दोस्तों आज हम सीखेंगे और चर्चा करेंगे कि परमेश्वर किस मनुष्य का उपयोग करता है | Characteristics of the man God uses ताकि उन गुणों को हम भी अपने जीवन में लाये और परमेश्वर के लिए इस्तेमाल हों.
क्या आप भी चाहते हैं कि परमेश्वर आपको अपने राज्य की बढ़ोत्तरी के लिए इस्तेमाल करें तो जरुर है हमारे अन्दर इन बातों का होना जरूरी है. तो आइये जानते हैं
परमेश्वर किस मनुष्य का उपयोग करता है
जो पूछता है | He ask (नेहम्याह 1:2)
नेहम्याह हकल्याह का पुत्र था, जो शूशन नामक राजगढ़ में रहता था, तब यरूशलेम से कुछ लोग उसके पास आते हैं तो नेहम्याह अपने देश यरूशलेम के विषय में हनानी नामक एक यहूदी भाई से पूछता है.
अर्थात जानकारी लेता है. तब उसे पता चलता है, कि उसके देश की हालत ठीक नहीं है. वहां की शहरपनाह टूटी हुई है और फाटक जले हुए हैं.
जो चिंता करता है | Those who care (नेहम्याह 1:4)
यह बातें सुनते ही नेहम्याह बैठ कर रोने लगा और कितने दिन तक विलाप करता और स्वर्ग के परमेश्वर के सम्मुख उपवास करता और यह करकर प्रार्थना करता रहा.
हे स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा, हे महान और भययोग्य परमेश्वर. तू जो अपने प्रेम रखने वाले और आज्ञा माननेवाले के विषय अपनी वाचा पालता और उन पर करुणा करता है.
शमुएल जब बालक था उस समय में परमेश्वर का वचन दुर्लभ था. कोई भी परमेश्वर की आवाज नहीं सुन पा रहा था. परमेश्वर की नजर उस बच्चे पर पड़ी जो वेदी के पास सो रहा था.
शमुएल शमुएल….परमेश्वर उन्ही से बाते करता है जो उसके वचन की और उसके लोगो की चिंता करता है. इतने
जिस प्रकार यशायाह ने कहा था प्रभु तू मुझे भेज मैं जाऊँगा. यदि आप उसके लोगों के लिए चिंतित हैं वो आपसे बातें भी करेगा और आपका इस्तेमाल भी करेगा. God speak for those who care.
वो प्रार्थना करने वाला था | He prays (नेहम्याह 1:9)
उसकी प्रार्थना में परमेश्वर के वचन थे. वह परमेश्वर के वचन के द्वारा प्रार्थना करता था. हे प्रभु क्या तूने यह नहीं कहा, क्या आपकी यह प्रतिज्ञा नहीं है क्या प्रभु तू हमारी प्रार्थना नहीं सुनेगा.
यह बाइबल परमेश्वर की भाषा है. परमेश्वर से उसकी भाषा में ही बातें करें. इसे पढ़ें, याद करें मनन करें और इसके अनुसार ही प्रार्थना करें.
नेहम्याह 9:3 में लिखा है वे एक पहर तक परमेश्वर के वचन सुनते रहे और पश्चाताप करते ही रहे. अर्थात लगभग तीन घंटे तक परमेश्वर के वचन पढ़ते और मनन करते थे.
हम लोग दिन में कितने देर तक परमेश्वर के वचन पढ़ते हैं या उसमें समय बिताते थे. कई बार हम केवल रात को सोने जाते समय एक लाइन की प्रार्थना करते हैं प्रभु हमारे दिन भर की किये हुए पापों को क्षमा कर.
हम कैसे जाने कौन सी बात गलत है या सही है ये परमेश्वर का वचन ही हमें बताता है. जो परमेश्वर के वचन को अपने जीवन में सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण रखता है परमेश्वर उसे इस्तेमाल करता है.
उसकी प्रार्थना पश्चाताप की प्रार्थना थी. वह कहता है मैं इस्राएलियों के पापों को जो हम लोगों ने तेरे विरुद्ध किये हैं मान लेता हूँ. मैं और मेरे पिता के घराने दोनों ने पाप किया है.
उसने इंतजार नहीं किया कि उसके लोग पश्चाताप करें और परमेश्वर से क्षमा मांगे लेकिन वह स्वयं ही क्षमा मांगने लगा. (नेहम्याह 1:9)
वह अगुवाई करने लगा. | He leads (नेहम्याह 2:20)
वो पूछता है, चिंता करता है और प्रार्थना करता है और फिर वह अगुवाई करता है. ऐसे व्यक्ति को कौन रोक सकता है. वह कहता है स्वर्ग का परमेश्वर हमारा काम सफल करेगा इसलिए हम उसके दास कमर बांधकर बनाएंगे. (नेहम्याह 2:20)
जब वह चला था तब तो अकेला था लेकिन अब उसके साथ इतने लोग कहाँ से आ गए. उसकी भाषा मैं से हम कैसे हो गई.
देखिये जब परमेश्वर के काम के लिए कोई पूरे दिल से खड़ा होता है तब परमेश्वर उसके साथ उसके जैसे मन वाले लोग उसकी सहायता के लिए खड़ा कर देता है. यह परमेश्वर का काम है.
वह अकेला चलता है | He walks alone (नेहम्याह 13:31)
नेहम्याह की पुस्तक में उसके अंतिम शब्द ये थे वो प्रार्थना करते हुए कहता है, हे मेरे परमेश्वर, मेरे हित के लिए मुझे स्मरण रख. (नेहम्याह 13:31)
जब वह यरूशलेम की टूटी हुई दीवार बनाने निकला था तो वह अकेला था और जब 52 दिनों में दीवार को बना कर पूर्ण कर दिया और वापस अपने काम के लिए राजा के पास लौट गया.
लेकिन दुबारा जब वह यरूशलेम को वापस आया तो लोग अपने चाल चलन को बिगाड़ चुके थे. अन्यजातियों से विवाह करके अशुद्ध हो चुके थे.
तब उसने लोगों को चिताया और आराधनालय में लोगों को वापस आराधना करने को प्रेरित किया. लेकिन अंत में वह परमेश्वर से प्रार्थना करता हुआ अपने आपको अकेला पाता है. leaders always walk alone.
Conclusion | निष्कर्ष
विश्वास करते हैं यह लेख कि परमेश्वर किस मनुष्य का उपयोग करता है पढ़कर आशीष प्राप्त हुई होगी कृपया कमेन्ट करके अवश्य बताएं आप हमारे हिंदी बाइबिल स्टडी app को गूगल प्ले स्टोर से डाउन लोड आप इस लिंक से उस लेख को पढ़ सकते हैं.. हमारे इन्स्ताग्राम को भी फोलो कर सकते हैं…
इन्हें भी पढ़े
जीवन में दुःख और सुख दोनों जरूरी हैं
पवित्र बाइबिल नया नियम का इतिहास
हम कैसे विश्वास को बढ़ा सकते हैं
प्रतिदिन बाइबल पढ़ने के 25 फायदे
God bless u….both
धन्यवाद भाई सूरज प्रभु आपको भी बहुत आशीष दे