परमेश्वर का वचन को बाइबिल में अनेक नामों से पुकारा गया है, बाइबिल परमेश्वर का लिखा हुआ वचन है, जो परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है इसे लिखने वाले तो मनुष्य थे लेकिन इसे लिखवाने वाला परमेश्वर था. आज हम पढेंगे बाइबिल इन्हें किन नामों से पुकारती है.
परमेश्वर का वचन इन हिंदी | What is Word of God according to the Bible
बाइबिल परमेश्वर का वचन है जिसमें 66 पुस्तकें हैं जिसे लगभग 40 लेखकों ने अलग अलग स्थानों में और अलग अलग समयों में लिखा. बाइबिल में कुल 1189 अध्याय और 31101 पद हैं पुराने नियम में शब्द परमेश्वर 3382 बार उपयोग किया गया है.
परमेश्वर का वचन तलवार है
आत्मा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है, (इफिसियों 6:17) बाइबिल वताती है कि परमेश्वर का वचन अपने आप में दोधारी तलवार से ज्यादा तेर धारदार है जो मनुष्य के मन को और गुदे गूदे को आर पार छेदती है अर्थात मनो को जानती है. (इब्रानियों 4:12)
तलवार एक ऐसा हथियार है जो वार करता है यह आत्मिक रूप से अंधकार की शक्तियों के लिए इसकी उपमा दी गई है. क्योंकि हमारे हथियार आत्मिक गढ़ों को ढा देने के लिए पर्याप्त हैं.
परमेश्वर का वचन हिंदी में | The Word of God is powerful
परमेश्वर का वचन हथोड़े के समान है
परमेश्वर का वचन बड़ा ही सामर्थी है जिसकी उपमा एक हथोड़े से भी की गई है (यिर्मियाह 23:29) कहता है की परमेश्वर का वचन ऐसे हथोड़े के समान जो किसी भी चट्टान को चूर चूर करने की शक्ति रखता है. अर्थात यह गलत शिक्षाओं के ऊपर एक भारी प्रहार करता है. और शैतान की शक्तियों के टुकड़े टुकड़े कर सकता है.
परमेश्वर का वचन आज का | The word of God is like lamp
परमेश्वर का वचन दीपक के समान है
भजनों को लिखने वाला भजनकार राजा दाउद कहते हैं, परमेश्वर तेरा वचन मेरे लिए मानो दीपक है और मेरे मार्ग के लिए उजियाला है. (भजन 119:105) परमेश्वर का वचन घोर अंधकार में भी हमारे लिए आत्मिक उजियाला लेकर आता है.
ताकि हम सत्य रूपी उजियाला में चल सकें. प्रभु यीशु ने कहा मैं जगत की ज्योति हूँ और जो मेरे पीछे आता है और मुझ पर विश्वास करता है वो फिर अंधकार में नहीं चलेगा भी जगत की ज्योति बन जाता है. (यूहन्ना 8:12)
परमेश्वर का वचन दूध के समान है
जब एक व्यक्ति प्रभु में आता है और प्रभु यीशु पर विश्वास करता है वह कितना भी उम्र का क्यों न हो वह एक नए जन्मे बालक की तरह होता है और उसे बढ़ने के लिए दूध की आवश्यकता होती है. (1 पतरस 2:2 ) हरेक नए जन्म व्यक्ति जो प्रभु में नया जन्म पाया हुआ है उसे दूध की जरूरत है ताकि वह आत्मा में और सत्य में बढ़ सके और धार्मिकता में बढ़ सके (इब्रानियों 5:13)
क्या पुराना नियम भी परमेश्वर का वचन है | Is the Old Testament God’s Word
हाँ पुराना नियम भी परमेश्वर का वचन है बाइबिल कहती है सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है प्रभु यीशु ने कहा मैं व्यवस्था की शिक्षाओं को लोप करने नहीं बल्कि उन्हें पूरा करने आया हूँ प्रभु यीशु ने नए नियम में पुराने नियम की 29 किताबों में से उल्लेख किया है जो बताता है पुराना नियम भी परमेश्वर का वचन है.
परमेश्वर का वचन रोटी के समान है
जीवन जीने के लिए रोटी अतिआवश्यक वस्तु है जो हमारे शरीर को पोषकतत्व प्रदान करती है और हमें हस्टपुष्ट रखती है. लेकिन प्रभु यीशु ने कहा मनुष्य केवल रोटी से नहीं बल्कि हरेक वचन जो परमेश्वर के मुख से निकलता है अर्थात परमेश्वर के वचन से जीवित रहेगा. (मत्ती 4:4)
ये बात प्रभु यीशु ने पुराने नियम के व्यवस्था विवरण के 8:3 से कही थी. और व्याख्या की थी प्रभु यीशु ही जीवन की रोटी हैं जो इस धरती पर बहुतायत का जीवन देने को आये (यूहन्ना 10:10)
परमेश्वर के वचन की सात आशीषें
1. परमेश्वर का वचन स्वतंत्र करता है : प्रभु यीशु ने कहा है, तुम सत्य को जानोगे तब तुम स्वतंत्र हो जाओगे. ( यूहन्ना 8:32 ) प्रभु ने कहा मैं ही मार्ग सत्य और जीवन हूँ वचन जो देहधारी हुआ वो वचन यीशु मसीह ही है. (युहन्ना 1:1-3)
2. परमेश्वर का वचन चंगाई देता है : परमेश्वर अपने वचन को भेजकर सभी रोगों से हमको चंगा करता है (भजन 107:20) प्रभु यीशु ने दूर से कहकर उस सूबेदार के सैनिक को चंगा कर दिया था अपने वचन को भेजकर.
3. विश्वास उत्पन्न करता है : बाइबिल कहती है विश्वास जो सारे जगत में जय पाता है वह विश्वास सुनने से आता है और सुनना प्रभु यीशु मसीह के वचन से होता है (रोमियो 10:17)
4. पापों से बचाता है : बाइबिल में परमेश्वर के दास दाउद ने इस प्रकार कहा है, एक जवान किस उपाय से अपने आपको शुद्ध और पवित्र रख सकता है, केवल एक ही उपाय से और वह है परमेश्वर के वचन के अनुसार सावधान रहने से. (भजन 119:9)
5. हमें आनन्दित जीवन देता है : आशीषित है वह व्यक्ति जो परमेश्वर के वचन को सुनता है उस व्यक्ति से परमेश्वर भी प्रसन्न होता है और उसे आनन्दित जीवन की भी प्राप्ति होती है. (नीतिवचन 8:34) यीशु मसीह ने भी कहा धन्य या आशीषित है वह व्यक्ति जो परमेश्वर के वचन को सुनता और उसे अपने जीवन में लागू भी करता है. (लूका 11:28)
6. परमेश्वर का वचन मानने से हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर भी मिलता है : प्रभु यीशु ने कहा यदि मेरी बाते तुम में बनी रहीं और तुम मुझमें बने रहो अर्थात यदि तुम परमेश्वर के वचन का पालन करो उसे मानो तो जो मागों वो तुम्हारे लिए हो जाएगा (युहन्ना 15:7)
7. हमें अनंत जीवन का आश्वासन प्रदान करता है : जीवन में सच्ची ख़ुशी पाने के लिए एक जीवित आशा का होना अति आवश्यक है कि इस जीवन के बाद हमारा क्या होगा…जो हमें केवल परमेश्वर का वचन ही देता है. मैंने तुम्हें जो परमेश्वर के पुत्र के नाम पर अर्थात यीशु मसीह पर विश्वास करते हो, इसलिए लिखा है कि तुम जानो कि अनंत जीवन तुम्हारा है. (1 यूहन्ना 5:13)
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