परमेश्वर के साथ सहमत होना | परमेश्वर के साथ सहमती की आशीषें

Spread the Gospel

हेल्लो दोस्तों आज हम एक ऐसे अद्भुत विषय पर मनन करेंगे जो हमारे जीवन को पूरी रीती से बदल सकता है और वह है …परमेश्वर के साथ सहमत होना

परमेश्वर के साथ सहमत होना | परमेश्वर के साथ सहमती की आशीषें

परमेश्वर-के-साथ-सहमत-होना

बाइबिल में लिखा है यदि दो मनुष्य परस्पर सहमत न हों, तो क्या वे एक संग चल सकेंगे? (आमोस 3:3)

इसका अर्थ है एक मन होना, हम जानते हैं परमेश्वर हमसे अधिक बुद्धिमान है और उसकी योजनाएं हमारी योजनाओं से अलौकिक और आशीषित हैं.

इसलिए हमें अपने जीवन में आशीष पाने के लिए उसकी दिव्य योजनाओं के साथ सहमत होना ही होगा.

व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना,

इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे;

क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा। (यहोशु)

यह वचन परमेश्वर ने यहोशु से तब कहे जब वह बहुत ही डरा हुआ था, कारण यह था कि इस्राएलियों को

दूध और मधु की धारा बहने वाले प्रतिज्ञा के देश अर्थात कनान देश की अगुवाई करने वाला अगुवा मूसा मर चुका था

और अब अगला अगुवा कौन होगा इस पर सभी 25 लाख से ज्यादा लोगों की उम्मीद टिकी थी.

ऐसे समय में परमेश्वर स्वयं मूसा के दास यहोशु से कहते हैं तू मेरी बातों के साथ सहमत हो जा.

यदि तुम्हें सफल और प्रभावशाली होना है तो तुम्हें मेरे वचन के साथ सहमत होना ही होगा.

उसके दायें या बाएं न मुड़ना. तब वह स्थान मैं तुम्हें दे दूंगा.

सम्पूर्ण बाइबिल में देखें तो पता चलता है इतिहास में केवल वही लोग महान हुए जिन्होंने परमेश्वर के वचन के अनुसार परमेश्वर के साथ सहमत हुए हैं.

राजा दाऊद भी यूँ कहते हैं …’हे यहोवा अपना मार्ग मुझे दिखा, तब मैं तेरे सत्य मार्ग पर चलूंगा,

मुझ को एक चित्त कर कि मैं तेरे नाम का भय मानूं.’ (भजन 86:11)

पुराने नियम के शाऊल की कहानी हम पढ़ते हैं वह अपनी गधी ढूंढ रहा था लेकिन परमेश्वर ने उसे राजा बनाया

लेकिन जब उसने परमेश्वर की आज्ञा न मानकर अपने ही निर्णय लेने लगा उसने अपने जीवन में श्राप कमाया और अपना जीवन नाश कर लिया.

जब हम परमेश्वर के साथ सहमत नहीं होते हैं तो अपनी इच्छा और अपनी बुद्धि के अनुसार चलते हैं और गलत निर्णय लेकर अपने जीवन को नाश कर लेते हैं.

इसलिए बाइबिल में लिखा है अपनी बुद्धि का सहारा न लेना बल्कि सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा करना इस रीती से वह तुम्हारे लिए सीधा मार्ग निकालेगा. (नीतिवचन 3:5)

हे प्रिय, मेरी यह प्रार्थना है; कि जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही तू सब बातों मे उन्नति करे, और भला चंगा रहे. (3 यूहन्ना 1:2)

परमेश्वर के पास हमारे लिए बेहतरीन योजनाएं हैं वो सभी योजनाएं लाभ की हैं हानि की नहीं. और वो हमारी आशा पूरा करना चाहते हैं. (यिर्म. 29:11)

जब यहोशु ने परमेश्वर के वचन के अनुसार किया बाइबिल हमें बताती है उन्होंने अपने जीवन में

असम्भव कामों को सम्भव होते देखा और उस प्रतिज्ञा पाए हुए देश अर्थात कनान में प्रवेश कर पाए.

निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा. (भजन 23:6)

हमें परमेश्वर की इच्छा जानकर उसके अनुसार चलना चाहिए. जिस प्रकार

व्यवस्थाविवरण 28:1 से लिखा है यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाएं, जो मैं आज तुझे सुनाता हूं,

चौकसी से पूरी करने का चित्त लगाकर उसकी सुने, तो वह तुझे पृथ्वी की सब जातियों में श्रेष्ट करेगा.

जब अब्राम निन्नानवे वर्ष का हो गया, तब यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर हूं; मेरी उपस्थिति में चल और सिद्ध होता जा. (उत्त्पति 17:1)

अब्राहम को परमेश्वर ने बुलाया और उसके साथ वाचा बाँधी कि, मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा,

और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आशीष का मूल होगा. और जो तुझे आशीर्वाद दें,

उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे.

और अब्राहम की आज्ञाकारिता के कारण ही परमेश्वर ने उसे इतनी आशीष दी…

की आज वह पूरी दुनिया में सभी विश्वासियो का पिता कहलाता है.

आत्मिक रूप से आज जो विश्वास करते हैं पूरी दुनिया में उसकी आत्मिक संताने हैं.

 मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं (यूहन्ना 10:10)

जब हम परमेश्वर के साथ सहमत हो जाते हैं वह हमें जीवन वरन बहुतायत का जीवन प्रदान करते हैं.

तुम उसी में भरपूर हो गए हो जो सारी प्रधानता और अधिकार का शिरोमणि है. (कुलु. 2:10)

निष्कर्ष :

हमें परमेश्वर के साथ सहमत होने के लिए प्रतिदिन बाइबिल के उन आयतों का जिनमें परमेश्वर ने हमें प्रतिज्ञा दी हुई हैं

उन उनका स्वयं के लिए उच्चारण करते हुए प्रार्थना करना चाहिए. और अंगीकार करना चाहिए

आप इस लिंक पर क्लीक करके बाइबिल के कुछ प्रतिज्ञाओं को अपने जीवन के लिए दोहराते हुए उसके वचन के साथ सहमत हो सकते हैं.

प्रभु आपको बहुत आशीष दे.

यदि आप इस परमेश्वर के साथ सहमत होना | परमेश्वर के साथ सहमती की आशीषें के द्वारा आशीष को पाएं हैं तो कृपया हमारे साथ कमेन्ट में लिखकर बांटे तथा.

ऐसी किसी भी लोगों को जिन्हें आप सोचते हैं उनके लिए लाभदायक होंगी तो अवश्य इसे उनके साथ लिंक शेयर करके बांटे ताकि वे लोग आशीषित हो सकें.

इन्हें भी पढ़े

जीवन में दुःख और सुख दोनों जरूरी हैं

हिंदी सरमन आउटलाइन

यीशु की प्रार्थना

पवित्र बाइबिल नया नियम का इतिहास

31 शोर्ट पावरफुल सरमन

यीशु कौन है

कभी हिम्मत न हारें

हम कैसे विश्वास को बढ़ा सकते हैं

प्रार्थना के 20 फायदे

प्रतिदिन बाइबल पढ़ने के 25 फायदे

प्रकाशितवाक्य की शिक्षा

परमेश्वर-के-साथ-सहमत-होना

पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)


Spread the Gospel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
Scroll to Top