ईसाई-विवाह

चर्च में शादी कैसे होती है सम्पूर्ण विधि | ईसाई विवाह | How to solemnize a Christian Marriage in hindi?

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ईसाई विवाह एक पवित्र विधि है जिसे बाइबल में परमेश्वर ने ठहराई है आज हम इस लेख में सम्पूर्ण विधि सीखेंगे ताकि उचित रीती से इसका पालन किया जा सके

बाइबल परिवारिक जीवन और इसकी पवित्रता को अति प्रोत्साहित करती है.

ईसाई विवाह की फोटो | christian marriage photo

ईसाई-विवाह
Image by Veton Ethemi from Pixabayईसाई-विवाह

ईसाई विवाह का सही उद्देश्य क्या है | Purpose of marriage today in hindi

विवाह सब में आदर की बात समझी जाए और बिछौना निष्कलंक रहे.

(इब्रानियों 13:4)

सभी मसीही समुदाय में विवाह को बहुत महत्वपूर्ण और स्वर्गीय आदेश मानते हैं. पहला विवाह का आयोजन किया (उत्पत्ति 2:22)

विवाह का उद्देश्य | what is the purpose of christian marriage in hindi

  1. पुरुष और स्त्री को सही योग्य सहायक की जरूरत है (उत्त्पति 2:18)
    परमेश्वर ने आदम को अकेला देखकर कहा था, मनुष्य का अकेले रहना अच्छा नहीं है, इसलिए उसके लिए सहायक बनाऊंगा. परमेश्वर ने पुरुष और स्त्री को एक दूसरे के लिए सहायक के रूप में बनाया है.

2. मानव की बढ़ोत्तरी के लिए (उत्त्पति 2:28)
परमेश्वर मानव को न केवल आत्मिक रूप से लेकिन हर क्षेत्र में बढ़ोत्तरी के लिए बनाया है. परमेश्वर के दिल में है कि हम सभी बढ़ें और आशीष पाएं. और इस प्रकार धरती पर अधिकार रखें. विवाह इसी लिए आशीषित है.

3. एक पवित्र जीवन जीने के लिए (1 कुरु 7:2, 1 तिमु 5:14)
हम सभी इस संसार में हैं जहां उस दुष्ट शैतान का अंधकार फैला हुआ है, वो सभी को पाप में गिरा कर परमेश्वर से दूर करना चाहता है. इसलिए विवाह एक ऐसा सामर्थी योजना है जिसके द्वारा दो जन एक मन होकर पवित्र जीवन जी सके.

4. परिवार के रूप में प्रभु की आराधना करना यहोशु 24:14, प्रेरितों 16:31)
प्रभु परमेश्वर ने कहा है, धर्मी जन के घर से जय जयकार की ध्वनी सुनाई देना चाहिए. यदि दो जन एक मन होकर प्रार्थना में जो बांधेगे वो स्वर्ग में बंध जाएगा. किसी ने खूब कहा है

Family which pray together Stay together.”

Mother Teresa

पति और पत्नी के कर्तव्य

पति और पत्नी के कर्तव्य और जिम्मेदारियां 1कुरु 7:51, 1 तिमु 5:22-32 कुलु 3:18-19, 1 पतरस 3:1-7 में दिए गए हैं.

यह बाइबल वचन विवाह से पहले दूल्हा, और दुल्हिन को पढाए या किसी से पढ़वा कर सिखाया जाए.

ईसाई विवाह की विशेषताएं

सेवक (पास्टर ) कहे…

विवाह परमेश्वर की ईच्छा से स्थापित किया गया पुत्र यीशु की उपस्थित में और पवित्र आत्मा की सहायता के द्वारा हम इस सम्पन्न करते हैं.

यह मानव जाति के बढती, मनुष्यों का पवित्र जीवन और स्वस्थ समाज को बनाने के लिए स्थापित किया गया है.

how do you solemnize a Christian Marriage in hindi | ईसाई विवाह

आज की शाम हमारे प्रिय भाई जॉन (दुल्हे का नाम) और प्रिय बहन रूबी (दुल्हन) पवित्र विवाह में एक होने जा रहे हैं.

आइये विवाह की आशीषों के लिए प्रार्थना करें.

सार्वजनिक सहमती :

त्रिएक परमेश्वर के नाम में मैं सभा और यहाँ इकट्टा हुए लोगों से पूछता हूँ यदि भारतीय संविधान के अनुसार कुछ व्यक्तिगत बात है या परमेश्वर के वचन के शिक्षाओं के अनुसार कुछ ऐसी बात है जो इन दो जवानो को विवाह करने से रोकती हैं, तो आप इस सभा के बीच में उस बात को बोल सकते हैं.

यदि नहीं तो आप इस विषय में अब और सदा के लिए शांत रहें.

जैसे आप में से किसी को कोई आपत्ति नहीं है और इस शान्ति को आपकी सहमती समझते हुए आपकी अनुमति से मैं आगे बढ़ने जा रहा हूँ.

सेवक वर वधु से उनके स्थान में खड़े होने के लिए कहे.

वर जॉन की सहमती :- मैं जॉन से पूछना चाहता हूँ…

  1. यीशु मसीह के नाम में जो हर एक पुरुष के हृदय को जांचता है और न्याय के दिन में उसके प्रत्येक कार्य प्रगट करेगा. मैं आप से पूछना चाहता हूँ क्या आपके जीवन में कुछ ऐसी बात है जो चाहे व्यक्तिगत या सार्वजनिक जो आपको इस पवित्र विवाह में प्रवेश करने से रोकता है तो इसी वक्त बताएं.
  2. क्या आप इस युवा स्त्री रूबी को अपनी पत्नी के रूप में परमेश्वर के बेटे के समान एक अच्छे पति के सारे कर्तव्य को पूरा करते हुए उनके साथ रहने को स्वीकार करते हैं?

    वधु रूबी की सहमती :- मैं रूबी से पूछना चाहता हूँ
    1. यीशु मसीह के नाम में जो हर एक स्त्री के ह्रदय को जांचता और न्याय के दिन में उसके सारे कामों को प्रकट करते हैं मैं आपसे पूछना चाहता हूँ. क्या आपके जीवन में कुछ ऐसी बात है चाहे व्यक्तिगत या सार्वजनिक रूप से जो आपको इस पवित्र विवाह में प्रवेश करने से रोकता है तो इसी वक्त बताएं.

    2. क्या आप इस युवा पुरुष अर्थात जॉन को अपने पति जानकर परमेश्वर की बेटी के समान एक अच्छी पत्नी के सारे कर्तव्य को पूरा करते हुए उनके साथ रहने को स्वीकार करती हैं.

    जैसे की दोनों ने सार्वजनिक रूप से अपनी इच्छा और विवाहिक संबंध में प्रवेश करने की सहमती जताई है और लोगों के सामने घोषणा की है इसलिए हम विवाह की प्रक्रिया में आगे बढ़ेंगे.

विवाह की वाचा | ईसाई विवाह प्रतिज्ञा

इस समय वर और वधु को उनके सीधे हाथ को पकड़ने और इस प्रतिज्ञा को सेवक के पीछे दोहराने को कहे.

वर के लिए

मैं जॉन आप रूबी को अपनी विवाहिक पत्नी के रूप में स्वीकार करता हूँ. आज के दिन से लेकर परमेश्वर की पवित्र आज्ञा को मानते हुए अच्छे दिनों में और बुरे दिनों में भी. अमीरी में और गरीबी में भी, बिमारी में और स्वास्थ में भी, जीवन के हर एक परिस्तिथी में, जब तक मृत्यु हमें अलग न करे, तुम्हें प्रेम करने और तुम्हारे साथ रहने, तुम्हें सम्मान करने और एक अच्छे पति क सारे कर्तव्य को पूरा कने का आज मैं तुम्हें परमेश्वर के लोगों की उपस्थिति में पिता पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से वचन देता हूँ.

सेवक कहे : – परमेश्वर की कलीसिया और सभा इसके गवाह हैं…

वधु के लिए

मैं रूबी आप जॉन को अपनी विवाहित पति के रूप में स्वीकार करती हूँ. आज के दिन से लेकर परमेश्वर की पवित्र आज्ञा के अनुसार, अच्छे दिन और बुरे दिनों में भी, अमीरी और गरीबी में, बीमारी में और स्वास्थ्य में भी, जीवन की हर एक परिस्थिति में, जब तक मृत्यु हमें अलग न करे, आपसे प्रेम करने और आपके आधीन रहने, आपका आदर करने, और एक अच्छे पत्नी के सारे कर्तव्य को पुरे करने का वचन आज परमेश्वर के लोगों की उपस्थति में, पिता पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से देती हूँ.

जोड़े के लिए प्रार्थना :- (सेवक जोड़े के लिए लघु प्रार्थना करें)

जैसा कि दोनों ने एक दूसरे से वाचा बांधी और पति-पत्नी बन गए, अब ये अपने जीवन के आरंभ में कुछ विशेष आदान प्रदान (बदलने ) जा रहे हैं यह इनके प्रेम का प्रतीक और इनके विवाह के स्मरण के रूप में होगा.

पति पत्नी एक दूसरे को अंगूठी पहनाना (यदि है तो नहीं तो बाइबिल भी बदल सकते हैं )

वर -वधु दोनों आपस में अंगुठी को पहनाने से पहले सेवक प्रार्थना करे.

सेवक :- अब क्योंकि ये पति पत्नी हैं, जो वाचा इन्होने एक दूसरे से बाँधी है उससे अलग होने की अनुमति परमेश्वर का वचन नहीं देता. चाहे कुछ भी हो जाए उन्हें अपनी बाकी के जीवन में पति पत्नी बनके रहना है.

जैसा कि ये नए पति पत्नी हैं, परमेश्वर का वचन इनकी कुछ जिम्मेदारियों और एक दूसरे के प्रति कर्तव्य को भी बताता है. यदि वे इसका पालन करते हैं उनका जीवन आशीषित होगा.

प्रचार (sermon) कैसे बनाएं (कदम दर कदम संपूर्ण शिक्षा)

पति पत्नी के लिए बाइबल के वचन

1:कुरु 7:2-5, इफिसियों 5:22-32, 1 पतरस 3:1-7 से पढने के लिए पासवानो को नियुक्त पासवान आगे आयें और पढ़ें.

पति और पति होने की पासवान के द्वारा घोषणा

अब इस युवा पुरुष जॉन और युवा स्त्री रूबी ने के दूसरे से वाचा बाँधी और एक दुसरे के हाथ को थामा है. अपनी प्रतिज्ञा को एक दूसरे के साथ बाँधा है, अंगूठी बदली और पति पत्नी बन गए हैं, इस कारण से परमेश्वर के वचन के अनुसार और इस देश के नियम अनुसार मैं पिता, पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से उन्हें पति और पत्नी घोषित करता हूँ.

इसलिए जिसे परमेश्वर ने जोड़ा है, उसे मनुष्य अलग न करे. “

प्रभु यीशु मसीह

आशीष की प्रार्थना (वरिष्ठ पासवान आगे आकर अपने हाथो को पति और पत्नी पर रखते हुए प्रार्थना करें. )

रजिस्टर पर हस्ताक्षर

विशेष गीत : होवेगी बरकत की बारिश….

प्रार्थना और आशीर्वाद :-

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