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Bible Message in Hindi | बाइबल संदेश हिंदी में

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दोस्तों आज का मनन है 2 पतरस की पत्री से Bible Message in Hindi | बाइबल संदेश हिंदी में इसे अवश्य पढ़े और दूसरों के साथ शेयर अवश्य करें.

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अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है. (1 पतरस 5:7)

यह आयत पतरस ने लिखा है, कैसे परमेश्वर का दास पतरस इस बात को दृढ़ता और बड़े विश्वास के साथ कहता है कि अपनी सारी चिंता प्रभु पर डाल दो क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है.

आइये इस पर मनन करते हैं. हालाकि प्रेरितों के काम की पुस्तक में 4:13 में लिखा हुआ है पतरस अनपढ़ था.

सम्भवत: पतरस ने समय से साथ साथ इस बात को गंभीरता से लिया हो कि जो कुछ उसने प्रभु यीशु के जीवन से जाना और देखा उसे लिखना बहुत आवश्यक है.

ताकि आने वाली पीढ़ी पढ़ सके और विश्वास करे की यीशु ही प्रभु परमेश्वर है. पतरस को ही यह प्रकाशन हुआ था कि प्रभु यीशु परमेश्वर का एकलौता पुत्र मसीहा है. (मत्ती 16:6) इसलिए पतरस ने बाद में पढ़ाई की हो और इस पत्री को लिखा.

पतरस ही वह योग्य व्यक्ति है जो ऐसा लिखा सके क्योंकि…

1. पतरस ने देखा था किस रीती से जब वह रात भर समुद्र में मछली पकड़ने पर उसके जाल में एक भी मछली नहीं आई थी.

वह पूरी रीती से असफल था उस समय यीशु के एक बार आदेश से उसकी नांव मछलियों से ऐसा भर गया था कि उसकी नांव डूबने लगी और जाल फटने लगा था. (लूका 5:1-11)

अर्थात पतरस ने अनुभव किया यीशु चिंता करता है और असफलता में भी सफलता देता है.

2. पतरस ने देखा था किस रीती से उसकी सास ज्वर से बुरी तरह बीमार थी और यीशु ने उसे तुरंत चंगाई दी और वह इतना बल प्राप्त कर ली थी कि तुरंत यीशु की सेवा टहल करने लगी थी. (मत्ती 8:14)

पतरस ने देखा था यीशु का बीमारों की चिंता करता है और चंगाई एवं बल देता है.

3. पतरस ने देखा था किस रीति से प्रभु यीशु चेलों को बचाने के लिए रात को उस तूफ़ान भरे समुद्र के जल के ऊपर चलते हुए आये थे

और यीशु ने पतरस को भी पानी पर चलने की अनुमति दी थी. पतरस पानी में चलने का अनुभव प्राप्त किया था. (मत्ती 14:29)

पतरस ने देखा था प्रभु यीशु तूफान में भी अपने लोगों की चिंता करता है.

4. पतरस ने देखा था जब प्रभु यीशु अपने एवं पतरस के लिए मंदिर का कर चुकाने के लिए पतरस को एक मछली पकड़ने को भेजा था

और कहा था पहली मछली के मुंह के अन्दर एक चांदी का सिक्का मिलेगा और उसे देकर कर चूका देना. (मत्ती 17:24-27)

इस घटना से पतरस ने जाना था यीशु सर्वज्ञानी परमेश्वर हैं जो अभाव में भी चिंता करता है.

5. पतरस जब हेरोदेश के जेल में था और उसे चार चार सिपाहियों के पहरे में जंजीरों से जकड़कर लोहे के कई फाटक के अन्दर रखा गया था

उस समय कोई रिहा होने या छूटने की कोई आशा नहीं थी उस समय स्वयं परमेश्वर ने अपने एक दूत भेजकर उसे जेल से छुटकारा दिलवाया था. (प्रेरित 12:1-12)

पतरस जान गया था यीशु मसीह जेल के निराशा में भी चिंता करता और बचाता है.

Conclusion | निष्कर्ष

उपरोक्त तमाम घटनाओं के कारण पतरस दृढ़ता से कह सका अपनी सारी चिंता यीशु पर डाल दो उसको तुम्हारा ध्यान है वही तुम्हें सम्हालेगा.

वो हमें कभी नहीं छोड़ेगा और न कभी त्यागेगा उसे हमारा ध्यान है. दोस्तों आज हमारे जीवन में कैसे भी सताव या परेशानियां आयें इस वचन के द्वारा हियाव बांधे और हिम्मत रहें उसे हमारा ध्यान है वो हमारे लिए सब कुछ पूरा करेगा.

प्रभु आपको इन वचनों के द्वारा आशीष दे.

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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)

मसीही लोग क्यों सदैव आनन्दित रहते हैं

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