दोस्तों आज हम सीखेंगे कि बाइबल से प्रचार कैसे करें | How to Preach Sermon या एक पास्टर या प्रचारक प्रचार कैसे बनाएं?
बाइबल से प्रचार कैसे करें | How to Preach Sermon
(2 तीमुथियुस 4:8)
परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह करके, जो जीवतों और मरे हों का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य की सुधि दिलाकर मैं तुझे चिताता हूँ.
कि तू वचन को प्रचार कर समय सुर असमी तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे,
और डांट और समझा क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानो की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिए बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे.
और अपने कान सत्य से फेरकर कथा कहानियों पर लगाएंगे. पर तू सब बातों में सावधान रह दुःख उठा सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा कर.
क्योंकि अब मैं अर्घ केनाइ उंडेला जाता हूँ और मेरे कूच करने का समय आ पहुंचा है.
मैं अच्छी कुश्ती लड़ चूका हूँ. मैंने अपनी दौड़ पूरी कर ली है. मैंने विश्वास की रखवाली की है. भविष्य में मेरे लिए धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है.
जिसे प्रभु जो धर्मी और न्यायी है मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं वरन उन सब को भी जो उसके प्रगत होने को प्रिय जानते हैं. (2 तिमू. 4:8)
प्रचार सबसे अधिक महत्वपूर्ण है (4:1)
पौलुस कहते हैं, परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह करके मैं तुझे चिताता हूँ. (4:1) प्रचार करना एक गंभीर कार्य है, एक परमेश्वर के दास को यह अवश्य ही करना चाहिए ताकि कलीसिया रोपण का कार्य पूरा हो सके. यह हर पासवान की बुलाहट है.
हमें परमेश्वर के वचन का प्रचार करना है न कि अपने संदेशों का (4:2)
प्रचार में हमेशा ध्यान देना चाहिए कि हम परमेश्वर के वचन को प्रचार करने के लिए बुलाए गए हैं न की अपने सांसारिक ज्ञान को.
दुनिया में अनेक प्रकार का ज्ञान है लेकिन वह ज्ञान ईश्वरीय नहीं केवल परमेश्वर के वचन को प्रचार करने से ही पवित्र आत्मा का कार्य एक व्यक्ति के जीवन में होता है,
और वह मन फिराता है और इस प्रकार उसका उद्धार होता है.
हमें तैयार रहना है (4:2)
एक प्रचारक हमेशा तैयार रहता है. यह एक ऐसा कार्य है जिसके लिए कोई समय बंधन नहीं है. कई बार पूर्ण रात्री प्रार्थना में रात को प्रचार किया जाता है,
कई बार किसी व्यक्ति को अकेले बस में या ट्रेन में यात्रा के दौरान किया जाता है. हमें भी हमेशा इस पवित्र कार्य के लिए तैयार रहना चाहिए.
प्रचार खरे उपदेश पर आधारित हो. (4:3)
बहुत बार देखा गया है केवल चमत्कार या आशीष के वचन बोलने से लोगों को और सुनाने वालों को भी अच्छा लगता है.
लेकिन कई बार लोगों के पाप को भी बता कर उन्हें अनंत काल के नरक से बचाना अति आवश्यक है. वचन प्रचार में खराई होना अति आवश्यक है.
ऐसा करने से कुछ लोग बुरा माने या पीछे हटने लगे लेकिन जो प्रभु से सच्चा प्यार करते हैं वो प्रभु के वचन के द्वारा डांटे जाने पर भी प्रभु से और प्रेम करेंगे, और बुद्धिमान हो जायेंगे.
प्रचार समर्पण की मांग करता है (4:5)
सच्चे प्रचारकों को कई बार बहुत दुःख उठाना पड़ता है, आंसू बहाना पड़ता है. निराशाजनक कठिन समय से होकर जाना होता है.
ऐसे समय में प्रभु यीशु की और देखते रहें. ऐसे समय में याद रखें हम इस दुनिया का काम नहीं कर रहे बल्कि स्वर्ग के परमेश्वर का कार्य कर रहे हैं.
प्रचार एक सुसमाचार प्रचारक का कार्य है (4:5)
एक सुसमाचार प्रचारक को केवल प्रचार ही नहीं करना बल्कि अपने विश्वास की भी रखवाली करना है. अपने चालचलन को ध्यान से देखते रहना है. सभी को प्रचार करके स्वयं लापरवाह नहीं होना.
प्रचार का प्रतिफल मिलेगा (4:9)
संत पौलुस. “धार्मिकता के मुकुट” के विषय में कहते हैं यीशु के प्रति विश्वासयोग्य सेवा के कारण हम सुसमाचार के प्रचारकों को अवश्य प्रतिफल मिलेगा. जो इस दुनिया के तमाम धन दौलत से कहीं बढ़कर होगा.
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