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Revival in Christianity | मसीही आत्मजागृति

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दोस्तों आज हम Bible से सीखेंगे मसीही आत्मजागृति कैसे आती है मतलब Revival in Christianity का क्या अर्थ होता है. तो आइये शुरू करते हैं.

मसीही आत्मजागृति | Revival in Christianity

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Image by John Hain from Pixabay revival-in-christianity
इस कारण वह कहता है, हे सोने वाले जाग और मुर्दों में से जी उठ; तो मसीह की ज्योति तुझ पर चमकेगी. (इफिसियों 5:14) 

इस पवित्र bible वचन को समझने के लिए हमें इफिसियों 5:1-15 आयत तक पढ़ना चाहिए. लेकिन हमारा focus इस 14वें वचन में होगा.

परमेश्वर का दास संत पौलुस इफिसियों की कलीसिया को holy spirit में भरकर Inspiration के साथ लिखते हुए कहता है, “हे सोने वाले जाग” और मुर्दों में से जी उठ और यदि उठ जाओगे तो मसीह की ज्योति तुझ पर चमकेगी.

यह वचन हमें भविष्यवक्ता यशायाह के 60:1 की याद दिलाता है जहाँ लिखा है उठ, प्रकाशमान हो, क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है. और यहोवा का तेज तेरे उपर उदय हुआ है.

जमीन में दबा हुआ जो कोयला है उसे नहीं मालुम कि वो भी एक आग का गोला बन सकता है लेकिन वह अपने आप से प्रकाशमान नहीं हो सकता. लेकिन उसके अन्दर बहुत बड़ा Potential उसी प्रकार

मसीह यीशु में एक विश्वासी के अन्दर भी बहुत बड़ा Potential है यदि वह जाग जाए. वह अंधकार से भरे हुए संसार में एक ज्योति के समान चमकने लगेगा.

मसीहियों को जागने की जरूरत है.

रोमियो 13:11 में लिखा है समय को पहचानो तुम्हारे लिए नींद से जाग उठने का समय आ पहुंचा है, क्योंकि जिस समय तुमने विश्वास किया उस समय के विचार से अब हमारा उद्धार Salvation निकट है.

यह प्रभु के विश्वासी लोगों Christianity के Teaching के लिए लिखा गया है, ये वे लोग थे जिन्होंने विश्वास किया और धार्मिक ठहराए गए थे. पहले वह जाग रहा था लेकिन अब आत्मिक रूप से ऊंघ रहा है.

जवान पीछे हट रहे हैं. लोगों का विश्वास ठंडा हो रहा है. शैतान को परिवार में अवसर मिल रहा है जिसके कारण परिवार टूट रहे हैं.

ऐसे भी विश्वासी हैं उन्हें पता भी नहीं चल रहा की उनके साथ क्या हो रहा है. उन्हें कोई परवाह नहीं है क्योंकि वो सो रहे हैं. उन्हें जागने की जरूरत है. ऐसे ही रोजमर्रा का जीवन जी रहे हैं.

सोने वाले सपनों की दुनिया में खोए रहते हैं.

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ज्यादातर लोग सोने वाले हैं वो सपने देख रहे हैं. वे सपनों के संसार में खोए रहते हैं. वे सपनों में ही जीते हैं. उन्हें अपने वर्तमान समय की परिस्थिति से कोई लेना देना ही नहीं है. क्योंकि वास्तव में उन्हें कुछ पता ही नहीं है.

आत्मिक रूप से मूल्य समाप्त हो रहा है. वह dream world में जी रहे हैं. वो एक ऐसे मिथ्या सुरक्षा में जी रहे हैं. वो सोचते हैं कि वे सुरक्षित हैं. परमेश्वर का वचन ही हमें जगाता है.

उदाहरण :- योना को परमेश्वर ने नीनवे जाने को कहा लेकिन वह परमेश्वर के सम्मुख से भागकर तरसुस जाने के लिए जहाज में चढ़ा और दाम देकर नीचे भाग में सो गया.

परमेश्वर के विरुद्ध जाने के कारण सो रहा है सच्चाई से भागते हुए बढ़िया से सो रहा है.

दूसरा उदाहरण :- शिमशोन, एक बलवान सामर्थी व्यक्ति अपने शरीर की अभिलाषा के कारण दलीला की गोद में सो रहा है. शरीर का आनन्द पूरा करने के लिए उसका पैर फिसल गया.

तीसरा उदाहरण है :- प्रभु यीशु मसीह के शिष्य भी सो गए थे. गतसमने के बाग़ में सो गए. उस समय को और परिस्थिति को पहचान नहीं पाए. यीशु मसीह आंसुओं के साथ प्रार्थना कर रहा था लेकिन उसके चेले सो रहे थे.

जब हमारे जीवन में धन और सुख सुविधा बढ़ जाती है तो व्यक्ति सोने लगता है. अनेक लोग इस सुख विलास के कारण अपने आत्मिक जीवन में सो गए हैं.

मत्ती 13 अध्याय में लिखा है एक व्यक्ति ने खेत में बीज बोया और अपने दिल में एक संतुष्टि पाकर सो गया. और फिर क्या हुआ शैतान आकर उसके खेत में जहरीले बीज बोकर चला गया.

अपने जीवन के अंतिम समय में भी हमें सोना नहीं है. बहुत से लोग है जो बड़ी उम्र में आकर सो जाते हैं. जैसे नूह के जीवन में हुआ.

जब जलप्रलय हुआ उसके पहले तो वह जागृत था और आत्मा से भरा हुआ था और जलप्रलय के बाद हम देखते हैं दाखरस पीकर अपने जीवन में आत्मिक रीती से सोने लगा.

हम एक अच्छी शुरुआत करते हैं लेकिन हमें एक अच्छा अंत भी करना चाहिए. लूत की कहानी भी ऐसी ही है शुरुआत तो अच्छी थी लेकिन अंत में आत्मिक रीती से सो गया और उसका अंत हम सभी जानते हैं. सदोम और अमोरा में क्या हुआ था. वचन हमसे कहता है जागो.

जागृति का परिणाम क्या होता है.

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एक जागे हुए का चिन्ह क्या होता है. यहाँ हम उस बात को नहीं कर रहे हैं कि आराधना में हमें अच्छा लगा. लेकिन यह वचन हमें बताता है.

बुराई दुष्टता से अलगाव का जीवन शारीरिक अशुद्धता से भागना. यह वचन हमें बताता है अशुद्धता और लालच आदि हमारे बीच नहीं होना चाहिए.

वचन 4 में लिखा है न निर्लज्ज़ता, न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की, क्योंकि ये बातें सोहती नहीं, वरन धन्यवाद ही सुना जाएं.

ये सब बाते आती कहाँ से हैं दिल से जो दिल में होगा वही बाहर आएगा. जिसका दिल शुध्द है उसका परिवार भी पवित्र होगा और समाज भी सुधरेगा और देश भी पवित्र बन जाएगा.

अन्धकार के निष्फल कामों में सहभागी न हो. (वचन. 11)

जहाँ आपको लगता है मेरे विश्वास faith and Belief के साथ यदि कोई समझौता हो रहा है वैसे स्थान से हमें भागना है. वहां से अलग हो जाओ.

पुराने समय में जब एक सकरे कुंएं में कोई उतरना चाहता था तो पहले एक बाल्टी में एक मोमबत्ती जलाकर उसे कुंएं में उतारता था यदि वह मोमबत्ती बीच में बुझ जाती थी तो समझ लेते थे कि वहाँ आक्सीजन नहीं है.

जिस स्थान में हमारी उन्नति नहीं वहां क्यों जाना.

गुप्त बातों की चर्चा भी लज्जा की बात है. (वचन. 12)

हमारी बातें संसार की बातों के जैसे नहीं होना चाहिए. संत पौलुस कहते हैं, तुम संसार के सदृश्य न बनो बल्कि तुम्हारी सोच के नए हो जाने से तुम्हारा चालचलन भी बदलता जाए. (रोम 12:1)

मूर्खता की बातें निर्लज्जता की बातें अश्लील बातें हमारे मुंह से भी नहीं निकलना चाहिए. परमेश्वर God हमसे उच्च स्तर का अलगाव चाहते हैं.

जब हम परमेश्वर की इच्छा के अनुसार चलते हैं तो उसका प्रकाश उसकी महिमा हमारे उपर प्रगट होती है.

यह जानने का प्रयत्न करो की प्रभु को क्या भाता है. (वचन 10 )

एक व्यक्ति जब जागृति को प्राप्त करता है तब वह अपने कामों से और अपने जीवन से परमेश्वर को प्रसन्न करने की कोशिश करता है. वे लोग अपने आप को प्रसन्न नहीं करते.

और न ही लोगों को प्रसन्न करते हैं. पौलुस गलातियों 1:10 में कहते हैं, यदि मैं अब तक मनुष्यों को ही प्रसन्न करता रहता तो मसीह का दास न होता.

जो हमेशा अपने आप को ही प्रसन्न करता रहता है वह एक दिन बहुत ही निराश और हताश हो जाता है. जैसे एक बुद्धिमान और धनवान व्यक्ति सुलेमान ने अपने आप को खुश करने के लिए अच्छे अच्छे भवन बनाया.

अनेक विवाह किये और जो चाहा वह किया लेकिन अंत में कहता है व्यर्थ है सब कुछ व्यर्थ है. यदि आप दूसरों को प्रसन्न करने वाले हैं तो आप अवश्य असफल रहेंगे.

इसलिए आत्मिक जागृति प्राप्त करने के लिए प्रभु को प्रसन्न करें. जब आपकी तारीफ़ कोई करें तब प्रभु की महिमा करें जब कोई निंदा करें तो नम्र हो जाएं. ध्यान रखें की आपके जीवन से प्रभु को महिमा मिल रही है कि नहीं. यही प्रभु को भाता है.

भलाई के कामों से फलवंत होते हैं. (वचन 11)

जब प्रभु की ज्योति हमारे अन्दर आती है तो अन्धकार दूर हो जाता है और ज्योति के फल हमारे जीवन में दिखाई देने लगते हैं. हम भलाई करने लगते हैं.

भलाई करने के लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है, honesty से आप जो करते हैं भलाई करें जिस तरह से कर सकते हैं करें, जहाँ कर सकते हैं वहां करें जिस तरीके से कर सकते हैं करें.

आज हम अपने इर्द गिर्द धोखे से भरा समाज देखते हैं. सत्य और भलाई देखने को नहीं मिलती ऐसे समय में आत्मिक जागृति से भरा व्यक्ति अपने community के लिए भलाई करने वाला होगा.

ऐसे व्यक्ति को देखकर लोग प्रभु को ग्रहण करेंगे.. प्रभु यीशु Jesus Christ की ज्योति हम पर चमकेगी और ऐसा प्रकाश compassion के साथ समाज को परिवर्तित कर देगा.

Conclusion | निष्कर्ष

जागृति वाला व्यक्ति परमेश्वर के प्रेम (God’s love) से भरा हुआ होगा. प्रेम करने वाला व्यक्ति क्षमा करने वाला व्यक्ति होगा बलिदान करने वाला होगा.

उसका Spiritual life Prayer करने वाला होगा ऐसे व्यक्ति जागे हुए व्यक्ति हैं. उसकी Testimony होगी की वह फलवन्त जीवन, Purity, honesty और Holiness से भरा हुआ परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला जीवन है.

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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं) rajeshkumarbavaria@gmail.com


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