What are the 10 Strategies of Devil Hindi | शैतान के 10 कार्य

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दोस्तों आज हम सीखेंगे शैतान के 10 कार्य यह जानना बहुत जरूरी है ताकि हम उसके चंगुल से और कार्यों से बच सकें. जिस प्रकार पौलुस ने भी कहा है तुम उसके कार्यों से अनजान न रहो.

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"शैतान का हम पर दांव न चले, क्योंकि हम उस की युक्तियों से अनजान नहीं." (2 कुरुन्थियों 2:11) 

शैतान कौन है

परमेश्वर ने जब स्वर्गदूतों को बनाया था. तब उनमें से प्रधान स्वर्गदूत ने पाप किया वह वह पवित्र पर्वत पर रहता था.

उसने घमंड में आकर परमेश्वर के स्थान को ही प्राप्त करने की बुरी इच्छा की जिस पाप के कारण उसे जिसका नाम लूसिफर था गिरा दिया गया.

बाद में वह शैतान हो गया. उसके साथ उन तमाम स्वर्गदूतों को भी नीचे गिरा दिया गया जो उसके साथ हो गए थे. (यहेजकेल 28:13-14)

बाइबल में शैतान के अनेक नाम हैं, इसे बालजबूल, भोर का तारा (यशायाह 14:12) और इस संसार का राजकुमार और इश्वर भी बोला जाता है. (2 कुरु. 4:4)

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10 Strategies of Devil | शैतान के 10 कार्य

1. शैतान झूठ बोलता और संदेह पैदा करता है (यूहन्ना 8:44)

बाइबल बताती है शैतान झूठा है बल्कि झूठ का पिता है उसने प्रारंभ से ही हव्वा से झूठ बोलकर उसे पाप में गिरा दिया था.

और वह तब से आज तक झूठ बोलता आ रहा है. इसलिए जब किसी व्यक्ति के अन्दर यदि दुष्टात्मा आता है और उसे सताता है

तब उस व्यक्ति से अर्थात शैतान से बातें नहीं करना चाहिए क्योंकि वह झूठ बोलकर कि मैं उस व्यक्ति की आत्मा हूँ

और वो मर गया था उसका प्रेत हूँ ऐसा बोलकर लोगों को भ्रम में डालता है. क्योंकि वह झूठा है. वह केवल शैतान है और उसे यीशु के नाम से उसमें से डांट कर निकालना है.

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2. शैतान अविश्वास की ओर धकेलता है (इब्रानियों 3:12)

संदेश का उपचार यदि परमेश्वर के वचन के द्वारा न किया गया तो यह अविश्वास की ओर ले जाता है. शैतान पहले लोगों के मन में परमेश्वर के वचन और उसकी प्रतिज्ञा के प्रति संदेह पैदा करता है.

और उस संदेह को धीरे धीरे झूठी बातों से पक्का करते करते वह एक व्यक्ति को विश्वास से हटा ले जाता है.

और उसे अविश्वास के अँधेरे में धकेल देता है. जहाँ उस व्यक्ति का नाश हो जाता है .

3. शैतान विश्वासियों दोष लगाता है (प्रकाशितवाक्य 12:10)

शैतान का काम है दोष लगाना और इस रीति से वह चाहता है कि कोई भी व्यक्ति स्वर्गराज्य का वारिस न बन सके.

उसने अय्यूब पर भी दोष लगाया. उसने कहा, “क्या वो तेरा भय बिना लाभ के मानता है.” (अय्यूब 1:9)

वह आज भी विश्वासियों के विरुद्ध में दोष लगाता है. और किसी भी रीती से एक व्यक्ति के विश्वास पर आघात करना चाहता है.

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4. शैतान पाप करवाता है (1 यूहन्ना 3:8)

बाइबल कहती है जो कोई पाप करता है, वह शैतान की ओर से है, क्योंकि शैतान आरम्भ ही से पाप करता आया है:

परमेश्वर का पुत्र इसलिये प्रगट हुआ, कि शैतान के कामों को नाश करे. (1 यूहन्ना 3:8)

वह हजारो वर्षों से लोगों को पाप में गिराने में अभ्यस्त हो चूका है. उसे मालुम है कौन किस पाप में गिर सकता है.

इसलिए कभी भी स्वयं पर घमंड नहीं करना चाहिए, बल्कि हमेशा परमेश्वर पर भरोषा करते हुए उसके वचन में जड़ पकड़ते हुए बढ़ते रहना चाहिए.

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5. शैतान संगती से दूर करवाता है (मत्ती 13:27)

यहूदा इस्करियोती के उदाहरण से देखते है किस प्रकार शैतान उसमें समाकर उसे प्रभु की संगती से दूर ले गया.

और जब वह संगती से दूर हुआ तो प्रभु यीशु को पकड़वाने का षडयंत्र करने लगा, और विरोधियों के साथ मिलकर और धन के लालच में फंस गया.

और प्रभु यीशु के साथ विश्वासघात कर बैठा. शैतान के चंगुल में आने के बाद वह आत्महत्या भी कर लिया. क्योंकि शैतान का मिशन भी यही है. (मत्ती 13:27)

6. शैतान चुराता है (यूहन्ना 10:10)

जिस प्रकार एक चोर रूप बदल बदल कर और छिप छिप कर चोरी करते हैं उसी प्रकार शैतान भी चोर के समान धोखा देता और हमारा विश्वास चुराता है.

वह परमेश्वर के वचन को हमारे अन्दर से चुराना चाहता है. वह एक विश्वासी के जीवन से उद्धार का आनन्द को चुराता है,

उसकी गवाही को खराब करने के लिए दिन रात यत्न करता रहता है. और प्रभु से प्रेम करने वालों की आशा पर घात लगाता है. (यूहन्ना 10:10)

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7. शैतान जीवन को नाश करता है (मरकुस 5:1-20)

झील के पार गिरासेनियों के देश में एक ऐसे व्यक्ति को पाते हैं, जो शैतान (दुष्टात्माओं) से ग्रस्त था, वो कपड़े नहीं पहनता था,

परिवार और समाज से अलग कब्रों में रहा करता था, उसे सांकलों से बांधा जाता था. लगातार खुद को पत्थरों से घायल कर के चिल्लाता रहता था.

यदि प्रभु यीशु अपनी दया से समुद्र पार जाकर उसे नहीं बचाते तो उसका पूरा जीवन शैतान के द्वारा भयानक रीती से नाश हो जाता. (मरकुस 5:1-20)

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8. शैतान हमारे अन्दर वचन रूपी बीज को ले जाता है (मरकुस 4:15, 17)

प्रभु यीशु ने मरकुस 4 में एक दृष्टांत को सुनाया जिसमें एक बोनेवाला बीज बोने निकला और बीज बोते समय कुछ बीज मार्ग के किनारे गिरे जिन्हें चिड़ियों को चुग लिया वो फल नहीं लाए.

प्रभु यीशु ने बताया इसी प्रकार परमेश्वर का सामर्थी वचन हमारे जीवन में भी गिरता है लेकिन वो शैतान जानता है यदि वह बीज जड़ पकड़ लिया तो फिर वह व्यक्ति पूरी रीति से बदल जाएगा.

और आशीष पाएगा और दूसरों के लिए भी आशीष का कारण बनेगा इसलिए वह उस बीज को ले जाता है.

और उस व्यक्ति की दशा बदल नहीं पाती वो प्रभु के प्रेम को और उद्धार को समझ ही नहीं पाता. (मरकुस 4:15, 17)

9. शैतान दुःख लाता है (अय्यूब 16:7-14)

शैतान का भयानक काम हम अय्यूब जैसे भक्त के जीवन में देखते हैं, एक ही दिन में उसने उसके जीवन में सब कुछ समाप्त कर दिया,

उसके सन्तान, उसके खेत खलियान और उसके शरीर में भी बहुत दुःख दिया. शैतान ने अय्यूब को कुरूप कर दिया, दुर्बल कर दिया और उसकी मान प्रतिष्ठा को मिटटी में मिला दिया.

यहाँ तक की उसकी पत्नी से भी उसका दुःख देखा नहीं जा रहा था इसलिए उसने उसे कहा इससे तो अच्छा है मृत्यु प्राप्त हो. (अय्यूब 16:7-14)

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10. शैतान प्रलोभन देता है (लूका 4:3)

शैतान हजारो वर्षो से लोगों को प्रलोभन और लालच देकर लोगों को उनके विश्वास से गिराता आया है. वह परमेश्वर के वचन को असफल करना चाहता है.

उसने यीशु मसीह के पास जाकर उसकी परीक्षा लेना चाहा. प्रभु यीशु मसीह को सारी दुनिया का वैभव दिखाकर देने का प्रलोभन दिया.

और कहा मुझे दंडवत कर तो यह सब कुछ मैं तुझे सौंप दूंगा. वह आज भी प्रभु के विश्वासियों को ऐसे ही अनेक प्रकार के प्रलोभन देकर गिराना चाहता है.

वह इसके लिए शाम-दाम-दंड-भेद सबका इस्तेमाल करता है. (लूका 4:3)

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शैतान का सामना कैसे करें

परमेश्वर ने हमें शैतान से लड़ने के लिए हथियार दिए हैं यदि कोई भी व्यक्ति इन हथियारों का इस्तेमाल करता है.

तब वह न केवल उस शैतान के जलते हुए तीरों से बच सकता है बल्कि उस पर वार कर उसे हरा भी सकता है.

ये हथियार हम पातें हैं इफिसियों के 6 अध्याय में. सत्य (परमेश्वर का वचन) धार्मिकता की झिलम, विश्वास की ढाल, उद्धार का टोप, सुसमाचार के मेलमिलाप के जूते,

आत्मा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है, और आत्मा में प्रार्थना करना. यदि ये सब हथियार हमारे पास हैं और हम इनका इस्तेमाल करते हैं तो विजयी हमारी होगी. (इफिसियों 6:13-18)

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Conclusion

मुझे मेरे बाइबल शिक्षकों ने सिखाया था शैतान तुम्हारा बीता हुआ समय जानता है लेकिन तुम्हारा भविष्य नहीं जानता.

इसलिए वह तुम्हारे अतीत की बातों को लेकर और उसे याद दिलाकर तुम्हें पाप बोध या निराश करवाता है.

जब वह ऐसा करे तब तुम उससे उसका भविष्य अर्थात नरक की आग के विषय में याद दिलाओ. अब जो कोई मसीह में है वो एक नई सृष्टि है पुरानी बातें बीत गई देखो सब कुछ नया हो गया.

और हम जो विश्वास करते हैं जयवंत से भी बढ़कर हैं क्योंकि यीशु मसीह ने क्रूस पर हमारे लिए चढ़कर शैतान का खुल्लम खुल्ला तमासा बना दिया उसे हरा दिया है.

प्रभु यीशु शैतान पर अधिकार रखते हैं और यीशु के डांटने से वह भाग जाता है. बाइबल कहती है हम प्रभु के अधीन हो जाएं

और शैतान को का सामना करें तो वह हमारे सामने से भी भाग जाएगा. हमारा जीवन प्रभु यीशु के हाथों में है और सुरक्षित है.

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https://biblevani.com/
पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)

rajeshkumarbavaria@gmail.com


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