दोस्तों आज हम सीखेंगे आज का पवित्र बाइबल वचन | Short Bible Study Lessons in Hindi जिसे हम एक लघु बाइबल मनन के रूप में पढ़ सकते हैं.
आज का पवित्र बाइबल वचन | Short Bible Study Lessons in Hindi
हमारे पाप हमें ढूढ़ ही लेते हैं. | Your Sin will find you out
"परन्तु उस काम से जो दाउद ने किया था परमेश्वर यहोवा क्रोधित हुआ." (2 शमुएल 1127)
दाउद उर्रियाह की पत्नी के साथ किये गए अपने एक पाप को छिपाने के लिए पाप पर पाप करता चला गया.
वो अपने पाप को लोगों से छिपाने में तो सक्षम था, क्योंकि वह राजा था और सामर्थी था लेकिन वह यह भूल गया वो अपने परमेश्वर से कुछ भी नहीं छिपा सकता.
हम जो भी करते हैं वो परमेश्वर से कभी नहीं छिपा सकते वो सब कुछ देखता है, उसकी आँखें धर्मियों पर लगी रहती हैं. हमारे पाप हमें ढूढ़ ही लेते हैं.
प्रभु का धन्यवाद हो परमेश्वर का वचन हमें बता देता है कि कौन सी बात से परमेश्वर प्रसन्न नहीं होता, और कौन कौन सी बातें प्रभु को प्रसन्न करती हैं.
जब हम हमारे जीवन में केवल लोगों को प्रसन्न करने का यत्न करते रहते हैं तब हम गलत रास्ते का चुनाव कर लेते हैं और लोगों के सामने स्वयं को धर्मी ठहराने की कोशिश में पाप के दलदल में फंसते चले जाते हैं.
लोगों के सामने स्वयं को अच्छा दिखाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. लेकिन हमारा विवेक हमें अन्दर ही अन्दर दोषी ठहराता रहता है.
हम अन्दर ही अन्दर दूषित महसूस करने लगते हैं. और खोखला अनुभव करते हैं. और धीरे धीरे अपने उद्धार के आनन्द को खो देते हैं.
और ऐसा जीवन परमेश्वर को क्रोध दिलाता है ऐसे जीवन जीकर हम अपने परमेश्वर के साथ अलगाव लेकर आते हैं.
ऐसे समय हमारा परमेश्वर जो हमारे मन के विचारों को भी पढता और पूरी रीति से जानता है चेतावनी देता है.
यदि हम उसके पवित्र आत्मा के प्रति संवेदनशील हैं तो हम अवश्य उसकी धीमी आवाज को सुन सकेंगे.
दाउद के पास भविष्यवक्ता के भेजा जाना
राजा दाउद से परमेश्वर क्रोधित था लेकिन फिर परमेश्वर ने उसे तुरन्त नाश नहीं कर दिया. बल्कि उसके पास अपने एक विश्वासयोग्य भविष्यवक्ता नातान को भेजा.
नातान नबी ने राजा का भय खाए बिना उसे बड़े सावधानी से एवं स्पष्टता से उसके पापो से उसे अवगत करा दिया. परमेश्वर का दिल दया और करुणा से भरा हुआ है.
वो राजा दाउद से कहता है मैंने तेरा अभिषेक कर के तुझे इस्राएल का राजा ठहराया, और मैंने तुझे शाऊल के हाथ से बचाया, फिर मैंने तेरे स्वामी का भवन तुझे दिया, और सब मैंने इस्रैल और यहूदा का घराना भी तुझे दिया था.
और यदि यह थोड़ा था तो मैं तुझे और भी बहुत कुछ देने वाला था. तू ने यहोवा की आ गया तुच्छ जानकार क्यों वह काम किया जो उसकी दृष्टि में बुरा है ?
दाउद की पाप क्षमा के लिए प्रार्थना
यह सब कुछ सुनकर राजा दाउद पश्चाताप से भर गया क्योंकि वह परमेश्वर से प्रेम करता था. हालाकि इस पाप का परिणाम राजा दाउद को भुगतना पड़ा.
उसका पुत्र नवजात शिशु मर गया और वह भारी दुःख उठाया. उसने बाद में प्रार्थना किया प्रभु मुझ से सब कुछ ले ले लेकिन तेरा पवित्रात्मा मुझ से मत लेना.
वह कहने लगा मुझे जुफे से साफ़ कर ताकि मैं साफ़ हो जाऊं मैं अपने अपराधों को जानता हूँ, मेरा पाप निरंतर मेरी दृष्टि में रहता है. मेरे अन्दर एक शुद्ध मन उत्पन्न कर. (भजन 51)
निष्कर्ष | Conclusion
जब हम परमेश्वर का सम्मान करते हैं और उसे पूरे दिल से प्यार करते हैं, तो उसे खुश करने की कोशिश करेंगे,
चाहे सार्वजनिक हो या निजी और उसकी आज्ञाओं का पालन करना आनन्ददायक होगा. उस्न्की उपस्थिति हमारी प्रेरणा होगी.
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