ईस्टर डे का मतलब | ईस्टर क्यों मनाया जाता है
दोस्तों आज हम सीखेंगे ईस्टर क्यों मनाया जाता है. मसीह जगत में ईस्टर डे का क्या मतलब है. और बाइबल में ईस्टर का क्या महत्त्व है Why Easter Sunday Service is important
प्रभु यीशु मानव जाति के लिए क्रूस पर अपने प्राणों का बलिदान दिया और दुःख उठाकर मरे हुओं में से तीसरे दिन जी उठा और कब्र से बाहर आ गया एवं 500 से अधिक लोगों को दिखाई दिया और शिक्षा दी. इस दिन को ही ईस्टर डे कहा जाता है. जो पुरे विश्व में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
एक बार की बात है एक जवान प्रचारक जिसका नाम डी. एल. मूडी था उसने यीशु ईस्टर संदेश बनाने के लिए चारों सुसमाचार को खोजा और यह ढूंढने की कोशिश की कि यीशु मसीह ने किस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया अर्थात ऐसा कौन व्यक्ति था जिसकी मृत्यु पर यीशु शामिल हुआ. उसने आश्चर्य किया कि यीशु किसी भी व्यक्ति की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हुआ क्योंकि जहाँ भी यीशु पहुंचा वहां मृत्यु का नाम निशान न रहा यदि कोई मरा हुआ व्यक्ति मिला चाहे चार दिनों से ही मरा हुआ क्यों न हो यीशु ने उससे भी जीवित कर दिया. ऐसे महान प्रभु को मृत्यु कैसे हरा सकती थी.
पढ़िए ईस्टर की छ: आशीषें | Six blessings of Easter
ईस्टर संडे क्यों मनाया जाता है
1 कुरुनिथियों 15:14 एक प्रश्न चिन्ह के साथ संत पौलुस कुरु. कलीसिया से और हमसे बात करता है. हमारे विश्वास का आधार है कि यीशु मसीह मुर्दों में से जी उठा. हम अपने जीवन में हरेक कठिनाई का समाना इस विश्वास से करते हैं. कि हमारा यीशु मसीह जी उठा है. उसने मौत को हरा दिया है.
यीशु मसीह ने मुर्दों में से जी उठ कर हमारे सब असम्भव बातों को सम्भव बना दिया है. वो कहता है यदि मुर्दे नहीं जी उठेंगे तो फिर हमारा विश्वास करना कोई लाभ का नहीं. तो आओ खाएं पियें क्योंकि कल तो हम मर ही जाएगें.
लेकिन प्रभु का धन्यवाद हो. हमारा प्रभु यीशु सिंहासन पर है राज्य करता है. वो जी उठा है. उसने मृत्यु को हरा दिया. उसने कब्र को छोड़कर बाहर आ गया.
1. यीशु अपने वचन के अनुसार जी उठा है (मत्ती 28:5-7)
स्वर्गदूत ने स्त्रियों से कहा, ईस्टर क्यों मनाया जाता है स्वर्गदूत ने स्त्रियों से कहा, कि तुम मत डरो: मै जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रुस पर चढ़ाया गया था ढूंढ़ती हो. वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था. (मत्ती 28:5-7)
और शीघ्र जाकर उसके चेलों से कहो, कि वह मृतकों में से जी उठा है; और देखो वह तुम से पहिले गलील को जाता है, वहाँ उसका दर्शन पाओगे, देखो, मैं ने तुम से कह दिया. इस वचन के अनुसार हम सीखते हैं कि यीशु अपने वचन के अनुसार जी उठा है. जैसा वो कहता है वैसा ही वो करता है. हम जो उस पर विश्वास करते हैं हम भी जी उठेंगे.
यदि हम उसका वचन जानते हैं तो हमें आने वाला कल हमें भयभीत नहीं करेगा. क्योंकि वो अपने वचन के अनुसार मृत्यु को हरा दिया है. तो वह आपके लिए भी अपने वचन को पूरा करेगा. उसके वायदे आपके लिए हाँ और आमेन के साथ पूरा करेगा.
चाहे जमीन आसमान टल जाए परन्तु उसका कोई भी वचन बिना पूरा हुए नहीं टलता. वो कहता है यदि तुम मुझमें बने रहो और मेरी बातें और मेरा वचन तुममें बना रहे तो जो चाहे मांगों तुम्हारे लिए हो जाएगा.
2. यीशु ने अपने लोगों को शान्ति दिया (यूहन्ना 20:19)
युहन्ना 20:19 उसी दिन जो सप्ताह का पहिला दिन था, सन्ध्या के समय जब वहां के द्वार जहां चेले थे, यहूदियों के डर के मारे बन्द थे, तब यीशु आया और बीच में खड़ा होकर उन से कहा, तुम्हें शान्ति मिले. जब यीशु मसीह क्रूस पर बलिदान हुआ उसके चेले कमरे में बंद होकर बैठे थे.
लेकिन यीशु आया और उनके बीच में आकर कहता है तुम्हें शान्ति मिले. हो सकता है आप भी अपने जीवन में ऐसे स्थान में हैं जहाँ डर ने भय ने और परेशानियों ने आपको बंद करके रखा है. प्रभु आएगा अपनी पुनुरुत्थान की सामर्थ के साथ आपसे कहेगा तुम्हें शान्ति मिले.
आज ईस्टर का दिन मैं आपको प्रोत्साहित करना चाहता हूँ. जब कलीसिया में सताव आया और यूहन्ना के भाई याकूब को मार दिया गया था और पतरस जेल में हैं और उसे मृत्यु दंड दिया जाना था. ऐसे समय में कलीसिया लौ लगाकर प्रार्थना कर रही थी. उस समय प्रभु ने अपनी सामर्थ के साथ स्वर्गदूत को बंदीगृह के भीतर जाकर उसे जगाया और उसे रिहा करवाया.
आज इस ईस्टर के दिन प्रभु आपको भी आपके अनजाने भय से और समस्या से रिहा करवाने जा रहा है. जिस प्रकार पतरस के जंजीरे और बेडीयां खुल गई. उसी प्रकार आपके भी सभी बंधन खुलने जा रहे हैं. यीशु जिन्दा है.
3. यीशु ने पतरस को पुनुर्स्थापित और स्थिर किया (यूहन्ना 21:15)
भोजन करने के बाद यीशु ने शमौन पतरस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू इन से बढ़कर मुझ से प्रेम रखता है? उस ने उस से कहा, हां प्रभु तू तो जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उस ने उस से कहा, मेरे मेमनों को चरा. यीशु ईस्टर अर्थात पुनुरुत्थान के पश्चात यीशु पतरस के पास आकर उसके तमाम गलतियों को माफ़ करते हुए.
(यूहन्ना 21:15)
उससे कहता है क्या तू मुझसे प्रेम रखता है, मोहब्बत रखता है. आज वह आपसे भी कहता है क्या आप उससे मोहब्बत रखते हैं. यदि हाँ तो वह पतरस के समान आपको नया कर के नई आशीषों के साथ आपको नया कर देगा. उसकी सेवा में लग जाएं…वो आपको भी और भी बेहतर बनाने जा रहा है. वो आपके जीवन में भी एक नया काम करने और आपको स्थिर करने जा रहा है.
ईस्टर कब मनाया जाता है
ईस्टर गुडफ्राइडे के तीसरे दिन अर्थात रविवार को मनाया जाता है. जिसे पुनुरुत्थान का दिवस भी कहा जाता है. यह एक त्योहार के रूप में मसीही जगत में मनाया जाता है.
ईस्टर कब है 2023
इस वर्स सन 2023 को ईस्टर रविवार 9 अप्रैल को मनाया जाएगा. जिसमें जगह जगह प्रार्थना सभाएं एवं देश के लिए तथा देश की कुशलता के लिए प्रार्थना की जाएगी. प्रार्थना के विषय सारे मानव जाति का उत्थान और आशीषें होता है.
Conclusion
मैं विश्वास करता हूँ इस लेख के द्वारा आपने कुछ सीखा होगा कि ईस्टर क्यों मनाया जाता है और किस प्रकार आज भी हमारे जीवन में आशीषों को लेकर आता है. हमने तीन बातें सीखीं यीशु वचन के अनुसार जी उठा, वो अपने वचन को पूरा करता है, दूसरी बात यीशु ने अपने लोगों को शान्ति दिया, वो आज भी निराश और अशांत मन को शांति देता है तीसरी बात यीशु मसीह जी उठकर अपने चेलों को स्थिर किया और प्रेम किया वह आज भी लोगों को जो उस पर विश्वास करते हैं स्थिर करता है और आशीषित करता है.
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