दोस्तों आज 20 Love bible verses in hindi में हम प्रेम बाइबल वचन में सीखेंगे बाइबल प्रेम के विषय में क्या कहती है. बाइबल में प्रेम के विषय में सबसे उत्तम वचन यूहन्ना 3:16 में लिखा है जो कहता है, परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वो नाश न हो बल्कि अनंत जीवन पाए.
प्रेम का अर्थ
बाइबल के अनुसार परमेश्वर स्वयं प्रेम है 1 यूहन्ना 4:16 परमेश्वर के दास पास्टर रिक वारेन ने कहा है, परमेश्वर का प्रेम कभी कम नहीं होता. इसी रीती से हम सीख सकते हैं कि प्रेम क्या है. प्रेम में त्याग है, सहनशीलता है, प्रेम में प्रोत्साहन है, प्रेम में आशा है और प्रेम में जीवन है.
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बाइबल के अनुसार एक दूसरे से प्रेम कैसे करें
बाइबल हमसे कहती है, “कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो.” (यूहन्ना 13:34)
अर्थात प्रेम दिखावे का या केवल शब्दों मात्र का नहीं होना चाहिए, जो केवल किताबों में हो बल्कि प्रेम व्यवहारिक होना चाहिए.
हमें स्वयं से पूछना चाहिए जब हम कहते हैं कि हम परमेश्वर से प्रेम करते हैं, उसका प्रमाण क्या है. क्या हमारा कहना सत्य है.
जब परमेश्वर ने प्रेम किया तो अपने बेटे को इस दुनिया के लिए दे दिया जब यीशु ने प्रेम किया तो अपने प्राण और सब कुछ दे दिया. मतलब प्रेम का दूसरा नाम त्याग है, बलिदान है.
प्रारंभिक कलीसिया ने जब परमेश्वर से प्रेम किया उन्होंने कलीसिया से प्रेम किया लोगों से प्रेम किया और सेवा के लिए अपने जीवन को दिया.
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प्रेम के गुण क्या हैं | What are the Qualities of Love
बाइबल में प्रेम सबसे उत्तम मार्ग है. यहोवा का प्रेम जीवन में रक्षा लेकर आता है यहोवा अपने सब प्रेमियों की तो रक्षा करता, परन्तु सब दुष्टों को सत्यानाश करता है. (भजनसंहिता 145:20)
प्रेम के गुण के विषय में बाइबल में संत पौलुस ने बहुत सुंदर रीती से कहा है, प्रेम धीरजवन्त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं. (1 कुरु. 13:4)
प्रेम सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है. प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियां हों, तो समाप्त हो जाएंगी, भाषाएं हो तो जाती रहेंगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा. (1 कुरु. 13:7-8)
यीशु ने कैसे प्रेम किया | Jesus’ Love bible verses
यीशु के प्रेम में बदलाव नहीं आया. …“जैसा प्रेम वह रखता था, अन्त तक वैसा ही प्रेम रखता रहा.” (यूहन्ना 13:1)
यीशु का प्रेम ईश्वरीय प्रेम था….“जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो.” (यूहन्ना 15:9)
यीशु का प्रेम सारी मानवजाति के लिए था…”क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए.” (यूहन्ना 3:16)
प्रेम की 5 विशेषताएं (1 कुरु. 13:5-6) | प्रेम बाइबल वचन
1. प्रेम अनरीति नहीं चलता,
2. वह अपनी भलाई नहीं चाहता,
3. झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता,
4. कुकर्म से आनन्दित नहीं होता,
5. परन्तु सत्य से आनन्दित होता है.
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सच्चा प्रेम क्या होता है
बाइबल के अनुसार सच्चा प्रेम परमेश्वर का प्रेम है या ईश्वरीय प्रेम है. जब हम पापी ही थे तब परमेश्वर ने हमसे प्रेम किया. प्रभु यीशु ने कहा, जो माता या पिता को मुझ से अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं और जो बेटा या बेटी को मुझ से अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं. (मत्ती 10:37)
हमें परमेश्वर से इसलिए प्रेम करना चाहिए क्योंकि हम परमेश्वर से जन्में है. हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है (1 यूहन्ना 4:7)
हमें परमेश्वर से ऐसे प्रेम करना चाहिए जैसे प्रभु यीशु ने हमसे प्रेम किया है. “एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो.” (यूहन्ना 13:34)
प्रेम की 5 आशीषें | Love bible verses in Hindi
1. यदि हम प्रेम करते हैं तो हमारे अंदर से भय दूर हो जाएगा. प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से कष्ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ. (1 यूहन्ना 4:18)
2. प्रेम से हमारे पाप भी ढापे जाते हैं. “सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है”. (1 पतरस 4:8)
3. प्रेम से अनुग्रह भी प्राप्त होता है. जो हमारे प्रभु यीशु मसीह से सच्चा प्रेम रखते हैं, उन सब पर अनुग्रह होता रहे. (इफिसियों 6:24)
4. और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं.
5. परमेश्वर से प्रेम करने वालों को जीवन का मुकुट मिलेगा. “धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है; क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है.” (याकूब 1:12)
Conclusion
इस लेख Love bible verses in Hindi से हम सीखते हैं कि जो व्यक्ति परमेश्वर से प्रेम रखता है, और अपने संगी साथियों मतलब कलीसिया के लोगों से प्रेम करता है और बाहर वालों से भी प्रेम करता है वही सही मायने में एक विश्वासी है. परमेश्वर से प्रेम करने से ही लोग जानेगे कि हम यीशु मसीह के चेले हैं.
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