स्वर्ग-कौन-जा-सकता-है

Who will go to heaven according to the bible | स्वर्ग कौन जा सकता है

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दोस्तों आज हम बहुत ही रुचिकर विषय पर बात करेंगे जिसका शीर्षक है Who will go to heaven according to the bible | स्वर्ग कौन जा सकता है ? तो आइये शुरू करते हैं.

Who will go to heaven according to the bible | स्वर्ग कौन जा सकता है

स्वर्ग-कौन-जा-सकता-है
Image by Peggy und Marco Lachmann-Anke from Pixabay स्वर्ग-कौन-जा-सकता-है
बाइबिल में लिखा है,  "प्रभु, तेरे शिविर में कौन ठहर सकता है, तेरे पवित्र पर्वत पर कौन निवास कर सकता है? वह मनुष्य जिसका आचरण निर्दोष है. जो सत्कर्म करता है, जो ह्रदय से सच बोलता है. जो अपने मुंह से पर -निंदा नहीं करता जो अपने साथी के साथ बुराई नहीं करता है. जो अपने पड़ोसी के विषय में अपवाद नहीं फैलता है. जिसकी दृष्टि में अधार्मिक मनुष्य तुच्छ है, पर जो प्रभु के भक्तो का आदर करता है, जो हानि उठाकर भी अपने वचन से नहीं फिरता, जो अपना घन ब्याज पर नहीं देता, जो निर्दोष मनुष्य के विरुद्ध घूस नहीं लेता ये कार्य करने वाला मनुष्य सता अटल रहेगा." (भजन संहिता 15) 

Ask right questions | भजन संहिता 15

एक बुद्धिमान व्यक्ति सही जवाब देने के बजाय सही सवाल करता है और यदि सही सवाल सही समय में किया गया तो उसका सही जवाब अपने आप प्रगट हो जाता है.

इसलिए यदि हमें सही जवाब चाहिए तो हमें सही प्रश्न करना चाहिए. यहाँ परमेश्वर अपने वचन में एक सवाल/प्रश्न करते हैं और स्वयं ही उसका बेहतरीन उत्तर देते हैं.

परमेश्वर का आत्मा ने राजा दाउद के जरिये इस वचन को हमारे लिए दिया है. सवाल है कि हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?

इसका अर्थ है स्वर्ग में कौन रहेगा या स्वर्ग में कौन जा सकता है? स्वर्ग अर्थात परमेश्वर की उपस्थिति तो दूसरे शब्दों में परमेश्वर की उपस्थिति में कौन रहेगा और उसके साथ हमेशा हमेशा के लिए कौन वास कर सकता है?

हम इस सवाल को और सरल भाषा में कहें तो कह सकते हैं कि हम परमेश्वर के घर चर्च में कैसे रह सकते हैं. चर्च स्वर्ग नहीं है लेकिन परमेश्वर का घर जरुर है.

और हमें यदि स्वर्ग जाना है तो हमें चर्च जाना भी जरुरी है. उद्धार केवल यीशु मसीह के द्वारा विश्वास से ही प्राप्त होता है, लेकिन जब आप प्रभु यीशु पर विश्वास कर लेते हैं तो आप और मैं यीशु मसीह की देह बन जाते हैं.

और यीशु मसीह की देह के अंग अर्थात उसकी कलीसिया से कैसे अलग रह सकते हैं. हम सभी विश्वासी उस देह शरीर के भाग हैं.

और जहाँ दो या तीन उसके नाम से एकत्र होते हैं वहां वो स्वयं उपस्थित होते हैं. तो उसकी कलीसिया में कौन बने रह सकता है? और परमेश्वर स्वयं निम्नलिखित रूप से उसका उत्तर देते हैं.

प्रेम पर बाइबिल वचन

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स्वर्ग-कौन-जा-सकता-है https://freebibleimages.org/

1. (वचन 1) – जो खराई से चलता और धर्म के काम करता है.

खराई मतलब निष्कलंक जब हम खराई से चलते हैं तो हमारे काम भी खराई और धर्म के होंगे. हम अपने धर्म के कामों से धर्मी नहीं बनते बल्कि विश्वास के कारण धर्मी बनते हैं ताकि हम धर्म के खरे काम कर सकें.

रोमियो में लिखा है कोई भी धर्मी नहीं है. एक भी नहीं. फिर हम कैसे धर्मी या खरे रह सकते हैं. हाँ केवल यीशु मसीह के कारण हम धर्मी ठहराए जाते हैं.

यीशु के लहू से हम धोए गए हैं. हम प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करने के कारण हमारे पाप धुल गए हैं और हम लगातार उसके पीछे चलने के द्वारा उस पर पूरा भरोसा रखने के कारण हम शुद्ध होते हैं.

इसलिए हमें रोज प्रार्थना करने की जरूरत हैं कि…तेरे लहू से धोले प्रभु पूरी तौर से अभी. हमारे जीवन में कई ऐसे भाग हैं जहाँ हम किसी के द्वारा हस्तक्षेप नहीं चाहते.

हम किसी को बताना भी नहीं चाहते और यह भी नहीं चाहते कोई हमें इसके विषय में बात करे या बताए. लेकिन प्रभु हमारे अंदरूनी मन को और दिल को जानता है.

हमें अपने उस छिपे हुए पापों को अंगीकार करना और क्षमा माँगना जरुरी है. राजा दाउद अपने पापों को अंगीकार करके कहता है प्रभु मुझे माफ़ कर और मुझे अंदर से जुफे से साफ़ कर.

मेरे अन्दर एक नया मन पैदा कर. कई बार हमारे पुराने पाप और छिपे हुए गुनाह के कारण हमारे मन में गिल्टी होती है बोझ होता है.

यदि हमें उन सबसे आजाद होना है तो हमें पश्चाताप करना जरूरी है. जब पुत्र तुम्हें स्वतंत्र करेगा तो तुम सचमुच स्वतंत्र हो जाओगे.

2. (वचन 1b) जो दिल से सच बोलता है.

मुंह से बोलने से पहले ह्रदय (दिल) से बोला जाता है. जो दिल में है, वही मुंह से निकलता है. जीभ एक आग है इसलिए प्रभु ने इसे हमेशा पानी मतलब गीली जगह रखा है और उसके इर्द गिर्द 32 सिपाहियों को तैनात कर रखा है. प्रभु चाहते हैं कि हम दिल से सच्चाई बोलें.

3. (वचन 3) जो अपनी जीभ से निंदा नहीं करता.

ध्यान से पढ़ें उसमे लिखा है जो अपने मित्र की बुराई नहीं करता और न अपने पड़ोसी की निंदा सुनता. एक व्यक्ति जब बुराई करता या ऐसी बुराई करने वाली मंडली की सुनता भी है तो उसके आत्मिक जीवन में बुरा प्रभाव पड़ने लगता है.

हमारे मुंह से जो भी बात निकले वह लोगों के लिए उन्नति के कारण होना चाहिए. हमें हमेशा स्मरण रखना चाहिए कि हमारा पड़ोसी भी परमेश्वर के स्वरूप में बनाया गया है. उसकी बुराई मैं कैसे कर सकता हूँ.

4. (वचन 5) जो उदारता से देता है.

जो अपना रुपया ब्याज पर नहीं देता ये बैंक में पैसे रखने आदि के विषय में नहीं है. इसका अर्थ है जो जरूरत के समय में लोगो का फायदा नहीं उठाता बल्कि उन्हें उदारता से देता है. जरुरतमंद की सहायता करता है.

इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखे परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिए सब कुछ बहुतायत से देता हा. वे भलाई करें भले कामों में धनी बनें और उदार और सहायता देने में तत्पर हों. और आगे के लिए एक अच्छी नींव डाल रखें कि सच्चे जीवन को वश में कर लें.

(1 तीमुथियुस 6:17-19)

Conclusion

तो हमने परमेश्वर के वचन से देखा कि वो जो खराई से चलता और दिल से सच कहता है और अपने जीभ से निंदा नहीं करता और उदार है वही प्रभु के भवन में उसके तम्बू में सदा बसने पाएगा. वह कभी नहीं डगमगाएगा.

विश्वास करते हैं यह लेख कि स्वर्ग कौन जा सकता है ? पढ़कर आपको अच्छा लगा होगा कृपया कमेन्ट करके अवश्य बताएं आप हमारे हिंदी बाइबिल स्टडी app को गूगल प्ले स्टोर से डाउन लोड आप इस लिंक से उस लेख को पढ़ सकते हैं.. हमारे इन्स्ताग्राम को भी फोलो कर सकते हैं… और पॉडकास्ट को सुन सकते हैं

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2 thoughts on “Who will go to heaven according to the bible | स्वर्ग कौन जा सकता है”

  1. बहुत सहज तरिके से वचनका अर्थ अपने सिकाए। परमेश्वर आपको आशिष दे।

    1. Rajesh Bavaria

      बहुत बहुत धन्यवाद फिलिप तमांग जी प्रभु आपको बहुत आशीष दे

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