दोस्तों आज हम एक हिंदी कहानी पढेंगे जिसका नाम है आशीषों की तराई. ये Hindi kahani एक बाइबल स्टोरी है जो हम पाते हैं 2 इतिहास की पुस्तक के 20 वे अध्याय में तो आइये शुरू करते हैं.
राजा यहोशापात की कहानी (2 इतिहास 20:1-26)
hindi kahani | आशीषों की तराई
एक बार की बात हैं यहोशापात नामक एक राजा इस्राएल के यहूदा में राज्य करता था. यहोशापात एक भला राजा था और परमेश्वर का भय मानता था.
जिसके कारण परमेश्वर ने उसके राज्य को बहुत बढ़ाया था. लेकिन उसके आस पास के राज्य के राजा यहोशापात से शत्रुता रखते थे और यहूदा राज्य में हमला करके उस देश पर कब्जा करना चाहते थे.
लेकिन वे सभी जानते थे यदि कोई एक राज्य यहूदा राज्य पर चढ़ाई करेगा तो कभी भी विजयी नहीं हो सकता.
इसलिए आस पास के तीन राजाओं ने अर्थात शत्रु सेनाओं ने एक मन होकर और बड़े षडयंत्र बनाकर यहूदा राज्य में चढ़ाई करने की योजना बनाई.
अत: मोआबियों और अम्मोनियों और मुनियों नामक तीन शत्रु सेनाओं ने युद्ध करने के लिए यहोशापात पर चढ़ाई की.
जब यह बात यहोशापात को पता चली तो वह बहुत डर गया और उपवास करके परमेश्वर से प्रार्थना करने लगा.
और उसके साथ उस राज्य के सभी लोग परमेश्वर से प्रार्थना करने लगे. और उस समय उसकी शत्रु सेनाएं धीरे धीरे उसके राज्य की ओर बढ़ रही थीं.
यहोशापात और उसके लोगों की प्रार्थना को सुनकर परमेश्वर ने यहजीएल नामक अपने एक दास के द्वारा यह संदेश भिजवाया, कि तुम मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो.
क्योंकि युद्ध तुम्हारा नहीं परमेश्वर का है
जब हम किसी भी समस्या के लिए प्रार्थना करते हैं और परमेश्वर के पास आते हैं तब वो समस्या हमारी नहीं रह जाती बल्कि परमेश्वर उस समस्या का समाधान बतातें हैं.
परमेश्वर ने कहला भेजा कल उनका सामना करने को जाना. लेकिन तलवार और हथियार के साथ नहीं बल्कि आराधना करते हुए, और गीत गाते हुए.
यहोशापात ने ऐसा ही किया वह एक गीत मण्डली के साथ यह गाता हुआ उन शत्रु सेनाओं के पास उस जंगल की तराई की ओर यह गीत गाता हुआ गया कि…
“यहोवा परमेश्वर का धन्यवाद करो…क्योंकि उसकी करुणा सदा की है.”
बराका की तराई | हिंदी कहानी
तभी वहां एक चमत्कार हुआ न जाने कैसे तीनो शत्रु सेनाओं ने जंगल की तराई में जहाँ वे तीनो सेनाओं तीनो ओर से यहोशापात से युद्ध करने के लिए आए हुए थे.
वे सभी आपस में ही लड़ाई करना शुरू कर दिया और तलवार और हथियार चलाने लगे और सारे के सारे लाखो लोग आपस में युद्ध करके मर गए.
चारो तरफ केवल लाशें ही लाशें थी. शत्रु सेनाओं का एक भी व्यक्ति जीवित नहीं बचा. और जब यहोशापात अपने यहूदी लोगों और गीत मंडली के साथ पहुंचा तो आश्चर्य का ठिकाना न रहा.
क्योंकि अब उन्हें किसी से युद्ध नहीं करना था उनके सभी शत्रुओं का सफाया हो चुका था. उस जंगल की तराई में पहुंचकर सारे यहूदी लोगों ने
और यहोशापात ने उन मृत लोगों के सोने चांदी के जेवर और गहने आदि उतार लिए वहां इतना खजाना मिला इतने जेवर मिले की तीन दिन तक वे केवल बटोरते ही रहे.
और बहुतायत के कारण वे सब कुछ नहीं ला पाए. जिस सेनाओं से वे इतना डर रहे थे जिस स्थान मतलब जंगल की तराई में आने के लिए वे घबरा रहे थे
आज वही जंगल की तराई उन सभी लोगों के लिए आशीष की तराई बन चुकी थी. इसलिए उन्होंने उस तराई का नाम बराका की तराई रखा, जिसका अर्थ होता है आशीषों की तराई या धन्यवाद की तराई.
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Conclusion | निष्कर्ष
दोस्तों आज सवाल है आपके लिए ऐसी कौन सी तराई है जिसने आपको डरा कर रखा है, ऐसी तराई जिससे आपको लगता है यह समस्या रूपी तराई से मैं कभी निकल नहीं पाऊंगा.
या कर्ज आर्थिक तंगी या बीमारी जो शत्रु के समान चारों ओर से आपको दबाना चाहते हैं. ऐसे समय में जब आप यह बाइबल संदेश को या Hindi Kahani पढ़ रहे हैं
तो यह वचन आपसे कहना चाहता है परमेश्वर के पास पाएं और अपनी समस्या को परमेश्वर के हाथों में रख दे. तो आप पायेंगे वो समस्या आपकी नहीं बल्कि परमेश्वर की होगी और परमेश्वर आपकी ओर से लड़ेगा.
ये आपके हार की घाटी नहीं है बल्कि जीत की तराई है और आप जीत के साथ आशीषों के साथ बेहतर होकर बाहर आएँगे.
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प्रभु आप को बहुत आशीष दे.
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