दोस्तों आज हम सीखेंगे पिता परमेश्वर की 10 आशीषें | What are the 10 great blessings of Father God. जिसमें हम जानेंगे हमारा स्वर्गीय परमेश्वर भला पिता है. ऐसा यीशु मसीह ने हमें सिखाया है.
स्वर्गीय पिता परमेश्वर सांसारिक पिता से कहीं बेहतर है और वह हमसे बिना किसी स्वार्थ के प्यार करता है. यीशु मसीह ने हमें प्रार्थना करना सिखाया और कहा जब तुम उससे प्रार्थना करो तो उसे पिता कहकर पुकारना. हे हमारे पिता तू जो स्वर्ग में है. (मत्ती 6:9)
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जब हम यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं तब उसी क्षण हम परमेश्वर की सन्तान बन जाते हैं. क्योंकि लिखा है जितनो ने उसे ग्रहण किया उसने उन्हें अपनी सन्तान होने का अधिकार दिया. (यूहन्ना 1:12)
हम जानते हैं जिनके माता पिता नहीं होते हैं उन्हें हम अनाथ कहते हैं. एक अनाथ बच्चा किसी भी साधारण बच्चे से कुछ अलग होगा वह डरा डरा सा, और उदास और कमजोर सा होगा.
लेकिन जिसके माता पिता उसके साथ होते हैं उस बच्चे के मुख में तेज और खुशी और आनन्द होता है उसे भविष्य का डर नहीं होता.
हमारा पिता परमेश्वर भी हमसे कहता है मैं तुझे कभी अनाथ नहीं छोडूंगा. एक दूध पिलाने वाली माता अपने बच्चे को भूल जाए तो भूल जाए लेकिन मैं न तो तुम्हें कभी भूलूंगा और न कभी छोडूंगा. (यशायाह 49:15)
यहाँ पिता परमेश्वर की 10 आशीषें लिखित रूप में हैं ये केवल उन्हीं के लिए हैं जो परमेश्वर की सन्तान हैं अर्थात उस पर विश्वास करते हैं.
पिता परमेश्वर की 10 आशीषें
1. पिता परमेश्वर अपने बच्चों पर दया (ख्याल) रखता है.
जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है. (भजन 103:13)
एक भले पिता की भाँती हमारा स्वर्गीय पिता भी अपनी सन्तान अर्थात विश्वासियों का ख्याल रखता है. उसने चालीस वर्षों तक इस्राएलियों को स्वर्गीय भोजन (मन्ना) खिलाया और उन्हें धूप से बचाने के लिए बादल बनकर और ठण्ड से बचने के लिए रात को आग का खंबा बनकर अपने बच्चों का ख्याल रखा. वो आज भी हमारा ख्याल रखता है.
2. पिता परमेश्वर अपने बच्चों की जरूरतें पूरी करता है.
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकम्पा से उसने हमारी सारी जरूरतों को अब तक पूरा किया है. उसने हमसे वायदा किया है कि वह तुम्हारी हर एक घटी को पूरा करेगा.
और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा. (फिलिप्पियों 4:19)
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3. एक पिता के जैसे स्वर्गीय पिता भी हमें सिखाता है
परमपिता परमेश्वर के वचन के अनुसार वह हमें सिखाता है और उस मार्ग की शिक्षा देता है जिसमें हमको चलना चाहिए. वह कहता है मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा. (भजन 32:8)
4. पिता परमेश्वर हमारी रक्षा करता है
जिस प्रकार एक पिता अपने बच्चे को तमाम खतरों से सुरक्षा देने के लिए सब कुछ करता है, और अपने बच्चों के शत्रुओं के विरुद्ध लड़ता भी है. उसने इस्राएलियों को बचाने के लिए उनके विरोधी शत्रुओं से युद्ध लड़ा. और यहोशु अपने दास से कहा, जीवन भर तेरे सम्मुख कोई खड़ा न हो सकेगा. (यहोशु 1:5)
पिता परमेश्वर का भजन संहिता में लिखा है, जब परमेश्वर के लोगों के ऊपर विरोधी लोग आक्रमण करते थे और सताते थे तब लिखा है, परन्तु उसने किसी मनुष्य को उन पर अन्धेर करने न दिया; और वह राजाओं को उनके निमित्त यह धमकी देता था, कि मेरे अभिषिक्तों को मत छुओ, और न मेरे नबियों की हानि करो! (भजन संहिता 105:13-15)
यदि आज आप किसी प्रकार के असुरक्षित स्थान में अपने आप को पाते हो तो अपने आप को उस पिता परमेश्वर के हाथों में सौंपें तब आप भी पाएंगे कि वो युद्ध संग्राम यहोवा का हो जाएगा. और आप जीत जाएंगे.
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5. पिता परमेश्वर अपने बच्चों की सुनता हैं
पिता परमेश्वर का वचन कहता है, जिस प्रकार एक सांसारिक पिता हमारी बातों को, निवेदन को सुनता है. उसी प्रकार हमारा स्वर्गीय पिता भी हमारी विनती और प्रार्थना को सुनता है. वो कहता है, जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से मांगोगे वह सब तुम को मिलेगा. (मत्ती 21:22)
पिता परमेश्वर की प्रार्थना के विषय में बाइबल में लिखा है, मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुन कर तुझे बढ़ी-बड़ी और कठिन बातें बताऊंगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता. (यिर्मयाह 33:3)
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6. पिता परमेश्वर अपने बच्चों को क्षमा करता है
जिस प्रकार हमारा सांसारिक पिता हमारी गलतियों को क्षमा करता है उसी प्रकार हमारा स्वर्गीय पिता भी जब हम अपने गुनाहों की क्षमा उससे मांगते हैं तो हमारे तमाम पापों को गुनाहों को क्षमा करता है.
यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है. (1 यूहन्ना 1:9)
परमेश्वर के वचन की शक्ति महान है वो कहता है यह उसकी महा करुणा का फल है कि हम मिट नहीं गए. (विलापगीत 3:22-23) अपने लोगों के लिए उसकी करुणा सदा की है.
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7. पिता परमेश्वर हमें दान वरदानों से भरता है.
जिस प्रकार हमारा पृथ्वी का पिता हमें गिफ्ट या उपहार देता है उसी प्रकार हमारा स्वर्गीय पिता हमें अपने स्वर्गीय दान वरदान से भरता है. यह उसका आनन्द है कि वह आपको अपने स्वर्गीय वरदानों को प्रदान करें.
हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, और न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है. (याकूब 1:17)
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8. पिता परमेश्वर अपने बच्चों को प्रोत्साहित करता है
हरेक पिता अपने बच्चे को भले कामों के लिए प्रोत्साहित करता है उसी प्रकार हमारा स्वर्गीय पिता भी हमें संकट के समय बाइबल वचन के द्वारा और स्वप्नों के द्वारा और परमेश्वर के दासों के द्वारा प्रोत्साहित करता है.
जैसे तुम जानते हो, कि जैसा पिता अपने बालकों के साथ बर्ताव करता है, वैसे ही हम तुम में से हर एक को भी उपदेश करते, और शान्ति देते, और समझाते थे. (1 थिस्सलुनीकियों 2:11-12)
9. पिता परमेश्वर अपने बच्चों से बहुत प्यार भी करता है
परमेश्वर प्रेम है, क्योंकि पिता तो आप ही तुम से प्रीति रखता है, इसलिये कि तुम ने मुझ से प्रीति रखी है, और यह भी प्रतीति की है, कि मैं पिता कि ओर से निकल आया. (यूहन्ना 16:27)
देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी: इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उस ने उसे भी नहीं जाना।(1 यूहन्ना 3:1)
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10. पिता परमेश्वर अपने बच्चों को अनुशासित भी करता है
परमेश्वर अपने बच्चों से जिनसे वह प्रेम करता है अनुशासित भी करता है. राजा दाउद कहता है, तेरे सोटे और तेरी लाठी से मुझे बल मिलता है. (भजन 23:4)
Conclusion
हमने देखा कि किस प्रकार पिता परमेश्वर की 10 आशीषें उसकी संतानों के लिए हैं. परमेश्वर के वचन में बुद्धि के अपार भण्डार है लेकिन ये उन्ही को प्राप्त होते हैं जो पिता परमेश्वर के सिखाए हुए मार्गों में चलता है. संकट के समय बाइबल वचन यदि हम अपने पिता परमेश्वर को पुकारे और संकट के समय दया की प्रार्थना करें तो वह अपने बच्चों की प्रार्थना को सुनकर उन्हें छुड़ाता है और ऊंचे स्थान पर रखता है. और अपने किये हुए उद्धार को दिखाता है. (भजन संहिता 91:14-16)
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