दोस्तों आज हम सीखेंगे यीशु मसीह बाइबल वचन प्रार्थना | God’s Powerful word for me Today मतलब आज मेरे लिए प्रभु का सामर्थी वचन क्या है जिसमें हम प्रभु यीशु मसीह के वचन और प्रार्थना भी देखेंगे. तो आइये शुरू करते हैं.
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मत्ती 15:21-28 कनानी स्त्री की कहानी | कनानी स्त्री का विश्वास | कनानी स्त्री की बेटी की चंगाई
लगभग 2000 वर्षों पहले जब यीशु मसीह इस दुनिया में सेवा कर रहे थे. जहाँ यीशु मसीह सेवा कर रहे थे वहां भी जाति प्रथा थी. और यहूदी लोग कनानी और सामरी लोगों से ज्यादा सम्बन्ध नहीं रखते थे.
प्रार्थना की सामर्थ
यदि हम प्रभु यीशु मसीह के सामने गुटने टेकेंगे तो हमें किसी मनुष्य के सामने गिड़गिड़ाना नहीं पड़ेगा. ऐसा ही कुछ तब हुआ जब यीशु सूर और सैदा के प्रदेश की ओर आता है.
उस स्थान पर पहुँचने पर यीशु के पास एक स्त्री आती है और बड़े ही दुःख में ऊँची आवाज में पुकारती हुई आती है कि हे प्रभु दाउद की सन्तान, मुझ पर दया कर.
वह स्त्री बहुत दुःख में थी क्योंकि उसकी एकलौती बेटी को दुष्टात्मा सताती थी. यह देख देखकर वह तंग आ चुकी थी. वह अपनी बेटी की चंगाई के लिए सब कुछ कर चुकी थी.
हर जादू टोना और वैधों के द्वारा परेशान हो चुकी थी. लेकिन उसे कुछ भी लाभ नहीं हुआ था. उसे जब पता चला कि चंगाई देने वाला यीशु यहाँ पर है तो वह आकर यीशु के सामने गिड़गिड़ाने लगी और विनती करने लगी.
कनानी लोग मूर्तिपूजक थे और सच्चे और जीवते परमेश्वर की आराधना नहीं करते थे इसलिए यहूदी लोग उनके साथ कोई व्यवहार नहीं रखते थे. और शायद उन्हें कुत्ते कहकर भी पुकारते थे.
बाइबल में परमेश्वर की 100 प्रतिज्ञाएं
चमत्कार के लिए प्रार्थना में ठहरे रहे.
उसके बार बार पुकारने और प्रार्थना करने के बावजूद हम देखते हैं कि यीशु की ओर से कोई जवाब नहीं आ रहा है. यीशु उसके विश्वास को देखना चाहते थे.
यहाँ तक कि यीशु के चेलों ने भी यीशु से कहा प्रभु इसे विदा कर. मतलब इसे यहाँ से चलता कर या भगा दे. ये सभी को परेशान कर रही है. लेकिन यीशु शांत था.
उस स्त्री ने पुकारना और प्रार्थना करना जारी रखा. शायद वो अपनी बच्ची से बहुत प्यार करती थी. हमें भी लगातार प्रार्थना करना चाहिए.
यीशु ने उस स्त्री से कहा “लड़कों की रोटी लेकर कुत्तों के आगे डालना अच्छा नहीं.” उसने कहा. सत्य है प्रभु पर कुत्ते भी वह चूरचार खाते हैं, जो उसने स्वामियों को मेज से गिरते है. कहने का मतलब वह कह रही थी.
मैं न्याय नहीं मांग रही हक़ नहीं मांग रही पर प्रभु तेरी दया मांग रही हूँ. तेरा तरस मांग रही हूँ. यीशु ने उसके इस विश्वास को देखकर कहा,
"हे स्त्री तेरा विश्वास बड़ा है. जैसा तू चाहती है, तेरे लिए वैसा ही हो." (मत्ती 15:28)
प्रार्थना में ठहरे रहें आपका चमत्कार आपके विश्वास के अनुसार ही होगा. चाहे जो हो कोई कुछ भी बोले. हमें प्रार्थना में ठहरे रहना है…जैसा उस स्त्री ने किया.
कई बार हमें लगेगा कि हमारा प्रभु कुछ नहीं कह रहा वो हमसे मुंह मोड़ लिया है शांत है. हमें कोई जवाब क्यों नहीं आ रहा है. विश्वास की असली परीक्षा तब ही होती है.
ऐसे समय उस परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखें. पवित्रात्मा की सहायता मांगे और लगातार प्रभु के साथ सम्बन्ध बनाए रखें. आपकी हर एक प्रार्थना चट्टान रूपी पहाड़ पर एक हथोड़ा का वार होगा.
आपको नहीं पता आपके कौन से वार से वो चट्टान टूट कर गिर जाएगी और आपको वो प्राप्त होगा जिसकी आपने कामना की है.
यदि परमेश्वर चाहते हैं कि हम प्रार्थना में उसकी बाट जोहें, तो हम अपने सारे मन से बाट जोहें; क्योंकि धन्य हैं वे सब जो उसकी बाट जोहते हैं. वह हमारी आराधना के और बाट जोहने के योग्य परमेश्वर है. प्रतीक्षा स्वयं हमारे लिए लाभदायक है: यह विश्वास की परीक्षा लेती है, धैर्य का अभ्यास करती है, समर्पण को प्रशिक्षित करती है, और जब आशीष आती है तो अद्भुत होती है. प्रभु के लोग हमेशा से प्रतीक्षारत लोग रहे हैं.
चार्ल्स स्पर्जन (महान सुसमाचार प्रचारक)
उस स्त्री को प्रार्थना का उत्तर प्राप्त हुआ.
प्रभु यीशु ने उस स्त्री से कहा, जैसा तू चाहती है तेरे लिए वैसा ही हो. आइये उसके परमेश्वर पर और उसके वचन पर पूर्ण भरोसा करेगा. वो हमेशा प्रार्थनाओं का उत्तर देता है.
फर्क नहीं पड़ता आपकी समस्या कितनी बुरी या भयानक है परमेश्वर के पास आने वालों की प्रार्थना वह अवश्य सुनता है, और सहायता करता है. विश्वास करें वो आज भी आपकी प्रार्थनाओं का उत्तर देगा.
“मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा, और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी.” (भजन संहिता 40:1)
आज की प्रार्थना
हे स्वर्गीय पिता परमेश्वर हम प्रभु यीशु मसीह के नाम से आपके चरणों में आते हैं और प्रार्थना करते हैं.
हमारे विश्वास को बढ़ा और उस कनानी स्त्री के समान हम भी आपके साथ धैर्य से प्रार्थना में इन्तजार करने वाले हों.
हे पवित्र आत्मा हमारी सहायता करें ताकि हम विश्वास में और भी मजबूत हो सकें. और परमेश्वर से और उसके वचन पर पूरा भरोसा रख सकें.
सारी महिमा आपको देते हैं. और यह प्रार्थना प्रभु यीशु मसीह के नाम से मांगते हैं. आमेन
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Conclusion
दोस्तों, हम यहाँ यीशु मसीह बाइबल वचन प्रार्थना में देखते हैं किस प्रकार एक कनानी स्त्री ने अपने विश्वास के द्वारा प्रार्थना के उत्तर के रूप में अपनी बेटी की चंगाई और छुटकारे को प्राप्त किया. सचमुच हमारा परमेश्वर महान परमेश्वर है और वह हमारी प्रार्थनाओं को अवश्य सुनता और उत्तर देता है. यदि उसके उत्तर में देरी हो रही है तो घबराएं नहीं विश्वास करें कुछ बेहतर उत्तर आने वाला है. आपका चमत्कार आने ही वाला है.
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आपके लेख को पढ़कर बहुत ही आशीष मिला है एवं कलीसिया में प्रचार करने के लिए हमें एक अच्छे विषय एक अच्छे आत्मिक भोजन और अति सुंदर दृष्टांत जो हम मेरे लिए कलीसिया के लिए बड़े आशिकी कारण हो रहा है प्रभु आपको आशीष दे और भी आपको बढ़ाएं जिससे कई लोग आत्मिक जीवन में बढ़ने का कारण बनी धन्यवाद
धन्यवाद अरविन्द जी प्रभु आपको बहुत आशीष दे.