दोस्तों यह भजन संहिता 23 मेरे पसंदीदा भजनों में से एक है कठिन समयों में मेरे जीवन में इस भजन ने बहुत तसल्ली दी है। आइये आज हम इस भजन में से मनन करके आशीष पाएं।
(1) वो मुझे जानता है (चरवाहा) यहोवा रोही v.1 यहोवा मेरा चरवाहा है,
इस भजन को लिखने वाला राजा दाउद स्वयं एक दिन चरवाहा था, वो जानता था कि उसने किस रीति से अपने भेड़ों के लिए अपनी जान भी जोखिम में डाल कर उन्हे बचाया है, जो भी उत्तम से उत्तम हो सकता था उन्हें खिलाया है। इसी कारण वह स्वयं को भेड़ों की उपमा देकर अपने स्वामी परमेश्वर को कह रहा है कि यहोवा परमेश्वर मेरा चरवाहा है…अर्थात परमेश्वर के साथ एक घनिष्ट सम्बन्ध है…चरवाहा प्रत्येक भेड़ों को जानता है और हर एक भेड़ चरवाहा की आवाज समझती हैं।यदि सचमुच परमेश्वर यहोवा मेरा चरवाहा है तो फिर मुझे कुछ भी घटी न होगी… मुझे कुछ घटी न होगी।…वो जो उड़ने वाले पक्षियों को खिलाता है जो बोते नहीं काटते नहीं, वो जो सारी सृष्टि की सारी जरूरतों को पूर्ति करता है…उसने हमसे कहा है तुम उन सभी जीव जन्तुओं से उत्तम हो तुम मेरी सन्तान हो जब मैंने तुम्हारे लिए अपना एकलौता पुत्र भी नहीं रख छोड़ा तो और क्या कुछ क्यों नहीं दूंगा…
(2) वो मेरी सारी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।(यहोवा यीरे)
v.2 वह मुझे हरी हरी चराइयों में ले के जाता है। परमेश्वर मेरी सारी आवश्यकताओं को जानता है…मेरी रोटी कपड़े मकान की आवश्यकता को…मेरी शारीरिक और आत्मिक और भावनात्मक जरूरतों को भी पूरी करता है। यहाँ शब्द चराईयां बहुवचन में है अर्थात यदि एक चराई खा कर समाप्त भी हो जाए तो और भी अनेक चराईयाँ है जितना खा सकता है खा कभी कोई भोजन वस्तु की घटी न होगी…उसका वायदा है तू मेरी उपासना कर मैं तेरे अन्न और जल में बरकत दूंगा..तुझे चिकने चिकने पदार्थों से तृप्त करूंगा।
V.2 b.वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले जाता है
खाने के बाद वह पीने के लिए उत्तम पानी देता है…झरने का पानी…यह कोई साधारण झरना नहीं लिखा है सुखदाई जल का झरना…जहाँ सुख बह रहा है वो सुख जिसके लिए सारी दुनिया भागी जा रही है कभी पहाड़ो में तो कभी सांपो बिझुओं के पीछे तो कभी धन के पीछे…सच्चा सुख यहोवा के पास है…झरने के समान बहता हुआ… पी सकता है तो पी नहाओ डुबकी लगाओ उस सुखदायी झरने में।यहोवा मेरी मन में शान्ति देता है।
3. वो मुझे चंगा/स्वस्थ करता है। (यहोवा राफा) v.3
वो मेरे जी में जी लाता है, वही तो मेरे सारे रोगों को चंगा करता और मेरे सारे अपराधों को क्षमा करता है…परमेश्वर न केवल शारीरिक वरन आत्मिक रोग जैसे कि पाप को भी क्षमा करके हमें आंतरिक चंगाई देता है।मनुष्य कितना भी बलवान हो धनवान हो यदि उसके पाप उसे अंदर से काट रहे हों उसका विवेक बैचेन हो उसके जी में जी नहीं रह सकता। उसके अंदर की आवाज उसे जीने नहीं देगी। लेकिन सुभसंदेश यह है कि एक परमेश्वर है जिसने अपने बेटे (यीशु मसीह) को इस मानव जाति के लिए दे दिया जो कोई उस पर विशवास करे तो अपने पापों से छुटकारा पाएगा उसका नाश नहीं होगा वरन अनंत जीवन (स्वर्ग ) का वारिस होगा…उसके जी में जी आएगा।
4. वो मेरी रहनुमाई/अगुवाई करता है। (v,3b)
वो धर्म के मार्गो में अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई करता है) दुनिया में बहुत से अगुवे, मेंटरऔर लीडर हैं परन्तु परमेश्वर के समान कोई नहीं । सच्चा अगुवा यहोवा परमेश्वर ही है। परमेश्वर हमसे वायदा करता है एक माँ भी हमें छोड़ दे तो छोड़ दे परन्तु परमेश्वर न कभी हमें छोड़ेगा न ही कभी त्यागेगा। उसका वायदा है जो उस पर विश्वास करते हैं उन्हें बुढापे तक लिए फिरेगा…उनकी पीढ़ी दर पीढ़ी यहोवा परमेश्वर की करुणा सदा बनी रहेगी। यदि आज अपने जीवन में असमंजस में हो या कुछ महत्वपूर्ण निर्णय नहीं ले पा रहे हो तो परमेश्वर के पास आयें…उसको स्मरण करके सब काम करें…वो तुम्हारे लिए सीधा मार्ग निकालेगा…
5. वो मुझे सुरक्षा प्रदान करता है। (यहोवा शम्मा) v.4a
चाहे मैं घोर अंधकार से भरी हुई तराई में होकर चलूं तोभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है….भजनकार दाउद के जीवन में बचपन से लेकर ताउम्र मृत्यु का भय ने उसका पीछा किया है …परन्तु दाउद कभी नहीं डरा उसने उस रहस्य को जान लिया कि यदि परमेश्वर हमारे ओर है तो मनुष्य हमारा क्या कर सकता है…उसने महसूस किया कि अद्रश्य परमेश्वर की सुरक्षा प्रत्येक क्षण उसे सम्भाले हुए थी…वास्तव में जीवन समस्याओ से भरी हुई है जैसा कि भक्त अय्यूब ने भी कहा है…कि मनुष्य जो स्त्री से जन्मा है कुछ दिन का है दुःख से भरा है…परन्तु जो यहोवा परमेश्वर पर भरोषा करता है वो धन्य है…परमेश्वर ही है जो हमें सभी खतरों से से बचाता है जैसे मुर्गी अपने पंखो टेल अपने बच्चों को सम्भालती है वैसे ही परमेश्वर हमसे कहता है यहाँ वहां मत ताक मैं तेरा परमेश्वर हूँ मैं तुझे अपने धर्ममय दाहिने हाथ से सम्हाले रहूँगा…ये वायदा सारी सृष्टि को बनाने और सम्भालने वाले परमेश्वर का है…
6. तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है
(यहोवा शालोम) प्रभु यीशु ने कहा मैं तुम्हे शान्ति दिए जाता हूँ ऐसी शान्ति जो संसार तुम्हे नहीं दे सकता…एक अच्छा पिता अपने पुत्र को प्रेम करने के कारण ताड़ना भी देता है। जिसके कारण अनुशासन आता है और अनुशासन के कारण शान्ति आती है…जिस प्रकार एक चरवाहा कभी भी अपनी एक भी भेड़ को भटकने नहीं देता उसी प्रकार कोई पिता नहीं चाहता कि उसका पुत्र गलत रास्ते पर जाए फिर उसके लिए उसे छड़ी भी क्यों न उठाना पड़े।
7. यहोवा मुझे विजयी करता है (यहोवा निश्शी)
दाउद के जीवन में उसके शत्रुओं की कमी नहीं थी। परन्तु परमेश्वर ने उसके उपर से अपना हाथ कभी नही हटाया, इसी कारण उसने दानव जैसे गोलियात को एक छोटे पत्थर से मार गिराया…परमेश्वर ने उसके शत्रुओं के सामने भी दाउद को ऊँचा ही उठाया है…इसलिए दाउद कह सका तू मेरे शत्रुओं के सामने भी मेज को बिझाता है…परमेश्वर अपने आज्ञा पालन करने वालों से यह प्रतिज्ञा करता है कि यदि तू मेरे आज्ञाओं को ध्यान से पूरा करने को सुनो तो तुम्हारे शत्रु एक मार्ग से आयेंगे परन्तु सात मार्ग से भागेंगे (व्यवस्थाविवरण 28)।
8. यहोवा मुझे पूर्ण निश्चय दिलाता है
परमेश्वर पर विश्वास करने वालों को कभी लज्जित नहीं होना पड़ता…जो उसकी ओर देखता है उसका मुह कभी काला नहीं होता अर्थात उसे कभी पछताना नहीं पड़ता… इस जीवन में और आने वाले जीवन में भी…दाउद कहते हैं निश्चय करुणा और भलाई जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेगी और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा…उसकी आशीषे जीवन के साथ और जीवन के बाद भी अर्थात अनंत जीवन तक करोड़ो करोड़ो वर्षो तक बनी रहेंगी….वो सच्चा चरवाहा है…
प्रभु इन वचनों के द्वारा आप सभी को आशीष दे.
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