ईस्टर संडे क्यों मनाया जाता है ?
यीशु मसीह का जन्म, मृत्यु और पुनरुत्थान संसार के इतिहास का केंद्र बिंदु है. यह मसीह विश्वास की आधारशिला है. इस दिन प्रभु यीशु मृतकों में से जी उठे थे इसलिए पूरे विश्व में इसे ईस्टर या पुनरुत्थान दिवस के रूप में मनाया जाता है. रोमन सैनिकों ने यीशु को दो चोरों के बीच क्रूस पर हाथों और पैरों में कीलों को ठोककर बड़ी ही दर्दनाक मृत्यु दी थी. यह दिन रविवार का दिन था इसलिए इस दिन को ईस्टर सन्डे भी कहा जाता है. लूका 24:2
यीशु का पुनरुत्थान क्यों अति महत्वपूर्ण है | Why is Resurrection most Important
प्रभु यीशु मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान ही यह प्रमाणित करती है, कि वही इस जगत का उद्धारकर्ता या मुक्तिदाता है. इस बात से साबित होता है यदि वह मृत्यु को हराकर जीवित हो गया तो उस पर विश्वास करने वाले भी जीवित हो जाएंगे. जैसा कि उसने स्वयं कहा था. यीशु मसीह की कही हुई सभी बातें सत्य हो गई.
1 कुरुन्थियों 15:12-19 में संत पौलुस कहते हैं कि मसीही विश्वास का सारा दारोमदार प्रभु यीशु के शारीरिक पुनरुत्थान पर टिका हुआ है. यदि मसीह मरे हुओं में से जी नहीं उठा तो, और मसीही विश्वास व्यर्थ है, और प्रेरितों की शिक्षा व्यर्थ है, और कलीसिया अभी भी पाप में पड़ी रहती, और जो मसीह में जो सो चुके हैं वो सभी नाश हो गए होते. यही बात मसीहियत को समस्त धर्मों से अलग करती है.
यीशु मसीह के पुनरुत्थान के प्रमाण | Proof of Christ’s Resurrection
मत्ती 28:1-8, मरकुस 16:1-4 सप्ताह के पहले दिन रविवार को तडके सुबह मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम यीशु की कब्र पर आ रहीं थी यह सोचते हुए कि कब्र का भारी पत्थर कौन हटाएगा क्योंकि वे स्त्रियाँ यीशु के मृत शरीर पर सुगन्धित इत्र और लेप लेकर आ रही थीं तभी वहां एक स्वर्गदूत ने उस पत्थर को हटाकर उस पर बैठ गया. और यीशु मुर्दों में से जीवित होकर बाहर आ गया. और जब स्त्रियों ने जाकर देखा और यीशु के शरीर को न पाया तब स्वर्गदूत ने कहा तुम जीवित को मुर्दों में क्यों ढूढ़ती हो.
स्वर्गदूत ने पत्थर इसलिए नहीं हटाया कि यीशु बाहर आ सके लेकिन इसलिए पत्थर हटाया ताकि वे स्त्रियाँ आकर देख सके की यीशु मरे हुओं में से जी उठा है क्योंकि यीशु बंद दरवाजे से अंदर आकर अपने चेलों से मिले थे. स्वर्गदूत ने इस प्रकार भी कहा था. की आ कर देखो वह जीवित हो गया है और जाकर उसके चेलों से कहो वह अपने वायदे के अनुसार मरे हुओं में से जी उठा है.
यूहन्ना 20:1-8 जब मरियम मगदलीनी ने तुरंत जाकर यह बात पतरस और यूहन्ना (वह चेला जिससे यीशु प्रेम रखता था) जाकर कहा. यह सुनकर दोनों यीशु की कब्र की ओर दौड़े और पतरस कब्र के अंदर जाकर देखा कि, यीशु के कपड़े पड़े हुए हैं परन्तु यीशु वहां नहीं हैं और उसके सिरहाने (सिर रखने की जगह) वह कपड़ा जो सिर पर बंधा था अलग लपेटा हुआ रखा था.
यहूदी परम्परा के अनुसार जब मालिक भोजन करता था तो वह यदि उस कपड़े से अपना मुंह पोछ कर उसे इस्तेमाल कर देता था तो उसका अर्थ था अब वह नहीं आएगा अर्थात खाना खा चुका है ….लेकिन यदि कपड़ा अभी लिपटा हुआ है तो इसका अर्थ था अभी वह आने वाला है. हमारा प्रभु जो मुर्दों में से जी उठा है वह फिर से वापस आने वाला है.
लूका 24:13-27 दो व्यक्ति बड़े निराश और हताश होकर यीशु की मृत्यु के पश्चात जो कुछ यरूशलेम में घटित हुआ था सोचते हुए इम्माउस गाँव के रास्ते जा रहे थे तभी यीशु उनके साथ हो लिया और उनसे बाते करने लगा. और वे नहीं पहचान सके लेकिन जब यीशु ने उन्हें सभी बाते बताई तो वे बड़े आश्चर्य चकित हो गये लेकिन यीशु उनके साम्हने से ओझिल हो गए. इस बात से हम यह सीख सकते हैं प्रभु हममें से किसी को भी आशाहीन और उदास नहीं देखना चाहते. यीशु हमारी जीवित आशा है.
यह दिन सारे संसार के लिए नया दिन था, जब सभी को लगा सब कुछ खत्म हो गया है, शैतान को लगा कि उसने यीशु को हरा दिया है. तब यीशु ने शैतान का खुल्लम खुल्ला तमाशा बना दिया और उस पुराने सांप का सिर कुचल दिया…सारे संसार के लिए आशा का सूरज जगमगा गया.
पुनरुत्थान प्रमाणित करता है कि…
प्रभु यीशु ने सारे मानव जाति के पापो को अपने ऊपर उठा कर हमारे पापों का बलिदान चुका दिया
यीशु ने अपने पिता को प्रसन्न कर दिया अर्थात उस कटोरे को पी लिया और प्रभु की इच्छा को पूरा किया
यीशु ने मृत्यु को अर्थात सबसे बड़े शत्रु को हरा दिया जिस पर उस समय तक किसी ने भी जय नहीं पाया था
यीशु ने कब्र से बाहर आकर बता दिया कि वह सर्वशक्तिमान है और उसमें मृत्युंजय की सामर्थ है
यीशु ने अपने अनुयाई अर्थात समस्त विश्वासियों के लिए एक आदर्श स्थापित कर दिया.
यीशु ने जो कहा था वह पूरा हुआ तो समस्त भविष्यवाणी भी पूरी होंगी.
यीशु मृतकों से जी उठा तो वह अपने वायदे के अनुसार स्वर्ग से अपनी कलीसिया को लेने भी वापिस आएगा.
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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)
आपके लेख को पढ़कर हम बहुत आशीष पाया और अपने चर्च में भी प्रचार की है प्रभु आपको आशीष दे और भी इस्तेमाल करें
Thank you for comment भाई जी आप भारत के कौन से स्थान से हैं….प्रभु आपको बहुत आशीष दे