दोस्तों आज हम बात करेंगे मसीह यीशु का लहू | Mighty Power in the Blood of Jesus के विषय में तो आइये शुरू करते हैं.
मसीह यीशु का लहू की 7 आशीषें | Mighty Power in the Blood of Jesus
हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है. (इफिसियों 1:7)
परमेश्वर ने जब इस दुनिया के सभी लोगों का पाप क्षमा करने हेतु एक योजना बनाई तो उसने अपने एकलौते पुत्र को भेजा.
वही पाप जो पहले मनुष्य मतलब आदम की अनाज्ञाकारिता के कारण इस दुनिया में आया था परमेश्वर ने उस पाप को दूर करने हेतु अपने एकलौते पुत्र को इस दुनिया में भेजा
ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वो नाश न हो परन्तु अनंत जीवन (स्वर्ग) प्राप्त करे. (युहन्ना 3:16)
प्रभु यीशु का जन्म मरियम नाम की एक कुंआरी स्त्री के द्वारा हुआ प्रभु यीशु मसीह के शरीर में किसी पुरुष का लहू नहीं था बल्कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर का लहू था.
वो निष्कलंक, निष्पाप, निर्दोष था. नए नियम का भविष्यवक्ता जिसका नाम युहन्ना बपतिस्मा देने वाला था,
उसने मसीह यीशु के विषय में यह कहा देखो यह परमेश्वर का मेमना जो जगत का पाप अपने ऊपर उठाए चला रहा रहा है.
और यीशु मसीह ने सारे मानव जाति के लिए अपने प्राणों को दे दिया, उस पर कोड़ो की मार पड़ी जो उसके पीठ को छलनी छलनी कर दिया.
उस के सिर पर काँटों का मुकुट पहनाया गया और उसके दाड़ी के बालों को नोचा गया और सर पर सरकंडे से मारा गया इस प्रकार रोमी सैनिकों ने बहुत जुल्म करके उसकी निंदा की.
उसके शरीर का एक एक रक्त का कतरा बह गया दुनिया की सबसे भयानक मृत्यु के बाद भी प्रभु यीशु ने यही प्रार्थना की हे पिता इन्हें माफ़ कर क्योंकि ये लोग नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं. (लूका 23:34)
पुराने नियम में लिखा है, मिस्र देश की गुलामी में रहते समय इस्राएलियों उस समय मनुष्य के पापों के बदले जानवर के लहू को बहाया जाता था
उस समय मूसा से परमेश्वर ने स्वर्गदूत के द्वारा कहा, आज रात इस देश के सभी लोगों के घरों में से पहिलौटे बेटे मर जाएंगे
लेकिन जिसके घर के दरवाजे पर मेमने के लहू को लगाया जाएगा उसके घर में मृत्यु नहीं आएगी.
और इस प्रकार मूसा के निर्देश के अनुसार सभी इस्राएलियों के घरों के द्वार पर मेमने का लहू लगाया गया था और दूसरे दिन पूरे मिस्र में लोग रो रहे थे शोक मना रहे थे
लेकिन इस्राएली लोगों के घर में कोई दुःख नहीं आया था. मृत्यु का स्वर्गदूत उन सभी घरों को छोड़ दिया था जिनके घरों के द्वार पर लहू छिड़का गया था या लगाया गया था.
उसी प्रकार लैवव्यवस्था में लिखा है मूसा ने अभिषेक का तेल लेकर और वेदी में चढ़ाए बलि पशु का लहू लेकर हारून के वस्त्रों पर लगाया था और इस रीती से उसे और उसके पुत्रों को पवित्र किया था. (लैव्य. 8:30)
उसी प्रकार आज भी विश्वास के साथ प्रार्थना में यदि हम प्रभु यीशु मसीह का लहू अपने और अपने परिवार के ऊपर लगाते हैं तो पवित्र हो जाते हैं और दुःख हमारे डेरे के निकट नहीं आएगा.
मसीह यीशु का लहू अनेक प्रकार की आशीषें लाता है जो इस प्रकार हैं
1. मसीह यीशु के लहू के द्वारा हमारा परमेश्वर के साथ मेल मिलाप हुआ है. (1 कुलु. 1:20)
उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप करके, सब वस्तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की.
और उस ने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे.
ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र और निष्कलंक, और निर्दोष बनाकर उपस्थित करे.
2. मसीह यीशु के लहू के द्वारा अन्धकार की शक्तियों से छुटकारा है (1 कुलु. 2:15)
मसीह यीशु के लहू के द्वारा हमारे ऊपर किसी भी प्रकार का कोई जादू टोना नहीं चल सकता और किसी भी प्रकार की दुष्टात्मा भी हावी नहीं हो सकती.
क्योंकि उस ने प्रधानताओं और अधिकारों को अपने ऊपर से उतार कर उन का खुल्लमखुल्ला तमाशा बनाया और क्रूस के कारण उन पर जय-जय-कार की ध्वनि सुनाई.
3. मसीह यीशु के लहू के द्वारा सभी रोगों से चंगाई है (1 पतरस 2:24)
हर प्रकार के रोगों को ठीक करने की सामर्थ मसीह यीशु के लहू में पाई जाती है. उसके पवित्र लहू को इस्तेमाल करें प्रार्थना के साथ घोषणा करें और चंगाई होते हुए देखें.
क्योंकि लिखा है वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए.
4. मसीह यीशु का लहू हमें हमारे सब पापों से शुद्ध करता है (1 यूहन्ना 1:7)
यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है.
5. मसीह यीशु के लहू हमें परमेश्वर की उपस्थिति में आने अनुमति प्रदान करता है (इब्रानियों 10:19-20)
जब कि हमें यीशु के लोहू के द्वारा उस नए और जीवते मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का हियाव हो गया है.
जो उस ने परदे अर्थात अपने शरीर में से होकर, हमारे लिये अभिषेक किया है.
अब हम प्रभु यीशु के अतुल्य नाम के कारण प्रार्थना में सीधे परमेश्वर से बातें कर सकते हैं.
6. मसीह यीशु के लहू के द्वारा हम परमेश्वर के पवित्र परिवार में शामिल हो जाते हैं. (गलतियों 4:4-5)
जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ, ताकि व्यवस्था के आधीनों को मोल लेकर छुड़ा ले,
और हम को लेपालक होने का पद मिले. और तुम जो पुत्र हो, इसलिये परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को, जो हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारता है,
हमारे हृदय में भेजा है. इसलिये तू अब दास नहीं, परन्तु पुत्र है; और जब पुत्र हुआ, तो परमेश्वर के द्वारा वारिस भी हुआ.
7. मसीह यीशु के लहू के द्वारा हमें अनंत जीवन (स्वर्ग) प्राप्त होता है (यूहन्ना 3:16)
क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए.
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