आज के बाइबिल मनन में हम सीखेंगे नए साल का बाइबिल सन्देश | New year Bible Message तो चलिए शुरू करते हैं आज का बाइबिल वचन.
नए साल का बाइबिल सन्देश | New year Bible Message
मीका 6:1-8 | आज का बाइबिल वचन
जब हम बाइबिल का यह उपरोक्त पद पढ़ते हैं तो लगता है जैसे कोई कोर्ट (न्यायालय) का चित्र है.
वचन 1. जो बात यहोवा कहता है, उसे सुनो : उठ कर, पहाड़ों के साम्हने वादविवाद कर, और टीले भी तेरी सुनने पाएं.
यहाँ न्यायी (जज) = परमेश्वर है./ मीका नबी = वकील है / पहाड़ और पहाड़ी = सुनने और देखने वाले दर्शक हैं./ और इस्राएल (परमेश्वर की प्रजा) = दोषी हैं जिनपर मुकदमा चल रहा है.
परमेश्वर अपने चुने हुए लोगों पर (इस्राएल) से प्रश्न करता है एक सवाल उठाता है. यह सवाल आज भी सामर्थी रीती से अपने लोगों से करता है.
वचन 3. परमेश्वर का सवाल है….
प्रश्न : मैंने तेरा क्या बिगाड़ा है?
परमेश्वर कहता है मैंने तुझे उठाया, आशीषित किया जो माँगा वही दिया, जो प्रार्थना में माँगा मैंने तुझे प्रदान किया.
क्या आज जब आप यह संदेश पढ़ रहे हैं कह सकते हैं कि क्या परमेश्वर ने तुम्हारे साथ पक्षपात किया है? या परमेश्वर ने आपको आशीषित नहीं किया?
या परमेश्वर ने आपके साथ गलत किया? यह वर्ष का अंतिम माह है. यदि हम मुड़कर बीते हुए वर्ष को देखें और स्मरण करें तो क्या हम कह सकेंगे कि परमेश्वर ने आपके साथ भलाई नहीं की.
आपको जीवित रखा भोजन दिया. और तमाम आशीषों से भरा है. फिर परमेश्वर पूछता है…
प्रश्न : क्या मैंने तुझे उकता दिया है?
उपरोक्त ये दोनों सवाल या प्रश्न बहुत गहरे हैं. परमेश्वर अपने शोकित मन से कह रहा है ऐसी कौन सी बात हुई जो तुम मुझसे उकता गए हो…आगे वचन 4 में परमेश्वर कहता हैं मैंने तुझे मिश्र देश की बन्धुआइ से निकाला. मतलब मैंने तुझे शैतान के बंधन से परेशानियों से निकाला, और तुझे आत्मिक आराधना करने वाले अगुवों को दिया फिर तुम्हें मूसा के जैसे नम्र अगुवों को दिया. हारून जैसे लोगों को दिया. ताकि वे तुम्हारी अगुवाई करें.
प्रश्न : तुम्हारे लिए और क्या करना रह गया था? (यशा. 5:1-8)
यह सवाल परमेश्वर यशायाह 5 अध्याय में भी करता है एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की दाख की बारी में मैंने मिटटी खोदी थी फिर उसके पत्थर बीन कर उसमें उत्तम जाति की दाखलता लगाईं.
फिर उसके बीच रक्षा के लिए एक गुम्मट भी बनाया था. फिर उस दाख की बारी से आशा की थी कि अच्छी स्वादिष्ट दाख (अंगूर) लगेंगे.
वचन 4 में परमेश्वर कहता है मेरी दाख की बारी के लिए और क्या करना रहा गया था जो मैंने उसके लिए न किया हो???…
मैंने मार्ग में शैतान की तमाम युक्तियों से तुम्हें बचाया. तेरे विरुद्ध चलने वाली युक्तियों से तुझे छुडाया.
परन्तु तेरे परमेश्वर यहोवा ने बिलाम की ना सुनी; किन्तु तेरे परमेश्वर यहोवा ने तेरे निमित्त उसके शाप को आशीष से पलट दिया, इसलिये कि तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ से प्रेम रखता था. (व्यवस्था 23:5)
परमेश्वर के लोगों का प्रतिउत्तर (मीका 6:6-7)
मैं क्या ले कर यहोवा के सम्मुख आऊं, और ऊपर रहने वाले परमेश्वर के साम्हने झुकूं? क्या मैं होमबलि के लिये एक एक वर्ष के बछड़े ले कर उसके सम्मुख आऊं? (वचन 6)
क्या यहोवा हजारों मेढ़ों से, वा तेल की लाखों नदियों से प्रसन्न होगा? क्या मैं अपने अपराध के प्रायश्चित्त में अपने पहिलौठे को वा अपने पाप के बदले में अपने जन्माए हुए किसी को दूं? (वचन 7)
लोग परमेश्वर को अपनी भक्ति दिखाना चाहते हैं. कुछ देकर परमेश्वर को खुश करना चाह रहे हैं. वे रीती रिवाज में फंसे हुए हैं लिखे उनके दिल (ह्रदय) परमेश्वर से दूर हैं.
परमेश्वर को आपका ह्रदय चाहिए. परमेश्वर हमारे ह्रदय को जांचता है न कि हमारे दान दक्षिणा को. हमारे दशवांश भी परमेश्वर को खुश नहीं करते यदि उसमें हमारा मन दिल नहीं है.
वे लोग अपने जन्माए पहले बच्चे को भी बलिदान करने को तैयार थे जो की मोआबी लोगों की रीति थी वे प्रभु से इतना दूर हो गए की प्रभु के मन को नहीं समझ पा रहे थे.
वे लोग कह रहे थे कितनी भेड़ या कितना तेल लेकर आयें…देखिये परमेश्वर न तो हमारे quantity और न ही quality चाहता है वरन उसे देने की तुम्हारी मनसा क्या है वो देखता है. वो हमारे मनो को जांचता है.
परमेश्वर का उत्तर (मीका 6:8)
परमेश्वर कहता है, हे मनुष्य वह तुझे बता चुका है, कि क्या अच्छा है और यहोवा परमेश्वर तुझे इसे छोड़ और क्या चाहता है. कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?
यहाँ परमेश्वर ने तीन बातें इस्राएल अर्थात अपने लोगों को करने को आदेश दिया जिसे हमें भी करना चाहिए.
1. तू न्याय से काम करें : अर्थात किसी के साथ पक्षपात नहीं करना, परमेश्वर ही सच्चा है और भला है उससे हमें सीखना है और अपने जीवन में न्याय अर्थात सच्चाई के साथ चलना है.
2. कृपा से प्रीति रखे : जिस प्रकार हमारे ऊपर दया हुई हमें भी दूसरों पर दया करना है. अपने से कमजोर लोगों पर कभी भी अत्याचार नहीं करना है. प्रभु का स्वभाव हमारे अन्दर होना है.
3. परमेश्वर के साथ नम्रता से चले. : परमेश्वर के साथ नम्रता से चलने का सबसे बढ़िया उदाहरण है प्रभु यीशु मसीह हमें सभी बातों में पहला स्थान अपने परमेश्वर को ही देना है.
पहले परमेश्वर की धार्मिकता और उसके राज्य की खोज करने से बाकि सारी वस्तुएं हमारा पीछा करने लगेंगी और हमें यूं ही मिल जाएंगीं.
प्रभु आपको इन वचनों के द्वारा आशीष दे.
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Praise the lord
बहुत अच्छा वचन है मन को छूने वाला है । हमारे जीवन को दिखाता है । हम प्रभु के पास क्या लेकर जाएं । प्रभु हमारा मन देखता है । सच्चे मन से उसकी आराधना करें । वो प्रभु चाहता है ।
Thank you Dear Pastor Kuldeep singh Rane may God bless you wish you a blessed new year 2024