Majedar Story नाम सुनकर ही मजा आ जाता है, मजेदार स्टोरी वास्तव में न केवल बच्चों को प्रोत्साहित करती हैं बल्कि सयानों का भी ध्यान आकृषित करती हैं. मुझे कहानी पढना और सुनाना बहुत पसंद है. कई बार मेरे मित्र लोग मजेदार स्टोरी teller भी कहते हैं. तो चलो आज मैं आपको कुछ short story in hindi में सुनाता हूँ.
मजेदार स्टोरी इन हिंदी | मजेदार रोचक कहानियाँ
मजेदार स्टोरी को आप अपने घर में या किसी छोटी सभा में भी सूना सकते हैं. दरसल मजेदार स्टोरी का काम ही होता है लोगों के ध्यान को अपनी ओर आकृषित करके उन बातों को बताना जो सभा का मुख्य विषय है.
यह भारत में सभी जगह प्रचलित है. लोग हमेशा शोर्ट स्टोरी को सुनना चाहते हैं. किसी भी कक्षा, सभा या गोष्टी में यदि आपने एक मजेदार स्टोरी सुना दी तो समझ लो आपने लोगों के बीच समा बाँध दिया और लोग आपको बहुत आदर से सुनते भी हैं.
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मजेदार स्टोरी #1 – | स्वर्ग और नरक
"इस कारण जो कुछ तुम चाहते हो, कि मनुष्य तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो;" मत्ती 7:12
एक गाँव में एक लालची व्यक्ति रहता है वह सपने में देखता है, कि वह मर गया है. और स्वर्गदूत उसे उठा कर ले जा रहे हैं. तब एक स्वर्ग दूत उससे पूछता है.
हे मनुष्य बता तू कहाँ जाना चाहता है स्वर्ग या नरक. वह मनुष्य उत्तर देता है. मैं ऐसे नहीं बता सकता आप पहले मुझे ले चलकर दिखाइये कि स्वर्ग कैसा होता है और नरक कैसा होता है तब मैं आपको बताऊंगा कि मुझे कहाँ रहना है.
इस बात पर स्वर्ग दूत खुश हो जाता है और उससे कहता है ठीक है तो बताइए मैं आपको पहले कहाँ ले जाकर दिखाऊं. पहले आप नरक देखना चाहते हैं या स्वर्ग? उस व्यक्ति ने उत्तर दिया मुझे पहले नरक दिखाइये.
जब स्वर्ग दूत ने उसे नरक के ऊपर से ले जा रहा था तब इस व्यक्ति ने नीचे देखा, वहाँ एक बड़ी मेज लगी थी और उस मेज में बहुत से भाँती-भाँती के स्वादिष्ट लजीज भोजन रखे हुए थे लेकिन लोग उन्हें खा नहीं पा रहे थे.
क्यों उन सभी के दोनों हाथों में पाँच-पाँच फीट के बड़े बड़े चमचे बंधे थे जिसके कारण कोई भी भोजन को अपने मुंह तक नहीं ले जा पा रहा था. और यही कारण था कि सभी बड़े ही कमजोर और दुबले पतले नजर आ रहे थे.
और हर दिन ऐसा ही स्वादिष्ट भोजन उन्हें परोसा जाता था लेकिन उनमें से कोई भी कुछ भी नहीं खा पा रहा था. तब उस व्यक्ति ने स्वर्गदूत से कहा, मुझे अब स्वर्ग के दर्शन भी करवा दीजिए.
स्वर्ग दूत ने उस व्यक्ति को स्वर्ग के ऊपर ले जाकर दिखाया तो इस व्यक्ति ने क्या देखा, कि यहाँ भी एक बड़ी मेज लगी हुई है. और इसमें इर्द-गिर्द भी बहुत से लोग बैठे हुए हैं उनके हाथों में भी 5-5 फीट की चम्मच बंधी हुई हैं.
लेकिन सभी बड़े आनन्द से भोजन का आनन्द ले रहे हैं. वे ऐसा इस लिए कर पा रहे हैं क्योंकि वे सभी एक दूसरे को अपनी चम्मचों से खिला रहे हैं.
जिसे जो चाहिए उसके साथ बैठा व्यक्ति उसे खिला रहा है. तभी उस व्यक्ति की नींद खुल गई. और उसने निर्णय लिया आज से मैं अपने जीवन में लालच और कंजूसी को त्याग दूंगा.
कहानी की शिक्षा :- इस मजेदार स्टोरी की शिक्षा यह है, “कि यदि हम लालच को छोड़कर इस जीवन में एक दूसरे की सहायता करेंगे तो हमें भी वह सब कुछ मिल जाएगा जो हमें चाहिए. और हम इस पृथ्वी पर ही रहते हुए स्वर्ग का अनुभव कर सकेंगे.”
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मजेदार स्टोरी #2 – | बंदरिया और उसका बच्चा
“तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना।”
नीतिवचन 3:5
मुझे पूरा विश्वास है आपने बंदरिया और उसके बच्चे को अवश्य देखा होगा. बंदरिया अपने बच्चे से कहती है.
तू मुझ पर पूरा विश्वास करना मैं तुझसे प्रेम करती हूँ तू मेरा प्रिय बच्चा है.
मैं तुझे एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक और इसी रीती से एक जंगल से दूसरे जंगल लेकर जाउंगी.
लेकिन तेरा कर्तव्य है कि तू मुझसे लिपटे रहना, मै जब तुझे ऊंचाई पर अर्थात ऊंचे ऊंचे पेड़ों की डाल पकड़ कर लटकती हुई छलांग लगाऊं तब तू ऊंचाई को देखकर डर मत जाना और मुझे मत छोड़ देना.
तू मुझे कसकर पकड़े रहना मैं तुझसे वायदा करती हूँ मैं तुझे कभी नहीं त्यागुंगी और तुझे उत्तम से ऊतम फलों को खिलाऊँगी.
कहानी की सीख :- ठीक इसी प्रकार हमारा परमेश्वर हमसे कहता है. चाहे कितनी भी मुसीबत आये संकट आये वह हमें नहीं छोड़ेगा वह हमें ऊंचे ऊचें स्थानों में लेकर जाएगा.
आशीषित करेगा लेकिन शर्त इतनी है हम उसे किसी भी हालत में न छोड़े अपनी बुद्धि का सहारा न लें वरन सम्पूर्ण मन से उसी पर भरोषा करें.
एक मां भी अपने दूध पीते बच्चे को भूल जाए तो भूल जाए लेकिन उसका वायदा है वो परमेश्वर हमें कभी नहीं छोड़ेगा और न कभी त्यागेगा. (यशायाह 49:15)
मजेदार स्टोरी #3 – | धन्यवाद की सामर्थ
"हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।" (1 थिस. 5:18)
एक बार एक व्यक्ति स्वर्ग गया उसने क्या देखा कि स्वर्ग में कई ऑफिस हैं और हर ऑफिस में एक स्वर्गदूत बैठा हुआ है. जब यह व्यक्ति पहले ऑफिस में पंहुचा तो देखा वह बहुत तेजी से काम कर रहा है.
इस व्यक्ति ने उसे सम्बोधित करते हुए कहा, Good Morning आप कैसे हैं. उस स्वर्ग दूत ने आँख उठाकर भी नहीं देखा…वह लगातार तेजी से कुछ बड़े से रजिस्टर में लिख रहा था.
उसने लिखते हुए ही जवाब दिया Good Morning….i am doing good. मतलब मैं बढ़िया हूँ…. तब इस व्यक्ति ने बड़े आश्चर्य से पूछा आप ये क्या लिख रहे हैं.
और इतने सारे रजिस्टर आपने लिख कर भर दिए…तब उसने लिखते हुए ही जवाब दिया…परमेश्वर ने मुझे यह काम दिया है….
कि इस धरती में जो भी कोई कुछ प्रार्थना में मांगे उसकी सभी मांग और जरूरतें मैं इस रजिस्टर में लिखूं इसलिए….
मुझे थोड़ी सी भी फुरसत नहीं है…..यह व्यक्ति आश्चर्य करता हुआ दूसरे ऑफिस पहुंचा तो देखकर और भी आश्चर्य में पड़ गया….
वहां भी एक स्वर्गदूत था उसके पास भी एक बड़ा सा रजिस्टर था… एक pen था लेकिन यह स्वर्गदूत बड़े आराम से अपनी आराम कुर्सी पर बैठ कर आराम कर रहा था.
इस व्यक्ति ने इस स्वर्गदूत को भी Good Morning करके पूछा अरे आपको कोई काम नहीं है क्या….आप तो बढ़िया आराम कर रहे हैं.
तब उस स्वर्गदूत ने कहा, हाँ मुझे कोई काम नहीं है क्योंकि मुझे परमेश्वर ने यह काम दिया है जब किसी व्यक्ति की प्रार्थना सुन ली जाती है…
और वह अपना प्रतिफल प्राप्त करके धन्यवाद करता है तो मुझे केवल यह लिखना है कि उस व्यक्ति ने कितने बार धन्यवाद दिया.
कहानी की शिक्षा :- इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा और हर बात के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए. क्योंकि परमेश्वर की यही इच्छा है.
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मजेदार स्टोरी #4 – | अवसर की मूर्ति
"अवसर को बहुमूल्य समझो," (इफिसियों 5:15)
अवसर जब भी चला जाता है तभी पता चलता है कि वह अवसर था…यह सोचकर एक राजा ने अपने राज्य में यह घोषणा करवा दी जो कोई भी अवसर की मूर्ति बनाएगा उसे ईनाम दिया जाएगा.
राजा देखना चाहता था कि आखिर यह अवसर दिखता कैसा है. बहुत से मूर्तिकार आये लेकिन जैसे सुना कि अवसर की मूर्ति बनाना है.
सभी पीछे हट गए. बहुत समय के बाद एक बुद्धिमान व्यक्ति ने एक भव्य मूर्ति बनाई और उस पर लाल रंग का कपड़ा डालकर राजा के पास लेकर आया.
राजा ने कहा यह क्या है. उसने कहा महाराज यह अवसर की मूर्ति है. राजा ने जब उस मूर्ति से कपड़ा हटाया तो देखा वह तो बड़ी अजीब सी मूर्ति है.
सिर के सिर में आधे बाल हैं और वह भी लंबे लंबे बाल मुंह को ढाकें हुए हैं. और पीछे से देखने पर वह मूर्ति में आधे सिर में बाल ही नहीं हैं टकली मूर्ति है. राजा को समझ में नहीं आया…
मूर्ति पैर के अंगूठे पर खड़ी थी….और उसके पैरों और हाथों में पंख थे….
तो राजा ने कहा यह कैसा मजाक है. मूर्तिकार बताओ तुमने यह क्या बनाया है…तब बुद्धिमान मूर्तिकार ने राजा और राजमहल के सभी सम्माननीय लोगों को समझाया…
महाराज यह पैरों के अंगूठों में खड़ी मूर्ति है और उसके हाथों और पैरों में भी पंख है क्योंकि अवसर हमेशा गतिमान और भागने को तैयार रहता है.
और जब अवसर आता है तो उसे कोई पहचान नहीं पाता क्योंकि उसका मुंह बालों से ढंका हुआ है. और जब वह अवसर चला जाता है तो पछताकर उसके पीछे भागते हैं…
लेकिन कोई उसे पकड़ नहीं पाता क्योंकि वह पीछे से टकला है उसके पीछे हिस्से में बाल नहीं हैं.
यह सुनकर राजमहल के सभी लोगों ने जोरदार तालियाँ बजाई और राजा ने भी खुश होकर उस मूर्तिकार की बुद्धिमानी के लिए उसे इनाम दिया.
कहानी की सीख :- हमें समय असमय हमेशा तैयार रहना चाहिए क्योंकि कोई नहीं जानता कि अवसर कब आएगा…यदि हम हमेशा तैयार रहेंगे तो अवसर आने पर पछताना नहीं पड़ेगा. उस अवसर का भरपूर फायदा उठा सकेंगे.
दोस्तों विश्वास करते हैं यह मजेदार स्टोरी आपको पसंद आयीं होंगी. ऐसे ही मजेदार स्टोरी के लिए आप हमें कमेंट्स कर सकते हैं और लोगों को भी शेयर कर सकते हैं. धन्यवाद.
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