दोस्तों आज हम सीखेंगे बाइबिल के विषय में बाइबिल स्टडी इन हिंदी | Bible Study in Hindi तो आइये शुरू करते हैं.
बाइबिल शास्त्र | बाइबिल स्टडी इन हिंदी | Bible Study in Hindi
बाइबिल के इतिहास में मुख्य मोड़. हम यहाँ बाइबिल कैसे वर्तमान तक का सफर कुछ मुख्य बिन्दुओं में देखेंगे.
1. सेप्टूआजिंट (LXX)
पुराना नियम इब्रानी भाषा से सत्तर ज्ञानियों के द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में यूनानी भाषा में अनुवाद किया गया जिसे (LXX) या सेप्टूआजिंट कहा जाता है. यह कार्य एलेकसेंडरिया शरह में संपन्न हुआ था.
2. सम्पूर्ण बाइबिल लातानी (लेटिन) भाषा में बैतलेहम में संत जैरोम के द्वारा अनुवाद किया गया जिसे वलगेट कहते हैं.
3. बाइबिल की हजारो प्राचीन हस्तलिखित प्रतियाँ आज भी विद्यमान हैं जिन में तीन प्रमुख हैं वह है कोडेक्स सिनाईटिक्स – यह चौथी शताब्दी की प्रति है जो सोवियत संघ से 1933 में खरीदी गई और अब ब्रिटिश म्यूजियम में है.
4. कोडैक्स अलैकसांइडिनस – यह पांचवी शताब्दी की हस्तलिखित प्रति है जो अब ब्रिटिस म्यूजियम में है.
5. कोडैक्स वेटिकंस यह भी सम्भवत: चौथी शताब्दी की प्रति है जो अब रोम के वेटिकन पुस्तकालय में संरक्षित है.
विक्लिफ बाइबिल – एक महान पंडित और बाइबिल के ज्ञानी थे जिन्होंने 1380 में नया नियम अंग्रेजी भाषा में भाषांतरित किया था.
6. विलियम टिंडेल– उन महान ब्रिटिश अनुवादों में से एक है जिनका नाम बाइबिल के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है. अपने अनुवाद के काम के लिए बाद में उन्हें शहीद भी होना पड़ा. नया नियम 1525 में और पंचग्रथ 1530 में अंग्रेजी भाषा में अनुवाद करके छपा. बाकी पुराना नियम छाप नहीं पाए पर बहुत काम पूरा कर लिया था.
7. ग्रेट बाइबिल 1539 में माइल्स कवरडेलन नामक व्यक्ति द्वारा निकाला गया इंग्लिश अनुवाद जो मैथ्यूस बाइबिल, कवरडेल बाइबिल एवं टिंडेल बाइबिल पर आधारित था.
– इंगलैंड के राजा जेम्स प्रथम द्वारा निर्देशित अनुवाद किया. लगभग 300 सालों तक अंग्रेजी भाषाओं में सबसे प्रचलित बाइबिल है.
19 वीं और 20 वीं शताब्दी में बाइबिल का दुनिया की बहुत सारी भाषाओं में अनुवाद किया गया. अंग्रेजी भाषा में भी कई अत्यंत प्रचलित अनुवाद सामने आए जैसे. स्टैण्डर्ड वर्शन, रेवाईज्ड वर्शन (RSV), New international Version. (NIV) आदि.
दुनिया की प्राचीन किताबों में बाइबिल की ही सबसे अधिक हस्तलिखित प्रतियाँ मौजूद हैं. जो बाइबिल पहले मिटटी के तख्तों पर पत्थरों पर और फिर पेपिरस पौधे के पत्तों पर और चमड़ों के पत्रियों पर हाथ से लिखी जाती थी.
वो 16 वीं शताब्दी के आरंभ में प्रिंटिग प्रेस के द्वारा छप कर लोगों के हाथ में पहुँचने लगी. बाइबिल ही दुनिया की पहली छपी हुई पुस्तक है
तब से लेकर आज तक विश्वभर में सर्वाधिक बिकने वाली और विस्तृत पुस्तक बाइबिल ही है जो अब दुनिया की हजारों भाषाओं में अनुवादित हो चुकी है.
बाइबिल क्या है ? – बाइबिल परमेश्वर के द्वारा प्रकाशित परमेश्वर का लिखित रूप में वचन है. परमेश्वर का दिया हुआ प्रकाश बाइबिल के ही रूप में संरक्षित क्या गया है.
बाइबिल में केवल परमेश्वर का वचन नहीं पाया जाता बल्कि सम्पूर्ण बाइबिल ही परमेश्वर का वचन है. परमेश्वर ने पवित्रात्मा के द्वारा चुने हुए लोगों को प्रेरित किया.
जिनकी कलम से बाइबिल की किताबें रची गई. एक ओर जहाँ प्रत्येक लेखक की व्यक्तिगत चाप उसकी किताब में देखने को मिलती है वाही यह समझना जरुरी है
कि वे अपने मन के विचारों को खुद अपनी ताकत और मनमानी से लिख नहीं रहे थे. अपितु पवित्रात्मा की देखरेख में पवित्रात्मा की सामर्थ्य और अगुवाई द्वारा ही अपनी रचनाए रच रहे थे. (2 पतरस 1:20-21)
पूरी बाइबिल को लिखने में लगभग 1 हजार 600 साल का समय लगा. नया नियम लिखने में बहुतेरे आपस में कभी मिले नहीं थे इस काम को पूरा किया.
इन में चरवाहे, राजा, मंत्री, मछुआरे और वैद्य भी थे. पुराना नियम इब्रानी भाषा में और नया नियम यूनानी भाषा में लिखा गया.
पुराने नियम में एज्रा और दानिएल की किताबों में आरामी भाषा का भी इस्तेमाल हुआ है. जब तक परमेश्वर हमें प्रकाश न दे हम कुछ समझ नहीं सकते. (व्यवस्थाविवरण 29:29)
प्रकाश दो प्रकार के हैं.
1. साधारण प्रकाश :- वह प्रकाश जो दुनिया के तमाम पर प्रकट है (रोमियो 1:18-20)
2. विशेष प्रकाश :- वह जो केवल चुने हुए लोगों पर प्रकट किया गया है. बाइबिल और यीशु मसीह विशेष प्रकाश में आते हैं.
जहाँ यीशु मसीह परमेश्वर की परिपूर्णता को शारीरिक रूप में प्रकट करती है. प्रगट करते हैं वही बाइबिल परमेश्वर की परिपूर्णता को लिखित रूप में प्रकट करती है.
कृपया अपने कमेन्ट करके अवश्य बताएं बाइबिल शास्त्र | बाइबिल स्टडी इन हिंदी | Bible Study in Hindi लेख आपको कैसा लगा. आप हमारे हिंदी बाइबिल स्टडी app को गूगल प्ले स्टोर से डाउन लोड आप इस लिंक से उस लेख को पढ़ सकते हैं.. हमारे इन्स्ताग्राम को भी फोलो कर सकते हैं…
इन्हें भी पढ़े
जीवन में दुःख और सुख दोनों जरूरी हैं
पवित्र बाइबिल नया नियम का इतिहास
हम कैसे विश्वास को बढ़ा सकते हैं
प्रतिदिन बाइबल पढ़ने के 25 फायदे