हैलो दोस्तों आज हम दो ऐसी बेहतरीन प्रेरणादायक short stories पढने जा रहे हैं जो हमें जीवन की गहरी सोच देती हैं, कि जीवन में हमें कैसे शान्त मन रखना चाहिए और निर्णय लेने में बहुत ज्यादा देर नहीं कर देनी चाहिए.
शांत मन की शक्ति
चुप हो जाओ, और जान लो, कि में ही परमेश्वर हूँ मैं जातियों में महान हूँ, परमेश्वर तेरा परमेश्वर मैं ही हूँ ।
(भजनसंहिता 46:10)
बरेला नामक गाँव के एक जवान की एक माह बाद शादी होने वाली थी जिसके कारण वो बहुत ही खुश था। अभी अभी मंगनी हुई थी जिसमें उपहार के रूप में उसकी होने वाली पत्नी ने उसे एक सुंदर घड़ी दी थी।
जवान लड़का एक बढ़ई का काम करता था। बड़ी खुशी से वो बार बार लोगों को बताता देखो कितनी सुंदर घड़ी है। कभी पहनता कभी उतार कर अपने पास ही रख लेता और मन ही मन सोच सोचकर बहुत प्रसन्न होता। कारखाने में बहुत से लोग काम कर रहे थे।
लंच समय में सबने उसे बधाई दी और घड़ी देखी और तारीफ की। लेकिन यह क्या काम समाप्त होने से पहले ही उसने पाया कि उसके पास वो सुंदर घड़ी नहीं है कहीं खो चुकी है
उसने सबसे पूछा लेकिन सबने मना कर दिया। चारों ओर लकड़ी का बरूदा और लकड़ी का कचरा था, दोस्तों ने भी उसके साथ मिलकर खूब ढूँढा परन्तु वो घड़ी कहीं नहीं मिली। लड़का बड़ा ही उदास हो गया, बुरे बुरे ख्याल उसके मन में आने लगे…
सोचने लगा उसकी होने वाली पत्नी क्या सोचेगी कैसा लापरवाह लड़का है। जो मेरी दी हुई एक घड़ी को न सम्हाल पाया वो मुझे क्या सम्हालेगा। कहीं वो रिश्ता न तोड़ दे क्या वो मुझसे विवाह करेगी…
सोच सोच कर उसकी आँखों से आंसू टपकने लगे। तब तक सभी जा चुके थे,,,उसका मन उस स्थान को छोड़ने का नहीं कर रहा था। अब कारखाना बंद होने वाला था, सभी मशीने बंद थी, सभी लोग अपने घर जा चुके थे कारखाने में सन्नाटा था।
जवान लड़का मुंह लटकाए शांत बैठा था.
तभी उसने बहुत धीमी आवाज सुनी, ‘टिक…टिक…टिक…टिक आवाज सुनते ही जैसे इस लडके में जान सी आ गयी और वह जल्दी ही उस स्थान से बरूदा हटाकर देखने लगा जहाँ से घड़ी की आवाज आ रही थी और उसे उसकी घड़ी मिल गयी जिसे उसने खो दिया था। कई बार हमारे बहुत से सवाल हम परमेश्वर से पूछते हैं।
सवालों का जवाब हमारे आस पास ही होता है जिसे परमेश्वर हमसे कहता है परन्तु दुनिया भर के शोरगुल के कारण हम परमेश्वर की आवाज या आत्मा की आवाज नहीं सुन पाते…शांत हो जाएं…वो धीमी आवाज सुनने की कोशिश करें।
==========+++++=====+++++=====+++++======
भविष्य बताने वाली मशीन
हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होताहै, एक समय है।
(सभोपदेशक 3:1)
बद्रीनाथ व्यापार के लिए अमेरिका जाने के लिए पूरी तैयारी के साथ हवाई अड्डे में बैठा हुआ था. अभी हवाई जहाज को निकलने के लिए लगभग एक घनता बचा हुआ था. बोरियत से बचने के लिए वो हवाई अड्डे के अंदर ही टहलने लगा.
अंदर ही टहलने लगा, तभी उसने सामने एक मशीन देखी जिसमें लिखा था एक रूपए का सिक्का डालिए और अपने विषय में भविष्य की जानकारी प्राप्त कीजिए। इस व्यक्ति को कुछ अटपटा लगा कि यह कैसे हो सकता है?
एक मशीन मनुष्य के भविष्य के विषय में कैसे बता सकती है. उसने मशीन को एक बार आजमाना चाहा. तुरंत उस मशीन के पायदा पर चढकर उसने सिक्के डालने के स्थान के एक रूपये का सिक्का डाला. मशीन में से आवाज आयीं….
नमस्कार आपका नाम बद्रीनाथ है, आपकी उम्र 40 वर्ष है और आपकी अमेरिका जाने वाली फ्लाईट आज 3:15 PM पर है. सुनते ही बद्रीनाथ के तो जैसे पाँव के नीचे से जमीन ही खिसक गयी.
उसने मशीन के आगे पीछे आश्चर्य से देखा…सोचने लगा ऐसे कैसे हो सकता है, किसने इस मशीन को मेरे बारे में बताया. वह तुंरत बाथरूम में गया और अपनी दाड़ी काट कर अपना हुलिया बदल लिया और जल्द ही फिर से उस मशीन के सामने आकर खड़ा होकर सिक्का डाला ….
अभी भी वही आवाज आई, “नमस्कार, आपका नाम अभी भी बद्रीनाथ है, आपकी उम्र अभी भी 40 वर्ष है आपकी अमेरिका जाने वाली फ्लाईट आज 3:15 PM पर है”.
बद्रीनाथ को अभी भी लगा जैसे कोई उसका मजाक उड़ा रहा है कोई तो है जो उसे देख रहा है और उसे मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहा है. उसने इस बार फिर से दूसरी मंजिल के बाथरूम में गया और अपने आप को पूरी तरह से बदल लिया भिखारी के जैसे बन गया…
और अपने चेहरे को कपड़े से छिपाते हुए फिर से उसी मशीन पर खड़ा हुआ और सिक्का डाला. मशीन ने फिर वही कहा, “नमस्कार आपका नाम अभी भी बद्रीनाथ है, आपकी उम्र अभी भी 40 वर्ष है, परन्तु आपकी अमेरिका जाने वाली फ्लाईट जो आज 3:15 PM पर थी वो छूट चुकी है….
इन्हें भी पढ़ें
परमेश्वर की भेंट पर तीन अद्भुत कहानियां
बाइबिल का महत्व (प्रेरणादायक कहानियां)
तुम मसीह की सुगंध हो (sermon outline)
भजन संहिता 23 की (Sermon Outline)