बपतिस्मा

मसीही बपतिस्मा का क्या महत्व है | What is Baptism | Hindi Bible Study

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बपतिस्मा क्या है ? परिभाषा :

बाइबिल के अनुसार मसीहियों के लिए बपतिस्मा एक अति आवश्यक विधि है. प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करने के पश्चात लिया जाने वाला एक मसीही संस्कार है बप्तिस्मा. ये प्रभु यीशु की महान आज्ञा है, कि जाओ सुसमाचार सुनाओ और जो विश्वास करे उसे पिता पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से बप्तिस्मा दो (मत्ती 28:19-20)

बपतिस्मा
Image by Ruben Ortiz from Pixabay बपतिस्मा

बपतिस्मा का अर्थ बाइबल क्या बताती है

बाइबिल यह भी शिक्षा देती है कि, “जो विश्वास करे और बप्तिस्मा ले उसी का उद्धार होगा l” (मरकुस 16:16) मूल भाषा अर्थात यूनानी भाषा बैप्टिसो शब्द से आया है जिसका अर्थ है ‘डुबोना’ या किसी वस्तु को पानी के अंदर डूबा कर निकालना, इसे हम डूबकी लेने से भी समझ सकते हैं,

बपतिस्मा का उद्देश्य :

जब एक व्यक्ति प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करता है तब वह एक नया जन्म प्राप्त करता है जैसे कि स्वयं यीशु मसीह ने कहा, है (यूहना 3:5) और उस नए जन्म प्राप्त करने की प्रकिया है पानी से बप्तिस्मा लेना ।

यह घटना उस समय कि है जब एक यहूदियों का सरदार, फरीसी जिसका नाम निकुदिमुस था रात को छिप कर यीशु के पास आता है और परमेश्वर के राज्य के विषय में जानना चाहता है.

तब यीशु मसीह उसे इस रहस्य को समझाते ही कहते हैं, कि जब तक कोई व्यक्ति नए सिरे से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य को नहीं देख सकता, और नए सिरे से जन्म लेने मतलब है पानी से और आत्मा से जन्म लेना…(जिसका जिक्र हम आगे करेंगे)

बपतिस्मा मसीह की आज्ञा का पालन करना है।

प्रभु यीशु ने स्वयं युहन्ना बप्तिस्मा दाता से यरदन नदी के तट पर पानी से डूब का बप्तिस्मा लिया और जब प्रभु यीशु ने सेवा पूर्ण की तो अपने शिष्यों को तथा सभी अनुयाइयों के लिए एक महान आदेश दिया की वे सारी पृथ्वी के सारे लोगों, सारी जातियों के पास जाकर सुसमाचार सुनाएं और जो विश्वास करे तो उसे पिता पुत्र पवित्रात्मा के नाम से बप्तिस्मा दो.. (मत्ती 28:19-20)

बपतिस्मा परमेश्वर की धार्मिकता को पूरा करना है

बप्तिस्मा देनेवाला यूहन्ना मन फिराने और स्वर्ग राज्य के विषय में लोगों को चेतावनी दे रहा था और बता रहा था जो मेरे बाद आएगा अर्थात प्रभु यीशु वो मुझसे बड़ा है सामर्थी है तभी प्रभु यीशु उसके पास अर्थात यरदन नदी के तट पर आकर यूहन्ना बप्तिस्मा देनेवाले से कहने लगे की मुझे बप्तिस्मा दे…

तब यूहन्ना कहने लगा प्रभु मुझे तो आपसे बप्तिस्मा लेने की आवश्यकता है लेकिन प्रभु यीशु उसे उत्तर देते हैं, “अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है ।”

पानी के बपतिस्मे का उद्देश्य है की हम यीशु के समान बन जाएं

संत पौलुस रोमियो की पत्री में कहते है, कि क्या तुम नहीं जानते कि हम सब जिन्होंने मसीह यीशु का बप्तिस्मा लिया, उसकी मृत्यु का बप्तिस्मा लिया। अत: उस मृत्यु का बप्तिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की के द्वारा मरे हुओं से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।

(रोमियो 6:3-4 ) पौलुस यहाँ समझाते हैं कि जब हम विश्वास करते हैं कि यीशु हमारे लिए इस दुनिया में आया और हमारे पापों के लिए मारा गया तब ऐसा विश्वास करने के कारण हम अपने पापों के लिए मर गए और पानी में सबके सामने (सिम्बोलिक रीती से) उपमा देते हुए हम हमारा पुराना पाप का मनुष्यत्व को दफना दिए और और हम मसीह में जीवित हैं।

यीशु मसीह पर विश्वास करने के लिए तीन बातें अति आवश्यक हैं

पहला : – आप प्रभु यीशु मसीह पर और उसके संदेशों पर पूर्ण विशवास करें

दूसरा :- यह कि आप अन्य विश्वासियों के सामने पिता पुत्र और पवित्रात्मा के नाम पर बप्तिम्सा लें जो की विश्वास का प्रगटीकरण होगा, इस प्रकार आप एक विश्वासी कलीसिया के एक अंग बन जाते हैं

तीसरा :- यीशु मसीह की समस्त शिक्षाओं को सीखने और अपने जीवन में लागू करने और दूसरों को सिखाने हेतु समर्पित हों (मत्ती 28:19-20)

यीशु कौन है

बपतिस्मा प्रमाणपत्र

एक व्यक्ति जब पूरी रीति से अपने पापों की क्षमा मांग और मन फिराकर प्रभु यीशु को अपना मुक्तिदाता मान लेता है और बप्तिस्मा लेता है तो परमेश्वर का दास कलीसिया का पादरी उसे बपतिस्मा प्रमाणपत्र प्रदान करता है. यह एक प्रमाण पत्र है कि वह प्रभु की आज्ञाओं का पालन कर रहा है.

क्या बपतिस्मा से धर्म परिवर्तन होता है ?

धर्म परिवर्तन एक अफवाह है…एक झूठी बात जो अज्ञानियों ने फैलाई है …इसे जानने के लिए नीचे पढ़े…धर्म एक बहुत बड़ा विषय है जिसे हम दुसरे लेख में समझेंगे, लेकिन यहाँ बाइबल में कहीं भी प्रभु यीशु ने धर्म परिवर्तन पर कुछ भी नहीं कहा है, (यूहन्ना 3:16) बाइबिल का एक ऐसा महत्वपूर्ण वचन है, जिसे छोटी बाइबिल भी कहा जाता है, इसमें पूरी बाइबिल का सार है, निचोड़ है, इसे आप सभी याद कर लें….

जो कहता है , कि “परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वो नाश न हो वरन अनंत जीवन पाए।”यदि परमेश्वर ने सारी दुनिया को सारे जगत के सारे लोगों को बनाया है तो क्या वो धर्म में भेद करेगा..?? कदापि नहीं, परमेश्वर ने मानव जाति को बनाया और मानव ने जाति और धर्म को…

वो सच्चा परमेश्वर तो सारी मानव जातियों से प्रेम रखता है और उन्हें उनके पापो से बचाना चाहता है…पाप की मजदूरी तो मृत्यु है…और सबने पाप किया है…इसलिए प्रभु हमें मन फिराने को कहता है….बप्तिस्मा मन फिराने और पश्चाताप करने के बाद की क्रिया है…धर्म परिवर्तन एक अफवाह है…एक सफेद झूठ…

पानी के बपतिस्मा की सच्चाई क्या है ? क्या दुबारा लिया जाना चाहिए ?

केवल एक ही सच्चा बप्तिस्मा है, जिस प्रकार (इफिसियों 4:5 ) एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बप्तिस्मा। अनेक लोग बाइबिल में कई प्रकार के बपतिस्मे के विषय में कहते हैं जैसे छिडकाव का बच्चों का जो की बिब्लिकल सत्य नहीं हैं ।

इसे दुबारा नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि हम दो बार नहीं मरते या दफन होते एक बार ही पाप के लिए मारे गए और प्रभु यीशु में पानी में सांकेतिक रूप से दफनाए गए हैं। यदि एक बार उचित रीति से पापों से मन फिराकर पिता पुत्र पवित्रात्मा के नाम पर पानी में डूब कर बप्तिस्मा ले लिया गया है तो दुबारा लेने की कोई आवश्यकता नहीं है।

बपतिस्मा प्रार्थना

प्रत्येक विश्वासी को बप्तिस्मा लेने से पूर्व प्रार्थना करने की सलाह दी जाती है और पासवान भी प्रार्थना करते हैं यह प्रार्थना पाप अंगीकार की प्रार्थना होती है और परमेश्वर से सहायता की कि वह इस निर्णय में जीवन भर बना रहे.

यदि हम विश्वास करें और बपतिस्मा न ले तो क्या होगा ?

लूका 7:30 में लिखा है फरीसियों और व्यवस्थापकों ने उससे बप्तिस्मा न लेकर परमेश्वर के अभिप्राय को अपने विषय में टाल दिया…वे तो फरीसी और व्यवस्थापक थे जो शास्त्रों का ज्ञान भली भाति रखते थे तो भी उनहोंने जब बप्तिस्मा न लिया तो उनहोंने परमेश्वर के उद्देश्य की और अभिप्राय की अवेहलना कर दिया या उद्देश्य का तिरस्कार कर दिए…

मरकुस 16:16 में लिखा है जो विश्वास करे और बप्तिस्मा ले उसी का उद्धार होगा … कृपया बाइबिल की भाषा पर ध्यान दें, उसी का उद्धार होगा मतलब…जो बप्तिस्मा विशवास करे और बप्तिस्मा न ले उसका उद्धार होने में संदेह है…

फिर सवाल है, कि उस चोर का तो बप्तिस्मा नहीं हुआ था ? फिर ?? आपका सवाल बिलकुल सही है…ध्यान दें क्या आपने कभी सोचा कि उसने प्रभु यीशु के विषय में कब सुना या कब विश्वास किया जब वह बिलकुल असहाय था उसे भी यीशु के समान सूली पर या क्रूस पर चढ़ाया गया था और बस अब मरने वाला था…

यदि ऐसा कोई है जिसे बिलकुल भी समय नहीं है और मरने वाला है और उसके आस पास ऐसा कोई भी नहीं है जो बप्तिस्मा दे सके तो प्रभु उसका उपाय स्वयं करेंगे…लेकिन यदि वह ऐसी परिस्थिति में नहीं है तो देरी नहीं करनी चाहिए।

पवित्र आत्मा का बपतिस्मा

जब एक मसीही व्यक्ति प्रभु यीशु पर विश्वास करता है और पानी का बप्तिस्मा लेने के पश्चात पवित्र जीवन जीता है उस समय दूसरे लोगों के बीच सेवा करने हेतु जो दान वरदान उसे पवित्रात्मा की ओर से मिलते हैं उसे पवित्र आत्मा का बपतिस्मा, कहते हैं. जैसे भविष्यवाणी, अन्यअन्य भाषा, चंगाई आदि.

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कौन बपतिस्मा ले सकता है ?

प्रेरितों के काम 3:38 में प्रभु के एक शिष्य पतरस ने लोगों से कहा, “मन फिराव और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिए…बप्तिस्मा ले। इस वचन से यह आशय निकलता है जो मन फिरा सकता है और जो प्रभु यीशु पर विश्वास करता है और कहता है अब मैं पाप में नहीं जियूँगा और एक नया जन्म के अनुसार उसकी आज्ञा में चलूँगा ऐसा व्यक्ति बप्तिस्मा ले सकता है ।

क्या बच्चों का बपतिस्मा होना चाहिए ?

बाइबिल में बच्चों के बपतिस्मे के विषय में कहीं भी कोई जिक्र नहीं हैं बच्चों को समर्पित करने के विषय में जरुर उल्लेख दिया गया है। बप्तिस्में की पहली शर्त ही यही है की विश्वास करे और अपने पापो से मन फिराए तो बप्तिस्मा ले सकते हैं …

अब यदि एक बच्चा जिसे पाप के विषय में ज्ञात ही नहीं तो वह मन कैसे फिराएगा …यीशु मसीह ने कहीं भी अपनी शिक्षा में बच्चों के बप्तिस्मा के विषय में कोई शिक्षा नहीं दी है ।

पानी के बपतिस्मा लेने के परिणाम क्या होते हैं ?

पानी के बप्तिस्मा लेने के अनेक आत्मिक लाभ हैं..लूका 7:29 हम बप्तिस्मा लेकर परमेश्वर की आज्ञा को और परमेश्वर को स्वीकार कर लेते हैं । (गलतियों 3:27 ) में लिखा है और तुम में से जितनो ने मसीह में बप्तिस्मा लिया है उनहोंने मसीह को पहिन लिया है …अर्थात अब हम मसीह में पाए जाते हैं और उसकी सुरक्षा हमारे साथ है ।

बप्तिस्मा पाए हुए लोगों पर पवित्रात्मा उतरा था और वे दान वरदान से भर गए थे…रोमियो 6:3-4 में लिखा है हम सब जिन्होंने मसीह यीशु का बप्तिस्मा लिया उसकी मृत्यु का बप्तिस्मा लिया अत: हम उसके साथ गाड़े गए ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की से चाल चलें । अर्थात जीने के लिए हमने एक नया जीवन पाया है ।

लेख पूरा पढने के लिए मैं आपका धन्यवाद देता हूँ, और आशा करता हूँ यह लेख आपको बप्तिस्मा के विषय में जानने में सहायता करेगा। और यदि आपके कुछ सवाल हैं या इस लेख के विषय में आप कुछ पूछना चाहते है तो हम ह्रदय से आपका स्वागत करते हैं…

आप अपने सवाल कमेन्ट बॉक्स में लिख सकते हैं । मुझे बड़ी ख़ुशी होगी उन विषयों पर चर्चा करने में.. और अगले लेख कौन सा हो??? वो भी आप मुझे सलाह दे सकते हैं एक बार फिर से आपका धन्यवाद…

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4 thoughts on “मसीही बपतिस्मा का क्या महत्व है | What is Baptism | Hindi Bible Study”

  1. बिना बपतिस्मा से स्वर्ग नही जासकते ये ग़लत है,
    मर्कुस १६ः१६ का मतलब ये नही है की बपतिस्मा से स्वर्ग जाते है
    सिर्फ़ बिस्वास से स्वर्ग जाते है
    बपतिस्मा तो आज्ञा है
    बाक़ी और सब अच्छा है सही है
    धन्यवाद आपके इस के लिए

    1. धन्यवाद भाई जी अच्छे शब्दों के लिए और आपके कमेन्ट के लिए

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