हेलो दोस्तों आज हम सीखेंगे क्या बाइबल वचन में मेरी हर समस्या का समाधान है, यदि आपकी समस्या पहाड़ जैसी भी क्यों न और आपका विश्वास राई के दाने के समान भी क्यों न हो आप उस पहाड़ रूपी समस्या से कहेंगे और वह पहाड़ टल जाएगा.
How can bible solve all my problems Instantly ? हाँ यीशु मसीह में आपकी सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है. Jesus is the Answer. आइये देखते हैं कैसे.
बाइबल वचन में मेरी हर समस्या का समाधान है
मनुष्य जो स्त्री से जन्मा है वो दुःख से भरा और थोड़े दिनों का होता है. अत: हरेक व्यक्ति को समस्या से परेशानियों से होकर जाना पड़ता है. बाइबल कभी नहीं कहती कि विश्वास करने वालों पर कभी कोई संकट नहीं आएगा. बल्कि ये आश्वासन जरूर देती है कि उस संकट में परमेश्वर आपको अकेला नहीं छोड़ेगें.
धर्मी पर बहुत सी विपत्ति पड़ती तो है लेकिन परमेश्वर उन्हें उन सब विपत्ति से बाहर निकालता है जैसे परमेश्वर ने अय्यूब के जीवन में उसे बचाया. जब हमारा भरोषा परमेश्वर पर हो तो वह अवश्य हमारे लिए रास्ता निकालेगा.
बाइबल में लिखा है, किसी भी बात की चिंता मत करो. हम चिंता करके केवल अपने दुःख को बढाते हैं. यदि चिंता होती है तो उसे परमेश्वर के पास लाना चाहिए. संत पौलुस ने अपनी पत्री में कहा, हमें अपनी प्रार्थनाओं में अपनी विनती में अपने परमेश्वर के सम्मुख डाल दें. उस परमेश्वर को हमारा ध्यान है. (फिली 4:6)
मनुष्य की चिंता क्या है
मनुष्य की बहुत सी चिंता वास्तविक नहीं होती. जैसे एक कुँए के पास बड़ी भीड़ लगी थी सभी औरतें फूट फूट कर रो रही थीं. किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने उनसे पूछा क्या हुआ क्यों रो रही हो, तब एक दूसरे पर ऊँगली उठा कर कहने लगीं ये रो रही थी इसलिए मैं भी रो रही हूँ. पूछते पूछते उस पहली औरत के पास यह सवाल पूछा गया. आप क्यों रो रही हो, तुम तो सबसे पहले इस कुँए में आई थी. तो क्या हुआ तुम्हारे साथ.
उसने कहना शुरू किया, मेरी शादी होने वाली है, मैं सोच रही थी कल जब मेरी शादी हो जाएगी तो मेरा एक बेटा होगा, फिर वो बेटा जब उछल कूद करते हुए इस कुँए के पास आएगा और यदि वो इस कुँए में ऊछल कूद करेगा तो वह इस कुँए में गिर जाएगा तो मैं क्या करुँगी…क्योंकि मुझे तो तैरना ही नहीं आता यह सोच सोचकर मैं रोने लगी.
बहुत बार हमारी चिंता बिना आधार के होती है. जो अभी हुआ ही नहीं उस बात को सोच सोच कर हम रोते रहते हैं. विश्वास करें हमारा भविष्य परमेश्वर के हाथों में है और वह हमें सम्हालेगा.
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मन के बारे में बाइबल वचन
मन में असाध्य रोग लगा हुआ है, पाप के कारण और इस शैतान की योजना से भरे संसार में हमारा मन जो भी सोचता है वह नकारात्मक ही सोचता है. इसलिए इस मन में परमेश्वर के सुन्दर वचन और भजन से भरें ताकि जो कुछ इसमें से निकले वह परमेश्वर के वचन ही हों.
एक भला भंडारी अपने भले मन के भले भंडार से भली वस्तुएं निकालता है, उसी प्रकार हमें भी अपने मन के भले भंडार से भली बातें अर्थात अच्छी और सकारात्मक बातें निकालना चाहिए. ताकि हमें और दूसरों को आशीष प्राप्त हो. जैसे राजा दाउद कहता है निश्चय करुणा और भलाई जीवन भर मेरे संग संग बनी रहेगी.
दुःख के बारे में बाइबल वचन
बाइबल में दुःख रूपी समस्या के विषय में बताती है कि किस प्रकार अय्यूब जो परमेश्वर का भय मानने वाला व्यक्ति था और बुराई से दूर रहता था. उसने अपने जीवन में हमेशा प्रार्थना किया था. उस प्रार्थना के कारण उसके और उसके सभी वस्तुओं के ऊपर सुरक्षा का बाड़ा लगा हुआ था.
लेकिन एक दिन शैतान ने उसके जीवन में दुःख लेकर आया और उसके बेटे बेटियां एक ही दिन में मर गए. और वह बहुत ही दुखी हो गया लेकिन एक दिन परमेश्वर ने उससे बातें की और उसे स्मरण दिलाया और तब अय्यूब ने अपने मित्रों के लिए अर्थात दूसरों के लिए प्रार्थना किया तब परमेश्वर ने उसका सारा दुःख दूर किया और जो कुछ उसका खो गया था उसे दुगना वापस किया (अय्यूब 42:10)
पाप के बारे में बाइबल वचन
बाइबल बताती है कई बार हमारे जीवन में समस्या हमारे पापों के कारण भी आती है. जैसे मरकुस रचित सुसमाचार 2:1-12 में पाया जाता है. एक दिन यीशु मसीह एक घर में था और उस घर में उस नगर के बहुत से लोग मिलने आये थे और वह घर पूरी रीति से भरा हुआ था. तभी चार लोगों ने अपने एक मित्र को जो लकवे ग्रस्त था खाट समेत उठा लाए ताकि यीशु उसे चंगा कर सके.
तब यीशु ने उस रोगी व्यक्ति को देखकर कहा तेरे पाप क्षमा हुए और वह व्यक्ति उसी घड़ी ठीक हो गया. इसका मतलब है बहुत बार हमारे जीवन में बड़ी समस्याएं हमारे पापों के कारण भी आती है. और हमारे पापों को केवल यीशु मसीह ही क्षमा कर सकते हैं. आकाश के नीचे और धरती पर केवल एक ही नाम दिया गया है जिसके द्वारा पापों से क्षमा है.
परेशानियों में हमें क्या करना चाहिए
परमेश्वर पर सम्पूर्ण भरोषा रखें :- अपनी बुद्धि का सहारा न लेना वरन सम्पूर्ण भरोषा यहोवा परमेश्वर पर रखना और उसी को स्मरण करके सब काम करना तब वह तेरे लिए सीधा मार्ग निकालेगा. (नीतिवचन 3:5)
परमेश्वर से प्रार्थना करें :- किसी भी बात की चिंता न करे बल्कि तुम्हारे सारी प्रार्थनाएं और निवेदन धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख लेकर आएं तब परमेश्वर की शांति जो सारी समझ से परे है तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी. (फिलिप्पियों 4:6)
दूसरों को क्षमा करें :- यदि तुम मनुष्यों के अपराध को क्षमा करोगे तो परमेश्वर ही तुम्हारे अपराध क्षमा करेगे. (मत्ती 6:14)
संकट में परमेश्वर को पुकारे :- संकट के दिन यहोवा परमेश्वर को पुकार और वो तुझे छुड़ाएगा और तू उसकी महिमा करने पाएगा. (भजन 50:15)
अपने स्वयं के पाप को स्वीकार करें :- यदि हम अपने पापों को मान लें तो वह हमारे पापों को क्षमा करने और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है.
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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)