प्रकाशितवाक्य

प्रकाशितवाक्य पुस्तक की शिक्षा | Book Of Revelation Bible Study in Hindi

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 यीशु मसीह का प्रकाशितवाक्य सिखाना क्यों आवश्यक है! | Why Book of Revelation

प्रकाशितवाक्य 1:1  यीशु मसीह का प्रकाशितवाक्य, जो परमेश्वर ने उसे अपने सेवकों को दिखाने के लिए दिया था कि देखो जो बातें बहुत ही शीघ्र होने जा रही हैं .

प्रकाशितवाक्य
Image by Myriams-Fotos from Pixabay प्रकाशितवाक्य
  • उसने अपने स्वर्गदूत को भेजकर वो सारी बाते बताई और जो कुछ देखा था उसकी गवाही दी. वही परमेश्वर का वचन है और यीशु मसीह की गवाही है. .

3 धन्य है वह जो इस भविष्यवाणी के वचनों को पढ़ता है और धन्य हैं वे जो इसे सुनते हैं और जो इसमें लिखा है उसे दिल से ग्रहण करते हैं , क्योंकि समय निकट है।

  1. यह यीशु मसीह की ओर से अपने चर्च के लिए एक विशेष संदेश है.

क.अपने सताए गए चर्च की रक्षा करने के लिए एक आत्मिक नियम है

ख. यहूदी शैली में, दानिएल और यहेजकेल की तरह

ग. यीशु ही मसीहा है इस बात को बताने के लिए पुराने नियम से 360 बार रिफरेन्स दिया गया है.

घ. इसके लिए एक विश्वासी खोजी हृदय की आवश्कता है.

नीतिवचन 25:2 परमेश्वर की महिमा गुप्त रखने में हैं परन्तु राजाओं की महिमा गुप्त बात का पता लगाने से होती है.

  • अंतिम दिनों में क्या होगा इसके विषय में यह एक विशेष संदेश है.
  • यह प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए विशेष आशीर्वाद है जो इसे पढता है सुनता है और मन से ग्रहण करता है.  
  • यह  संदेश आज की हरेक कलीसिया के लिए है.

प्रकाशितवाक्य 1:4 यूहन्ना की ओर से आसिया की सात कलीसियाओं के नाम …उसकी ओर से जो है, और था, और आने वाला है, और उन सातों आत्माओं को ओर से जो सिंहासन के सामने हैं

बाइबल, और विशेष रूप से प्रकाशितवाक्य की पुस्तक, संख्या 7 का उपयोग पूर्णता को दर्शाने के लिए उपयोग करती है. 7 नम्बर बाइबल में 735 बार और प्रकाशितवाक्य में 55 बार इसका उल्लेख किया गया है.

  • परमेश्वर चाहते हैं की उसके विश्वासी लोग उसका नाम जानें

प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में यीशु के नामो को 25 अलग अलग नामों या शीर्षकों के रूप में प्रकट किया गया है जिसमें से प्रकाशितवाक्य 1:5 में 4 नामों प्रकट किया गया है. यीशु मसीह ने इस पृथ्वी पर स्वयं को एक शिक्षक और प्रभु के रूप में प्रकट किया है, लेकिन वे चाहते हैं कि हम उसे इस पुस्तक के द्वारा पूरी तरह से जानें.

प्रकाशितवाक्य 1:5 यीशु मसीह एक विश्वासयोग्य साझी हैं,जो मरे हुओं में से पहलौठा है और पृथ्वी के राजाओं का शासक है. वह हमसे प्रेम रखता है, और उसने अपने लहू के द्वारा हमें पापों से छुडाया है, और हमें एक राज्य और अपने पिता परमेश्वर के लिए याजक भी बना दिया उसी की महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे आमीन.

प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में यीशु के 24 अलग-अलग नाम या शीर्षक पाए जाते हैं | Names of Jesus in Hindi

यीशु (1:1) पढ़े यीशु कौन है

विश्वासयोग्य साक्षी (1:5)

मरे हुओं में से पहलौठा (1:5)

पृथ्वी के राजाओं का शासक (1:5)

अल्फा और ओमेगा (1:8)

मनुष्य का पुत्र (1:13)

परमेश्वर का पुत्र (2:18)

हृदय और मन को परखने वाला  (2:23)

सात तारों का धारक (3:1)

पवित्र और सच्चा (3:7)

दाऊद की कुंजी का धारक (3:7)

आमीन (3:14)

परमेश्वर की सृष्टि का शासक (3:14)

प्रभु (4:11)

यहूदा के गोत्र का सिंह (5:5)

दाऊद की जड़ (5:5)

मेम्ना (5:6)

प्रभुओ का प्रभु (17:14)

राजाओं का राजा (17:14)

विश्वासयोग्य और सच्चा (19:11)

परमेश्वर का वचन (19:13-16)

मसीह (20:4)

पहला और अंतिम (22:13)

भोर का चमकता हुआ तारा (22:16)

यीशु ने अंतिम दिनों के मुख्य विषयों को प्रकट किया

  1. यीशु फिर से वापस आ रहा है 

प्रकाशितवाक्य  1:7 देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन जिन्होंने उसे बेधा था वे भी उसे देखेंगे,और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे. हाँ आमीन (जकर्याह 12:10)

  • यीशु के पास अपने चर्च के लिए एक सन्देश है. 

प्रकाशितवाक्य 1:10 मैं प्रभु के दिन आत्मा में आ गया, और अपने पीछे तुरही का सा बड़ा शब्द यह कहते सुना “ जो कुछ तू देख्टा है उसे पुस्तक में लिखकर सातों कलीसियाओं के पास भेज दे, अर्थात इफिसुस, और स्मुरना, और पिरगमुन, और थुआतीरा, और स्र्दीस, और फिलदिल्फिया, और लौदीकिया को.

क. ये सात कलीसियाएं तुर्की में स्थित हैं

ख.यहाँ यीशु सात प्रकार से सुधारते हैं

  • दानिएल के दर्शन के अनुसार यीशु मनुष्य का पुत्र है

प्रकाशितवाक्य 1:12-15 तब मैंने उसे, जो मुझ से बोल रहा था देखने के लिए अपना मुंह फेरा, और पीछे घूमकर मैंने सोने की सात दीव्तें देखि, और उन दीव्तों के बीच में मनुष्य के पुत्र सदृश्य एक पुरुष को देखा, जो पावों तक का वस्त्र पहिने, और छटी पर सोने का पटुका बांधे हुए था. और उसके सिर और बाल श्वेत ऊन वरन पाले के समान उज्ज्वल थे, और उसकी आखें आग की ज्वाला के समान थी. उसके पाँव उत्तम पीतल के समान थे जो मानों भट्टी में तपाया गया हो. और उसका शब्द बहुत जल के शब्द के समान था.

दानिएल 7:13-14 मैं ने रात में स्वप्न में देखा, और देखो, मनुष्य के सन्तान सा कोई आकाश के बादलों समेत आ रहा था, और वह उस अति प्राचीन के पास पहुंचा, और उसको वे उसके समीप लाए। तब उसको ऐसी प्रभुता, महिमा और राज्य दिया गया, कि देशदेश और जातिजाति के लोग और भिन्नभिन्न भाषा बालने वाले सब उसके आधीन हों; उसकी प्रभुता सदा तक अटल, और उसका राज्य अविनाशी ठहरा

यीशु ने इस उपाधि का उपयोग मनुष्य के पुत्र की पुष्टि करने के लिए किया कि वह वही मसीह या मसीहा है जिसे दानिय्येल ने अपने दर्शन में देखा था।

मत्ती 26:63-65 महायाजक ने यीशु से कहा, मैं तुझे जीवते परमेश्वर की शपथ देता हूं, कि यदि तू परमेश्वर का पुत्र मसीह है, तो हम से कह दे। यीशु ने उस से कहा; तू ने आप ही कह दिया: वरन मैं तुम से यह भी कहता हूं, कि अब से तुम मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्तिमान की दाहिनी ओर बैठे, और आकाश के बादलों पर आते देखोगे

तब महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़कर कहा, इस ने परमेश्वर की निन्दा की है, अब हमें गवाहों का क्या प्रयोजन?    

 यीशु का अपनी कलीसियाओं के पत्र का साराशं

यीशु का पहला पत्र इफिसुस की कलीसिया को है

क. यीशु इस कलीसिया के साकारात्मक कार्यों को प्रोत्साहित करता है.

प्रकाशितवाक्य 2:1-3 इफिसुस की कलीसिया के दूत को यह लिख कि जो सातों तारे अपने दाहिने हाथ में लिए हुए है, और सोने की सातों दीव्तों के बीच में फरता है, वह यह कहता है, कि मैं तेरे काम, और परिश्रम, और तेरा धीरज जानता हूँ, और यह भी, कि तू बुरे लोगों को तो देख नहीं सकता और जो अपने आप को प्रेरित कहते हैं, और हैं नहीं, उन्हें तू ने परख कर झूठा पाया. औत तू घीरज धरता है, और मेरे नाम के लिए दुःख उठाते उठाते थका नहीं.

  1. सुसमाचार को फैलाने में कड़ी मेहनत करना
  2. दुःख की घड़ी में डटे रहना
  3. बुरे लोगों के जीवन शैली को बर्दाश्त नहीं करना
  4. झूठे प्रेरितों का पहचान लेना
  5. यीशु का नाम के लिए कष्ट सहना

ख. यीशु ने हमारे पहले से प्रेम को त्यागने की निंदा की

प्रकाशितवाक्य 2:4-5 पर मुझे तेरे विरुद्ध यह कहना है कि तूं ने अपना पहिला सा प्रेम छोड़ दिया है. सो स्मरण कर कि तू कहां से गिरा है, और मन फिरा और पाहिले के समान काम कर; और यदि तू मन न फिराएगा, तो मैं तेरे पास आकर तेरी दीवट को उस स्थान से हटा दूंगा.

यीशु की दृष्टि में प्रेम की प्रार्थमिकता क्या है? (बाइबल के अनुसार प्रेम क्या है )

  1. परमेश्वर से और दूसरों से प्रेम करो

मत्ती 22:36-39 हे गुरु व्यवस्था में कौन सी आज्ञा बड़ी है? उस ने उस से कहा, तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी साड़ी बुद्धि के साथ प्रेम रख. बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है. और उसी के समान यह दूसरी भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख.

  • परमेश्वर की आज्ञाओं से प्रेम करो

1 यहून्ना 5:3 और पमरेश्वर का प्रेम यह है, कि हम उस की आज्ञाओं को मानें; और उस की आज्ञाएं कठिन नहीं.

  • कलीसिया से प्रेम करो

इफिसियों 5:25 हे पतियों, अपनी अपनी पत्नी से प्रेम रखो, जैसा मसीह ने भी कलीसिया से प्रेम करके अपने आप को उसके लिए दे दिया.

  • खोए हुए लोगों से प्रेम करो

मत्ती 18:12 तुम क्या समझते हो यदि किसी मनुष्य की सौ भेड़ें हो, और उन में से एक भटक जाए, तो क्या निन्यानवे को छोड़कर, और पहाड़ों पर जाकर, उस भटकी हुई को न ढूढेंगा?

यीशु का दूसरा पत्र स्मुरना की कलीसिया के नाम है

क. यीशु हमारे दुखों में हमें प्रोत्साहित करते हैं

प्रकाशितवाक्य 2:8-10  स्मुरना की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि जो प्रथम और अंतिम है जो मर गया था और अब जीवित हो गया है, वह यह कहता है कि मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूँ, परन्तु तू धनी है, और जो लोग अपने आप को यहूदी कहते हैं और हैं नहीं पर शैतान की सभा हैं, उन की निंदा को भी जानता हूँ. जो दुःख तुझ को झेलने होंगे, उन से मत डर; क्योंकि देखो शैतान तुम में से कितनों को जेलखाने में डालने पर हैं ताकी तुम परखे जाओ, और तुम्हें दस दिन तक क्लेश उठाना होगा. प्राण देने तक विश्वासी रह; तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा.

  1. कष्ट = कुचलना, घातक बोझ, यातना का एक रूप जहाँ एक व्यक्ति को उनकी पीठ पर लिटाया जाता था, एक लकड़ी के मंच से ढंका जाता था, और वजन धीरे-धीरे जोड़ा जाता था जब तक कि वे सांस नहीं ले सकते थे और उन्हें कुचल दिया जाता था.  
  2. गरीबी का बोझ; क्योंकि हम हैं समाज से बहिस्कृत .
  3. बदनामी का बोझ; क्योंकि हम यीशु के लिए खड़े हैं.
  4. उत्पीडन का बोझ; क्योकि हम यीशु की आज्ञाओं के प्रति वफादार हैं.

यीशु का तीसरा पत्र पीरगमुन की कलीसिया के लिए हैं

क. यीशु ने हमें मृत्यु के स्थान पर साहस रखने के लिए प्रोत्साहित किया

प्रकाशितवाक्य 2:13 मैं यह तो जानता हूँ, कि तू वहां रहता है जहाँ, शैतान का सिंहासन है, और मेरे नाम पर स्थिर रहता है; और मुझ पर विश्वास करने से उन दिनों में भी पीछे नहीं हटा जिन में मेरा विश्वासयोग्य साक्षी अन्तिपास, तुम में उस स्थान पर घात किया गया जहाँ शैतान रहता है.

ब. यीशु ने समझौता और भ्रष्टाचार की निंदा की

प्रकाशितवाक्य 2:14-15 पर मुझे तेरे विरुद्ध कुछ बातें कहनी है, क्योंकि तेरे यहाँ कितने तो ऐसे हैं, जो बिलांम की शिक्षा को मानते हैं, जिस ने बालाक को इस्राएलियों के आगे ठोकर का कारण रखना सिखाया, कि वे मूरतों के बलिदान खाएं, और व्यभिचार करें. वैसे ही तेरे यहाँ कितने तो ऐसे हैं, जो निकुलईयों की शिक्षा को मानते हैं..

(गिनती 31:16) बिलाम ने मोआबियों को इस्राएल के लोगों को वेश्याओं के साथ झूठ बोलने और मूर्तिपूजा करने के लिए फुसलाने की सलाह दी और 24000 लोग परमेश्वर द्वारा भेजी गई एक विपत्ति में मर गए. निकोलिट्न्स की शिक्षा यह है कि पादरी वर्ग के पास चर्च के नियमित सामान्य लोगों के ऊपर विशेष शक्ति और स्थिति होती है. इससे चर्च के अगुवे भ्रष्ट और लालची हो गए. शैतान की चालों में इतना अधिक परिवर्तन नहीं हुआ है. यदि वह सीधे परमेश्वर के लोगों को शाप नहीं दे सकता है, तो वह पीछले दरवाजे का प्रयास करेगा, और मूर्तिपूजा और यौन अनैतिकता उसकी पसंद के हथियार हैं.

यीशु का चौथा पत्र थुआतीरा की कलीसिया के लिए है

. यीशु ने व्यवहार को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया

प्रकाशितवाक्य 2:19 मैं तेरे कामों, और प्रेम, और विश्वास और सेवा और धीरज को जानता हूँ, और यह भी कि तेरे पिछले काम पहिलों से बढ़ कर हैं.

. यीशु ने पापपूर्ण व्यवहारों को सहन करने की निंदा की है

प्रकाशितवाक्य 2:20  पर मुझे तेरे विरुद्ध यह कहना है, कि तू उस स्त्री इजेबेल को रहने देता है जो अपने आप को भविष्यवक्तीन कहती है, और मेरे दासों को व्यभिचार करने, और मूरतों के आगे के बलिदान खाने को सिखला कर भरमाती है.

यीशु का पांचवा पत्र सरदीस  की कलीसिया के लिए है

. यीशु ने पाखंडी होने पर चेतावनी दी

प्रकाशितवाक्य 3:1 सरदीस की कलीसिया के दूत को लिख, कि जिस के पास परमेश्वर की सात आत्माएं और सात तारे हैं, यह कहता है, कि मैं तेरे कामों को जानता हूँ, कि तू जीवता तो कहलाता है, पर है मरा हुआ.. (बिना किसी काम का )

सरदीस की कलीसिया के लोग अपनी समृद्धि और नाम शोहरत और सुरक्षा पर अति अभिमानी हो गए थे. और उन्होंने अपने स्वयं के विषय में सोचा की वे आत्मिक रूप से जीवित हैं लेकिन यीशु उन्हें बता रहे हैं कि वे आत्मिक रूप से मर चुके हैं. यीशु इस कलीसिया चेतावनी देते हैं कि वे स्वयं को कैसे देखते हैं और वह प्रभु उन्हें कैसे देखते हैं. इन दोनों दृष्टिकोण में बहुत बड़ा अंतर है. यीशु उन्हें एक पाखंडी की तरह न जीने की चेतावनी दे रहे हैं.

पाखंडी = एक ऐसा व्यक्ति जो नैतिकता और अपने विश्वास के प्रति सिद्धांतो आदि का ढोंग करता है जो वास्तव में उसके पास ऐसे कोई गुण नहीं हैं विशेष करके ऐसा व्यक्ति जिसके कार्य झूठे प्रतीत होते हैं.

मत्ती रचित सुसमाचार में  यीशु मसीह ने 13 बार पाखंडियों को चेतावनी दी है.

मत्ती 23:27 हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम चूना फिरि हुई कब्रों के समान हो जो ऊपर से तो सुंदर दिखाई देती है, परन्तु भीतर मुर्दों की हड्डियों और सब प्रकार की मलिनता से भरी हैं.

मत्ती 24:50-51 तो उस दास का स्वामी ऐसे दिन आएगा, जब वह उस की बात न जोहता हो. और ऐसी घड़ी कि वह न जानता हो, और उसे भारी ताड़ना देकर, उसका भाग कपटियों के साथ ठहराएगा वहाँ रोना और दांत पीसना होगा.

 . यीशु ने हमें अपने दूसरे आगमन के लिए तैयार रहने के लिए प्रोत्साहित किया.

प्रकाशितवाक्य 3:2 जागृत रह, और उन वस्तुओं को जो बाकि रह गई हैं, और जो मिटने को थी, उन्हें दृढ कर; क्योकि मैं ने तेरे किसी काम को अपने परमेश्वर के निकट पूरा नहीं पाया. सो स्मरण कर कि तू ने किस रीति से शिक्षा प्राप्त की और सुनी थी, और उस में बना रह, और मन फिरा और यदि तू जागृत न रहेगा, तो मैं चोर के जैसे आ जाऊँगा और तू कदापि न जान सकेगा, कि मैं किस घड़ी तुम्हारे पास आ जाऊँगा. .

 मत्ती 24:41-44 दो स्त्रियाँ चक्की पीसती रहेंगी, एक ले ली जाएगी, और दूसरी छोड़ दी जाएगी. इसलिए जागते रहो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा प्रभु किस दिन आएगा. परन्तु यह जान लो कि यदि घर का स्वामी जानता होता कि चोर किस पहर आएगा, तो जागता रहता और अपने घर में सेंध लगने न देता. इसलिए तुम भी तैयार रहो, क्योंकि जिस घड़ी के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा.

. यीशु हमें प्रोत्साहित करता है कि वह कभी भी हमारा नाम नहीं मिटाएगा

प्रकाशितवाक्य 3:4-6 पर हाँ, सरदीस में तेरे यहाँ कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपने अपने वस्त्र अशुद्ध नहीं किए, वे स्वेट वस्त्र पहिने हुए मेरे साथ घूमेंगे क्योंकि वे इस योग्य हैं. जो जय पाए, उसे इसी प्रकार श्वेत वस्त्र पहिनाया जाएगा, और मैं उसका नाम जीवन की पुस्तक में से किसी रीति से न काटूँगा, पर उसका नाम अपने पिता और उसके स्वर्गदूतों के साम्हने मान लूंगा. जिस के कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से खया कहता है.

प्राचीन शहर अपने सभी नागरिको का एक रजिस्टर रखते थे. यदि किसी नागरिक को अपराध का दोषी ठहराया जाता था, तो न केवल उसे दंडित किया जाता था बल्कि उसका नाम शहर के रजिस्टर से भी हटा दिया जाता था..

यीशु का छटवा पत्र फिलेदिलफिया की कलीसिया के लिए है

. यीशु हमें प्रोत्साहित करते हैं क्लेश से पहले हमारा स्वर्गारोहण होगा

प्रकाशितवाक्य 3:10 तू मेरे धीरज के वचन को थामा है, इसलिए मैं भी तुझे परीक्षा के उस समय बचा रखूंगा  जो पृथ्वी पर रहने वालों के परखने के लिए सारे संसार पर आने वाला है. मैं शीघ्र ही आने वाला हू, जो कुछ तेरे पास है.उसे थामे रह, कि कोई तेरा मुकुट छीन न ले.  

हम नए नियम में अनेक स्थानों में महाक्लेश से पहले स्वर्गारोहण की प्रतिज्ञा को पाते हैं.

1 थिस्सलुनीकियो 4:17 तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिए जाएंगे, कि हवा में प्रभु मिलें और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे.

1 थिस्सलुनीकियो 5:9-10 क्योंकि परमेश्वर ने हमें क्रोध के लिए नहीं, परन्तु इसलिए ठहराया कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा उद्धार प्राप्त करें. वह हमारे लिए इस कारण मारा, कि हम चाहे जागते हो, चाहे सोते हों; सब मिलकर उसी के साथ जीयें.

यीशु का सातवा पत्र लौदीकिया की कलीसिया के लिए है

. यीशु बेकार (निकम्मे) बने रहने की निंदा करता है.

प्रकाशितवाक्य 3:15-16 मैं तेरे कामों को जानता हूँ कि तू न तो ठंडा है और न गर्म; भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता. सो इसलिए कि तू गुनगुना है, और न ठंडा है और न गर्म, मैं तुझे अपने मुंह से उगलने पर हूँ.

याकूब 2:19-20 तुझे विश्वास है कि एक ही परमेश्वर है; तू अच्छा करता है; दुष्टात्मा भी विश्वास रखते, और थरथराते हैं. पर हे निकम्मे मनुष्य क्या तू यह भी नहीं जानता , कि कर्म बिना विश्वास व्यर्थ है?

अंत के समय होने वाली मुख्य घटनाएं

  1. स्वर्ग में उठा लिया जानामसीह की देह कलीसिया का उठाया जाना (मत्ती 24:40 1 थिस्सलुनीकियो 4:17)
  2. महाक्लेश का प्रारंभ होनासाढ़े तीन साल की शान्ति फिर साढ़े तीन साल की पीड़ा (मत्ती 24:21, दानिएल 9:27, प्रकाशित 13:5)
  3. परमेश्वर का क्रोध संसार में उडेला गया (प्रकाशितवाक्य अध्याय 6-16)

युद्ध, भुखमरी और विपत्तियाँ, आग के ओले, 5 माह तक बिच्छुओं की तरह पीड़ा देने वाली पूंछ वाली टिड्डियाँ, 200 मिलियन (20 करोड़) मुह से अग्नि निकालने वाले जीव प्रकट होते हैं और हर कोई उनकी पूजा करता है जब तक कि उन्चाहें बचाया न जाए, हरेक उन विश्वासी की मृत्यु जो उठाए जाने के बाद मसीह को ग्रहण करेंगे. प्रत्येक व्यक्ति के शरीर पर उस घा का निशान, मनुष्य सूर्य की अग्नि से झुलसे हुए हैं.  

  • आर्मगिदोन इस्राएल पर केन्दिरत एक विश्व युद्ध (प्रका 16:16)
  • मेंमने का विवाह भोज (प्रका. 19:7-9)
  • मसीह का द्वतीय आगमन (प्रका. 19:11-13)
  •  उस जानवर और झूठे भविष्यवक्ता को आग की झील में फेंका गया (प्रका.19:19-20)
  • उस अथाह कुंड में बंधा हुआ शैतान (प्रका. 20:1-3)
  • घरती पर ईसा मसीह का 1000  साल का शासन (प्रका. 20:4)  
  • शैतान को 1000 वर्ष के बाद कैद से छोड़ा जाना (प्रका. 20:7)
  •  शैतान को आग और गंधक की झील में डाला जाना (प्रका. 20:10)
  •  अनंत स्वर्ग या नरक का श्वेत सिंहासन का निर्णय (प्रका. 20:11-15)
  • नया स्वर्ग और नई पृथ्वी और नया यरूशलेम (प्रका. 21:1)
  • यीशु के साथ अनंत जीवन (प्रका. 21:3-4)  

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