जयवंत मसीही जीवन

23 में जयवंत मसीही जीवन कैसे जियें | 10 ways how to live happy and successful life in hindi

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हेलो दोस्तों नया साल मुबारक हो, आज हम सीखेंगे कि इस वर्ष 23 में जयवंत मसीही जीवन कैसे जियें | 10 ways how to live happy and successful life in hindi जिसमें हम यहाँ 10 बिन्दुओं में बातें करेंगे…तो आइये शुरू करते हैं.

"हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं।"
रोमियो 8:37
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1. जयवंत मसीही जीवन जीने के लिए हमें बहानेबाजी त्यागना होगा | you have to give up all Excuses

दोस्तों बहाना बनाने की एक भयानक आदत है जिसने, ज्यादातर लोगों को सफल जीवन जीने से रोक रखा है. हर असफल व्यक्ति के पास एक बड़ा बहाने का Bag होता है जिसमें हर प्रकार के बहाने होते हैं. जो वह स्वयं को देता रहता है.

यीशु मसीह ने एक बार अपने कुछ लोगों को अपने शिष्य बंनने का सौभाग्य दिया. तब लोगों ने यह बहाना बनाया…लूका 14:18-20 किसी ने कहा, “मैंने खेत मोल लिया है, और अब जाकर उसे देखना चाहता हूँ. (तो क्या खेत खरीदने से पहले नहीं देखा था).

दूसरे ने कहा, “मैंने पांच जोड़े बैल मोल लिए हैं, उन्हें परखने जाता हूँ, इसलिए मुझे क्षमा कर. (ये कैसे हो सकता है, कि व्यक्ति खेत जोतने वाले मंहगे बैल बिना परखे या चेक किये खरीद ले)

दोस्तों यह बहाना बनाने की आदत बहुत पुरानी आदत है, जो एक हुक के समान है मनुष्य कितना भी दौड़े यदि पीछे वह हुक लगा हुआ है, तो आगे नहीं बढ़ सकता.

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2. हमें कुड़कुड़ाना और शिकायत करना छोड़ना होगा | you have to give up Complaining

सब काम बिना कुड़कुड़ाए और बिना विवाद के किया करो (फिलिप्पियों 2:14) अनेक बार मनुष्य उसी गंदगी के विषय में शिकायत करता रहता है जो उसने स्वयं फैलाई है. जिम्मेदार व्यक्ति शिकायत कम, काम ज्यादा करता है.

परमेश्वर का वचन कहता है, हे भाइयों, एक दूसरे पर दोष न लगाओ, ताकि तुम दोषी न ठहरो. (याकूब 5:9) इस्राएलियों की कुड़कुड़ाने की आदत ने ही उनकी 40 दिनों की यात्रा को 40 सालों में बदल दिया.

3. अपने जीवन का उद्देश्य जानिये | Find out your life purpose

मनुष्य के जीवन में दो दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, पहला जब उसने जन्म लिया दूसरा जब उसे पता चल जाए कि क्यों जन्म लिया. परमेश्वर जिसने हमें बनाया है वह हमसे कहता है, तुम पृथ्वी के नमक हो, (मत्ती 5:13) मतलब बहुत जरूरी चीज हो, (बिना तुम्हारे कोई स्वाद नहीं)

तुम जगत की ज्योति हो बिना तुम्हारे जगत में अंधकार होगा. इसके लिए परमेश्वर से प्रार्थना कीजिए और जानने का प्रयत्न कीजिए कि आप इस पृथ्वी पर क्यों हैं. उसके बाद आपको किसी और प्रेरणा लेने की जरूरत ही नहीं होगी.

आप स्वप्रेरित शक्तिशाली व्यक्ति होंगे. जैसा राजा दाउद ने कहा, मैं परम प्रधान परमेश्वर को पुकारूंगा, ईश्वर को जो मेरे लिये सब कुछ सिद्ध करता है। (भजन 57:2)

4. जानिये आप सचमुच क्या चाहते हैं | Decide what you really want in your life.

परमेश्वर यहोवा को अपने सुख का मूल जान और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा. (भजन 37:4) इससे पहले कि आपके मनोरथ पूरे होने आपको स्पष्ट रूप से पता होना चाहिए की आपके मनोरथ (मन की इच्छा) है क्या.

जिस प्रकार एक व्यक्ति 10 साल तक प्रार्थना करता रहा कि प्रभु मेरी लॉटरी लगा दो…प्रभु मेरी लॉटरी लगा दो…आखरी में कहता है अरे कोई प्रभु है ही नहीं…तभी ऊपर से आवाज आती है, ‘काश तूने कम से कम एक लॉटरी का टिकिट खरीदा होता!!!’

ये तो एक जोक है… लेकिन वास्तव में जब तक हम नहीं जानते कि हमें Really में चाहिए क्या तो हम उस तक कभी पहुँच ही नहीं पाएंगे. जो ज्यादा पाना चाहते हैं उनका दर्शन भी बड़ा होता है.

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“केवल इंसानों में अपने विचारों को भौतिक वास्तविकता में बदलने की शक्ति होती हैं केवल इंसान सपने देख सकता है एवं उन्हें साकार कर सकता है.”

महान लेखक नेपोलियन हिल

5. विश्वास करें यह सम्भव है | Believe it’s possible

यीशु ने कहा; यदि तू कर सकता है; यह क्या बता है विश्वास करने वाले के लिये सब कुछ हो सकता है। (मरकुस 9:23) देखो देर सबेर जीतता वही है जो सोचता है कि वह जीत सकता है. पौलुस कहते हैं मैं उसमें जो मुझे सामर्थ देता है सब कुछ कर सकता हूँ. (फिलिप्पियों 4:13)

विश्वास करें कि परमेश्वर आपको जयवंत जीवन जीने की सामर्थ देगा और और आप उस पर अमल भी करेगें. ये सोचते रहना छोड़ो कि दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं. क्योंकि वो भी यही सोच रहा है…आप केवल अपने परमेश्वर पर और अपने आप पर विश्वास कीजिए यही बात आपको जयवंत बनाएगी.

6. लक्ष्य की सामर्थ को उजागर कीजिए | Unleash the power of Goal setting

परमेश्वर ने हबक्कुक की पुस्तक में कहते हैं, दर्शन की बातें लिख ले, वरन पटिकाओं पर साफ़ साफ़ लिख दें कि दौड़ते हुए भी वह सहज से पढ़ी जाएं, क्योंकि उनके पूरे होने का समय वेग से आता है …उसकी बाट जोहते रहना क्योंकि वह निश्चय पूरी होंगी और उसमें देर नहीं होगी. (हबक्कूक 2:2) हमारे लक्ष्य हमारी ज्वलन्तशील इच्छाओं के लिए ईधन का काम करते हैं, जो हमेशा हमें आगे जयवंत जीवन जीने के लिए प्रेरणा देते हैं. इसलिए स्पष्ट एवं लिखित रूप में हमेशा यह हमारे पास होना चाहिए.

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7. अपने सुविधाक्षेत्र से बाहर आएं | Get out of your Comfort zone

यदि हम वही करते रहेंगे जो अब तक करते आयें हैं तो नि:संदेह वही परिणाम पाएंगे जो अब तक पाते आये हैं. यदि हम एक जयवंत जीवन की कामना करते हैं तो हमें अपने Comfort zone अर्थात उस सुविधाक्षेत्र से बाहर आना होगा जिससे हमारी पूरी क्षमता का इस्तेमाल हो सके.

जब परमेश्वर का महान दास मूसा मर गया तब, कई लाख इस्राएलियों की अगुवाई करने के लिए परमेश्वर ने एक नए अगुवे का चुनाव किया. वो था यहोशू. लेकिन यहोशू ऐसा करने से डर रहा था. तब परमेश्वर ने यहोशू से कहा,

मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बान्ध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार हो कर उस देश को जा जिसे मैं उन को अर्थात इस्राएलियों को देता हूँ….क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी?

हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा॥ (यहोशू 1:2,9)

8. कल्पना ही सबकुछ है | Imagination is Everything

एक घर पहले हमारे मन में कल्पना में बनता है फिर वास्तव में धरा में बनता है. पृथ्वी बेडौल और सूनसान पड़ी थी और गहरे जल के ऊपर अंधियारा था. जब परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो तो उजियाला हो गया. (उत्पत्ति 1:2)

परमेश्वर ने सम्पूर्ण सृष्टि बनाने से पहले कल्पना किया होगा. यदि हम किसी कार्य को करने से पहले उसकी कल्पना कर ले और स्पष्ट योजना बना लें तो हम उस कार्य को करने के 7 घंटे बचा सकते हैं. आप कल्पना कीजिये यह वर्ष 2023 आप कैसे जयवंत मसीही जीवन जिएंगे.

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9. जैसा विश्वास करते हैं वैसा कार्य करें | Act as if

योएल नबी की पुस्तक में परमेश्वर हमसे कहते हैं…निर्बल कहे मैं हूँ बलवान. (योएल 3:9) हमारा भरोषा परमेश्वर में है तो हम जयवंत से भी बढ़कर हैं. उस पर पूरा भरोषा करें, उसका नाम लेकर सारे काम करें विश्वास करें वो आपके लिए सीधा मार्ग निकालेगा. (नीतिवचन 3:5)

10. कदम बढ़ाएं | Take action

हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे, कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उससे क्या लाभ?…विश्वास भी यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्वभाव से मरा हुआ है. (याकूब 2:14, 17) जयवंत जीवन जीने के लिए आइये इस वर्ष इन बातों में कदम बढाएं.

तुम्हें कुछ कार्य शुरू करने के लिए महान होने की जरूरत नहीं है लेकिन महान होने के लिए कार्य करने की जरूरत जरूर है.

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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)

rajeshkumarbavaria@gmail.com


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