दोस्तों आज एक सास बहु की मजेदार कहानी सुनेंगे. इस majedar kahani, में मोरल शिक्षा भी है यदि इस कहानी को स्त्रियाँ मतलब नई दुल्हन इस्तेमाल करें तो बहुत ही लाभकारी होगा.
सास बहु की मजेदार कहानी | कहानी इन हिंदी
प्रेम सब बातो को सह लेता है.(1 कुरिन्थियों 13:5)
एक लड़की की नई नई शादी हुई वह अपने नए घर मतलब ससुराल में जैसे ही प्रवेश की उसे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था.
क्योंकि उसकी सास हमेशा उसे हर बात में टोकती थी, और कुछ न कुछ उसके विरुद्ध में बोलते रहती थी.
उसे अपने पिता का घर याद आने लगा. हर पिता के समान उसका पिता भी उससे बहुत प्रेम करता था.
बचपन से जवानी तक पिता ने अपनी बेटी की सारी जरूरतों को पूरा किया था. और बहुत लाडो से अपनी बेटी को पाला था.
यह नई नवेली दुल्हन अपनी सास के इस रूखे व्यवहार के कारण परेशान हो गई और कई बार तो उसने अपनी सास को खरी खोटी सूना देती थी.
जिसके कारण घर में बड़ी ही असमंजस की परिस्थिति हो गई. वह अपने पिता के घर लौट आई और रो रो कर पिता से कहने लगी.
पिता जी मैं अब उस घर में नहीं जाउंगी यहीं आपके पास रहूंगी. यदि आप मना करेंगे तो मैं आत्महत्या कर लूंगी. पिता समझदार थे.
पिता ने बेटी को दो दिन के बाद कहा बेटी, यदि मैं तुझसे एक बार जैसा कहूँ क्या तू करने को तैयार है. यदि तू उसके बाद भी कहेगी कि तू इस घर में मेरे साथ रहना चाहती है तो कोई बात नहीं.
बेटी ने पिता से कहा, “कहिये लेकिन याद रखना यह अंतिम बार होगा कि मैं उस घर में जाउंगी.”
पिता ने कहा, वहां जाकर जैसे ही तुम्हारी सास तुम्हें कुछ बुरा भला कहने लगे तभी तुम अपने मुंह में एक कुल्ला पानी भर लेना.
और तब तक मुंह में पानी भरे रहना जब तब सासू मां बोलना न बंद कर दे. और उसके बाद उस पानी के कुल्ले को नाली में थूक देना.
और फिर कुछ भी पलटकर मत कहना. बेटी को कुछ समझ में नहीं आया लेकिन बेटी तैयार हो गई. बेटी ने ससुराल जाकर ऐसा ही किया.
जब भी सासू मां कुछ कहना शुरू करती, तुरंत बहु मुंह में पानी भर लेती और बहुत देर तक भरी रहती. धीरे धीरे कुछ ही दिन में सासू मां का व्यवहार इस बहु के प्रति नम्र हो गया.
वो सोचने लगी कितनी अच्छी बहु है. पलटकर कोई जवाब नहीं देती और गुस्सा भी नहीं होती. अब वो उस बहु को बेटी कहने लगी और उसकी तारीफ करने लगी.
कुछ दिन में सासू मां का प्रेम भरा व्यवहार देखकर बहु भी अपनी सासू मां को माँ के जैसा प्रेम करने लगी. और दोनों खूब बातें करतीं. साथ साथ घूमने और मार्केट और खरीददारी करने जातीं.
कुछ दिनों के बाद इस लड़की का पिता अपनी बेटी से मिलने आया. घर के सभी लोगों ने पिता का खूब अतिथि सत्कार किया.
फिर जब पिता अपने घर वापस जाने लगे, तब अपनी बेटी से कहा, बिटिया चलो यदि तुम मेरे साथ चलना चाहती हो तो अपना सामान पैक कर लो.
हम वापस चलेंगे. तब बेटी ने कहा, नहीं अब यही मेरा घर है. मैं अपनी सासू मां से बहुत प्रेम करती हूँ. और अब मैं इन्हें किसी भी कीमत में अकेला नहीं छोडूंगी.
यही मेरी मां हैं. पिता जी अपनी बेटी की इन बातों को सुनकर और सास बहु के अटूट प्रेम देखकर बहुत खुश हुए. और बेटी को बहुत आशीष देकर ख़ुशी ख़ुशी घर लौट आए.
कहानी की शिक्षा :- प्रेम सब बातों को सह लेता है, रिश्ते बनाना आसान है निभाना कठिन. लेकिन जो रिश्ते निभाना जानते हैं वे ही लोग सही मायने में सच्चा प्रेम करते हैं. आपने इस सास बहु की मजेदार कहानी से क्या शिक्षा पाई है कमेन्ट में जरुर लिखिए. धन्यवाद
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