह खोलता है और कुछ बोलता है.
इसलिए सावधान रहे क्योंकि एक बार मुंह से निकले शब्द की क्षमा तो मिल सकती है लेकिनं उसे भुलाया नहीं जा सकता.
मेरे पिता जी कहा करते थे, बेटा जो भी बोलो सोचकर बोलो लेकिन जो कुछ सोचते हो सब कुछ मत बोलो.
क्योंकी शब्द तो Free होते हैं लेकिन उनकी एक भारी कीमत चुकानी पड़ती है.
बिना विचारे मूर्खता से बोलना चोट पहुंचाता है, उसी प्रकार सोच समझ कर उत्तम शब्दों के द्वारा चंगाई आती है,
टूटे और निराश हृदय के लोगों को हौसला मिल जाता है. सांत्वना के और प्रोत्साहन के शब्द जैसे मरते हुए व्यक्ति के अंदर जीवन की स्वांस फूंक देते हैं.
जिस प्रकार स्वर्गदूत के द्वारा लाए गए परमेश्वर के वो शब्द कि, “ हे शूरवीर सूरमा इसी सामर्थ में जा “ सुनकर एक डरा हुआ गुलामी में पड़ा हुआ व्यक्ति गिदोन ने शक्तिशाली कदम उठाया और न केवल स्वय को बल्कि पुरे देश को गुलामी से आजाद करवा लिया.
उसी प्रकार हमें भी अपने शब्दों का चयन बहुत बुद्धिमानी से सोच समझ कर करना चाहिए.
See the Good and Say the Good का फार्मूला अपनाएं
See the good and say the good का फार्मूला अपनाएं मतलब लोगों के जीवन में अच्छाई देखने की कोशिश करें और उसे बता दें कि उसके अन्दर या जीवन में यह अच्छाई है.
याद रखें हमारे शब्द वो बीज हैं जो जमीन में नहीं लोगों के दिल में बोये जाते हैं और आज नहीं तो कल उसकी फसल जरुर काटना पड़ेगा… इसलिए सावधान रहें कि आप क्या बो रहे हैं.
विश्वास करें यह सुनकर उसे अच्छा लगेगा. शुरुआत अपने इर्द गिर्द के लोगों के साथ करें. लोगों में गलतियां तो पूरी दुनिया देखती है.
आप और मैं उनसे अलग हैं हम प्रभु यीशु के समान कहने पाएं जैसे यीशु ने नतनएल को अपनी ओर आते देखकर उसके विषय में कहा, देखो, यह सचमुच इस्त्राएली है: इस में कपट नहीं. (यूहन्ना 1:47)
आप हमारे प्रभु यीशु के समान लोगों के अन्दर अच्छाई को देखना शुरू करें और हिम्मत कर के उसे उस अच्छाई से अवगत करा दें और देखों कुछ ही दिनों में आपका स्वयं का जीवन और भी बेहतर हो जाएगा.
इससे फर्क नहीं पड़ता लोग आपसे क्या कहते हैं लेकिन इस बात को याद रखना शब्दों में और विचारों में दुनिया बदलने की सामर्थ होती है.
-John Keating
इसलिए आइये जीवनदायी, प्रोत्साहन भरे हुए, नम्र, सकारात्मक शब्दों को बोलना सीखें. विश्वास करें आपके शब्दों में गजब की ताकत है.
उसमें जीवन देने की सामर्थ्य है आइये अपने सामर्थी शब्दों को दुनिया की बेहतरी के लिए इस्तेमाल करें.
Conclusion
जुबान में हड्डी नहीं होती लेकिन उसके द्वारा निकले शब्द हड्डियाँ तोड़ देते हैं. हमारे शब्द तो हो सकता है दस सेकेण्ड के हों लेकिन उसके द्वारा लगे घाव दस वर्षों तक भरते नहीं.
विश्वास करते हैं आज का लेख मुंह के शब्दों पर नियंत्रण आपकी आत्मिक उन्नति के लिए बहुत ही लाभकारी होंगे और इसे आप और इसे आप आत्मिक उन्नति के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. आप हमारे हिंदी बाइबिल स्टडी app को गूगल प्ले स्टोर से डाउन लोड आप इस लिंक से उस लेख को पढ़ सकते हैं..
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