(मती 7:24 -27) “जो कोई मेरी बातें सुनता है और उन पर अमल करता है वह उस अक्लमंद या बुद्धिमान मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने चट्टान पर अपना घर बनाया. मेंह बरसा बाढ़े आई और उस घर पर टक्करें लगी लेकिन वह न गिरा…. क्योंकि उसकी बुनियाद चट्टान पर डाली थी…”
और “जो मेरी यह बातें सुनता है और उन को अपने जीवन में लागू नहीं करता अमल नहीं करता वह उस मूर्ख आदमी की मांनिंद ठहरेगा जिसने अपना घर रेत या बारू पर बनाया और मेंह बरसा और पानी चढ़ा और आंधियां चली और उस घर को सदमा: पहुंचाया और वह गिर गया और बिलकुल पूरी रीति से बरबाद हो गया.”
- ये बातें जब सदूकियों और फरीसियों ने सुना होगा तो मन ही मन तिलमिला उठे होंगे क्योंकि वे तोरा अर्थात मूसा के द्वारा लिखी हुई पहली पांच पुस्तकों पर विश्वास करते थे. की वही बुनियाद है.
- लेकिन प्रभु यीशु कह रहे हैं जो मेरी बातों पर अमल करेगा. मेरी बातों को अपनी बुनियाद बनाएगा.
- हमारा सम्पूर्ण अधिकार प्रभु यीशु मसीह है और उसकी बातें हैं.
- यीशु मसीह ने कभी कोई गलती नहीं की कोई वादा खिलाफी नहीं की, कभी झूठ नहीं बोला.
- यीशु ने एक बार कहा, तुममें से कौन है, जो मेरी गलती के बारे में बता सकता है या मेरा गुनाह साबित कर सकता है. (यूहन्ना 8:46)
- वह सब बातों में हमारी तरह आजमाया गया परखा गया लेकिन बेगुनाह रहा. (इब्रानियों 4:15)
- हमारे जीवन का सर्वोच्च अधिकारी कौन है…क्या कोई मनुष्य / वैज्ञानिक/ या कोई बाबा या फिर कौन ?
- हम हमारे जवाबों के लिए किसके पास जाते हैं. यीशु मसीह की तुलना में सभी कम और फीके पड़ जाएंगे.
- 30 वर्षों तक बढ़ई का काम किया और तीन साल तक सेवा किया.
- उसके दोस्तों ने भी उसे छोड़ दिया. दो चोरों के साथ उसे क्रूस पर चढाया गया.
- उसके कपड़ों के लिए चिट्टी डाल कर उन कपड़ों को बाँट लिया गया जो उसकी एकमात्र सम्पत्ति थी.
- लगभग 2000 साल बीत गए और अभी भी वह मानवता का प्रतीक एक मिशाल बना हुआ है.
- बड़े बड़े राजा महाराजा और ज्ञानी और विज्ञानी भी मिलकर उस आदर्श के करीब नहीं आ सके.
- वह इतना महान है कि उसकी तुलना किसी भी व्यक्ति से नहीं की जा सकती.
- दुनिया के पास सवाल है तो यीशु के पास जवाब है हालेलुयाह (प्रभु की स्तुति हो )
- हम तो यीशु को ही ताकेंगे…उसकी वाणी उसका वचन हमारे लिए Final वचन है.
- परमेश्वर यहोवा से स्वयं यह गवाही दी ये मेरा प्रिय पुत्र है.
- प्रभु यीशु ने बाइबल को 6 बार परमेश्वर का वचन कहा है.
- परमेश्वर के वचन को प्रभु यीशु ने परमेश्वर का आदेश भी कहा है…(मत्ती 15:3)
- मैं अब्राहम का परमेश्वर हूँ …(मत्ती 22:31-33) वर्तमान काल में यीशु बाते कर रहा था लोग आश्चर्य में पड़ गए परमेश्वर जीवितों का परमेश्वर है न कि मरे हुओं का.
- यीशु ने बताया बाइबिल बिना गलती के अचूक है.
- नया नियम प्रभु यीशु के स्वर्गारोहण के पश्चात लिखा गया. लेकिन (युहन्ना 14:25-26) में यीशु ने कहा, मैं जाऊँगा और तुम्हारे लिए एक सहायक भेजूँगा…मददगार जो तुम्हें सब बाते सिखाएगा जो कुछ मैंने तुमसे कहा है, वह सब बाते तुम्हें याद दिलाएगा..
- प्रभु के मन में पहले से ही था कि किताबें लिखी जाएंगे…उस समय तक नया नियम बाइबिल लिखी नहीं गयी थी. तब प्रभु का वचन एक भविष्यवाणी के रूप में था….पवित्रात्मा लिखवाएगा..जैसा कि हुआ भी और आज हमारे पास बाइबिल है….
- संपूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से लिखा गया है.
- और प्रभु यीशु यह भी जानते थे कि पवित्रशास्त्र बाइबल बिना गलती के होगी क्योंकि उन्होंने कहा, “जमीन और आसमान टल जाएगा परन्तु मेरा एक वचन एक मात्र भी पूरा हुए बिना नहीं टलेगा.
- बाइबिल के सभी वचन परमेश्वर के वचन हैं…किसी भी कठिन से कठिन वचनों में कोई भी गलती नहीं है.
- इसे तोड़े या मोड़ा नहीं जा सकता …गलत शाबित नहीं किया जा सकता
- यीशु ने कहा, ये मत सोचो कि मैं व्यवस्था भविष्यवक्ताओं की बैटन को लोप करने आया हूँ लोप नहीं पूरा करने आया हूँ (मत्ती 5:17-18)
- इन छोटे से छोटे हुक्म को आदेश को जो तोड़ेगा और ऐसा ही सिखाएगा तो आसमानी बादशाहत में छटा कहलाएगा लेकिन जो इस अमल करेगा और ऐसा ही सिखाएगा वो स्वर्ग में (आसमानी बादशाहत ) में बड़ा कहलाएगा. (मत्ती 5:19)
- यीशु मसीह ने सिखाया पुराना नियम परमेश्वर का वचन है.
- पुराने नियम की 39 पुस्तकों में से 29 पुस्तकों के विषय में यीशु ने सुसमाचारों में जिक्र किया है.
- पवित्र बाइबल अविनाशी है, बहुत्तों ने बाइबल का नाश करना चाहा लेकिन वो नाश हो गए और परमेश्वर अपने वचनों को बचाता आया है और बचाएगा.
- 5600 नए नियम की प्रारंभिक ओरिजिनल प्रतियाँ मिली हैं जो आज भी सुरक्षित हैं.
- हर साल करोड़ों बाइबिल छपती और बिकती हैं इस संख्या के करीब भी आज तक कोई पुस्तक नहीं पहुँच पाई है.
- परमेश्वर के तुल्य होकर भी यीशु शून्य हो गया. (कुलुस्सियों 1:15-17)
- सीड़ियों से हम क्या करते हैं ऊपर की ओर चढ़ते हैं….लेकिन एक हैं जिसने सीड़ियों का इस्तेमाल नीचे उतरने के लिए किया…
- उसके पास दुनिया को बचाने का अधिकार है. धरती और आकाश का सारा अधिकार उसे दिया गया है.
- ये ही वो बुनियादी बातें हैं जिस पर हमें अपना घर बनाना है.
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Sir mujhe bahut sikhana h
God bless you