दोस्तों एक विषय है जिस पर कोई बात नहीं करता लेकिन हम करेंगे वो है मौत. जो अटल सत्य है तो आइये विचार करें आपकी मृत्यु पर लोग क्या कहेंगे…आइये शुरू करते हैं.
आपकी मृत्यु पर लोग क्या कहेंगे ?
Introduction
मैं एक कहानी से शुरू करना चाहता हूँ, यह कहानी का वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है. बस इस लेख को समझने के लिए यह कहानी बनाई गई है.
काल्पनिक मजेदार कहानी
कि एक बार एक धनी व्यक्ति जो व्यापार के सिलसिले में बहुत दिनों से बाहर था. वह अपने घर पर आता है.
वह सबसे पहले अपने बेटे और बेटी से मिलना चाहता है और पत्नी के लिए भी उसने बाहर से कुछ गिफ्ट लेकर आया है.
लेकिन जैसे ही वह अपने घर के पास आता है तो क्या देखता है….कि वहां उसके घर के बाहर बहुत से लोगों की भीड़ लगी हुई है.
वह देखता है लोग बड़े दुखी होकर वहां खड़े हुए हैं. कुछ रो रहे हैं कुछ सिर झुका कर हाथ में फूल लिए हैं. उसके कुछ समझ में नहीं आता है…
वह जल्दी जल्दी अपने घर पहुंचना चाहता है लेकिन भीड़ ज्यादा होने के कारण वह तुरंत घर अपने दरवाजे तक नहीं पहुँच पाता…
वह लोगों को हटाते हुए अपने घर के दरवाजे के पास जैसे ही पहुँचता था तो देखता है. उसके घर के बाहर एक लकड़ी का ताबूत रखा हुआ है मतलब किसी की मृत्यु हो गई है.
वह देखता है उसका बेटा भी जीवित है पत्नी भी है और बेटी भी है फिर यह कौन मर गया है. और इसकी लाश मेरे घर के साम्हने क्यों रखी हुई है.
वह बिना किसी से पूछे ही सीधे उस ताबूत का ढक्कन हटा कर देखना चाहता है कौन व्यक्ति मर गया है. तो क्या देखता है यह तो उसकी स्वयं की लाश है.
उसकी मृत्यु हो चुकी है. वो आश्चर्य करता है अरे मैं तो जीवित हूँ यहाँ खड़ा हूँ लेकिन कोई मुझे देख क्यों नहीं रहा. वह चाहता है कि जोर से चिल्लाए और सभी को बताए देखो मैं जिन्दा हूँ…
लेकिन तभी वहां का पादरी (पास्टर) आकर सभी को कुर्सी में बैठने को कहता है और कहता है कृपया शांत हो जाइए. इतना सुन कर सभी अपनी अपनी कुर्सी में बैठ जाते हैं….
यह व्यक्ति भी अपनी ही लाश के किनारे चुपचाप बैठ जाता है….अब पादरी साहब कहते हैं इस बॉडी
(पार्थिव शरीर) को अंतिम क्रिया के लिए अर्थात दफनाने ले जाने से पहले यदि कोई इनके विषय में कुछ बोलना चाहता है तो बोल सकता है.
बहुत ही कम लोग सामने आकर कहते हैं…हाँ ये अच्छे व्यक्ति थे. ..कुछ लोग हिचकिचाते हुए कहते हैं हाँ ये सुबह सुबह मिलते थे तो नमस्कार कहते थे…..
फिर बेटा कुछ कहता है….मेरे पिता मेरे लिए सब कुछ लाकर देते थे. लेकिन मैं चाहता था कि वो मेरे साथ ज्यादा समय बिताएं….
फिर पत्नी खड़ी होती है….यह व्यक्ति बड़े ध्यान से सुनना चाहता है कि उसकी पत्नी क्या कहती है उसके विषय में….उसके आँखों में आंसू बहने लगते हैं…
वो सोचता हैं कि कहीं यह मेरे विषय में कुछ नकारात्मक बातें न बोले ……और तभी उस व्यक्ति की आँख खुल जाती है और वह नींद से जाग उठता है……
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कहानी की सीख
विश्वास करता हूँ आपको उपरोक्त कहानी अच्छी लगी होगी और आप भी जानना चाहते होंगे कि उसकी पत्नी ने आखिर क्या कहा उसके विषय में….
लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा जरूरी यह सोचना है कि लोग आपके विषय में क्या कहेंगे. और उससे भी कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है हमारा सृष्टिकर्ता परमेश्वर हमारे विषय में क्या कहेंगे.
मृत्यु एक अटल सत्य है. इसे ताला नहीं जा सकता… लेकिन वर्तमान हमारे हाथ में है यदि हम इसका बुद्धिमानी से भरपूर इस्तेमाल करेंगे तो हम इस जीवन को अपने जीते जी स्वयं के लिए और बहुतों के लिए लाभकारी बना सकेंगे.
और हमारे जीवन को लोग यदि एक शब्द में (summarize) संक्षिप्त में अच्छा कहेंगे तो हमें भी अच्छा लगेगा. आप क्या चाहते हैं परमेश्वर आपके विषय में क्या कहे.
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बाइबिल में परमेश्वर ने कई लोगों को संक्षिप्त नाम दिया जो इस प्रकार हैं
अब्राहम – परमेश्वर ने अपना मित्र कहा (याकूब 2:23)
मूसा – को परमेश्वर ने अपना नम्र दास कहा . (व्यवस्था 34:5,10)
दानिएल – को अति प्रिय कहा (दानिएल 9:23)
दाउद – को अपने मन का सा व्यक्ति कहा (प्रेरितों के काम 13:22)
अय्यूब – को परमेश्वर ने खरा सीधा, परमेश्वर का भय मानने वाला और बुराई से दूर रहने वाला कहा (अय्यूब 1:8)
सूबेदार – को कहा इसका विश्वास बड़ा है (मत्ती 8:10)
कुरनेलियुस – को दान देने वाला और परमेश्वर का भय मानने वाला कहा (प्रेरित 10:1,2,22)
उनेसिमुस – को विश्वासयोग्य प्रिय भाई कहा.( कुलु. 4:9) पौलुस – को एक चुना हुआ पात्र कहा (प्रेरित 9:15)
लेकिन कुछ लोगों को जो उसके तोड़ो के विषय में विश्वासयोग्य नहीं थे उन्हें उसने दुष्ट दास कहा. (मत्ती 25:26)
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Conclusion
आइये विचार करें हम उसकी सेवा या जो कुछ उसने हमें दिया है उसका कैसा इस्तेमाल कर रहे यदि हम इस दुनिया से जब कूच करेंगे तो लोग और हमारा परमेश्वर हमारे विषय में क्या कहेगें.
किसी ने कहा है जब हम इस दुनिया में आये तो हम रो रहे थे और सभी हँस रहे थे. ऐसा जीवन जिए ताकि जब हम इस दुनिया से जाएं तो हम हँसे और सब रोने पाएं.
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बहुत ही अच्छी कहानी है।।ये वाकई मे सोचने की बात है।।
Thank you so much Dear Suraj singh प्रभु आपको बहुत आशीष दे