दोस्तों आज हम हिजकिय्याह का घमंड बाइबल संदेश के विषय में देखेंगे. What did Hezekiah do with his 15 years.
हिजकिय्याह का घमंड बाइबल सन्देश
2 राजा 20:1-19 राजा हिजिक्कियाह एक भला राजा था यहूदा देश में राज्य कर रहा था. परमेश्वर की इच्छा पर चलता था. लेकिन वह इतना बीमार पड़ता है.
यशायाह नबी उसके पास आकर कहता है अपने घराने के विषय में जो आदेश देना है वो दे दो क्योंकि ईस बीमारी से आप बचोगे नहीं मर जाओगे.
इस पर राजा परमेश्वर के सम्मुख बिलख बिलख कर रोता है. और अपनी चंगाई माँगता है. तब परमेश्वर यशायाह से पुन: कहता है जाओ उस राजा से कहो कि वह नहीं मरेगा मैंने उसे 15 साल और दे दिया है.
यह बात बेबीलोन के राजा को पता चलती है तो वो बेबीलोन का राजा अनमोल पदार्थ और सोना चांदी लेकर आता है. तब हिजिक्कियाह अपने मेहमान को अपने खजाने और अनमोल वस्त्र सब कुछ दिखा देता है.
यह बताना चाहता है कि हम कितने ज्यादा धनी और सामर्थी हैं. और इस प्रकार वह दिखावा करता है. इस पर भविष्यवक्ता यशायाह राजा हिजिक्कियाह को क्रोध करके कहता है यह तुमने क्या किया.
हिजकिय्याह का घमंड बाइबल सन्देश में उसकी गलतियों से दो बातें हम सीख सकते हैं.
1. हिजिक्कियाह ने परमेश्वर से सलाह नहीं माँगा.
हिजिक्कियाह अभी अभी मौत के मुंह से उठा है मलतब परमेश्वर ने उसे जीवन दान दिया है, लेकिन वह परमेश्वर से प्रार्थना करके सलाह मांगने के बजाय अपना दिखावा कर रहा है अपना धन दौलत एक अन्य जाति राजा को दिखा रहा है.
लेकिन परमेश्वर से कुछ नहीं पूछा. जब तक राजा हिजिक्कियाह परमेश्वर से प्रार्थना करके और सलाह मांग कर कार्य करता था तब तक उसके जीवन में और उसके राज्य में आशीषें ही आशीषें थीं.
लेकिन परमेश्वर की आशीषों पर वह लोगों के सामने अपना घमंड या दिखावा करने लगा. जो उसकी एक भारी गलती थी. शायद हिजिक्कियाह के मन में आया होगा दूसरे राजा को भी बता दें कि हम भी किसी से कम नहीं हैं.
इसलिए उसने गर्व में आकर अपना धन और वैभव दिखाने लगा. ये गलती हमसे भी हो सकती है. इसलिए सावधान रहें.
2. जो कुछ मेरे भवन में है मेरे भण्डार में था मैंने उसे दिखाया
ये शब्द राजा ने यशायाह को कहे जब यशायाह नबी ने राजा से पूछा था कि वो ऐसा क्यों किया. इन शब्दों में घमंड साफ़ दिखाई देता है, यह भवन और भण्डार यहूदा का था न कि राजा का.
लेकिन वह कह रहा है यह मेरा था और मैंने उसे दिखाया. बाइबल कहती है विनाश से पहले घमंड आता है. लेकिन दीनता और नम्रता से रहने वाले व्यक्ति को परमेश्वर उचित समय में उठाता है और शिरोमणी बनाता है.
आइये हम घमंडी नहीं बल्कि दीन बने. जो सम्पति हमारे पास है, उसके विषय में हमें घमंड नहीं करना चाहिए. बहुत बार लोग अपने आपको ऊंचा और ऊंची जात के विषय में बताने में नहीं चुकते.
बहुत बार ऊंची जात और धन पर इतना घमंड हो जाता है, कि एक विश्वासी दूसरे विश्वासी को नीचा देखता है और तुच्छ समझने लगते हैं.
जो परमेश्वर को कभी नहीं भाता. जब हम प्रभु यीशु में हैं तो हम एक नई सृष्टि हैं. और सब पुरानी बातें बीत गई. इसलिए हमें कभी भी किसी व्यक्ति के लिए ठोकर का कारण नहीं बनना चाहिए.
हमें अपने आप से पूछना चाहिए, क्या मेरे जीवन के इस दिखावे से प्रभु को अच्छा लगेगा या नहीं. क्या मैं किसी दूसरे व्यक्ति के लिए ठोकर का कारण तो नहीं बन रहा हूँ.
मेरे बात करने में मैं अपने मुंह मिया मिठ्ठू तो नहीं बन रहा बतलब खुद की तारीफ़ तो नहीं कर रहा हूँ. दूसरे तेरी तारीफ करे तो करे लेकिन तू स्वयं की तारीफ़ न करना.
जब हम किसी को दान करें तो उसमें भी दिखावा नहीं करना है, दान गुप्त में दें. हमें अपने आत्मिक जीवन में जैसे उपवास या प्रार्थना में भी हमें दिखावा नहीं करना चाहिए.
Conclusion
प्रभु यीशु ने कहा, तुम कपटी या ढोंग नहीं करना दूसरो को दिखाने के लिए तुम्हारे धर्म के काम नहीं होने चाहिए. हम जब दूसरे को दिखाने के लिए ये सब काम करते हैं तो हम परमेश्वर से प्रतिफल नहीं पायेंगे.
तो आइये हिजकिय्याह का घमंड बाइबल सन्देश से हम सीखते हैं दिखावा या घमंड छोड़कर प्रभु के सामने दीन और नम्र बने ताकि उचित समय में वो हमें बढ़ाए. प्रभु आपको इन वचनों से आशीष दे.
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