दोस्तों आज हम Bible Preaching in Hindi में सीखेंगे यीशु मसीह ने 70 चेलों को बिना पैसों के क्यों भेजा. जिसमें हम सीखेंगे सेवा के लिए क्या जरुरी है.
Bible Preaching in Hindi
हम लूका रचित सुसमाचार के 10 अध्याय में पाते हैं प्रभु यीशु ने अपने 70 चेलों को उस स्थानों में भेजा जहाँ वे स्वयं जाने पर थे.
और इन बातों के बाद प्रभु ने सत्तर और मनुष्य नियुक्त किए और जिस जिस नगर और जगह को वह आप जाने पर था, वहां उन्हें दो-दो करके अपने आगे भेजा। (लूका 10:1)
यीशु मसीह के 12 चेले प्रेरित थे लेकिन और भी चेलों को उन्होंने नियुक्त किया था. और एक समय के बाद यीशु ने उन्हें सेवकाई के लिए उन स्थानों में भेजा जहाँ वे स्वयं जाने वाले थे.
और जो सेवा का काम अर्थात सुसमाचार सुनाना दुष्टात्मा निकालना और आत्माओं को बचाना वे स्वयं करना चाहते थे उन्होंने चेलों को नियुक्त करके उन्हें सामर्थ देकर भेजा.
क्योंकि यीशु शरीर में थे वे एक समय में एक ही स्थान में जा सकते थे.
आज पास्टर और लीडर को इस बात से सीखना चाहिए कि सब काम हम अकेले नहीं कर सकते हैं.
इसलिए जहाँ हमें जाना हैं अर्थात सेवा करना है हमें अपने साथ वालों को भी अवसर देना चाहिए.
ताकि सेवा का कार्य और तीव्र गति से और ज्यादा से ज्यादा स्थानों में पहुच सके.
और उसने उनसे कहा, पके खेत बहुत हैं; परन्तु मजदूर थोड़े हैं: इसलिये खेत के स्वामी से बिनती करो, कि वह अपने खेत काटने को मजदूर भेज दे। (लूका 10:2)
यहाँ परमेश्वर को खेत का स्वामी कहा गया है. खेत अर्थात संसार जो कि परमेश्वर का है, और पक चूका है अर्थात तैयार है.
खेत काटने वाले मजदूर लोग भी परमेश्वर के हैं. और मजदूरों को भेजने का काम भी परमेश्वर ही करता है. और उन मजदूरों की मजदूरी भी परमेश्वर ही देता है.
लेकिन वह एक काम हम सभी को देता है वह है प्रार्थना करना. इसका अर्थ है सब कुछ तैयार है जब तक प्रार्थना नहीं होती तब तक काम भी नहीं होता.
इस संसार रूपी खेत को काटना है मतलब आत्माओं को जीतना है तो सबसे महत्वपूर्ण कार्य जो करना है वो है प्रार्थना.
“बिना प्रार्थना के कभी भी कोई जागृति नहीं हुई.”
– Arthur Tappan Pierson
वचन 3. यीशु ने कहा, जाओ; देखों मैं तुम्हें भेड़ों की नाईं भेडियों के बीच में भेजता हूं. | Bible Preaching in Hindi #1
हम सभी जानते हैं भेड़िया भेड़ को खा जाता है. तो यदि हम भेड़ हैं तो प्रभु ने ऐसा क्यों कहा, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच में भेजता हूँ?
अवश्य वो यह नहीं चाहते हैं, कि हम भेड़ियों के द्वारा खा लिए जाएं. प्रभु जब हमें भेजते हैं तो उसके साथ एक वायदा भी करते हैं कि मैं तुम्हारे साथ रहूँगा.
प्रभु के अनुग्रह और उनकी शिक्षाओं की सामर्थ्य से आज के भेड़िये भी भेड़ में बदल जाते हैं. यीशु किसी भी मनुष्य को नाश होते नहीं देखना चाहता है.
प्रभु के महान आदेश में हम देखते हैं उसने कहा, स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है.
इसलिए तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो.
और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूँ. (मत्ती 28:18-20)
वचन 4. इसलिये न बटुआ, न झोली, न जूते लो; और न मार्ग में किसी को नमस्कार करो।
प्रभु ने क्यों कहा, सेवा में जाते समय पैसे नहीं लेना मतलब बटुआ और झोली या जूते नहीं लेना. और मार्ग में किसी को नमस्कार भी नहीं करना.
क्योंकि यदि हमारे पास पैसा है और हैं कोई गरीब व्यक्ति ने अपनी झुग्गी में स्वीकार किया और अपने घर में रहने के लिए स्थान दिया.
और यदि उसने हमें भोजन जो कि हो सकता है सस्ता सा जैसे खिचड़ी दिया तो हम एक दो बार के बाद वहां से भागकर किसी रेस्टारेंट या होटल में जाकर खा लेंगे क्योंकि हमारा भरोषा हमारे पैसों पर होगा.
इसलिए प्रभु ने उन्हें सिखाया कि पूरी रीति से परमेश्वर पर भरोसा करके जाओ और जो कुछ मिले धन्यवाद के साथ खाओ. घर घर न फिरना बल्कि एक ही घर में रहना. और सेवा करना.
यदि वो गरीब होगा तो हम उसके लिए प्रार्थना करेंगे दिल से प्रार्थना निकलेगी तो अवश्य उस व्यक्ति के घर में आशीष और बरकत ठहरेगी.
किसी को मार्ग में नमस्कार भी नहीं करना :- इसका अर्थ है, अपने किसी रिश्तेदार के घर या सगे या सम्बन्धी के घर पर जाकर नमस्कार न करना नहीं तो जिस कार्य के लिए प्रभु ने तुम्हें भेजा है उस कार्य के लिए देरी हो सकती है.
हो सकता है आपका रिश्तेदार जिद्द करने लगे कुछ दिन यहाँ रूककर जाना. ऐसे में सेवा कार्य में बाधा आ जाएगी. और ऐसा अनेक लोग कर भी रहे हैं जिससे वे अपनी बुलाहट को भूल भी बैठे हैं.
वचन 5 :- जिस किसी घर में जाओ, पहिले कहो, कि इस घर पर कल्याण हो, | Bible Preaching in Hindi #2
यदि वहां कोई कल्याण के योग्य होगा; तो तुम्हारा कल्याण उस पर ठहरेगा, नहीं तो तुम्हारे पास लौट आएगा.
यह एक जबरदस्त आत्मिक नियम है जो प्रभु यीशु ने हम सभी सेवा करने वालों को दिया है. यदि हम जाएंगे तो हम उनसे कुछ लेने नहीं जा रहे हैं स्मरण रहे हम देने जा रहे हैं.
बहुत से लोग श्राप में और पाप के बंधन में हैं. उनकी कमाई में बरकत या आशीष नहीं है. जब हम जाएं तो जिस घर में जाएं उस घर में कुछ भी करने से पहले उस घर के लिए आशीष और कल्याण बोलो.
और देखो यदि वहां कोई व्यक्ति जो सुसमाचार और आपको ग्रहण करेगा उसे आशीष मिलेगी यदि नहीं तो वो कल्याण निश्चित रूप से तुम्हारे पास लौट आएगा.
मतलब हमने वहां जाकर कल्याण और आशीष को creat किया है. आशीष का सृजन आपके बोलने से हो गया.
या तो उसे मिलेगा या आप के पास लौट आएगा. मतलब बेकार नहीं जाएगा. आपको उन आशीषों को मात्र बोलना है.
हम कैसे विश्वास को बढ़ा सकते हैं
वचन 9 :- वहां के बीमारों को चंगा करो: | Bible Preaching in Hindi #3
अनेक बार लोग पूछते हैं यदि हमने बीमारों के लिए प्रार्थना की और वे चंगे नहीं हुए या ठीक नहीं हुए तो…तो क्या एक बात याद रखना है. चंगा करने वाले हम नहीं हैं.
चंगा करने वाला प्रभु यीशु है. पवित्रआत्मा की सामर्थ्य से लोग चंगे होते हैं. हमारा काम है प्रभु के नाम से जाना और लोगों के लिए प्रार्थना करना.
विश्वास की प्रार्थना से रोगी चंगा हो जाएगा. यदि हम सोचें कि हम चंगाई देते है तो घमंड हमें घेर लेगा और ठोकर का कारण बनेगे. इसलिए जाना है और लोगों के चंगाई के लिए प्रार्थना करना हैं.
यह प्रभु यीशु का आदेश है. वो यदि उस स्थान में आता जहाँ आप इस समय सेवा कर रहे हैं तो वह भी लोगों को चंगा करता. क्योंकि उसने कहा जाओ लोगों को चंगा करो.
और यदि कोई अपने स्थान में ग्रहण न करे तो वहां से अपने पाँव की धूल भी छाड़ देना. हमें जो स्वीकार करें ये उनकी भलाई के लिए है यदि नहीं स्वीकार करता तो यह उनकी समस्या है वो अपनी आशीषे रोक रहे हैं.
Conclusion
प्रभु कहता है मेरा आगमन जब होगा तो मैं उन स्थानों को देख लूंगा. प्रिय भाई और बहनों मैं इस सन्देश को बड़ा नहीं करना चाहता लेकिन विश्वास करता हूँ यदि आपने यहाँ तक पढ़ा है तो आशीष पाए होंगे.Bible Preaching in Hindi में यदि आपको कोई भी प्रश्न है तो आप कमेन्ट एन लिखें और लोगों को भी शेयर करें. धन्यवाद
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