हम देखते हैं इस समय में करोना वायरस एक महामारी के रूप में पूरे दुनिया में फ़ैल चुका है उसकी महामारी की कई लहरों के विषय में भी हम सुन रहे है. जिसके कारण लाखो लोगों ने अपने प्रिय जनो को खो दिया. विश्व भर में लोग भय में जी रहे हैं. इस सन्दर्भ में करोना के प्रति मसीहियों की क्या प्रतिक्रिया है उस विषय पर हम थोड़ी देर मनन करेंगे
![कोरोना-वायरस-महामारी-hindi-bible-study](https://i0.wp.com/biblevani.com/wp-content/uploads/2021/07/coronavirus-4914028_640-min.jpg?fit=1200%2C360&ssl=1)
कोरोना वायरस एक विश्वव्यापी महामारी
सरकार के द्वारा यह बीमारी एक महामारी के नाम से घोषित किया है. इसके विषय में बहुत से लोगों ने दूसरों पर उँगलियाँ उठाई हैं. कि इनके कारण यह बीमारी आई है या उनके कारण यह बीमारी आई है. यह फ़ैल रही है.
लेकिन एक मसीही होने के नाते बाइबिल हमें यह सिखाती है कि दूसरों पर दोष नहीं लगाना चाहिए. तो सबसे पहले हमें यह बात अपने जीवन में अपनाना है. यह वायरस फ़ैल चूका है अब दूसरों पर दोष लगाने से कुछ नहीं होगा.
कोरोना वायरस महामारी के समय में एक मसीही का कर्तव्य
लेकिन हम मसीही इसके प्रति क्या कर सकते हैं. यह हमें सोचना है. इस विषय में बाइबिल हमें क्या बताती है इन बातों की ओर हमें ध्यान लगाना है. और उसी के अनुसार हमें आगे बढ़ना है.
एक बात हमें अच्छे से समझना है. और वो यह है कि परमेश्वर सर्वशक्तिमान है और सब कुछ उसी के नियन्त्रण में है. जब हम कहते हैं सब कुछ उसके नियन्त्रण में है इसका मतलब है पहाड़ पर्वत, नदी, झरने स्वास्थ्य बीमारी सब कुछ.
इस बात पर हमें अच्छे से विश्वास करना है कि हमारे जीवन में जो कुछ भी होता है वह परमेश्वर की मर्जी से ही होती है. इसलिए हमें डरना नहीं है इस प्रकार कहा गया है कि बाइबिल में लगभग 365 बार लिखा गया है कि मत डर…इन दिनों में भी हमें यह विश्वास करना है परमेश्वर हमारे साथ है और हमें डरना नहीं है.
उसकी इच्छा से बाहर हमारे जीवन में कुछ भी नहीं होगा. लेकिन बात यहाँ समाप्त नहीं होती. यदि हम परमेश्वर के बच्चे हैं तो हमारे भी कुछ कर्तव्य हैं.
कोरोना वायरस महामारी परमेश्वर का क्रोध है
हम बाइबिल में देखते हैं जब भी प्रभु का क्रोध लोगों पर उतरा तब परमेश्वर ने अपने लोगों से अपनी प्रजा से कुछ उम्मीद रखता है. आइये बाइबिल की कुछ आयतों को हम देखते हैं.
2 इतिहास 7:13-14 में लिखा है परमेश्वर यहोवा कहते हैं, यदि मैं आकाश से वर्षा को न होने दूँ, और टिड्डियों को देश उजाड़ने की आज्ञा दूँ, था अपनी प्रजा में महामारी फैलाऊं. तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं. नम्र और दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी हो कर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुन कर उनके पाप को क्षमा करूँगा और उनका देश को ज्यों का त्यौं कर दूंगा.
उसका अर्थ है मैं उनके देश को चंगाई दूंगा. देश को ठीक कर दूंगा. इस वचन से हम यह सीखते हैं कि जब एक देश में पाप बढ़ जाता है तब परमेश्वर का क्रोध लोगों पर उतर आता है. इस रीति से हम देखते हैं आज के समय में हर जगह पाप बढ़ रहा है, इतने निर्दोष लोगों की हत्याएं, बलात्कार और लड़ाइयाँ भ्रस्टाचार पूरे संसार में फ़ैल चुका है
. पारिवारिक लड़ाईयां हो रही है और भाई भाई के विरुद्ध लड़ रहा है. बुराइयां बढ़ चुकी हैं. तब ऐसे सन्दर्भ में परमेश्वर कहते हैं कि ऐसे पाप के समय में मैं दंड के स्वरूप में महामारी फैलाऊंगा तब वे लोग जो मेरे कहलाते हैं. यदि मन फिराएं और नम्र हों…
ये कौन हैं जिन्हें परमेश्वर कह रहे हैं मेरे लोग. ये हम लोग हैं जो प्रभु यीशु पर विश्वास करते हैं. परमेश्वर चाहते हैं कि हम दीन हो जाए और परमेश्वर के दर्शन के खोजी हो जाएं. अपने बुरे मार्ग से फिरें और प्रार्थना करें.
कोरोना वायरस महामारी रूपी परमेश्वर के क्रोध को प्रार्थना शांत कर सकती है
प्रभु के सामने उसके लोग आयें अर्थात हम लोग आये और प्रभु से सभी पुरे देश के पापों के लिए क्षमा मांगे, और कहें प्रभु हम हम आपके बच्चे हैं हम देश के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. प्रभु आप अपने क्रोध को इस देश से और पूरे संसार से हटाना. और प्रभु आपकी प्रार्थनाओं को सुनकर इस देश से और संसार से महामारी को हटा देंगे.
दाउद ने प्रार्थना किया और महामारी रुक गई थी
एक और घटना को हम बाइबिल में देख सकते हैं जहाँ पर परमेश्वर इजराइल देश पर एक महामारी को फैलाया था. इसे हम 1 इतिहास 21:14 में इस्राएल देश में मरी फैली और लगभग 70 हजार लोग मरमिटे थे.
उस समय दाउद को अपनी गलती का एहसास होता है और दाउद परमेश्वर के साम्हने गिर जाता है. दाउद वेदी बनाता है बलिदान करता है और और प्रार्थना करता है. परमेश्वर दाउद की प्रार्थना को सुन कर उस देश में महामारी को रोक देते हैं. और देश को चंगाई देते हैं.
वेदी बनाना, बलिदान करना और प्रार्थना करने को हम नए नियम में आज इस रीति से समझ सकते हैं कि हमें अपना जीवन तैयार करना है, या पवित्र करना है अपने बुरे मार्ग से फिरना है, आराधना रूपी बलिदान को चढ़ाना है, और प्रार्थना करना है इस रीति से परमेश्वर हमारे देश को चंगा करेगे.
परमेश्वर प्रार्थना करने वाला व्यक्ति ढूँढ रहा है
एक और आयत बाइबिल में पाई जाती है. जहाँ पर लिखा है एक मसीही होने के नाते हमें क्या करना चाहिए.
मैंने उन में ऐसा मनुष्य ढूँढना चाहा जो बाड़े को सुधारे और देश के निमित्त नाके में मेरे साम्हने ऐसा खड़ा हो कि मुझे उसको नाश न करना पड़े, परन्तु ऐसा कोई न मिला.
यहेजकेल 22:30
यहाँ परमेश्वर यहेजकेल के द्वारा अपने लोगो को बता रहा है कि परमेश्वर देश के पाप के कारण उस देश को नाश करना चाह रहा था. परन्तु वह अपने लोगों में से किसी को देख रहा था खोज रहा था कि कोई ऐसा व्यक्ति मिले जो उस देश के और परमेश्वर के बीच मध्यस्तता की प्रार्थना कर सके.
लेकिन उसे कोई व्यक्ति नहीं मिला. वो प्रेमी प्रेमश्वर है वो नहीं चाहता है कि कोई दुष्ट भी नाश हो. परमेश्वर चाह रहा था काश उनके बीच में से कोई एक व्यक्ति खड़ा हो जाए. तब परमेश्वर उस देश में जो विपत्ति भेजने वाले हैं वो नहीं भेजेंगे.
इसे हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं कि जब एक पिता अपने पुत्र की गलती पर उसे अनुशासित करने हेतु छड़ी उठाता है और उसे पीटना चाहता है तभी उन दोनों के बीच मां आ जाती है. और उस लडके को बचाने की कोशिश करती है और पिता से कहती है…
कृपया इसे क्षमा कर दीजिए अगली बार यह ऐसा नहीं करेगा और इस रीति से मां बीच में आकर पुत्र को पिता के मार से बचाती है. ये हम बहुत से घरो में देख सकते हैं;
इसी प्रकार परमेश्वर चाहता है मैं और आप पापी संसार और परमेश्वर के मध्य खड़े होकर सारे संसार के लिए मध्यस्थता की प्रार्थना करें. और इस रीति से हमारा देश और संसार इस कोरोना वायरस महामारी से बच सकता है.
प्रभु इन वचनों के द्वारा आपको इस कोरोना वायरस महामारी से सुरक्षित रखे और आशीष दे.
लेखक : अनु जॉन
इन्हें भी पढ़ें
परमेश्वर की भेंट पर तीन अद्भुत कहानियां
बाइबिल का महत्व (प्रेरणादायक कहानियां)
तुम मसीह की सुगंध हो (sermon outline)