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Why people backslide from faith of Jesus Christ | लहू बहने वाली स्त्री की चंगाई

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दोस्तों bible sermon in hindi में हम देखेंगे लहू बहने वाली स्त्री की चंगाई जिसमें जान्ने की कोशिश करेगे Why People backslide from faith of Jesus Christ. मतलब पवित्र बाइबल के अनुसार किन किन वजह से हम परमेश्वर से दूर हटते हैं

हालाकि आज हम दो विषयों पर चर्चा करेगे क्योंकि ये दोनों विषय मेरे विचार में बहुत महत्वपूर्ण है. आप इस लेख के अंत तक बने रहें विश्वास करें आपके सवालों का जवाब इसमें अवश्य मिलेगा. तो आइये शुरू करते हैं.

लहू बहने वाली स्त्री की चंगाई

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मरकुस 5:25-34 में हम घटना को पाते हैं. यहाँ एक दुखी स्त्री हैं जिसे 12 वर्ष से लहू बहने की बीमारी थी.

उसने डॉक्टर और वैध आदि लोगो के पास जाकर अपना सारा पैसा बर्बाद कर चुकी थी. लेकिन उसे कुछ भी आराम नहीं मिला.

वो और भी कमजोर हो चुकी थी. तब उसने किसी से यीशु की चर्चा सुनी थी. इसलिए एक यीशु मसीह के विश्वासी व्यक्ति को यीशु मसीह की चर्चा अवश्य करना चाहिए.

यदि ये स्त्री चर्चा नहीं सुनी होती तो निर्णय भी नहीं ले पाती. चर्चा सुनकर उसके मन में विश्वास जागा. क्योंकि विश्वास सुनने से होता है.

और उस स्त्री ने निर्णय लिया मैं भी यीशु मसीह के पास जाकर उसके वस्त्र को छू लूँ तो चंगी (स्वस्थ) हो जाउंगी.

और वो उस अवसर का इंतजार करने लगी कब यीशु के पास जाने का मौका मिलेगा और मैं जाकर उसके वस्त्रों के छोर को छू लुंगी.

ऐसा वो लगातार कहा करती थी. कि यदि मैं उसके वस्त्र को छू लूँ तो चंगी हो जाउंगी. एक दिन वो अवसर आ गया और यीशु अपने शिष्यों और बड़ी भीड़ के साथ उसके नगर से होकर जा रहा था.

और उस स्त्री ने इस अवसर को हाथ से जाने नहीं दिया उसने पूरी कोशिश की और किसी भी व्यक्ति की परवाह नहीं की कि लोग क्या कहेंगे.

और उसने जाकर यीशु के वस्त्रों के छोर को छू लिया और उसी घड़ी स्वस्थ हो गई. यीशु ने भी जान लिया किसी ने मुझे छुआ है और स्वस्थ हो गया है.

जब यीशु ने पूछा किसने मुझे छुआ है तो चेलों ने कहा, प्रभु लोग इतने ज्यादा हैं और तुझ पर गिरे पड़ रहे हैं और आप कह रहे हैं किसने छुआ.

प्रभु चाह रहे थे कि स्त्री स्वयं आकर कहे कि किस रीति से प्रभु ने उसे चंगा किया कैसे उसे चंगाई मिली. ताकि और भी लोगों का विश्वास जागे और वो स्त्री भी विश्वास में पक्की हो सके.

इस घटना से हम चार बातें सीखेंगे. यदि ये चार बातें किसी भी विश्वासी व्यक्ति के जीवन में होंगी तो वह कभी प्रभु से दूर नहीं होगा.

पहली बात वो स्त्री डरते हुए आदर करते हुए आई (5:33)

चंगाई पाने के बाद वह यीशु के सामने डरते हुए आई. यह डर आदर का डर था.

पवित्र डर. हम अपनी माता पिता का आदर करते हैं तो डरते हैं. उसी प्रकार का डर. वो केवल चंगाई पाने के लिए नहीं आई बल्कि प्रभु के प्रति उसके भीतर एक आदर वाला डर भी था.

बहुत से लोग यीशु के पास केवल चंगाई पाने के लिए आते हैं. उनकी गलती नहीं है. क्योंकि उन्हें यही बताया भी गया है. कि यीशु चंगा करता है आशीष देता है.

तो वो चर्च में आते हैं चंगाई पाते हैं आशीष पाते हैं. फिर चले चले जाते हैं. क्योंकि वो इसी लिए तो आये थे. और पासवानो ने या अगुवों ने उन्हें यही बोलकर चर्च में बुलवाया था.

दूसरी बात- वो स्त्री यीशु के पावों में गिर गई (5:33 b):

यह समर्पण को दिखाता है. बहुत से लोगों के अंदर कलीसिया में आते समय समर्पण नहीं होता बल्कि वे हक़ जताते हैं इसलिए कुछ दिनों के बाद कहते हैं पास्टर जी ऐसा क्यों नहीं हो रहा वैसा क्यों नहीं हो रहा. हम तो बहुत दिनों से चर्च आ रहे हैं.

कब होगा मेरी बेटी की शादी बेटे की शादी कब होगी. चंगाई कब मिलेगी. एक समर्पण नहीं है. वो ऐसा नहीं बोल पाते कि चंगाई नहीं मिली तो भी हम यीशु को ही मानेगे. इसलिए ऐसे लोग जल्दी वापस भी हो जाते हैं.

तीसरी बात – उस स्त्री ने अंगीकार किया (गवाही दी) : (5:33)

एक विश्वासी अपने जीवन में जो कुछ हो उसकी गवाही देना चाहिए. इस स्त्री ने जो कुछ उसके जीवन में हुआ था सब कुछ सच सच कह सुनाया.

एक विश्वासी गवाही वाला विश्वासी होना चाहिए. बहुत बार लोग इस बात से डरते हैं यदि मेरे दोस्तों को या मेरे रिश्तेदारों को पता चल जाएगा कि मैं यीशु को मानता हूँ तो बबाल मच जाएगा.

मेरे दोस्त मुझसे दूर हो जाएगे. मेरे रिश्तेदारों से मेरा रिश्ता टूट सकता है. वे डरपोक मसीही हैं. ये स्त्री ने सबके सामने आकर सब कुछ बता दिया.

चौथीं बात – यीशु मसीह ने उसे बेटी कहा, प्रभु के साथ एक रिश्ता/संबंध (5:34)

जब हम प्रभु का आदर करते हैं, उसके प्रति समर्पण रखते हैं और उसकी गवाही देते हैं तो प्रभु भी ऐसे लोगों के साथ एक संबंध रखता है.

यदि किसी व्यक्ति का संबंध यीशु के साथ नहीं हुआ है तो वह अभी तक बाहरी ही है. मेहमान है वो कभी भी आएगा और जाएगा. लेकिन परिवार का व्यक्ति तो घर में ही रहेगा.

आज इस लेख में हो सकता है कुछ स्पष्ट और कड़वा लगे लेकिन प्रभु चाहता है कि हम केवल मीठे मीठे आशीषों की ही बातों को न सीखें बल्कि उस आशीषों के सोते के साथ घनिष्ट संबंध भी बनाएं.

पवित्र बाइबल के अनुसार किन किन वजह से हम परमेश्वर से दूर हटते हैं

आज बहुत से कलीसिया में लोग प्रभु यीशु को तो ग्रहण करते हैं लेकिन बहुत से लोग थोड़े समय में ही प्रभु से दूर भी हो जाते हैं उसके कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं. पहला कारण हैं वे लोग प्रभु यीशु के साथ उनका गहरा सम्बन्ध नहीं बना.

इब्रानियों 12:1-2 कहता है इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें.

और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिस ने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्ता न करके, क्रूस का दुख सहा;

और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा. कहने का मतलब उन्होंने अपनी निगाहें प्रभु यीशु से हटा ली.

Conclusion

दूसरा कारण है वे लोग आज की भौतिक आशीषों के पीछे ही लगे रह गए और उस अनन्तकाल की आशीषों के विषय में नहीं विचार किया.

इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है. क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है.

और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं. (2 कुरु. 4:16-18)

विश्वास करता हूँ आपको यह लेख लहू बहने वाली स्त्री की चंगाई पसंद आया होगा. ऐसे है bible sermon in hindi पढ़ने और सुनने के लिए आप play store से Hindi bible study  मोबाईल एप्प भी डाउनलोड भी कर सकते हैं.

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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)

rajeshkumarbavaria@gmail.com


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