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Buri sangat ka asar story in hindi | संगत का असर प्रेरक प्रसंग

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दोस्तों आज हम सीखेंगे Buri sangat ka asar story in hindi | संगत का असर प्रेरक प्रसंग कहानी पवित्रशास्त्र से ली गई है जो हमें एक अच्छी सीख देती है तो आइये सीखते हैं.

Buri sangat ka asar story in hindi | संगत का असर प्रेरक प्रसंग

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बुद्धिमान की संगती कर, तब तू भी बुद्धिमान हो जाएगा, परन्तु मूर्खों का साथी नाश हो जाएगा. (नीतिवचन 13:20) 

लगभग 850 ईशवी पूर्व इस्राएल देश में एक राजा हुआ जिसका नाम था रहोबियाम यह राजा सुलेमान का पुत्र था.

जैसा की हम सभी जानते हैं राजा सुलेमान को परमेश्वर ने इतना बुद्धिमान बनाया था कि पूरी दुनिया में उसके समान बुद्धिमान कोई नहीं था.

राजा सुलेमान के जीवन काल में कोई युद्ध ही नहीं हुआ क्योंकि उसकी बुद्धिमानी के कारण उसने आसपास के अनेक देशों को प्रभावित कर रखा था.

इसलिए उसने अपने पूरे जीवन काल में बहुत से सुन्दर सुन्दर महलों और भवनों का निर्माण करवाया. उसके मरने के बाद उसका पुत्र रहोबियाम राजा बना.

उसके राजा बनने के समय पूरा राज्य धन धान्य से परिपूर्ण था. लेकिन इस राजा रहोबियाम की संगती निर्बुद्धि लोगों के साथ थी.

जिस प्रकार शास्त्र कहता है बुरी संगती अच्छे चरित्र को बिगाड़ देती है उसी प्रकार इसके साथ भी हुआ. जैसे ही रहोबियाम राजा बना.

तब इस्राएल के सारे धर्मसभा के लोग मिलकर रहोबियाम के पास जाकर विनती की और कहा, हे राजा आपके पिता सुलेमान ने भवन और महल बनवाए

जिसके कारण हम सभी अनेक वर्षों तक कड़ी मेहनत कर करके थक चुके हैं इसलिए कृपा कर हमारे बोझ को हल्का कीजिये…

मतलब अब भवनों और महलों को बनाने से हमें आराम दीजिए. ताकि हम आपके लिए बाकी दूसरी सेवा भी कर सकें.

राजा रहोबियाम ने उन्हें तुरंत उत्तर नहीं दिया उसने अपने लोगों से सलाह लेकर जवाब देना चाहा इसलिए उसने उन लोगों को तीन दिन बाद वापस आने को कहा.

बुद्धिमानों की सलाह

लोग भी इस बात को मानकर चले गए. राजा रहोबियाम पहले उन धर्मवृद्धों (विद्वानों) के पास गया जिनसे बुद्धिमान राजा सुलेमान भी सलाह लिया करता था.

उन लोगों ने राजा रहोबियाम को उत्तम सलाह दी…और कहा, यदि आप आज जनता के सेवक बन जायेंगे और लोगों की सेवा करेंगे, उनसे मधुर वचन बोलेंगे, तो वे जीवन भर आपके सेवक बने रहेंगे.

निर्बुद्धि लोगों की सलाह

लेकिन राजा रहोबियाम ने उन बुद्धिमान लोगों की सलाह को न माना और जाकर अपने जवान मित्रों से सलाह लेने जा पहुंचा जो उसके साथ रहा करते थे.

रहोबियाम ने पूछा तुम लोग मुझे क्या सलाह देते हो ऐसी परिस्थिति में. तब उसके जवान मित्रों ने उसे जवाब दिया तू जाकर उन लोगों से कह जो यह कह रहे हैं आपके पिता ने हमारे कंधे पर भारी जुआ रखा था. आप इस भार को हल्का कीजिए…

आप उनसे बोलिए…यदि मेरे पिता सेर थे तो मैं सवा सेर हूँ…मैं तुम पर मेरे पिता से भी भारी जुआ रखूँगा…मेरे पिता से अधिक मैं तुम्हें हंटर से मारूंगा.

क्योंकि मेरी सबसे छोटी ऊँगली मेरे पिता के कमर से भी मोटी है….ऐसा बोलकर तुम उन्हें डराओ…राजा रहोबियाम को यही बात अच्छी लगी

बुरी संगती और बुरी सलाह का परिणाम

और उसने उन लोगों को जो तीन दिन बाद राजा के पास वापस आए तो उनसे यही कठोर शब्द कह कर जनता का तिरस्कार किया.

उसके बाद पूरे राज्य में विद्रोह मच गया लोगों ने अधिकारियों पर पथराव करके मार डाला और राज्य छिन्न भिन्न हो गया. और रहोबियाम का राज पाठ उससे छीन लिया गया.

Conclusion

थोड़ा रूककर विचार करें आप किस प्रकार के लोगों की संगती कर रहे हैं. और किन लोगों की सलाह पर चलते हैं… परमेश्वर का भय मानने वाले बुद्धिमान लोगों की सलाह लीजिए. उपरोक्त संगत का असर प्रेरक प्रसंग कहानी बाइबिल की पुस्तक (1 राजाओं 12:1-20) में पायी जाती है.

कृपया अपने कमेन्ट करके अवश्य बताएं संगती का असर कहानी लेख आपको कैसा लगा.  आप हमारे हिंदी बाइबिल स्टडी app को गूगल प्ले स्टोर से डाउन लोड आप इस लिंक से उस लेख को पढ़ सकते हैं..

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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)

rajeshkumarbavaria@gmail.com


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