यीशु मसीह की इच्छा | Will of Jesus

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दोस्तों आज हम बाइबिल से सीखेंगे कि हमारे लिए प्रभु यीशु मसीह की इच्छा | Will of Jesus क्या है और यही कारण था कि यीशु के बारे में उसके चेलों को यह यकीन था. कि वह प्रभु परमेश्वर हैं.

यीशु मसीह की इच्छा | Will of Jesus

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उपरोक्त वचन यूहन्ना रचित सुसमाचार से लिया गया है, यूहन्ना प्रभु यीशु मसीह का चेला था जिसने अपने सुसमाचार में प्रभु यीशु की ईश्वरीयता पर जोर दिया है कि यीशु मसीह परमेश्वर का एकलौता पुत्र है. अर्थात परमेश्वर स्वयं मानव रूप में धरती पर है.

वचन का सन्दर्भ : ये वचन प्रभु यीशु मसीह के द्वारा तब कहे गए जब प्रभु यीशु मसीह को पकड़वाया जाने वाला था. ताकि यीशु मसीह को क्रूस की दर्दनाक मृत्यु दी जा सके.

प्रभु यीशु मसीह ने इस भयानक मृत्यु को इसलिए सहा ताकि सारे मानव जाति को उनके पापों से छुटकारा मिल सके और फिर कोई और बकरे या मनुष्य की बलि न हो.

अत: यीशु ने अपने चेलों और लोगों के बीच यह कहा. उपरोक्त कथन प्रभु यीशु स्वयं के विषय में कह रहे थे. उन्होंने गेंहूँ का उदाहरण लेकर अपने जीवन के विषय में कहा था.

दृष्टांत का अर्थ : | Meaning of the bible verse

जिस प्रकार गेंहूँ जब तक जमींन पर पड़कर मर नहीं जाता वह अकेला रहता है, लेकिन जब मर जाता है तो बहुत सा फल लाता है.

हम सभी जानते हैं एक गेंहू जब बोया जाता है तो वह गेंहूँ ही उगाता है और एक गेंहू से बहुत से गेंहू हो जाते हैं. उसी प्रकार जब प्रभु यीशु अपने विषय में कह रहे हैं.

कि जब यीशु बोये गए अर्थात हमारे लिए मारे गए गाड़े गए तो अवश्य है कि बहुत से यीशु ऊग जाएँ. यह बातें यीशु दृष्टांत में कह रहे थे.

लेकिन उनकी मनसा थी कि उनके चेले भी या उनके अनुयायी सभी लोग यीशु के समान बन जाएं. हर बातों में. परमेश्वर भी हमारे अन्दर अपने एकलौते पुत्र यीशु की छबी देखना चाहते हैं.

कि हम सभी छोटे छोटे यीशु बनकर इस दुनिया में सभी मानव जाति को उद्धार के रास्ते में ले जा सकें.

एक बब्बर शेर की कहानी | What is a good story about a Lion?

एक कहानी मैंने सुनी है कि एक बब्बर शेर के बहुत से बच्चे थे उनमें से एक छोटा बच्चा पहाड़ी से खेलते हुए लुड़क गया और बहुत दूर घने जंगल में खो गया और एक कुत्ते के झुण्ड में जा मिला.

वहां वह भूखा होने के कारण कुत्तों के बच्चों के साथ ही उनकी माँ का दुःख पिया और जैसे कुत्ते के बच्चे बढ़ रहे थे वैसा ही वह उनके साथ मिलकर बड़ा हो रहा था. उसका साइज बड़ा होने लगा लेकिन उसकी बोली और सोच कुत्तों के बच्चों की सी ही थी.

उन्हीं के जैसे भोजन करता और उनके जैसे ही भौंकता था. बहुत वर्षों के बाद उस क्षेत्र में उसका पिता बब्बर शेर आया जो पूरे जंगल का राजा था और दहाड़ने लगा और शिकार कर रहा था.

तब सारे कुत्ते अपने अपने स्थानों में छिप गए. उनके साथ वह शेर भी जो कुत्तों के साथ पला था वह जाकर छिप गया.

बब्बर शेर ने सारे कुत्तों को भागते देखा और उस शेर को भी तो उसे आश्चर्य हुआ और वह जाकर उस शेर को पकड़ लिया और क्या देखा यह तो कुत्तों के जैसे ही डर कर कुत्तों की आवाज निकाल रहा है.

इस पर उस बब्बर शेर ने कहा, तुझे क्या हो गया है. तू ऐसा क्यों कर रहा है. तू शेर है. तू राज्य करने के लिए पैदा हुआ है दहाड़.

लेकिन वह शेर इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहा था और डर रहा था. तब बब्बर शेर ने उसे पानी के पास लेजाकर उसे अपना प्रतिबिंब देखने को कहा,

और कहा, देख तू मेरे जैसा दिखता है, तू मेरी सन्तान है तू राज्य करने के लिए पैदा हुआ है. इस घटना के बाद शेर कुत्तों की संगती छोड़ दिया और अपने पिता की भाँती शेर बनकर जंगल में राज्य करने लगा.

यहाँ प्रभु यीशु यही कहना चाहते हैं. जब तुमने विश्वास किया तो तुमने परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार पाया है.

वो प्रभु हमसे कहता है तुम जगत की ज्योति हो तुम अन्धकार में मत चलो, तुम धरती के नमक हो. तुम अपनी पहचान को धूमिल मत होने दो.

वो यहूदा गोत्र का शेर आज हमें प्रोत्साहित करना चाहता है, कि तुम भी यीशु मसीह के समान ही इस दुनिया में जीवन बिताओ, प्रभु यीशु मसीह ने कहा तुम मुझसे बड़े काम करोगे.

और जाओ लोगो को सुसमाचार सुनाओ और देखो जगत के अंत तक मैं तुम्हारे साथ हूँ. यही बात संत पौलुस कहते हैं, मैं मसीह यीशु में जो मुझे सामर्थ्य देते हैं उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूँ.

यीशु मसीह ही जीवित परमेश्वर हैं | Jesus is Real God

यीशु मसीह ही सच्चे और जीवित परमेश्वर हैं, जब वे मानव रूप लेकर इस धरती पर आये और लोगों के बीच सेवा कर रहे थे. उन्होंने गिरे हुए लोगों को उठाया, बीमारों को चंगाई दी, और उनके पापों से उन्हें क्षम देकर उनका उद्धार किया.

जिस कारण से बहुत से लोग उनके अनुयायी बन गए और हजारो लोग उनके पीछे चलने लगे.

यीशु मसीह एक महान अगुवे | Jesus is great Leader

इस दुनिया में बहुत से महान अगुवे (लीडर) हुए हैं लेकिन जितना प्रभु यीशु मसीह का प्रभाव लोगों के उपर रहा है उतना लाइफचेंजिंग प्रभाव किसी और का लोगों पर नहीं रहा है.

सदियों से लोग प्रभु यीशु की शिक्षाओं को जो उसने मात्र 3 वर्षों में दी थी उनका पालन कर रहे हैं. उनके पास चाहे जैसा व्यक्ति क्यों न आया यीशु मसीह ने उस व्यक्ति को तृप्त करके ही भेजा.

प्रभु यीशु ने किसी भी मेडीकल कॉलेज में अध्ययन नहीं किया लेकिन उनके पास चाहे कैसा भी बीमार आया उन सभी को प्रभु ने पूर्ण रूप से चंगाई देकर स्वस्थ करके ही भेजा.

उसकी शिक्षाएं बहुत ही सटीक और कालजयी हैं. जो आज भी उतनी ही प्रभावी हैं जितनी उस समय थीं.

यीशु ने स्वर्ग जाने से पहले कहा था, “धरती और आकाश का सारा अधिकार मुझे दिया गया है इसलिए तुम जाओ और जाकर सारी जाति के लोगों को सुसमाचार सुनाओ और उन्हें चेला बनाओ,

और पिता पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बप्तिस्मा दो और उन्हें वो बातें मानना सिखाओ जो मैंने तुम्हें सिखाई हैं.” (मत्ती 28:19-20)

यही कारण है लोग जो प्रभु यीशु को मानते हैं उनकी अमर शिक्षाओं को लोगों तक पहुंचाते हैं जो सारे समाज को परिवर्तित कर रही हैं.

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