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चिंता कैसे त्यागे (लूका 10:38-42) | How not to worry | प्रेरक प्रसंग

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दोस्तों आज हम सीखेंगे चिंता कैसे त्यागें How not to worry प्रेरक प्रसंग | Prerak Prasang हमारे प्रोत्साहन और मोटिवेशन का एक उत्तम माध्यम है तो आइये सुनते हैं प्रेरक प्रसंग

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एक बार प्रभु यीशु मसीह बैतनिय्याह नामक गाँव में आए वहां एक ऐसा परिवार था जहाँ केवल तीन लोग थे दो बहने मरियम और मार्था और उनका एक भाई लाजर।

मार्था ने यीशु मसीह के चमत्कारों को देखकर और उसके अद्भुत संदेशो से प्रभावित होकर अपने घर में अतिथि के रूप आने का निमन्त्रण दिया, और उसकी विनती सुनकर प्रभु मार्था के घर पर आ गए। 

मार्था को विश्वास नहीं हो रहा था कि आज साक्षात प्रभु उसके घर पर आये हैं अत: वह तुरंत उनके स्वागत के लिए खाना बनाने रसोई में भागी. और वह बहुत से पकवान बनाने में जुट गई।

यहाँ यीशु के पास मार्था की बहन मरियम प्रभु से बातें करने लगी तब प्रभु यीशु मरियम को अनंत जीवन के विषय में तथा बहुतायत के जीवन के विषय में संदेश के रूप में वचन सुनाने लगे…

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मार्था जब बहुत देर तक पकवान बनाने में लगी हुई थी तो गुस्से में आकर प्रभु यीशु मसीह को कहने लगी, आपको मेरी कोई चिंता नही है,

कि मैं इतनी देर से काम कर रहीं हूँ और ये मरियम केवल आपके पास बैठकर सुन रही है आप इसे कुछ कहते क्यों नहीं।

इस बात को सुनकर यीशु ने मार्था से कहा मार्था हे मार्था तू बहुत बातों की चिंता करती रहती है।

 निसंदेह आवभगत करना भोजन खिलाना महत्वपूर्ण हैं। परन्तु  प्रभु उसके  प्रतिदिन के व्यवहार के विषय में कह रहे थे। 

इस विषय पर उन्होंने पवित्रशास्त्र में अनेक शिक्षाएं दी हैं कि चिंता करके हम कुछ भी नहीं कर सकते। चिंता करके हम केवल अपना नुकसान करते हैं,

यदि हमारा भरोषा परमेश्वर पर है तो हमें चिंता नहीं करना चाहिए, इस पर यीशु मसीह ने मार्था से कहा चिंता करने के बदले तुम्हें एक उत्तम काम करना चाहिए था जो तुम्हारी बहन कर रही है, अर्थात वचन को सुनना।

 प्रभु यीशु के जीवनदायी वचन को सुनना दुनिया के तमाम महत्वपूर्ण कामों को करने से उत्तम है। क्योंकि जिसने हमें बनाया है वह जानता है कि हमारी जरूरतें क्या-क्या हैं। 

जिसने हमें मुंह और पेट दिया है उसने हमारे लिए भोजन भी अवश्य रखा है।  जो चिड़ियों को जो बोती और काटती नहीं उन्हें भी भूखे मरने नहीं देता

वो हमारे लिए भी जो हम उन तमाम आकाश के पक्षियों से ज्यादा सुंदर व कीमती हैं क्यों न देगा??

परमेश्वर ने हमारे लिए और हमारे संतानों के लिए भी अच्छी लाभकारी योजना बना रखा है।

 उसके वचनों को सुनने मात्र से हमारे जीवन में बहुत आशीषों को प्राप्त करते हैं।

 जो इस जीवन के लिए और आने वाले जीवन के लिए भी लाभकारी हैं।

 इसलिए मरियम के जैसे चिंता छोड़कर प्रभु के वचन को सूनने में समय बिताएं। 

विश्वास करते हैं how-not-to-worry प्रेरक प्रसंग लेख पढ़कर आपको आशीष मिली होगी… प्रभु आपको आशीष दें 

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