हेलो दोस्तों आज मैं आपके साथ गुप्त पाप क्या होता है नामक एक ऐसे विषय पर बात करना चाहता हूँ जिसे ज्यादातर नजरअंदाज किया जाता है. जिस पर स्पष्ट चर्चा नहीं होती यह शब्द पाप बाइबल में 763 बार प्रयोग किया गया है. आइये देखते हैं पवित्रशास्त्र बाइबल इसके विषय में क्या कहती है.
पाप का अर्थ क्या है?
पाप का साधारण सा अर्थ है परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करना. अनाज्ञाकारिता, लक्ष्य से चूकना या परमेश्वर की व्यवस्था का विरोध करना. जब हम कुछ भला करना जानते हैं लेकिन नहीं करते उसे बाइबल में पाप कहा जाता है (याकूब 4:17)
पाप के बारे में बाइबल क्या कहती है?
बाइबल बताती है सभी प्रकार का गलत काम या अधर्म जो किसी को चोट पहुंचाए या अपने आप को नुकसानदायक हो वह पाप की श्रेणी में आता है यहाँ तक कि आत्म हत्या भी सरासर पाप है. क्योंकि आप अपने नहीं हो आपको परमेश्वर ने रचा है इस पर परमेश्वर का अधिकार है न की हमारा.
इन्सान का सबसे बड़ा पाप या महापाप क्या है?
सबसे बड़ा पाप घमंड है. परमेश्वर का वचन बाइबल बताती है सर्वनाश से पहले घमंड आता है. शैतान भी एक स्वर्गदूत था लेकिन उसके घमंड ने उसे अपने स्थान से गिरा दिया. परमेश्वर को घमंड से चढ़ी हुई आँखों से नफरत है.
बहुत बार लोगों को आत्मिक घमंड भी हो जाता है कि वे दूसरों से कहीं ज्यादा पवित्र हैं और अच्छे हैं ये पाप उन्हें बड़बोलेपन की ओर ले जाता है. प्रभु यीशु ने कहा, “जो कोई पवित्रात्मा के विरुद्ध निंदा करे वह अनंत पाप का अपराधी होगा. (मरकुस 3:29)
पाप का मूल्य क्या है?
पाप का मूल्य या परिणाम मृत्यु है. बाइबल इसे पाप की मजदूरी कहती है. (रोमियो 6:20-23) जब पाप का घड़ा भरता है तो मृत्यु को जन्म देता है. अनेकों बार यह श्राप बनकर कई पीढ़ियों के लिए नुक्सान देता है. पाप करने वाला व्यक्ति परमेश्वर से दूर हो जाता है.
और जब कोई व्यक्ति बार बार चेतावनी सुनकर नहीं मानता है तो परमेश्वर उसे उस पाप में जाने देते हैं. इसका अर्थ यह है कि उसका सर्वनाश बहुत जल्दी होने वाला है जैसे मिश्र के राजा फिरोन के साथ हुआ.
पाप कितने प्रकार के होते हैं?
पाप चार प्रकार के होते हैं (1) अनजाने पाप, मतलब जो आप बिना जाने हो जाते हैं किसी भूल से हो जाने वाले पाप (लैव्यवस्था 4:2) (2) जानबूझकर किये जाने वाले पाप. दाउद कहता है अपने दास को उसके ढिठाई के पापों से बचाए रख (भजन 19:13)
(3) घातक पाप जिसका परिणाम मृत्यु है (1 यूहन्ना 6:16) और (4) गुप्त पाप जिसे हम छिपे हुए पाप भी कह सकते हैं (भजन 90:8)
गुप्त पाप क्या होता है?
कुछ पाप हम लोगों से छिपाते हैं वो लोगों के लिए गुप्त हो सकते हैं लेकिन कुछ पाप से हम खुद अनजान होते हैं. गुप्त पाप धीरे धीरे हमारे जीवन का हिस्सा बन जाते हैं फिर उन्हें छोड़ना कठिन सा प्रतीत होता है. वो एक नशा के जैसा हो जाता है जैसे पद पाने का नशा. शोहरत पाने का नशा, जिसके लिए व्यक्ति किसी भी हद तक गुजर जाता है.
पाप उस पर हावी हो जाता है और चाह कर भी उस पाप से निकल नहीं पाता ऐसे पापों को गुप्त पाप कहते हैं. बाइबल अनेक स्थानों में गुप्त पापों की चर्चा करती है. जैसे पराई स्त्री से मोह सकरा कुंआ है जिसमें व्यक्ति फंसकर नाश हो जाता है.
बाइबल के अनुसार क्या हस्तमैथुन पाप है? | Is masturbation a sin in the bible?
बाइबल बताती है हम परमेश्वर के मन्दिर हैं और इस मन्दिर में पवित्रता रहना अनिवार्य है क्योंकि इसमें पवित्रात्मा वास करता है. परमेश्वर हमारे मनों का जानने वाला परमेश्वर है. यदि हम अपने मन में किसी पराई स्त्री के विषय में या पाप के विषय में विचार करेंगे तो यह व्यभिचार के बराबर है. जिसके परिणाम स्वरूप मनुष्य हस्तमैथुन करता है. जो उसके शरीर को नाश करता है और नपुसंक बनाता है.
जिस प्रकार नशा करना या जहर खाना पाप है उसी प्रकार हस्तमैथुन करना भी पाप है. हम इस उदाहरण से सीख सकते हैं. मेरे एक मित्र ने अपने पिता से पूछा पापा क्या मैं अपने मित्रों के साथ मूवी देखने सिनेमाघर जा सकता हूँ. उसके पिता ने कहा यदि आपको पवित्रात्मा अनुमति देता है तो तुम जा सकते हो….
क्या नशा करना पाप है?
नशा करना कंगाली को लेकर आता है मदिरा हल्ला मचाने वाली है. ऐसा बाइबल में लिखा है. किसी भी प्रकार का नशा हमारे शरीर को नाश करता है. और यदि हम अपने शरीर को नाश करते हैं परमेश्वर हमें क्षमा नहीं करेगा.
यह शरीर ही एकमात्र स्थान है जिसमें हम रहते हैं. इसे स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य है. बाइबल में लिखा है पियक्कड़ स्वर्ग राज्य के वारिस नहीं होंगे. अर्थात पियक्कड़ को पापियों के साथ तुलना की गई है. इसका तात्पर्य स्पष्ट है नशा एक पाप की श्रेणी में आता है.
sex between husband and wife | पति पत्नी के बीच संबंध
पति और पत्नी के बीच यौन संबंध बाइबल में इसकी अनुमति है. परमेश्वर ने कहा फूलो फलो और पृथ्वी में भर जाओ. और विवाह सब बातों में आदर की बात मानी जाए. और बिछौना पवित्र रहे. अर्थात उनके बीच किसी और को अनुमति नहीं है. ऐसे संबंध को परमेश्वर आशीषित करते हैं.
love sex and marriage in the bible? | वैवाहिक यौन सम्बन्ध
विवाह एक पवित्र बंधन है इसके से बाहर यौन संबंध पाप है. जिसे परमेश्वर व्यभिचार कहता है. राजा दाउद ने उरियाह की पत्नी के साथ जो संबंध बनाए वो परमेश्वर की दृष्टि में ठीक नहीं था इसलिए परमेश्वर ने नातान नबी को भेजकर राजा दाउद को उसका पाप स्मरण दिलवाया.
पाप से कौन बचाता है?
पाप कैसा भी क्यों न हो प्रभु यीशु का लहू हमारे सभी पापों से हमें बचा लेता है. प्रभु यीशु मसीह के मारे जाने से हमें क्षमा मिली है. प्रभु ने कहा, यदि तुम्हारे पाप लाल रंग के भी क्यों न हो वो उन्हें हिम के जैसे सफेद करने में सक्षम है. (इफिसियों 1:7)
केवल परमेश्वर प्रभु यीशु ही पापों से क्षमा कर सकते हैं. इसके लिए हमें मन फिराना होगा और अपने पापों की क्षमा मांगनी होगी. (प्रेरितों 2:38) तो परमेश्वर न केवल क्षमा करेगे बल्कि हमें एक नया जीवन भी प्रदान करेगें. क्षमा के लिए निम्नलिखित प्रार्थना को दोहराएं.
पाप क्षमा के लिए प्रार्थना
हे प्रभु यीशु मैं आज अपने सभी जाने और अनजाने पापों के लिए आपसे क्षमा मांगता / ती हूँ. आज से आप मेरे जीवन के स्वामी हैं. मैं अपना सम्पूर्ण जीवन आपको सौंपता हूँ और आपके वचन के अनुसार जीवन जीने का निर्णय लेता हूँ. पवित्रात्मा को भेजकर मुझे पवित्र जीवन जीने में सहायता करें. मैं आपको अपने जीवन का मुक्तिदाता मानकर स्वीकार करता हूं. यीशु मसीह के नाम से आमीन.
यदि आपने पूरे दिल से विश्वास करके यह प्रार्थना की है तो आप आज से एक नई सृष्टि हैं और अब आप पर दंड की आज्ञा नहीं है प्रभु आपको आशीषित करें Stay blessed.
Youtube channel : https://youtu.be/B6qhTx37yOs
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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)
सुन्दर बाइबिल वचन धन्यवाद आमीन प्रभु यीशु मसीह के लहू मे हमें जीवन शांनती मिलती छुटकारा आनन्द और क्षमा मिलता है
बहुत बहुत धन्यवाद सजल ताँती जी प्रभु आपको बहुत आशीष दे. लगातार पढ़ते रहें बाइबल वाणी और लोगों को भी लिंक शेयर करें…