बच्चों-के-लिए-बाइबल-की-कहानियां

Best Bible Stories for Kids in hindi 2023 | बच्चों के लिए प्रेरणादायक बाइबल की कहानियां

Spread the Gospel

bachchon ke liye bible ki kahani | बाइबल की अनसुनी कहानी | bible ki kahaniyan hindi mein

बच्चों के लिए बाइबल की कहानियां जिसमें आप पाएंगे दाऊद की कहानी, एलीय्याह की कहानी, bible stories for kids, बाइबल की कहानियां हिंदी में. और ढेर सारी कहानियां.

बच्चों-के-लिए-बाइबल-की-कहानियां
Image by StockSnap from Pixabayबच्चों-के-लिए-बाइबल-की-कहानियां

#1 – एक चरवाहा राजा बना (1 शमुएल 16:1-13)

दाऊद यिशै का सबसे छोटा पुत्र था, दाऊद के सात भाई थे. उसके तीन भाई शाऊल की सेना में थे. दाऊद चरवाहा था और अपने पिता की भेड़ों की देखभाल करता था. वह सुन्दर और रूपवान बालक था.

वह विश्वासयोग्य और ईमानदार था. वह आज्ञाकारी और परमेश्वर का भय रखने वाला लड़का था. वह एक अच्चा संगीतकार भी था. वह बहादुर ही था. परमेश्वर चाहता था कि इस्राएल देश में एक नेक और ईमानदार राजा हो इसलिए परमेश्वर ने शमुएल नबी को आदेश दिया कि वह जाकर यिशै के पुत्रों में एक का राजा बनने के लिए अभिषेक करे.

परमेश्वर ने शमुएल नबी से कहा तेल लेकर यिशै के घर में जा, मैं वहा, तुझे बता दूंगा कि किसका अभिषेक करना है. अत: शमुएल उठा, तेल लिया और यिशै के घर की ओर चल दिया.

जब शमुएल बैतलेहम यिशै के घर पहुंचा तो उसने उसके पुत्रों को बुलवाया.

जब यिशै और उसके पुत्र आ गए तो शमुएल ने सबसे बड़े बेटे एलियाब को देखा और मन में सोचा, “यही होगा जिसे परमेश्वर ने चुना है.” परन्तु परमेश्वर ने कहा, नहीं. तब शमुएल ने दूसरे पुत्र को बुलवाया.

वह भी परमेश्वर दवारा चुना हुआ जन नहीं था. इसी प्रकार एक के बाद एक सातों पूत शमुएल को दिखाए गए. परन्तु शमुएल ने बताया परमेश्वर ने इनमें से किसी को भी नहीं चुना है. तब शमुएल ने यिशै से पूछा, “क्या तेरे पास कोई और भी पुत्र है?”

यिशै ने जवाब दिया, “हाँ एक छोटा पुत्र बाकी है, वह यहाँ नहीं है, वह बाहर भेड़ों की रखवाली कर रहा है. शमुएल ने आज्ञा दी. “उससे कहो वह जल्द ही यहाँ आ जाए.” तब यिशै ने अपने आठवें पुत्र दाऊद को जंगल से बुलवाया.

जैसे ही दाऊद वहां पहुंचा, परमेश्वर ने शमुएल से कहा, उठ, उसका अभिषेक कर…यही है वह.” (1 शमुएल 16:13) इस प्रकार शमुएल ने राजा बन्ने के लिए दाउद का अभिषेक कर दिया वह इस्राएल का दूसरा राजा घोषित हुआ.

कहानी की सीख : मनुष्य ऊपरी बातों को देखता है लेकिन परमेश्वर मन को देखता है. (1 शमुएल 16:7)

#2 – नाबोत का सुन्दर अंगूर का बगान (1 राजा 21:1-29)

दाउद के बाद उसके पुत्र सुलेमान ने इस्राएल पर राज्य किया. सुलैमान की मित्यु के बाद इस्राएल दो भागों में बंट गया. इस्राएल व यहूदा. दोनों में कुल मिलाकर 19 राजा प्रत्येक राज्य में हुए. यहूदा राज्य में राजा दाउद के वंशज सफल रहे.

लेकिन इस्राएल राज्य में भिन्न-भिन्न गोत्रों के राजा हुए. आहाब इस्राएल राज्य का सातवाँ राजा था जो बड़ा दुष्ट था. उसकी तुलना में नाबोत एक धर्मी और परमेश्वर का भय मानने वाला व्यक्ति था.

नाबोत के पास एक सुन्दर अंगूर का बगान था जो आहाब राजा के महल के निकट थी. उस दाख की बारी को देखकर राजा आहाब जलन से भर गया और उसे नष्ट करना चाहता था.

उसने नाबोत को बुलाया और उस दाख की बारी को खरीदने की इच्छा प्रकट की. वह उस दाख की बारी में साग-पात उगाना चाहता था. आहाब ने दो विकल्प नाबोत के सामने रखे.

पहली बात – “मैं तुझे बदले में दूसरी दाख की बारी दूंगा.” 

दूसरी बात : “मैं तुझे दाख की बारी की अच्छी कीमत अदा करूँगा.” 

राजा उस बहुमूल्य दाख की बारी को नष्ट करके साग-पात जैसी सस्ती चीजें उगाना चाहता था. परमेश्वर हमें अपनी बहुमूल्य दाख की बारी बनाता है. वह आत्मा के फल उसमें उगाना चाहता है. जैसे प्रेम, आनन्द, शांति, धीरज, दयालुता, भलाई, विश्वास, नम्रता, संयम (गलतियों 5:22).

आहाब राजा ने बहुत कोशिश की लेकिन फिर भी वह नाबोत के मन को जीत नहीं सका. नाबोत ने साहस के साथ कहा, “परमेश्वर न करे कि मैं अपने पूर्वजों की सम्पत्ति तुझे दूँ.” 

राजा उदास मन लेकर अपनी पत्नी ईजेबेल के पास लौट गया. ईजेबेल एक दुष्ट स्त्री थी. उन दोनों ने मिलकर एक षडयंत्र रचा नाबोत को षड्यंत्र में फंसाकर उन्होंने उस पर पत्थरवाह करा दिया.

परमेश्वर ने उस दुष्ट राजा को भयंकर दंड दिया. शीघ्र ही राजा आहाब युद्ध में मारा गया और कुत्तों ने उसका लहू चाटा. इसी प्रकार उसकी क्रूर पत्नी ईजेबेल उसी के सेवकों द्वारा महल के ऊंची खिड़की से बाहर नीचे फेंक दी गई. उसकी लोथ को कुत्तों ने खाया और खोपड़ी, पाँव और हथेलियों के अतिरिक्त कुछ भी शेष नहीं मिला.

कहानी से सीख : जिसकी जैसी करनी होती है उसकी वैसी भरनी होती है (नीतिवचन 12:14)

च्चों के लिए तीन बेहतरीन कहानियां

Short Bible stories with morals | prernadayak bible ki kahani

#3- बाइबल में एलिय्याह की कहानी (2 राजा 1:8)

एलिय्याह इस्राएल का एक महान भविष्यवक्ता था. वह गिलाद नगर के तिशबी गाँव का रहने वाला था. उसके शरीर में बहुत बाल थे और वह चमड़े का कमरबंद बांधता था. (2 राजा 1:8)

वह परमेश्वर का भय मानने वाला व्यक्ति था. जब सभी इस्राएली परमेश्वर के विरुद्ध थे तब वह अकेला साहस के साथ परमेश्वर के पक्ष में खड़ा था. परमेश्वर ने उसके द्वारा अनेकों आश्चर्यकर्म किये भी किये.

उस समय आहाब इस्राएल का राजा था. और ईजेबेल उसकी रानी थी. ईजेबेल एक दुष्ट स्त्री थी. वह मूर्तिपूजक थी और अन्य लोगों को भी मूर्तिपूजा के लिए प्रोत्साहित करती थी. ईजेबेल ने आठ सौ पचास मूर्तिपूजक पुजारी अपने साथ रखे हुए थे.

इनमें चार सौ पचास पुजारी बाल देवता की उपासना करते थे तथा शेष चार सौ अशेरा देवी के पुजारी थी. एलिय्याह ने ईजेबेल के चार सौ पचास बाल देवता के पुजारियों को मार डाला था.

जब ईजेबेल ने सुना कि एलिय्याह ने उसके सभी पुजारियों को मार डाला है तो वह क्रोध में आग बबूला हो उठी उसने एलिय्याह को धमकी दे डाली कि अगले ही दिन वह एलिय्याह का नामो-निशान मिटा डालेगी मतलब उसे मार डालेगी.

उसकी धमकी सुनकर एलिय्याह थरथर कांपने लगा तथा अपने प्राण बचाकर भागने लगा. वह बहुत दूर जंगलों में जाकर छिप गया और परमेश्वर से प्रार्थना करने लगा कि प्रभु आप मुझे मृत्यु दे दीजिये. उसने इस प्रकार प्रार्थना की, “हे यहोवा, अब बहुत हो छुआ, मेरा प्राण ले ले क्योंकि मैं अपने पूर्वजों से अच्छा नहीं हूँ.”

फिर वह झाऊ के पेड़ तले लेटकर सो गया. परमेश्वर ने उसकी ऐसी अपने दास के हानि की प्रार्थना को नहीं सुनता इसके विपरीत परमेश्वर ने उसके लिए एक स्वर्गदूत को भेजा जो उसे पत्थर में पकी हुई रोटी दे और सुराही से पानी पिलाए.

एलिय्याह नींद से जागा, खाना खाया और पानी पिया और फिर उससे बल पाकर चालीस दिन और चालीस रात यात्रा करके होरेब पहुंचा. वहां परमेश्वर ने उसे दर्शन दिया और कहा, “एलीशा का अपने स्थान पर नबी होने के लिए अभिषेक करना.”

परमेश्वर की आज्ञानुसार एलिय्याह वहां से चला और एलीशा से मिला.. उस समय एलीशा खेत में हल चला रहा था. एलिय्याह ने अपनी चादर एलीशा पर डाल दी. फिर एलीशा ने अपने बैल वहीँ खेत में छोड़ दिया और एलिय्याह के पीछे दौड़ गया. इस प्रकार एलीशा, एलिय्याह का शिष्य बन गया.

परमेश्वर ने एलिय्याह को स्वर्गीय रथ पर बैठाकर अपने पास बुलाने का निर्णय लिया था. जब यह बात एलिय्याह जान गया तो उसने एलीशा को गिलगाल में ही ठहरने को कहा, लेकिन एलीशा ने उत्तर दिया, “मैं तुझे नहीं छोडूंगा.”

गिलगाल से वे बेतेल पहुंचे यह वही स्थान था जहाँ याकूब ने स्वप्न देखा था. यहाँ पहुंचकर उसने एलीशा को ठहरने के लिए कहा, लेकिन एलीशा ने दृढ़तापूर्वक कहा, “मैं तुझे नहीं छोडूंगा.”

इसके बाद वे यरीहो में आए. एलिय्याह, एलीशा को वहां छोड़ना चाहता था परन्तु एलीशा ने फिर दृढ़तापूर्वक कहा, “मैं तुझे नहीं छोडूंगा.” अंतत: वे यरदन नदी के किनारे आए. फिर एलिय्याह ने अपनी चादर ऐंठकर जल पर ऐसी मारी. जल दो भागों में विभाजित जो गया.

और वे सूखी भूमि पर पार चले गए. यरदन नदी को पार करने के पश्चात एलिय्याह ने अपने सेवक एलीशा से पूछा, “इससे पहले कि मैं तेरे सम्मुख से उठा लिया जाऊं, मांग कि मैं तेरे लिए क्या करूँ?” उसने उत्तर दिया, “तेरी आत्मा का दुगुना भाग मुझे मिले.”

जब वे आपस में बातें कर ही रहे थे, तो अचानक एक अग्नि रथ (आग से भरा हुआ जिसमें घोड़े भी आग्निमय थे) आकर उन दोनों को अलग कर दिया और एलिय्याह बवण्डर के द्वारा ऊपर उठा लिया गया. और उसका चादर एलीशा को मिला जिसके कारण उसने जो माँगा था एलिय्याह का दुगुना भाग उसे मिला.

कहानी से सीख :- मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूंढ़ो, तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। क्योंकि जो कोई मांगता है, उसे मिलता है (मत्ती 7:7)

शमुएल बच्चे की कहानी

बच्चों के लिए बाइबल कहानियां | kids bible stories

#4 – बाइबल में विधवा की कहानी (2 राजा 4:1-7)

एलिय्याह जीवित ही स्वर्ग को उठा लिया गया था. एलीशा उसकी आत्मा का दुगुना भाग लेकर लौटा. इसलिए वह एलिय्याह से दूगुने आश्चर्यकर्म कर सका. एलीशा के साथ नबियों का एक समूह रहता था. उन नबियों में एक की म्रत्यु हो गई.

उसकी विधवा पत्नी और दो लड़के अकेले रह गए थे. वे बहुत गरीब थे और उन पर भारी कर्ज चढ़ गया था. और जिस साहूकार ने उन्हें कर्ज दिया था वह उन्हें आ आकर अक्सर तंग किया करता था.

एक दिन वह विधवा एलीशा के पास आकर कहने लगी, ” हे प्रभु के दास एक साहूकार मेरे दोनों बच्चों को अपने पास दास बनाने के लिए लेने आया है. क्योंकि उसका कर्ज चुकाने के लिए हम बिलकुल असमर्थ हैं” एलीशा ने उससे कहा, “मुझे बता तेरे घर में क्या है.?”

उस विधवा ने उत्तर दिया “तेरी दासी के घर में एक पात्र में तेल के अतिरिक्त कुछ नहीं है.” फिर एलीशा ने कहा, “घर जाकर अपने सब पड़ोसियों से अपने लिए खाली बर्तन मांग ला, थोड़े से बर्तन नहीं लाना.

फिर तू अपने पुत्रों के साथ भीतर जाना और द्वार बंद करके सब बर्तनों में तेल उंडेलना, और जो बर्तन भर जाएं उन्हें एक ओर रखती जाना.” तब वह विधवा अपने घर जाकर सब पड़ोसियों के पास गई.

जितने बर्तन वह जमा कर सकती थी उसने जमा किए. तब वह और उसके पुत्र घ में गए, द्वार बंद कर दिए. उसके बेटे बर्तन लाते गए और वह उनमें तेल उंडेलती रही. जब सारे बर्तन भर गए तब वह अपने पुत्रों से बोली, “और बर्तन लाओ.”

परन्तु बेटों ने उत्तर दिया, “अब कोई बर्तन नहीं रहा.” तब तेल रुक गया. इस आश्चर्यकर्म के कारण वह आश्चर्यचकित हो गई. वह सोचने लगी थोड़े से तेल से इतने ढेर सारे बर्तन कैसे भर गए.

फिर वह विधवा वापस एलीशा के पास गई और इस आश्चर्यकर्म के विषय में बताया. उसने कहा, “जा, तेल बेच कर कर्ज चूका दे, और जो रह जाए उस से तू और तेरे पुत्र निर्वाह कर सकते हैं.” इस प्रकार परमेश्वर ने अद्भुत रीती से उनकी समस्या का समाधान कर दिया.

कहानी से सीख :- “किसी भी बात की चिंता न कर, परन्तु प्रत्येक बात में प्रार्थना और निवेदन के द्वारा तुम्हारी विनती धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख प्रस्तुत की जाए. तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी.” (फिलिप्पियों 6:6-7)

#5 – नामान और इस्राएली छोटी लड़की की कहानी | children’s bible story ideas in hindi

सीरिया देश में नामान नामक एक शूरवीर और प्रतिष्टित सेनापति रहता था परन्तु वह कोढ़ से पीड़ित था. एक छोटी लड़की उसके घर में उसकी पत्नी की दासी का काम करती थी. उसे इस्राएल से बंधुआ बना कर लाया गया था.

एक दिन जब इस छोटी लड़की को पता चलता है कि उसका स्वामी अर्थात नामान कोढ़ से पीड़ित है तो वह अपनी मालकिन से कहती है. यदि मेरा स्वामी नामान इस्राएल में होता तो अवश्य चंगाई पाता और ठीक हो जाता, क्योंकि इस्राएल में एक परमेश्वर का दास है.

जो आश्चर्यकर्म करता है और वह भविष्यवक्ता भी है उसका नाम एलीशा है. यह बात जब नामान को पता चली तो. एक दिन नामान एलीशा से भेंट करने को चल दिया. उसने अपने साथ सोना चान्दी और बहुमूल्य कपड़े भी उपहार में देने के लिए रख लिए.

वह अपने घोड़ों, रथों और सैनिकों के साथ एलीशा के द्वार पर पहुंचा.एलीशा ने अपने एक सेवक को उसके पास यह बताने के लिए भेज दिया, जा नामान से कह दे कि जाकर यरदन नदी में सात बार जाकर डूबकी लगा, तब तेरा शरीर चंगा हो जाएगा, और तू बिलकुल स्वस्थ हो जाएगा.”

यह कार्य बिलकुल सरल था और उसे ठीक होने के लिए मानना भी था. लेकिन नामान क्रोध से भर गया और कहने लगा मैं तो सोचा था भविष्यवक्ता बाहर आकर मुझे चंगा करेगा लेकिन यह क्या वह तो मुझे यरदन में स्नान करने को कह रहा है.

क्या स्नान करने के लिए मेरे देश में दमिश्क की अबाना नदी और परपर नदी नहीं हैं? क्या मैं उनमें स्नान करके शुद्ध नहीं हो सकता? फिर नामान के सेवकों ने उसे समझाते हुए कहा, “स्वामी यदि नबी तुझे कोई कठिन कार्य करने को कहता तो क्या तू न करता? तो जब वह कहता है कि यरदन नदी में जाकर सात बार डूबकी लगा तो इसे कितना और न मानना चाहिए.”

तब उसने उन वचनों के अनुसार यरदन में जाकर सात बार डूबकी लगाईं, और उसी देह छोटे बच्चे की देह के समान शुद्ध हो गई. और वह बिलकुल ठीक हो गया. तब वह अपने डाल सहित एलीशा के पास लौट आया और उसके सम्मुख खड़ा होकर कहने लगा, “अब मैं जान गया हूँ कि इस्राएल को छोड़ सारी पृथ्वी भर में कहीं कोई परमेश्वर नहीं है.

चंगाई पाकर नामान आनन्द और धन्यवाद से भर गया. जो उपहार वह एलीशा के लिए लाया था उन्हें वह एलीशा को भेंट करने लगा परन्तु उसने उन्हें नहीं लिया. लेकिन एलीशा के सेवक जिसका नाम गेहजी था, बिना एलीशा के बताए उपहार ले लिए.

उसने एलीशा को धोखा दिया. परन्तु आत्मा की अगुवाई से एलीशा सब कुछ जानता था. अत: एलीशा ने नामान का श्राप (कोढ़) गेहजी पर दाल दिया. इस प्रकार गेहजी कोढ़ से भर गया.

कहानी से सीख :- परमेश्वर के लिए कोई भी बच्चा इस्तेमाल हो सकता है. जिस प्रकार उस बच्ची ने दूसरे देश में गवाही दी, और गेहजी जो एक अगला भविष्यवक्ता बन बन सकता था लालच में आकर उसने अपना बेहतरीन अवसर खो दिया.

इन्हें भी पढ़ें

परमेश्वर की भेंट पर तीन अद्भुत कहानियां

यीशु कौन है

कभी हिम्मत न हारें

https://biblevani.com/

पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)

rajeshkumarbavaria@gmail.com


Spread the Gospel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
Scroll to Top